फंड का सेक्टर

बेस्ट फार्मा सेक्टर फंड कौन से हैं?
फार्मास्युटिकल क्षेत्र में इन्वेस्ट करने के लिए, एक इन्वेस्टर या तो विभिन्न लिस्टेड फार्मा कंपनियों के शेयरों की डायरेक्ट इक्विटी में इन्वेस्ट कर सकते हैं, या इंडस्ट्री फोकस्ड टॉप फार्मा म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
सेक्टोरल फंड म्यूचुअल फंड होते हैं जो किसी खास सेक्टर के कंपनी के शेयर ही खरीदते हैं। भारत में विभिन्न सेक्टर फंड (जैसे बैंकिंग और पीएसयू फंड, टेक्नोलॉजी फंड आदि) उपलब्ध हैं और फार्मा फंड उनमें से एक हैं।
कृपया ध्यान दें कि:
- डाइवर्सिफिकेशन (Diversification) की कमी का मतलब है फंड का सेक्टर कि यदि क्षेत्र चुनौतीपूर्ण समय का सामना करता है, तो आपका इन्वेस्टमेंट भी चुनौतीपूर्ण समय का सामना करेगा ।
- इस बात का ध्यान रखें कि आप किसी सेक्टर को उसके स्टॉक या फंड के जरिए कितना एक्सपोजर देना चाहते हैं। मान लीजिए अगर आपके पोर्टफोलियो का 80% हिस्सा फार्मा से बना है और सेक्टर डाउन है, तो इसका मतलब यह होगा कि आपका पूरा पोर्टफोलियो डाउन हो जाएगा और इमरजेंसी में आप मुश्किल में पड़ जाएंगे।
- अगर आप इन्वेस्ट करते हैं तो कम से कम 7 साल तक इनवेस्टेड रहने के लिए तैयार रहे।
आइए देखतें हैं भारत में टॉप 5 फार्मा म्यूचुअल फंड्स कौन से हैं:
कृपया ध्यान दें कि कोई भी इन्वेस्टमेंट करने के लिए ऐतिहासिक रिटर्न प्रमुख विचार नहीं होना चाहिए। इन फंड्स को उनके बेस्ट 3 साल के रिटर्न के अनुसार सॉर्ट किया गया है। यह केवल सूचना के लिए है। यह सलाह नहीं दी जाती है कि जब आप इन्वेस्टमेंट का सिलेक्शन कर रहे हों तो आपको केवल रिटर्न पर ध्यान देना फंड का सेक्टर चाहिए। कृपया अपना स्वयं का रिसर्च करें।
ये हैं 2022 में 5 सेक्टोरल-फार्मा फंड । 5 साल के रिटर्न के हिसाब से टॉप 5 म्यूचुअल फंड चुनें*
5 साल का रिटर्न (सालाना)
(निप्पॉन इंडिया फार्मा फंड)
(टाटा इंडिया फार्मा & हैल्थकेयर फण्ड)
( UTI हैल्थकेयर फण्ड)
(SBI हेल्थकेयर अपॉर्चुनिटीज फंड)
(आदित्य बिरला सन लाइफ फार्मा & हैल्थकेयर फण्ड)
*लिस्ट केवल सूचना और शिक्षा देने के उद्देश्यों से तैयार की गई है। क्या खरीदना या बेचना है, यह सलाह देने का इरादा नहीं है ।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्र: मुझे कब तक सेक्टोरल-फार्मा म्यूचुअल फंड में इनवेस्टेड रहना चाहिए?
चूंकि सेक्टोरल-फार्मा म्यूचुअल फंड इक्विटी फंड हैं, यानी वे कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्ट करते हैं, इसलिए आपको कम से कम 5 साल तक इनवेस्टेड रहने की ज़रूरत है।
प्र: सेक्टोरल-फार्मा म्यूचुअल फंड कहाँ इन्वेस्ट करते हैं?
सेक्टोरल फंड को अपनी संपत्ति का कम से कम 80% किसी विशेष क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्ट करना होता है। उदाहरण के फंड का सेक्टर लिए, एक बैंकिंग सेक्टोरल फंड केवल बैंकों, एनबीएफसी और अन्य फाइनेंसियल इंस्टीटूशन के शेयरों में इन्वेस्ट करेगा। इस लिमिटेड क्षेत्र के फोकस के कारण, इन फंडों में डाइवर्सिफिकेशन की कमी है और इसलिए ये हाई रिस्क फंड्स हैं।
प्र: क्या सेक्टोरल-फार्मा म्यूचुअल फंड्स हाई रिस्क वाले फंड्स हैं?
सेक्टोरल-फार्मा म्यूचुअल फंड्स इक्विटी में इन्वेस्ट करते हैं, इसलिए शार्ट टर्म में वे अस्थिर (volatile) हो सकते हैं। हालांकि, लम्बे समय में, रिस्क काफी हद तक कम हो जाता है।
प्र: सेक्टोरल-फार्मा से मैं किस तरह का रिटर्न कमा सकता हूं?
सेक्टोरल-फार्मा फंड्स ने पिछले 1 साल में सालाना 17.53% एवरेज रिटर्न दिया है। उनका 3 और 5 साल का सालाना रिटर्न 26.72% और 14.03% प्रति वर्ष है।
पिछले साल ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कोरोना काल में फार्मा सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन किया था। इसका मतलब यह नहीं है कि फार्मा सेक्टर हमेशा अच्छा फंड का सेक्टर प्रदर्शन करेगा। दिसंबर 2017 से दिसंबर 2018 की पीरियड के दौरान फार्मा सेक्टर ने एक साल में -7.81% रिटर्न दिया था। यह पूरी तरह से एक्सटर्नल फैक्टर्स पर निर्भर करता है।
प्र: क्या मुझे सेक्टोरल-फार्मा म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए?
सेक्टोरल फंड्स कुछ फंड्स में से सबसे रिस्की म्युचुअल फंड हैं। चूंकि ये फंड्स केवल एक क्षेत्र में इन्वेस्ट करते हैं, इसलिए कोई क्षेत्र डाइवर्सिफिकेशन नहीं होता है, और यही उनके हाई रिस्क का मुख्य कारण है। यदि सेक्टर नीचे जाता है तो पोर्टफोलियो के सभी स्टॉक इस गिरावट को कम करने में हेल्प नहीं करेंगे।
Money Guru: सेक्टर फंड में इन्वेस्टमेंट करने के पहले जरूर जान लें ये बातें, निवेश पर मिलेगा अच्छा रिटर्न
Money Guru: अगर आप भी किसी स्पेसिफिक सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं, तो इसके पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान रखना आवश्यक होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ.
Money Guru: किसी स्पेसिफिक सेक्टर में निवेश का एक्सपोजर अपने पोर्टफोलियों में चाहते हैं तो कई ऐसे सेक्टर हैं, जिनमें आप म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए यह मालूम करना भी जरूरी है कि कौन सा सेक्टर अभी निवेश करने के लिए सही है. इसके साथ ही यह भी जानना जरूरी होता है कि किसी सेक्टर में निवेश करने के क्या पैमाने होते हैं. वहीं किसी सेक्टर में निवेश करने के लिए कौन सा समय सबसे सही होता है और कब एग्जिट कर लेना चाहिए. किसी भी सेक्टर में निवेश करने के पहले इन तमाम बारीकियों को जान लेना चाहिए. आपके लिए इन सभी सवालों का जवाब लेकर आए हैं ऑप्टिमा मनी के एमडी पंकज मठपाल और क्रिडेन्स वेल्थ एडवायजर्स के सीईओ कीर्तन शाह.
सेक्टर निवेश
- किसी सेक्टर में निवेश करने का तरीका
- अलग-अलग सेक्टर में निवेश करने का मौका
- सेक्टर के अच्छा करने पर रिटर्न में फायदा
- 80% निवेश किसी एक सेक्टर में जरूरी
- बाकी 20% डेट या हाइब्रिड सिक्योरिटी में निवेश
- सेक्टोरल निवेश डायवर्सिफिकेशन के लिए अच्छा
सेक्टर फंड-किनके लिए?
- ज्यादा जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए
- टैक्टिकल पोर्टफोलियो का हिस्सा बना सकते हैं
- पहले कोर पोर्टफोलियो बनाएं,फिर सेक्टर निवेश
- कोर पोर्टफोलियो में लार्ज,मिज,स्मॉलकैप शामिल
- सेक्टर निवेश में सही समय पर एंट्री और एग्जिट जरूरी
किन सेक्टर में MF निवेश
- बैंकिंग
- इंफ्रा
- फार्मा
- टेकनेलॉजी
- कंजम्पशन
- एनर्जी
कितनी तरह की थीम?
बैंकिंग सेक्टर के लिए संकेत
- बढ़ता क्रेडिट ग्रोथ
- सुधरता मार्जिन
- कैपेक्स साइकल
- घटता NPA
बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन
सेक्टर 3साल 5साल 7साल
बैंकिंग 11.41% 9.24% 13.64%
कीर्तन के पसंदीदा फंड
SBI Banking & Financial Services
ICICI Pru. Banking & Financial Services
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए संकेत
चीन+1 पॉलिसी
PLI स्कीम
बढ़ता निर्यात
कीर्तन के पसंदीदा फंड
ICICI Pru. Manufacturing
ABSL Manufacturing
Kotak Manufacturing(Ind)
IT सेक्टर के लिए संकेत
अमेरिका,UK,युरोप में मंदी की आशंका
मार्जिन पर दबाव
एट्रिशन रेट की समस्या
सेक्टर म्यूचुअल फंड: मतलब, उद्देश्य, निवेश कार्यकाल, जोखिम, प्रदर्शन
सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार, सेक्टर म्यूचुअल फंड अपने निवेश का कम से कम 80 प्रतिशत किसी विशिष्ट क्षेत्र या उद्योग में निवेश करते हैं। वे एक निश्चित क्षेत्र पर जोर देते हैं, जैसे कि बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवा, अचल संपत्ति, तेल, आदि। सेक्टर म्यूचुअल फंड निवेशकों को सफलता के लिए उच्च संभावना वाले उद्योगों में निवेश करने का अवसर प्रदान करते हैं। एक सेक्टर फंड में कुछ पोर्टफोलियो की कमी होगी जो पोर्टफोलियो मैनेजर को फंड के निवेश विकल्पों का चयन करने में सक्षम बनाता है जो फंड फंड का सेक्टर के विशेष उद्देश्य के अनुसार आते हैं। सेक्टर फंड पोर्टफोलियो विविधीकरण का लाभ प्रदान नहीं करते हैं क्योंकि निवेश मुख्य रूप से केवल अर्थव्यवस्था के एक क्षेत्र तक सीमित है। महत्वाकांक्षी निवेशकों और अधिक जोखिम लेने के लिए तैयार लोगों के लिए, एक सेक्टर फंड रणनीतिक निवेश के रूप में अच्छी तरह से अनुकूल हो सकता है।
सेक्टर फंड्स के प्रकार
विभिन्न प्रकार के सेक्टर फंड हैं जैसे -
हेल्थकेयर: हेल्थकेयर फंड में फार्मास्युटिकल फ़र्म, बायोटेक्नोलॉजी कंपनियां और व्यवसाय शामिल हैं जो दवा या औषधीय अनुसंधान के क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं।
रियल एस्टेट: फंड की यह श्रेणी छोटे निवेशकों को रियल एस्टेट सेक्टर के रिटर्न का पता लगाने का अवसर प्रदान करती है। निवेशकों को आय और वृद्धि फंड का सेक्टर दोनों में लाभ मिलता है।
वित्तीय: इसमें बीमा, वित्त, निवेश और लेखा फर्मों की प्रतिभूतियां शामिल हैं।
प्रौद्योगिकी: सेक्टर फंड में निवेश ज्यादातर विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य सूचना प्रौद्योगिकी में किए जाते हैं।
सेक्टर म्यूचुअल फंड की विशेषताएं
एम्फेसिस (ध्यान) - सेक्टर फंड एक विशेष क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हालांकि, वे विविधीकरण की पेशकश नहीं करते हैं। फंड की सफलता अंततः उस विशेष क्षेत्र पर निर्भर करती है।
निवेश का कार्यकाल - सेक्टर फंड मिड और लॉन्ग टाइमफ्रेम के लिए हैं। अल्पावधि में निवेश अत्यधिक जोखिम भरा है। इसके अलावा, निवेश एक विशिष्ट समय सीमा के लिए हैं। चूंकि क्षेत्रों में चक्रीय संरचना होती है। निवेश के चरम पर पहुंचने के बाद निवेश छोड़ना समझदारी है। इस प्रकार, इसके लिए गहन बाजार अध्ययन की आवश्यकता है।
उच्च रिटर्न - यदि यह अनुमान लगाया जाता है कि एक सेक्टर एक निर्धारित अवधि में अच्छा करेगा, तो रिटर्न अधिक होगा।
जोखिम - चूंकि सेक्टोरल फंड एक विशिष्ट सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करते हैं और विविधीकरण की कमी होती है, इसलिए उन्हें अधिक जोखिम वाले म्यूचुअल फंड भी माना जाता है। यदि अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तन के कारण क्षेत्र कमज़ोर है, तो फंड खराब प्रदर्शन कर सकते हैं।
हेजेज - हेजिंग के लिए सेक्टर फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है। दूसरे शब्दों में, एक निवेश पोर्टफोलियो को हेज करने के लिए, अर्थव्यवस्था के विपरीत आनुपातिक एक क्षेत्र बहुत अच्छा होगा।
सेक्टर फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए?
हर निवेशक की अपनी निवेश प्राथमिकताएं होती हैं। एक निवेश की अलग-अलग विशेषताएं हैं, जैसे कि समय अवधि, राशि, रिटर्न, जोखिम, आदि। सेक्टर फंड आदर्श रूप से उन लोगों के लिए अनुकूल हैं जो बड़े पैमाने पर जोखिम लेने से नहीं हिचकते हैं। आमतौर पर, सेक्टर फंड उन प्रतिभागियों के लिए होते हैं जिन्हें किसी निश्चित सेक्टर के कार्यबल और बाजार की गतिशीलता की स्पष्ट समझ होती है। 5-7 साल या उससे अधिक के कार्यकाल के लिए निवेश करने के इच्छुक निवेशक इस निवेश पर विचार कर सकते हैं। इन निवेशों से जुड़े उच्च जोखिम वाले पहलू के कारण, जो निवेशक सुरक्षित रूप से निवेश करना चाहते हैं और जिनके पास सीमित वित्तीय पूंजी है, उन्हें वैकल्पिक अवसरों की तलाश करने की सलाह दी जाती है।
जिन निवेशकों के पास एक अच्छी तरह से विविध पोर्टफोलियो है, और व्यापक अर्थव्यवस्था की अच्छी समझ है, वे उच्च फंड बनाने के लिए एक रणनीतिक शर्त के रूप में सेक्टर फंडों में अपनी संपत्ति का एक छोटा सा हिस्सा निवेश कर सकते हैं।
सही सेक्टर फंड का चयन कैसे करें?
निवेशक आपके लिए सही क्षेत्र निधि का चयन करते समय निम्नलिखित मापदंडों पर विचार कर सकते हैं -
फंड का उद्देश्य:
व्यापक रूप से फंड के उद्देश्य पर विचार करें। उदाहरण के लिए, निर्दिष्ट क्षेत्र में, कुछ फंड पोर्टफोलियो का केवल 65 प्रतिशत खर्च करते हैं। परिणामस्वरूप, यह व्यवसाय की दृश्यता को कम कर देगा और अपेक्षित रिटर्न नहीं दे सकता है।
सेक्टर प्रदर्शन:
अर्थव्यवस्था के प्रवाह को चक्रों द्वारा पहचाना जाता है, और विभिन्न अवधियों में, क्षेत्र विकास की विभिन्न दरों का प्रदर्शन करेंगे। इस प्रकार, जब इसमें निवेश किया जाता है, तो यह देखना बुद्धिमानी है कि कंपनी की पृष्ठभूमि और बाजार के पिछले परिणामों को देखकर बाजार एक पूरे के रूप में कैसे चल रहा है। यह पैटर्न पर विचार करने में मदद करता है, और निवेशक यह आकलन कर सकता है कि मांग कैसे कम हो जाती है या कभी-कभी फैलती है।
बाजार का समय:
हालांकि यह एक सामान्य कहावत है कि बाजार समयबद्ध नहीं हो सकता। फिर भी पेसिंग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जब यह सेक्टर फंड्स में आता है। इनकी सफलता आर्थिक चक्र पर निर्भर करती है। इन फंडों से सफल रिटर्न प्राप्त करने के लिए विस्तृत विश्लेषण की आवश्यकता है। बाजार का समय निवेश के प्रवेश और निकास दोनों के लिए बना रहता है।
विविधता:
आम तौर पर सेक्टोरल फंड में निवेश करने पर एक विविध पोर्टफोलियो की सिफारिश की जाती है। फंड का सेक्टर यह पोर्टफोलियो के मौके को कम करके सिर्फ एक सेक्टर के सामने आने में मदद करेगा। आदर्श रूप से, ये फंड निवेशक के पोर्टफोलियो का लगभग 5 प्रतिशत -15 प्रतिशत हो सकता है। हालांकि, फाइनेंशियल प्लानर या म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर के साथ सही आवंटन का काम करना हमेशा समझदारी भरा होता है।
पिछले रिटर्न:
केवल सेक्टर के पिछले परिणामों पर ध्यान केंद्रित न करें। इसके बजाय, उन संभावनाओं को स्वीकार करें और निवेश करें जो क्षेत्र को बढ़ने में मदद करेंगे।
क्या ज्यादा रिटर्न के लिए अभी आपको सेक्टर फंडों में निवेश करना चाहिए?
सेक्टोरल फंड में एंट्री और एग्जिट की स्ट्रैटेजी का स्पष्ट होना महत्वपूर्ण है. इन फंडों में निवेश करने पहले इनके साथ जुड़े जोखिम को समझ लें.फंड का सेक्टर
हैदराबाद स्थिति वेल्थ मैनेजमेंट फर्म बकस्पीक के संस्थापक सुबीर झा भी उन म्यूचुअल एडवाइजरों में हैं, जिनसे ये सवाल पूछे गए हैं. आइए, जानते हैं कि वह अपने क्लाइंटों को क्या सलाह दे रहे हैं.
सुबीर के अनुसार, सेक्टोरेल फंडों में 'ज्यादा' रिटर्न के बड़े हिस्से में सही 'टाइमिंग' का अहम किरदार है. सभी जानते हैं कि मार्केट की सही टाइमिंग का अंदाजा लगा पाना कितना मुश्किल है. इन सवालों के जवाब के लिए फार्मा फंड का उदाहरण लेते हैं. अलग-अलग अवधि में इसका रिटर्न देखते हैं.
फार्मा फंड* | निफ्टी* | |
जनवरी 2014 - अक्टूबर 2015 | 85% | 30% |
जनवरी 2016 - जून 2019 | -3.3% | 52% |
जुलाई 2019 - जनवरी 2021 | 70.4% | 14.9% |
*वास्तविक रिटर्न अलग-अलग हो सकते हैं.
ऐसे में अगर सेक्टरों को ट्रैक करने का बहुत समय और सेगमेंट की समझ नहीं है तो सेक्टोरल फंडों से दूर रहना ही सही होगा. सही से डायवर्सिफाइड फंड के अच्छे फंड मैनेजर को आपके लिए यह काम कर देना चाहिए. अगर उन्हें किसी खास सेक्टर में मौके दिखते हैं तो उनके फंड में उसका ठीकठाक निवेश दिखना चाहिए.
सेक्टोरल फंड में एंट्री और एग्जिट की स्ट्रैटेजी का स्पष्ट होना महत्वपूर्ण है. इन फंडों में निवेश करने पहले इनके साथ जुड़े जोखिम को समझ लें. रेगुलर फंडों के मुकाबले सेक्टोरल फंड अधिक अस्थिर होते हैं. यह भी सुनिश्चित कर लें कि आपके पोर्टफोलियो में ये क्यों और कैसे फिट हैं. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अगर आप 100 रुपये का पोर्टफोलियो बना रहे हैं तो इनका फंड का सेक्टर हिस्सा 50-60 रुपये नहीं होना चाहिए.
यह बिल्कुल सही है कि पिछले 10 साल में आईटी सेक्टर फंड रेगुलर फंडों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित रहे हैं. क्या इसका यह मतलब है कि वे आगे भी सुरक्षित बने रहेंगे? इसके बारे में कुछ कहना सही नहीं होगा. हालांकि, बैंकिंग फंड रेगुलर फंडों की तुलना में अस्थिर रहे हैं. शेयर बाजार के मुश्किल दौर में यह ज्यादा गिरा है. ऐसे में छोटे निवेशकों के लिए सलाह यह है कि वे डायवर्सिफाइड फंडों के साथ ही बने रहें. सेक्टर पर फैसला लेने का काम वे फंड फंड का सेक्टर मैनेजर पर ही छोड़ दें. इससे वे कम जोखिम लेंगे और अपने निवेश की सुरक्षा कर पाएंगे.
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