व्यापारिक संकेत क्या हैं?

गुड्स ट्रेड बैरोमीटर विश्व व्यापार के लिए एक समग्र प्रमुख संकेतक है, जो हाल के रुझानों के सापेक्ष व्यापार की वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। 100 से अधिक मान अपट्रेंड यानी विस्तार का संकेत देते हैं जबकि 100 से कम मूल्य डाउनट्रेंड यानी कटौती का संकेत देते हैं।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने सोमवार को कहा कि सूचकांक में गिरावट का श्रेय यूक्रेन में युद्ध, उच्च ऊर्जा कीमतों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक तंगी को दिया जा सकता है। निर्यात ऑर्डर (91.7), एयर फ्रेट (93.3) और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स (91.0) का प्रतिनिधित्व करने वाले उप-सूचकांकों में नकारात्मक रीडिंग दिख रही है। साथ ही ये आंकड़े व्यापार जगत में सुस्ती और वैश्विक व्यापारिक संकेत क्या हैं? आयात में कमजोरी दर्शाते हैं।
व्यापारिक संकेत क्या हैं?
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मेक इन इंडिया
भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है । सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है । निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।
'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।
Goods Barometer: वर्ष 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीमा पड़ने के संकेत, क्या कहते हैं WTO के आंकड़े?
वैश्विक व्यापार वृद्धि 2022 के आखिरी महीनों और 2023 में धीमी पड़ने की संभावना है क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था मजबूत विपरीत परिस्थितियों से घिरी हुई है। विश्व व्यापार संगठन के माल व्यापार बैरोमीटर के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। वर्तमानद में गुड्स ट्रेड बैरोमीटर इंडेक्स रीडिंग 96.2 है।
गुड्स ट्रेड बैरोमीटर विश्व व्यापार के लिए एक समग्र प्रमुख संकेतक है, जो हाल व्यापारिक संकेत क्या हैं? के रुझानों के सापेक्ष व्यापार की वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। 100 से अधिक मान अपट्रेंड यानी विस्तार का संकेत देते हैं जबकि 100 से कम मूल्य डाउनट्रेंड यानी कटौती का संकेत देते हैं।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने सोमवार को व्यापारिक संकेत क्या हैं? कहा कि सूचकांक में गिरावट का श्रेय यूक्रेन में युद्ध, उच्च ऊर्जा कीमतों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक तंगी को दिया जा सकता है। निर्यात ऑर्डर (91.7), एयर फ्रेट (93.3) और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स (91.0) का प्रतिनिधित्व करने वाले उप-सूचकांकों में नकारात्मक रीडिंग दिख रही है। साथ ही ये आंकड़े व्यापार जगत में सुस्ती और वैश्विक आयात में कमजोरी दर्शाते हैं।
विस्तार
वैश्विक व्यापार वृद्धि 2022 के आखिरी महीनों और 2023 में धीमी पड़ने की संभावना है क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था मजबूत विपरीत परिस्थितियों से घिरी हुई है। विश्व व्यापार संगठन के माल व्यापार बैरोमीटर के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। वर्तमानद में गुड्स ट्रेड बैरोमीटर इंडेक्स रीडिंग 96.2 है।
गुड्स ट्रेड बैरोमीटर विश्व व्यापार के लिए एक समग्र प्रमुख संकेतक है, जो हाल के रुझानों के सापेक्ष व्यापार की वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। 100 से अधिक मान अपट्रेंड यानी विस्तार का संकेत देते हैं जबकि 100 से कम मूल्य डाउनट्रेंड यानी कटौती का संकेत देते हैं।
विश्व व्यापार व्यापारिक संकेत क्या हैं? संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने सोमवार को कहा कि सूचकांक में गिरावट का श्रेय यूक्रेन में युद्ध, उच्च ऊर्जा कीमतों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक तंगी को दिया जा सकता है। निर्यात ऑर्डर (91.7), एयर फ्रेट (93.3) और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स (91.0) का प्रतिनिधित्व करने वाले उप-सूचकांकों में नकारात्मक रीडिंग दिख रही है। साथ ही ये आंकड़े व्यापार जगत में सुस्ती और वैश्विक आयात में कमजोरी दर्शाते हैं।
Trade in Rupee: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कई देश रुपये में करना चाहते हैं कारोबार
By: ABP Live | Updated at : 13 Sep 2022 06:14 PM (IST)
Edited By: Sandeep
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
Nirmala Sitharaman On Trade: केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि कई देशों ने रुपये में ‘द्विपक्षीय व्यापार’ करने के लिए अपनी रुचि दिखाई है. ये भारतीय व्यापार जगत के लिए अच्छे संकेत हैं. वित्तमंत्री ने यह बात हीरो माइंडमाइन शिखर सम्मेलन (Hero Mindmine Summit) में कही है. उन्होंने कहा कि यह सरकार द्वारा किए पूर्ण पूंजी खाता परिवर्तनीयता की दिशा में जबरदस्त कदम है.
रूबल-रुपये का पुराना प्रारूप नहीं
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से यह पूछे जाने पर कि क्या भारत पूंजी खाते में बदलाव के लिए तैयार है, उन्होंने कहा यह रूबल-रुपये का पुराना प्रारूप नहीं है. अब यह द्विपक्षीय रुपया व्यापार का प्रारूप आया है. मुझे खुशी है कि केंद्रीय बैंक इसे ऐसे समय लाया है, जब यह बहुत महत्वपूर्ण था. उन्होंने कहा कि कई देशों ने रुपये में व्यापार करने में रुचि दिखाई है, उन्होंने कहा कि एक तरह से यह भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को हमारी उम्मीद से अधिक खोलने के समान है.
विदेश व्यापार नीति में नवीनतम संशोधन की पृष्ठभूमि
जुलाई 2022 में, भारतीय रिज़र्व बैंक (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया/RBI) तथा विदेश व्यापार महानिदेशालय (डायरेक्टरेट जनरल आफ फॉरेन ट्रेड/DGFT) ने मौजूदा विदेश व्यापार नीति 2015-20 तथा व्यापार निपटान प्रक्रियाओं में संशोधन किया था ताकि चालान, भुगतान एवं निर्यात, आयात बकायों का निपटान के लिए रुपये के उपयोग को सक्षम किया जा सके।
यह नीति प्रशुल्क-मुक्त आयात प्राधिकरण (ड्यूटी फ्री इंपोर्ट ऑथराइजेशन/डी.सी.आई.ए.) एवं निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तुएं (एक्सपोर्ट प्रोमोशन कैपिटल गुड्स/ईपीसीजी) जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने तथा रोजगार एवं प्रोत्साहन देने के लिए निर्यात बढ़ाने के लिए दिशा निर्देश प्रदान करती है।
हमारी कौन सी विदेश व्यापार नीति है?
- वर्तमान में हमारे पास विदेश व्यापार नीति (2015-20) है, जिसे समय-समय पर विस्तार प्रदान किया गया है।
- मुद्रा में उतार-चढ़ाव एवं वैश्विक अनिश्चितता के कारण सरकार मौजूदा विदेश व्यापार नीति को 2020 से छह माह के लिए विस्तार कर रही है। साथ ही, भू-राजनीतिक स्थितिदीर्घकालिक विदेश व्यापार नीति के लिए उपयुक्त नहीं है।
- विदेश व्यापार नीति 2015-20 में अब निर्यात लाभ एवं प्रोत्साहन देने के साथ-साथ आयातकों के लिए निर्यात दायित्व मानदंडों को पूरा करने के लिए भारतीय रुपये में किए गए निर्यात प्रतिफलन के लिए नए बदलाव प्रस्तुत किए गए हैं।
- अधिसूचना के क्रम में, विदेश व्यापार नीति के पैरा2.53 के तहत बदलाव प्रस्तुत किए गए हैं, भारतीय रुपये में निर्यात प्राप्तियों के लिए व्यापारिक संकेत क्या हैं? विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात लाभ/निर्यात दायित्व की पूर्ति के लिए आरबीआई के11जुलाई2022के दिशानिर्देशों के अनुसारपरिवर्तन किए गए हैं।
- भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण में रुचि में वृद्धि को देखते हुए, भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लेनदेन को सुविधाजनक बनाने तथा सुगम बनाने के लिए नीतिगत संशोधन किए गए हैं।
- विभिन्न निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के तहत रुपये में व्यापार निपटान की अनुमति देने से निर्यात को बढ़ावा देने तथा ‘घरेलू मुद्रा के अंतर्राष्ट्रीयकरण’ का संकेत प्राप्त होता है।
- ये भारतीय रुपये की 100% परिवर्तनीयता की दिशा में शुरुआती कदम हैं।
एफ़टीपी 2015-20 में नवीनतम संशोधन: प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. वर्तमान में भारत की कौन सी विदेश व्यापार नीति है?
उत्तर. वर्तमान में, भारत की विदेश व्यापार नीति (2015-20) है।
प्र. सरकार ने मौजूदा विदेश व्यापार नीति 2015-20 एवं प्रक्रिया पुस्तिका में नवीनतम व्यापारिक संकेत क्या हैं? संशोधन क्यों किए?
उत्तर. भारतीय रुपये (INR) में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निपटान की अनुमति देने के लिए।
प्र. भारतीय रुपये (INR) में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निपटान की अनुमति देने के क्या लाभ हैं?
उत्तर. विभिन्न निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के तहत रुपये में व्यापार निपटान की अनुमति देने से निर्यात को बढ़ावा देने एवं ‘घरेलू मुद्रा के अंतर्राष्ट्रीयकरण’ का संकेत प्राप्त होता है।