उपयोगी लेख

लीज फाइनेंस

लीज फाइनेंस
महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज (Mahindra Finance) ने शहरी केंद्रों के लिए लीज-बेस्ड व्हीकल सब्सक्रिप्शन बिजनेस शुरू करने का ऐलान किया है.

रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन के एमडी अमिताभ बनर्जी पर सख्त कार्रवाई

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईआरएफसी) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अमिताभ बनर्जी के खिलाफ रेल मंत्रालय ने सख्त एक्शन लिया है। मंत्रालय ने अमिताभ बनर्जी पर सरकारी फंड के दुरुपयोग का मामला पकड़ा है, जिसके आधार पर उनकी शक्तियों को छीन लिया है। एक शिकायत के बाद रेलवे ने अमिताभ बनर्जी के खिलाफ विजिलेंस जांच का आदेश दिया था। इस जांच में पाया गया कि अमिताभ बनर्जी जनवरी 2020 में अपने परिवार के साथ नई दिल्ली के ग्रीन पार्क एक्सटेंशन में चार बेडरूम वाले घर में शिफ्ट हो गए। वहीं उसके बाद उन्होंने जनवरी 2020 में अपने घर को आईआरएफसी ‘गेस्ट हाउस’ में तब्दील कर दिया और लगभग 2 लाख रुपए प्रति माह किराया लेते रहे।

खाद्य पदार्थ के रूप में खर्चों को दिखाने के लिए दस्तावेज हैं और करीब 30,000 रुपए प्रति माह विभाग से लिया करते थे। गेस्ट हाउस ने दिखाया है कि खाद्य पदार्थ एक दिन में कई बार खरीदा जाता है, जिसका बिल एक हजार रुपए से कम या अधिक होता था। शिकायत के अनुसार गेस्ट हाउस को 70,000 रुपए प्रति माह पर एक फ्रिज, टीवी, वाशिंग मशीन और अन्य समान किराए पर मिला था, जिसमें कहा गया कि किराये का भुगतान संपत्ति के मूल्य से अधिक है। तथाकथित गेस्ट हाउस के कारण कंपनी के खर्चे पर परिवार के लिए घर में रसोइया, हेल्पर और सफाई कर्मचारियों की चौबीसों घंटे तैनाती की गई थी।

हालांकि अमिताभ बनर्जी ने हाल ही में परिसर खाली कर दिया और कैलाश कॉलोनी में अपने लीज पर एक घर में शिफ्ट हो गए। अमिताभ बनर्जी को निजी विदेश यात्रा के लिए 2019 में 10 साल का यूके वीजा मिला, जिसके लिए उन्होंने लगभग 98,000 रुपए के वीजा शुल्क का दावा किया। विजिलेंस जांच ने सवाल किया है कि जब अमिताभ बनर्जी 2023 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, तो कंपनी ने उनके निजी (गैर-आधिकारिक) पासपोर्ट पर 10 साल के महंगे वीजा का भुगतान क्यों किया। विजिलेंस ने पूछा कि एक सस्ता, छोटी अवधि का वीजा क्यों नहीं लिया गया? बनर्जी को 12 अक्तूबर, 2019 को नियुक्त किया गया था। दस्तावेज बताते हैं कि 14 अक्तूबर से 2 नवम्बर 2019 तक उनके कार्यालय ने व्यक्तिगत घरेलू सामान खरीदने के लिए 77,000 रुपए खर्च किए।

हालांकि बनर्जी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। साथ ही कहा कि यह मेरे खिलाफ प्रतिशोध है। बता दें कि आईआरएफसी, रेलवे के स्वामित्व वाला सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (पीएसयू) है, जो रेलवे को रोलिंग स्टॉक की खरीद और बुनियादी ढांचे की संपत्ति के निर्माण के लिए पैसा उधार देता है। अन्य आरोपों से यह भी पता चला है कि बनर्जी ने पिछले साल अप्रैल में कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान अपनी बीमार मां के लिए एक निजी विक्रेता से एक एम्बुलेंस किराए पर ली और मरीज को ग्रीन पार्क से अपोलो तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस शुल्क के रूप में 1.54 लाख रुपए सरकार से ही वसूले। दस्तावेज बताते हैं कि इस खर्च का कोई बिल नहीं था।

Mahindra Finance की व्हीकल सब्सक्रिप्शन बिजनेस में एंट्री, कार रखने के लिए खरीदना जरूरी नहीं

Quiklyz ब्रांड के तहत कंपनी अपनी इस सर्विस की शुरुआत बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, गुरुग्राम, हैदराबाद, मुंबई, नोएडा और पुणे जैसे मेट्रो शहरों से करने जा रही है.

Mahindra Finance की व्हीकल सब्सक्रिप्शन बिजनेस में एंट्री, कार रखने के लिए खरीदना जरूरी नहीं

महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज (Mahindra Finance) ने शहरी केंद्रों के लिए लीज-बेस्ड व्हीकल सब्सक्रिप्शन बिजनेस शुरू करने का ऐलान किया है.

महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज (Mahindra Finance) ने शहरी केंद्रों के लिए लीज-बेस्ड व्हीकल सब्सक्रिप्शन बिजनेस (Vehicle Subscription Business) शुरू करने का ऐलान किया है. यानी ग्राहक किसी कार को खरीदे बिना ही उसका मालिक बन सकते हैं और एक तय समय के लिए उसका इस्तेमाल कर सकते हैं. कंपनी का लक्ष्य अगले 3 से 5 सालों में 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार करना है. कंपनी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. महिंद्रा फाइनेंस के इस प्लेटफॉर्म का नाम ‘Quiklyz’ होगा.

एक साल में 30 शहरों तक पहुंचने का लक्ष्य

कंपनी ने Quiklyz नाम के इस ब्रांड के तहत कहा कि यह व्हीकल यूजरशिप पर अपनी तरह की पहली डिजिटल जर्नी होगी. नए जमाने के व्हीकल लीजिंग और सब्सक्रिप्शन बिजनेस ‘Quiklyz’ के तहत, कंपनी मल्टी-ब्रांड व्हीकल लीजिंग और सब्सक्रिप्शन की पेशकश करेगी. महिंद्रा फाइनेंस ने कहा कि उनका लक्ष्य एक साल के भीतर 30 शहरों तक पहुंचना है. इसके साथ ही कंपनी 3 से 5 सालों में 10,000 करोड़ रुपये का बुक साइज हासिल करना चाहती लीज फाइनेंस है. Quiklyz कार यूजरशिप पर अपनी तरह की पहली डिजिटल जर्नी है, जिसके ज़रिए कस्टमर कार लीज फाइनेंस ओनरशिप के झंझटों के बिना एक बिल्कुल नई कार का इस्तेमाल कर सकते हैं. कंपनी लीज फाइनेंस ने कहा, “कार लीजिंग और सब्सक्रिप्शन भारत में एक आकर्षक और तेजी से बढ़ने वाला बिजनेस है. हमारा लक्ष्य 3-5 सालों में 10,000 करोड़ रुपये का बुक साइज हासिल करना है.”

Hatchback vs Sedan vs SUV: हैचबैक, सिडान या एसयूवी? आपके लिए फिट है कौन सी कार, नई गाड़ी लेने से पहले सोच-समझकर करें फैसला

MG Air EV: सबसे छोटी इलेक्ट्रिक कार भारत में 5 जनवरी को होगी लॉन्च, क्या है इसमें खास? संभावित कीमत समेत पूरी डिटेल

इन शहरों में शुरु होंगी सेवाएं

शुरुआत में कंपनी Quiklyz ब्रांड के तहत बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, गुरुग्राम, हैदराबाद, मुंबई, नोएडा और पुणे जैसे मेट्रो शहरों में अपनी सेवाएं शुरू करने जा रही है. कंपनी अगले एक साल में 30 शहरों को कवर करते हुए, टियर- II शहरों सहित पूरे भारत के अन्य शहरों में इसका विस्तार करेगी. कंपनी इसे अर्बन मार्केट, खासकर रिटेल कस्टमर्स की सेवा करने के एक बड़े अवसर के रूप में देख रही है. महिंद्रा फाइनेंस के वाइस-चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रमेश अय्यर ने कहा कि कंपनी द्वारा ऐसे प्रोडक्ट्स डिजाइन किए जाएंगे, जो ग्राहकों की जरूरतों के हिसाब से उपयुक्त हों. उन्होंने आगे कहा लीज फाइनेंस कि लीजिंग बिजनेस अभी भी भारतीय रिटेल कस्टमर्स के लिए एक नया कॉन्सेप्ट है. महिंद्रा फाइनेंस शुरुआत में ही इस बिजनेस में एंट्री करके इसका फायदा उठाना चाहता है. महिंद्रा फाइनेंस भारत में इस बिजनेस की शुरुआत में ही मिलेनियल्स और नए जमाने के कॉरपोरेट्स को किसी झंझट के बिना व्हीकल ओनरशिप की सुविधा प्रदान करना चाहता है.

Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.

विभागों के अनुबंध व लीज पर निबंधन विभाग की नजर

सरकारी विभागों की ओर से किए जाने अनुबंध लीज व स्टांप शुल्क छूट पर निबंधन विभाग की नजर रहेगी। निबंधन विभाग को रेलवे बिजली समेत दो दर्जन विभागों की जांच-पड़ताल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा तय समय के अंदर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का भी डाटा इकट्ठा किया जाएगा। सरकार ने अनुबंधों में धांधली पर रोक लगाने के उद्देश्य से नई प्रक्रिया आरंभ की है।

जागरण संवाददाता, चंदौली : सरकारी विभागों की ओर से किए जाने अनुबंध, लीज व स्टांप शुल्क छूट पर निबंधन विभाग की नजर रहेगी। निबंधन लीज फाइनेंस विभाग को रेलवे, बिजली समेत दो दर्जन विभागों की जांच-पड़ताल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा तय समय के अंदर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का भी डाटा इकट्ठा किया जाएगा। सरकार ने अनुबंधों में धांधली पर रोक लगाने के उद्देश्य से नई प्रक्रिया आरंभ की है।

सरकारी विभागों की ओर से तमाम तरह के लीज व भूमि संबंधी अनुबंध किए जाते हैं। इसके अलावा राजस्व की भी वसूली की जाती है। इसमें स्टांप ड्यूटी लगती है। इस प्रणाली में धांधली की आशंका हमेशा बनी रहती है। ऐसे में शासन ने निबंधन विभाग को विभागों की ओर से किए जाने वाले लीज व अनुबंधों की छानबीन की जिम्मेदारी सौंपी है। विभाग को रेलवे, विद्युत, परिवहन, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, मंडी परिषद, जिला पंचायत, ब्लाक, वाणिज्य कर, मत्स्य, वन, खनन, एयरपोर्ट, सिविल कोर्ट, पर्यटन (होटल व सिनेमाघर), विकास प्राधिकरण, टोला प्लाजा, खाद्य रसद, औषधि प्रशासन, बैंक, उद्यम प्रोत्साहन केंद्रों की जांच का निर्देश है। इसके लिए प्रमुख सचिव ने अलग से गाइडलाइन जारी की है। जांच के दौरान स्टांप ड्यूटी, लीज से जुड़े दस्तावेजों की विस्तार से पड़ताल करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं अधिकारियों-कर्मियों के लिए ड्रेस कोड, पहचान पत्र आदि साथ रखने को कहा गया है। ताकि पहचान हो सके। विभाग की ओर से हर माह जांच-पड़ताल करने के बाद डाटा बेस तैयार किया जाएगा। इसके जरिये शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। ऐसे में नियमों को ताख पर रखकर अनुबंध करने वाले विभागों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही। ''शासन स्तर से विभागों की ओर से किए जाने वाले लीज व अनुबंधों की जांच-पड़ताल के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। साथ ही शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।''

गबन का आरोपित फाइनेंस कर्मी गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर। मिठनपुरा पुलिस ने 49 हजार 239 रुपये गबन के आरोपित निजी फाइनेंस कर्मी सुनील कुमार को गिरफ्तार किया। उसे मीनापुर के सिवाईपट्टी स्थित पैतृक.

गबन का आरोपित फाइनेंस कर्मी गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर। मिठनपुरा पुलिस ने 49 हजार 239 रुपये गबन के आरोपित निजी फाइनेंस कर्मी सुनील कुमार को गिरफ्तार किया। उसे मीनापुर के सिवाईपट्टी स्थित पैतृक घर से दबोचा गया। उसके खिलाफ फाइनेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक कृष्णजी वैश्य ने 30 अप्रैल 2022 को एफआईआर दर्ज कराई थी। थानेदार श्रीकांत प्रसाद सिन्हा ने बताया कि आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

रेटिंग: 4.31
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 172
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *