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अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश
News18 हिंदी 24-10-2022 News18 Hindi

Buying US Stocks: क्या आप खरीदना चाहते हैं अमेरिकी शेयर, यहां जानें यूएस स्टॉक मार्केट में कैसे शुरू करें ट्रेडिंग

US Stocks Market Trading: विदेशी स्टॉक उतना मुश्किल नहीं है जितना लगता है. निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 27 Sep 2021 10:17 PM (IST)

US Stocks Market: विदेशों में निवेश करने की चाहत रखने वाले भारतीय निवेशकों की खासी चर्चा हो रही है. मौजूदा विदेशी फंडों के अलावा, हाल ही में कई इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड स्कीम्स शुरू की गई हैं, इस प्रकार उनके घरेलू पोर्टफोलियो में विविधता लाने का विकल्प दिया गया है.

इनमें से कुछ अंतरराष्ट्रीय फंड, ‘फंड ऑफ फंड्स’ हैं जबकि कुछ फीडर फंड हो सकते हैं, विशेष रूप से कई निष्क्रिय इंडेक्स फंड हैं जो अधिकांश प्रमुख वैश्विक सूचकांकों पर नज़र रखते हैं.

विदेशी स्टॉक खरीदना जटिल मामला नहीं
वैकल्पिक रूप से, विदेशी स्टॉक खरीदना कोई जटिल मामला नहीं है जैसा कि यह लगता है. सेल्सफोर्स, वीज़ा, अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी, कॉस्टको होलसेल कॉर्प, एक्सपीडिया ग्रुप, ज़िवो बायोसाइंस, पल्टॉक जैसे हालिया टॉप मूवर्स सहित फेसबुक, ऐप्पल या अमेज़ॅन जैसे कुछ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश टॉप अमेरिकी शेयर्स का मालिक होना, भारतीय निवेशकों के लिए संभव है. यह ठीक वैसे ही जैसे आप भारतीय शेयर बाजार में जौमेटो, रिलायंस, टाटा मोटर्स आदि के शेयर्स के मालिक बन सकते हैं.

यूएस शेयरों में निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है. केवाईसी और आरबीआई के एलआरएस नियमों सहित अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने पर, जिसे पूरा करने में ब्रोकरेज फर्म मदद करती है, आप यूएस शेयरों में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.

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कीमत नहीं है बाधा
अब, अगर आप सोच रहे हैं कि क्या डॉलर में अमेरिकी शेयर्स को खरीदना एक किफायती सौदा होगा, तो यहां आपके लिए एक अच्छी खबर है. अमेरिकी शेयर्स में आंशिक स्वामित्व की अनुमति है और कोई भी अमेरिकी शेयरों को 100 रुपये से कम राशि के साथ जमा करना शुरू कर सकता है. भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों के विपरीत, कीमत अमेरिकी शेयर बाजार में बाधा नहीं है. बस तय करें कि आपको कितना निवेश करना है और शेयरों की संख्या की गणना स्वचालित रूप से आपके लिए की जाएगी.

बेहतर तरीका यह हो सकता है कि कुछ टॉप अमेरिकी शेयरों को नियमित अंतराल पर 5000 रुपये या 1 लाख रुपये की निश्चित राशि के साथ खरीदा जाए. अमेरिकी शेयर बाजार निवेशकों के लिए कुछ प्रमुख ग्लोबल ब्लू-चिप्स के मालिक होने और लंबी अवधि में लाभ प्राप्त अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करने के अवसर प्रस्तुत करता है.

फिलहाल ग्लोबल इक्विटी लगभग सर्वकालिक उच्च स्तर पर कारोबार कर रहे हैं. लेकिन, इससे निवेशकों को सभी क्षेत्रों में लंबी अवधि के अवसरों की तलाश करने से नहीं रुकना चाहिए. शुरुआत करने के लिए, प्रमुख शेयरों पर नज़र रखें और किसी भी सुधार या गिरावट का उपयोग लंबी अवधि के लिए उन्हें जमा करने के अवसर के रूप में करें.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

विदेशी बाजार में निवेश: पैसा लगाने से पहले समझें जरूरी बातें, फिर करें शुरुआत

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© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "विदेशी बाजार में निवेश: पैसा लगाने से पहले समझें जरूरी बातें, फिर करें शुरुआत"

नई दिल्ली. निवेशक इन दिनों विदेशी शेयरों में भी निवेश कर रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आंकड़ों के हिसाब से 2021-22 में भारतीयों ने 19,611 मिलियन डॉलर का निवेश विदेशी बाजारों में किया है. इससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश पिछले साल यह महज 12,684 मिलियन डॉलर था.

भारत सरकार की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत एक भारतीय एक वित्त वर्ष में 2,50,000 (ढाई लाख) डॉलर विदेश भेज सकता है. रिजर्व बैंक ने समय के साथ इस सीमा में बढ़ोतरी की है. साल 2004 में जब यह स्कीम शुरू हुई थी, तब इसकी सीमा महज 25 हजार डॉलर थी. म्यूचुअल फंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश करना आसान हो गया है. इसका प्रोसेस कुछ यूं है…

यहां एक महत्वपूर्ण बात ये है, चूंकि आपने भारतीय रुपये में निवेश किया है तो यह निवेश LRS के तहत कवर नहीं होते हैं. ACE MF के आंकड़ों को देखा जाए तो 15 अक्टूबर तक ऐसी 63 स्कीमें बाजार में मौजूद थीं, जो विदेशों में निवेश कराती हैं. इनमें निवेश लगातार बढ़ रहा है.

विदेशों में निवेश करना आसान

हेक्सागन वेल्थ के हेक्सागन कैपिटल एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक श्रीकांत भागवत कहते हैं कि इसका एक बड़ा कारण जागरूकता का बढ़ा है. भागवत मनीकंट्रोल के सिंपली सेव पॉडकास्ट में बतौत मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में, कई मंच सामने आए हैं, जिससे भारतीय निवेशकों के लिए न केवल विदेशों में निवेश करना आसान हो गया है, बल्कि वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के विकास में भाग लेना भी संभव हो गया है, जिनके उत्पादों और ऑफरिंग्स का उपयोग हम लगभग हर दिन करते हैं, जैसे कि Apple, Alphabet (Google), Facebook इत्यादि. भागवत कहते हैं, “इन सबसे ऊपर, इकोसिस्टम की उपलब्धता के साथ हमने पिछले एक दशक में अमेरिकी बाजार में एक शानदार तेजी देखी है, जिसने हर किसी का ध्यान खींचा है.”

कैसे लगाएं विदेशी बाजारों में पैसा

श्रीकांत भागवत ने बताया कि आपको डायवर्सिफिकेशन को ध्यान में रखना चाहिए, न कि अतिरिक्त पैसा बनाने के बारे में. और यदि आप डायवर्सिफिकेशन पर ध्यान केंद्रित रखते हैं तो आपको सभी जियोग्राफिक्स को देखना होगा. आप सिर्फ अमेरिकी इक्विटी बाजारों को ही क्यों देख रहे हैं? दुनियाभर में कई अच्छे बिजनेस हैं. तो आपको सभी बाजारों को देखना चाहिए.

यदि आप कंपनियों के बारे में रिसर्च कर सकते हैं तो अच्छी कंपनियां खोजकर सीधे उनके स्टॉक लेने चाहिएं. परंतु यदि आप नहीं कर सकते हैं तो आपको पैसिवली मैनेज्ड (इंडेक्स) फंड्स पर फोकस करना चाहिए. निवेश करते समय गलती की गुंजाइश नहीं होती. हर गलती का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है. यदि आप पहली बार निवेश कर रहे हैं तो सीधा विदेशों बाजारों पर ध्यान न लगाएं. आपको पहले भारतीय बाजारों में मौजूद म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहिए. जैसे-जैसे आपकी समझ बढ़ेगी, आप विदेशों के इंडेक्स को समझने लगेंगे और वहां निवेश करना आपके लिए आसान हो जाएगा. अपने पोर्टफोलियो का 10-15 फीसदी पैसा विदेशी बाजारों में लगाना चाहिए.

How to invest US stock market in hindi | अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में निवेश

बहुत सारे लोगों के मन में ये जरुर आता है कि कैसे भारत से अमेरिका या अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करे? US stock कैसे खरीदते है, कैसे इन्वेस्ट करते हैं। इस पोस्ट कि जरिये आज हम हर एक स्टेप बताएँगे जो की आपको जानना बहुत जरुरी हैं। कैसे US शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करे (How to invest US stock market in hindi)। आप बहुत ही कम पैसा से US Stock Market में इन्वेस्ट सुरु कर सकते हैं।

अमेरिका शेयर बाज़ार में कैसे इन्वेस्ट करे:-

जिस तरह भारतीय शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपको Demat Account की जरुरत होता हैं। ठीक उसी तरह अमेरिका शेयर बाज़ार में इन्वेस्ट करने के लिए भी आपको एक Demat Account कि जरुरत पड़ेगी। देमत अकाउंट खोलने के लिए आपको बहुत सारे ब्रोकर मिल जायेगा उनमे से एक है IND MONEY। इस एप्प के जरिये आप अमेरिका में Demat Account खोल सकते हैं जिसका नाम हैं DRIVER WEALTH.जहां आपका स्टॉक स्टोर होते हैं।

IND MONEY के जरिये Demat Account खोलने के लिए आपके पास होना चाहिए PAN CARD, AADHAR CARD या पता दस्तावेज़ और Bank Account। उसके बाद बहुत ही कम समय में आपका अकाउंट खोल दिया जायेगा। आपको याद रखना बहुत जरूरी है आप IND MONEY के जरिये DRIVER WEALTH को शेयर खरीदने के लिए पैसा दिया हैं।

US शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करे (How to invest US stock market in hindi)

आप जब अकाउंट खोल लेंगे तब आपको DRIVE WEALTH को Beneficiary Add करना होगा। आपका पैसा US शेयर मार्केट इन्वेस्ट करने के लिए भारत से पेमेंट करना होगा। पेमेंट करने के लिए दो तरीका है एक तो ऑनलाइन लेकिन इसमें केबल 4 बैंक ही पेमेंट करता है ICICI,HDFC,IDFC,KOTAK। ऑफलाइन में आप अपने बैंक में जाकर पेपर फॉर्मेट में जमा करना होगा तभी DRIVE WEALTH में आपका पैसा जमा होगा। आपके पास यदि उन 4 बैंक है तो घर से ही पैसा लोड कर सकेंगे।

Charge कितना होगा:-

आप एक देश से दूसरे देश में पैसा ट्रान्सफर कर रहे हो इसलिए आपको चार्ज देना पड़ता है। आपको एक ट्रान्सफर पर 1000 रूपया देना पड़ता हैं. इसलिए आपको थोड़ा ज्यादा पैसा ट्रांसफर करना चाहिए। IND MONEY चार्ज नहीं करता. बैंक से पैसा काटने के बाद आपके एप्प में 3 से 5 दिन में पैसा देखने को मिलेगा।

How to invest US stock market in hindi अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में निवेश

US Stock Market कब खुलेगा और कब बंद होगा:-

जिस तरह भारतीय शेयर मार्केट 9 बजे खुलते है और 3.30 बजे बंद होते है। उसी समय आप शेयर खरीदते बेचते हो. ठीक इसी तरह US Stock Market में 14 मार्च से 7 नवम्बर तक 7.00 PM से 1.30 AM तक खुलेगी। और 8 नवम्बर से 13 मार्च तक 8.00 PM से 2.30 AM तक खुलेगी। आप कभी भी BUY कर सकते हो जब भी मार्केट खुलेगा तब उसी समय आर्डर प्लेस हो जायेगा।

आप कम पैसे से भी शेयर खरीद सकते है:-

भारत में आप एक शेयर का भाग करके आप नहीं खरीद सकते हैं। लेकिन अमेरिका शेयर मार्केट में आप जितना भी पैसा है उतना भाग शेयर खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए Google का शेयर 2 लाख है लेकिन आपके पास 20 हजार रूपया है आप Google का 1/10% भी खरीद सकते है. उसी तरह आप उतना ही शेयर बेच सकते हैं।

अमेरिका शेयर बाज़ार से पैसा कैसे निकले :-

जब आप इन्वेस्ट करके पैसा निकालना है, आपने जो भी अकाउंट रजिस्टर में दिया था उसी बैंक अकाउंट में आ जायेगा। कम से कम 5 से 10 दिन में आपका पैसा बैंक में आएगा। withdraw फीस आपको एक बार में 20 डॉलर देना पड़ता हैं। इसलिए आप जितना ज्यादा हो सके अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश एक बार में ही निकलना चाहिए।

आपका यदि पैसा थोड़ा कम है तो आप बिल्कुल US Stock Market में नहीं इन्वेस्ट करना चाहिए। आपको अपने शेयर मार्केट में ही इन्वेस्ट करना चाहिए। आपके पास थोडा ज्यादा पैसा है तो मेरी राय में आपको विदेश के मार्केट में भी इन्वेस्ट करना चाहिए इससे आपका पोर्टफोलियो में संतुलन रहेगा।

आपके मन में इस पोस्ट अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में निवेश (How to invest US stock market in hindi) से जुड़ी कोई भी सवाल या सुझाब है तो कमेंट में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश जरुर पूछे। शेयर मार्केट से जुड़ी और भी बाते सीखने के लिए अन्य पोस्ट को पढ़ सकते हैं।

मैंने ओपोलस्की प्रांत में निवेश किया है

फ़ुज़ियान होंगबो ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी कं, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश लिमिटेड होंगबो समूह, चीन में एक सूचीबद्ध कंपनी के साथ संबद्ध कंपनियों में से एक है और विकासशील और एलईडी उत्पादों के विनिर्माण में माहिर हैं। चीनी सरकार ने “वन बेल्ट, वन रोड” की पहल के जवाब में, होंगो ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी कं, लिमिटेड ने यूरोपीय देश में एक उत्पादन और अनुसंधान आधार स्थापित करने का संकल्प किया है। कई यूरोपीय देशों और पोलैंड के कई शहरों में जांच के बाद, हमने परियोजना शुरू करने के लिए ओपोले, पोलैंड को चुनने का फैसला किया और यहॉ कंपनी होंगो क्लीन एनर्जी यूरोप प्राइवेट लिमिटेड पंजीकृत की। यह पोलैंड में चीनी उद्यम का पहला ग्रीनफील्ड निवेश है। हमारे पहले संयंत्र का निर्माण इस समय सुचारू रूप से चल रहा है और यह जल्द ही आपरेशन में आने वाला है। ओपोले सिटी में निवेश करने के हमारे फैसले में प्रमुख कारक अनुकूल निवेश के माहौल और मानव संबंध हैं साथ ही साथ स्थानीय सरकारों, निवेश सेवा एजेंसियों, विश्वविद्यालयों और कन्फ्यूशियस संस्थान की सक्रिय भागीदारी है।

Andreas Kern
Member of Managing
BoardHeidelbergCement AG

प्रबंधन के सदस्य

हम औपोल्स्की क्षेत्र में निवेश क्यों करते हैं?

हीडलबर्ग सीमेंट 1 9 8 9 में राजनीतिक परिवर्तन के बाद मध्य यूरोप पूर्वी क्षेत्र के बाजारों में प्रवेश करने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में से एक थीं और वर्षों के दौरान सीईई के दौरान 7 देशों में सहायक कंपनियों का नेटवर्क विकसित किया और यहां अपने क्षेत्र में सबसे बड़ा निवेशक बन गया। हमारे पोर्टफोलियो में पोलैंड पहले देशों में से था। हमने CEE अर्थात् पोलैंड, ऑपोल क्षेत्र में निवेश क्यों किया? हमने पुनर्निर्माण और बुनियादी ढांचे में निवेश की एक बड़ी ज़रूरत के साथ आशाजनक बाजार का अवसर देखा है, और भविष्य में अर्थव्यवस्था विकास और विकास की एक बड़ी संभावना देखी है। हम लोगों के पेशेवर कौशल और ओपोले क्षेत्र में सीमेंट उत्पादन में लंबी परंपरा के बारे में जानते थे। हमने उत्पादों की गुणवत्ता और हमारे उत्पादन की दक्षता में सुधार के लिए हमारी सहायक कंपनियों में काफी निवेश किया है।

आज, गोरज़्डज़ सीमेंट हमारे समूह में सबसे आधुनिक और सबसे कुशल कंपनी है और हमारी पोलिश सहायक सीईई और पूरे समूह में अच्छे परिणाम के लिए महत्वपूर्ण योगदान देती है।

Judith Pickering
Director of investment programs
Cadbury Schweppes – Mondelez/Kraft

निवेश कार्यक्रमों के निदेशक

कैडबरी श्वापेप्स – मोंडेलेज़ / क्राफ्ट

– हमारे निवेश के लिए स्थान का चयन कई चरणों में सामने आया – सबसे पहले, हमने पोलैंड चुना, उसके बाद ओपोलस्की प्रांत और अंत में, स्कार्बिमिरज़ समुदाय चुनने का फैसला किया।

क्यों? यह स्पष्ट है – क्षेत्र की बहुत अच्छी सड़क संरचना और संचार पहुंच, उच्च योग्य कर्मचारियों के लिए अच्छी पहुंच और स्थानीय और क्षेत्रीय अधिकारियों का भी बड़ा समर्थन, जिसे हमारी कंपनी ने प्राप्त किया है। ये सभी कारक उन कंपनियों के लिए अच्छी स्थिति को प्रभावित करते हैं जो निवेश करना चाहते हैं।

Philip Deforche
Sales Director Betafence, Ltd.

बिक्री निदेशक बेताफेंस लिमिटेङ

बेटाफेंस संघ (पूर्व बेकार्ट) 18 9 5 में स्थापित किया गया था और स्टील उद्योग में सबसे बड़ी बेल्जियम कंपनी में परिवर्तित हो गयी है। केन्द्रीय और पूर्वी यूरोप के ग्राहकों के करीब आने के लिए, कोटलार्निया (बिएरावा समुदाय) का कारखाना 1993 में बनाया गया था और जल्द ही पोलैंड के बाजारों में प्रमुख निर्माता और बाड़ लगाने वाले सिस्टम और चक्करदार मैट का आपूर्तिकर्ता बन गया। कंपनी के स्थान को चुनने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण तत्व खनन उद्योग के लिए कारखाना विनिर्माण मेष खरीदने का अवसर था। स्थानीय अधिकारियों के अनुकूल व्यवहार के लिए धन्यवाद,जिनकी वजह से संयंत्र का आधुनिकीकरण जल्द ही किया गया और इसमें 140 लोगों (अधिकांश पड़ोसी शहरों से आने वाले श्रमिकों) तक रोजगार की वृद्धि हुई है। हमारी गतिविधि के दौरान, हमनें क्लर्कों की दयालुता और समर्थन को प्राप्त किया और सभी बैठकों और सामूहिक घटनाओं में भाग लेते हैं। हम आशा करते हैं कि हमारे अच्छे अनुभव औपोलस्की क्षेत्र में निवेश करने के लिए अन्य कंपनियों को प्रोत्साहित करेंगें।

गोल्ड अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश ने बनाया ऊंचाई का नया रिकार्ड, कोरोना संकट के बीच निवेश का बना भरोसेमंद साधन

घरेलू बाजार में 24 कैरेट गोल्ड ने प्रति 10 ग्राम 48,300 रुपये का नया रिकॉर्ड बनाया है. निवेशक कोरोना संकट के इस दौर में गोल्ड को ही निवेश का सबसे सुरक्षित साधन मान रहे हैं.

रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा सोना (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2020,
  • (अपडेटेड 22 जून 2020, 2:16 PM IST)
  • कोरोना संकट के बीच गोल्ड ऐतिहासिक ऊंचाई पर
  • भारत में गोल्ड 10 ग्राम 24 कैरेट 48,300 रुपये पर पहुंचा

कोरोना वायरस के संकट के बीच घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने ने रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल कर ली है. घरेलू बाजार में 24 कैरेट गोल्ड ने प्रति 10 ग्राम 48,300 रुपये का नया रिकॉर्ड बनाया है. निवेशक कोरोना संकट के इस दौर में गोल्ड को ही निवेश का सबसे सुरक्षित साधन मान रहे हैं.

क्या है आज का भाव

इंडिया बुलियन ऐंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट (ibjarates.com) के मुताबिक 24 कैरेट गोल्ड ने प्रति 10 ग्राम 48,300 रुपये का नया रिकॉर्ड बनाया है. 23 कैरेट सोने का भाव भी 645 रुपये बढ़कर 48107 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया है. 22 कैरेट सोने का मूल्य अब 593 रुपये तेज होकर 44243 रुपये और 18 कैरेट का 36,225 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. वहीं चांदी भी 966 रुपये तेज हो गई है.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय हाजिर बाजार में सोना 0.5 फीसदी उछलकर 1751.63 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया. इसके पहले सोने ने रिकॉर्ड उंचाई 18 मई को हासिल की थी. इसी तरह अमेरिकी वायदा बाजार में सोना 1,764.50 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. भारत-चीन तनाव और हांगकांग के माहौल का भी अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी बाजारों पर असर पड़ा है.

क्यों बढ़ रही है कीमत

असल में जब-जब दुनिया में आर्थिक संकट गहराया है, सोने ने अपनी चमक बिखेरी है, दरअसल, कीमत में बढ़ोतरी के साथ-साथ सोने में निवेश का दायरा बढ़ता जा रहा है. कोरोना संकट की वजह से सोने में निवेश को सुरक्षित विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच मई में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में 815 करोड़ रुपये का निवेश आया. इसकी वजह यह है कि निवेशक अब निवेश के सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के ताजा आंकड़ों के अनुसार मई गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध निवेश 815 करोड़ रुपये रहा. अप्रैल में इसमें 731 करोड़ रुपये का निवेश आया था. हालांकि, मार्च में इससे 195 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी.

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