फंडामेंटल एनालिसिस

क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए जरूरी है ये ज्ञान, जानें इसे कैसे फंडामेंटल एनालिसिस सीखें
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी शेयर या कंपनी के पिछले और वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर भविष्य की संभावना का अ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 03, 2022, 11:42 IST
हाइलाइट्स
टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर के जरिए स्टॉक के प्राइस की मूवमेंट का अंदाजा लगाया जाता है.
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है.
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए कई बुक, कोर्स और ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.
नई दिल्ली. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसकी पर्याप्त समझ होनी चाहिए. किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए उसके बारे में अच्छे से अध्ययन करना होता है और यह दो तरीकों टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए किया जाता है. लेकिन, आम निवेशक को इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं होती है लेकिन बाजार में सक्रिय रूप से काम करने वाले निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट्स इसकी गहरी समझ रखते हैं. हालांकि, टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ विकसित करना ज्यादा मुश्किल नहीं है.
आइये जानते हैं कि आखिर टेक्निकल और फंटामेंटल एनालिसिस क्या है और कैसे इसके बारे में समझ विकसित करके शेयर बाजार में सक्रिय निवेशक के तौर पर काम किया जा सकता है. इन दोनों तरीकों से आप शेयर की कीमत का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं, साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको मदद मिलेगी.
क्या है टेक्निकल एनालिसिस?
टेक्निकल एनालिसिस में किसी भी शेयर के चार्ट को देखकर उसकी डेली, वीकली और मंथली मूवमेंट और प्राइस के बारे में जानकारी हासिल की जाती है. चार्ट के जरिए सबसे शेयर के सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखा जाता है. यहां सपोर्ट से मतलब है कि स्टॉक कितनी बार किसी एक खास भाव से ऊपर की ओर गया है. ज्यादातर एनालिस्ट सपोर्ट लेवल पर ही खरीदी की सलाह देते हैं.
वहीं, रेजिस्टेंस का मतलब है कि कोई स्टॉक कितनी बार किसी एक भाव से फिर से नीचे की ओर लौटकर आया है. अगर कोई शेयर अपने रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर की ओर जाता है तो इसे ब्रेकआउट कहते हैं यानी कि अब शेयर का भाव और बढ़ेगा. इसके विपरीत, यदि स्टॉक सपोर्ट लेवल को तोड़ देता है तो उसके नीचे जाने की संभावना ज्यादा रहती है.
टेक्निकल एनालिसिस में अहम इंडिकेटर
टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर अहम टूल्स होते हैं. दरअसल ये शेयर की मूवमेंट को लेकर अहम संकेत देते हैं. इनमें मूविंग एवरेज, RSI, MACD, सुपर ट्रेंड और बोलिंजर बैंड समेत कई इंडिकेटर्स शामिल हैं. हर इंडिकेटर का अपना महत्व है लेकिन शेयर बाजार में सक्रिय ज्यादातर निवेशक मूविंग एवरेज, MACD और RSI इंडिकेटर को अहम मानते हैं.
मूविंग एवरेज इंडिकेटर के जरिए किसी भी स्टॉक के पिछले 5, 10, 20, 50, 100 और 200 दिन के एवरेज प्राइस का अध्ययन किया जाता है. अलग-अलग टाइम फ्रेम पर स्टॉक के भाव में बढ़त और गिरावट से तेजी व मंदी का अनुमान लगाया जाता है. वहीं, RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स एक ग्राफ के जरिए यह प्रदर्शित करता है कि शेयर में कितनी खरीदारी और बिकवाली हावी है.
फंडामेंटल एनालिसिस क्यों जरूरी?
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से कंपनी के फाइनेंशियल्स यानी आर्थिक आंकड़ों पर नजर डाली जाती है. इनमें P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखा जाता है. अगर प्राइस अर्निंग रेशियो की वैल्यू कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है. वहीं, प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है.
फंडामेंटल एनालिसिस में कम्पनी की सम्पत्तियों तथा देनदारियों की अध्ययन करके कम्पनी की नेट वैल्यू निकाली जाती है. इसके आधार पर कम्पनी के स्टॉक की कीमत का अनुमान लगाया जाता है. इसमें कम्पनी की डिविडेंड पॉलिसी भी देखी जाती है. इस तरह की स्टडी से अंडरवैल्यूड कंपनियों के बारे में पता लगाया जा सकता है जिनके भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना होती है.
कैसे सीखें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानने के बाद अब सवाल उठता है कि यह ज्ञान कहां से लिया या सीखा जाए. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के लिए कई बुक्स और इंटरनेट पर ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.
इसके अलावा आप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी मार्केट (NISM) के जरिए शेयर मार्केट में बतौर रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइज के तौर पर काम करने के लिए कई कोर्सेस ज्वाइन कर सकते हैं. इनमें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़े विषयों को कवर किया जाता है.
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Stock Market Tips: किसी शेयर में निवेश से पहले आप खुद भी करें रिसर्च, जानें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस का फर्क और अहमियत
Fundamental vs Technical Analysis: स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशंस या टिप्स मिलते हैं लेकिन आपको खुद एनालिसिस करनी चाहिए.
फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है. (Image- Pixabay)
Stock Market Tips: स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए बेहतरीन शेयरों का चयन करना पहला स्टेप होता है. इसके लिए मुख्य रूप से दो तरीकों से एनालिसिस किया जाता है जैसे कि फंडामेंटल एनालिसिस या टेक्निकल एनालिसिस. हालांकि कभी-कभी कंफ्यूजन होती है कि इन दोनों ही एनालिसिस के जरिए शेयरों का चयन किया जाए या किसी एक एनालिसिस के सहारे स्टॉक मार्केट से मुनाफे की रणनीति अपनाई जाए.
कुछ निवेशक किसी एक एनालिसिस के सहारे शेयरों का चयन करते हैं लेकिन एनालिस्ट्स का मानना है कि टेक्निकल एनालिसिस करते समय भी कुछ फंडामेंटल भी देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय कुछ टेक्निकल भी देखना चाहिए. इसके अलावा स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशंस या टिप्स मिलते हैं लेकिन आपको खुद एनालिसिस करनी चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं कि दोनों एनालिसिस क्या है और दोनों में क्या फर्क है.
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Fundamental Analysis
इसमें कंपनी फंडामेंटल एनालिसिस के फाइनेंशियल्स और P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखते हैं. इसके अलावा और भी रेशियो को एनालाइज करते हैं. अब अगर जैसे पीई रेशियो की बात करें तो इसकी वैल्यू अगर कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है जब पीबी रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है. इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी देखते हैं जो अगर एक से अधिक है तो इसका मतलब हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है. जो कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली हैं और कर्ज मुक्त हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत हैं.
Technical Analysis
टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस की तुलना में थोड़ा अधिक कांप्लेक्स है. इसके तहत रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands) जैसे 30-40 टेक्निकल इंडिकेटर्स का एनालिसिस किया जा सकता है. इस एनालिसिस में स्टॉक की मजबूती और रूझानों का अनुमान लगाया जाता है.
Fundamental vs Technical Analysis
फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस को कुछ फैक्टर पर किया जााता है जैसे कि समय, रिस्क और ट्रैकिंग.
- समय- फंडामेंटल एनालिसिस आमतौर पर ऐसे समय में किया जाता है जब आपको लंबे समय के लिए किसी स्टॉक को होल्ड करना है. इसके तहत ऐसे स्टॉक की पहचान की जाती है जो समय के साथ और मजबूत होंगे. इसके विपरीत टेक्निकल एनालिसिस को शॉर्ट टर्म में किसी स्टॉक में पैसे लगाने के लिए किया जाता है. इसमें बुलिश स्टॉक की पहचान की जाती है.
- रिस्क- फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयरों में निवेश पर रिस्क कम होता है जबकि टेक्निकल वैरिएबल्स में ऐसा दावा नहीं किया जा सकता है.
- ट्रैकिंग- फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है.
- वैल्यू: फंडामेंटल एनालिसिस में किसी कंपनी के कारोबार, इंडस्ट्री और मार्केट के साथ घरेलू व अंतरराष्ट्रीय माहौल का आकलन करते हुए फेयर वैल्यू डेवलप करते हैं. वहीं टेक्निकल में हिस्टोरिकल रिटर्न और भाव में बदलाव के जरिए आगे कीमतों में उतार-चढ़ाव का आकलन किया जाता है.
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फंडामेंटल एनालिसिस कोर्स
इक्विटी कोर्स के लिए ऑनलाइन फण्डामेंटल एनालिसिस में सर्टिफिकेशन संयुक्त रूप से NSE अकैडमी और इलर्नमार्केट्स द्वारा प्रमाणित है (NSE अकैडमी भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की सहायक कंपनी है)। यह कोर्स बहुत अच्छी तरह से डिजाईन किया गया कोर्स है जो फण्डामेंटल एनालिसिस (मौलिक विश्लेषण) को समझने में एक आधार प्रदान करेगा।
प्रतिभागियों को कैपिटल मार्केट से जुड़े बेसिक कांसेप्ट और टर्मिनोलॉजी को समझने और स्टॉक में निवेश करने के लिए इसके प्रयोग करने के बारे में समझने में सहायता करने के लिए इस कोर्स को वैज्ञानिक रूप से बनाया गया है। फण्डामेंटल एनालिसिस निवेश का आधार है। फण्डामेंटल एनालिसिस कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त करने के लिए बैलेंस शीट, इनकम स्टेटमेंट और कैश फ्लो स्टेटमेंट का अध्ययन करता है।
About the Trainer
Kredent Academy is a pioneer of financial market education in India and has फंडामेंटल एनालिसिस been at the forefront of the spreading financial education in India since its inception in 2008. Starting from basic finance to advanced concepts like stock market investing, fundamental and technical analysis, and options trading, we have courses that will teach you to save and invest money responsibly and grow your wealth steadily. These courses are taught by some of the best instructors and market experts and are highly practical focused to give the students a holistic understanding of the subjects.
Objective
इस प्रोग्राम का लक्ष्य इस समझ को प्रदान करना है कि कैसे बैलेंस शीट और इनकम स्टेटमेंट एक साथ फिट हो सकते हैं और एक साथ इनका विश्लेषण भी हो सकता है। इसके आलावा, यह कोर्स मैक्रोइकोनॉमिक, इंडस्ट्री और सेक्टोरल विश्लेषण और अन्य गुणात्मक कारकों के बारे में ज्ञान प्रदान करता है।
इस कोर्स के अंत के साथ व्यक्ति को सिक्यूरिटी एनालिसिस के पीछे की भाषा और कांसेप्ट की ठोस समझ हो जाएगी और वह व्यक्ति स्टॉक एनालिसिस, व्यक्तिगत पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और भी बहुत कुछ करने के लिए इसका उपयोग करने में सक्षम हो जाएगा।
Benefits
इस प्रोग्राम के लिए एनरोल कराने वाले छात्रों को सफलतापूर्वक इस कोर्स को पूरा करने के बाद, Elearnmarkets.com द्वारा फैसिलिटेट NSE अकैडमी द्वारा एक “सर्टिफिकेशन ऑफ़ पार्टिसिपेशन” प्रदान किया जाएगा। कोर्स का अध्ययन करते समय प्रदान की जाने वाली सामग्री से संबंधित किसी भी प्रकार के डाउट के निवारण के लिए छात्र द्वारा एक ईमेल क्वेरी सपोर्ट, क्वेश्चन और आंसर कम्युनिटी प्लेटफ़ॉर्म भी उपलब्ध कराया जाएगा। सभी ज्ञान सामग्री क्रेडेंट अकैडमी द्वारा प्रदान की जाती है।
Topics Covered
इस कोर्स में कवर किये गए टॉपिक है:
- फण्डामेंटल एनालिसिस (मौलिक विश्लेषण) का परिचय
- स्टॉक निवेश के लिए विभिन्न दृष्टिकोण
- एक कंपनी का विश्लेषण करना सीखें
- एक बैलेंस शीट को पढना सीखें
- फाइनेंशियल स्टेटमेंट का विश्लेषण
- रेश्यो एनालिसिस सीखें
- फण्डामेंटल एनालिसिस की कुंजी
- मार्केट को कैसे ट्रैक करे
Intended Participants
इस कोर्स को स्किल्स के साथ डिजाईन किया गया है ताकि उन लोगों को लाभ पहुँचाया जा सके जो सफल लॉन्ग टर्म निवेशक बनने के संलग्न है और धन बनाने के लिए एक अकाल्पनिक रास्ता लेते हैं, वे प्रोफेशनल लोग जो यह सीखना चाहते हैं कि निवेश कैसे करें, व्यक्तिगत पोर्टफोलियो का निर्माण और प्रबंधन कैसे करे और अपने खुद के धन को प्रबंधित करने के लिए आत्म निर्भर बनना चाहते हैं। सभी स्तरों के लोग जो फण्डामेंटल एनालिसिस (विश्लेषण) और मूल्यांकन के परे विश्लेषण करना सीखना चाहते हैं, इस कोर्स के लिए उनका स्वागत हैं।