इक्विटी शेयर के प्रकार

एक कंपनी का शेयर तभी आम इंसान को बेचा जाता है जब कंपनी को एक बड़ा इन्वेस्टमेंट की जरुरत पड़ती है। इस कारण एक कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट करने के लिए IPO लाना पड़ता है। अगर आप को IPO क्या है ? नहीं पता तो आप यहाँ क्लिक करें। आईपीओ में कंपनी अपने शेयरों की कुल संख्या का 5% या 10% Public में Distribute करते हैं और उससे जो पैसे कंपनी के पास आते हैं, उन पैसों से कंपनी अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
शेयर क्या है | शेयर कितने प्रकार के होते है | शेयर कि सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में (What Is Share In Hindi) 2022
बिज़नेस क्षेत्र में और निवेश के क्षेत्र में शेयर का नाम सबसे ज्यादा लिया जाता है, शेयर के बारे में आप सुनते हैं, लेकिन अगर आप नहीं जानते शेयर क्या है ( Share Kya Hai ) तो कोई बात नहीं। आज हम इस पोस्ट में जानेगें कि What is Share in Hindi और शेयर कितने प्रकार के होते है ( share kitne prakar ke hote hain ) , यह कैसे काम करते है, शेयर कैसे बनते है आदि .
Share Kya Hota Hai :- शेयर का अर्थ होता है “हिस्सा” Share meaning in Hindi “कंपनी का मालिकाना हक” जिसे हम हिंदी में शेयर कहते है अगर आसान भाषा में समझे तो किसी कंपनी के स्वामित्व का एक हिस्सा जो की एक शेयर (one share) होता हैं। यह बिलकुल इस चीज पर निर्भर करता है की कंपनी के स्वमित्व को कितने भागों यानि शेयर में बांटा गया है। एक शेयर कंपनी की पूंजी का सबसे छोटा भाग होता हैं।
What is share इक्विटी शेयर के प्रकार in Hindi – शेयर क्या है
“ जब किसी कंपनी की कुल पूंजी को एक सामान कई हिस्सों में बांट दिया जाये तब जो पूंजी का एक सबसे छोटा हिस्सा बनता है उस हिस्से को शेयर कहा जाता है।”
जब किसी कंपनी को पूंजी की आवश्यकता होती है, तो पूंजी के लिए पब्लिक को ऑफर करती है। यानि कंपनी के मालिक अपनी कंपनी में निवेश बढ़ने के लिए अपनी कंपनी को public कर देता है और खुद को NSE या BSE में register करके shares issue कर देते है जिसके बाद आम लोग उन shares को खरीद लेते है और बाद में वही investor उन शेयर्स को मूल्य बढ़ने और घटने के आधार पर exchange में बेच देते है, फिर उसके बाद लोग exchange में shares पर trading करके मुनाफा कमाते है। इन्ही शेयर्स को कंपनी के शेयर्स कहा जाता है।
जब किसी कंपनी के shares को पहली बार मार्किट में निकाला जाता है तब वो IPO (initial public Offer) आईपीओ के लिए जाते है और फिर shares Investors अपने सूझ-बुझ से उसको खरीदते है।
Share Kise Kahate Hain
शेयर एक कंपनी में आपके हिस्सेदारी का एक सबूत होता है यानि आपने जिस कंपनी के शेयर को खरीदा है और आप उस शेयर के कारण उस कंपनी में मालिकाना हक रखते हैं। कंपनी जब ग्रोथ करेगी तो आपको भी मुनाफ़ा होगा यानि आपके खरीदे गए शेयर का मूल्य बढ़ेगा, नुकसान में आपके शेयर का मूल्य घटेगा।
Share holder का मतलब होता है (हिस्सेदार) आसान भाषा में – जब कोई कंपनी का शेयर किसी व्यक्ति द्वारा खरीदा जाता है तो उस शेयर के मालिक यानि शेयर खरीदने वाला व्यक्ति Share holder कहलाता है।
शेयर क्या होता है और कितने प्रकार के होते हैं ?
सायद हम सभी को यह पता होगा की शेयर क्या होता है ? जिन्हे ये नहीं पता उनके लिए हमारा यह पोस्ट पढ़ना बेहद जरुरी है, खासकर उन लोगों के लिए जो शेयर बाजार में काम करना चाहते हैं, एक इन्वेस्टर बनना चाहते हैं। आज हम इस लेख में इक्विटी शेयर क्या है और कितने प्रकार के होते हैं इसकी जानकारी देंगे।
एक कंपनी का वैल्यूएशन तय होता है उसके शेयर की कीमत और शेयरों की कुल संख्या इक्विटी शेयर के प्रकार से। तो आखिर शेयर क्या होता है (What is share?) एक कंपनी की इक्विटी Ownership में "शेयर" एक छोटा सा हिस्सा होता है। एक कंपनी का टोटल कैपिटल की एक single unit को Share कहा जाता है। आसान भासा में कहें तो "शेयर" Percentage of Ownership को दर्शाता है।
Example : मानलेते हैं की एक कंपनी का Total Marketcap 50 लाख है और कंपनी का एक शेयर का प्राइस 10 रुपए है, तो कंपनी के पास कुल 5000000/10 = 500000 shares होंगे।
शेयर कितने प्रकार के होते हैं ?
आमतौर पे शेयर दो तरह के होते हैं :
1) Equity Shares
Equity Shares वो शेयर होते हैं जो एक पब्लिक कंपनी पैसे जुटाने के लिए स्टॉक मार्किट के जरिये आम लोगों में डिस्ट्रीब्यूट करती है। इन शेयर्स को एक Ordinary Shares भी कहा जाता है। अगर कोई व्यक्ति Equity Shares में इन्वेस्ट करती है तो वो एक तरह से उस कंपनी का पार्टनर होगा चाहे वो एक हीं शेयर क्यों न ख़रीदा हो। Equity Shareholder उस कंपनी के हर एक Decision के ऊपर अपना राय दे सकते हैं, क्यों की उन्हें Shareholder के तोर पे Voting Rights मिलता है।
Equity Shareholder कंपनी में Voting Rights के साथ साथ Dividend और Bonus के भी हक़दार होते हैं। जब भी कंपनी Dividend या Bonus देती है तो सभी Equity Shareholder को यह लाभ मिलता है। Equity Shares आमतौर पे Secondary Market यानि Stock Market में ट्रेड की जाती है।
शेयर की कीमत में बदलाव क्यों होता है ?
हम अक्सर देखते हैं Real Time में शेयर की कीमत बढ़ती-घटती रहती है, ऐसा क्यों ? यह सब होता है Demand और Supply की वजह से और खुछ अच्छी-बुरी ख़बरों के चलते। शेयर बाजार में Buyer और Seller के बिच में शेयर्स की खरीद-बेच होती है। जब शेयर को खरीदने के लिए Buyer ज्यादा होते हैं और Seller कम होते हैं, तब शेयर की कीमत बढ़ेगी क्यों की उस समय उस शेयर की डिमांड ज्यादा है। जब शेयर को खरीदने वाले कम होंगे और शेयर बेचने वाले ज्यादा होंगे तब शेयर की कीमत में गिरावट आएगी।
ठीक उसी तरह एक अच्छी न्यूज़ के चलते शेयर बाजार आपने reaction दिखती है और शेयर की कीमत बढ़ती है और एक बुरी न्यूज़ पे मार्किट में शेयर की कीमत में गिरावट देखने को मिलती है।
किसी शेयर को खरीदने और बेचने पर कितने प्रकार से लगता है टैक्स, यहां जानिए पूरी डिटेल
- Himali Patel
- Publish Date - October 2, 2021 / 04:33 PM IST
सेंसेक्स 60,836 और निफ्टी 18,197 के स्तर तक गया. बाजार लगातार 5वें दिन बढ़त के साथ बंद हुए. सेंसेक्स 452 पॉइंट यानी 0.75% बढ़कर 60,737 पर और निफ्टी 170 पॉइंट यानी 0.94% की तेजी के साथ 18,162 के स्तर पर बंद हुआ था
भारतीय इक्विटी बाजार नई उचाईयों को छूता जा रहा है और अभी इसकी गिरावट या इक्विटी शेयर के प्रकार धीमा होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं. इस सितंबर में बीएसई सेंसेक्स पहली बार 60,000 का आकड़ा भी पार कर गया है. क्या आप ऐसे समय के दौरान इक्विटी शेयरों (Stock) के मालिक हैं या खरीदने का इरादा रखते इक्विटी शेयर के प्रकार हैं तो आपको शेयरों की बिक्री से जुड़े टैक्स प्रभावों के बारे में पता होना चाहिए.
शार्ट-टर्म पीरियड में होने वाला कैपिटल लॉस और गेन
यदि एक लिस्टेड इक्विटी शेयर एक्वीजीशन के 12 महीनों के भीतर बेचा जाता है, तो सेलर को शार्ट-टर्म कैपिटल गेन या शार्ट टर्म कैपिटल लॉस चुकाना पड़ सकता है. जब शेयरों को खरीदी गयी वैल्यू से अधिक कीमत पर बेचा जाता है, तो विक्रेता को शार्ट टर्म कैपिटल गेन चुकाना होता है और जब शेयरों को खरीदे गए मूल्य से कम कीमत पर बेचा जाता है, तो विक्रेता को शार्ट टर्म कैपिटल लॉस चुकाना पड़ता है.
यदि शेयर बाजार में कारोबार किए गए इक्विटी शेयरों को अधिग्रहण के 1 वर्ष के बाद बेचा जाता है, तो विक्रेता को इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन या लॉस पर टैक्स देना पड़ता है. 2018 के बजट की शुरुआत से पहले, इक्विटी शेयर अंडर सेक्शन 10 (38) के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स से फ्री थे.
2018 के फाइनेंशियल बजट के नए नियमों के अनुसार, यदि कोई विक्रेता इक्विटी शेयरों की बिक्री पर 1 लाख रुपये से अधिक का लॉन्ग टर्म लाभ अर्जित करता है, तो यह लाभ 10% के कैपिटल गेन टैक्स के अधीन आता है. इसके अलावा, यहां विक्रेता इंडेक्सेशन का लाभ नहीं उठा पाएगा. ये नियम 1 अप्रैल, 2018 को या उसके बाद किए गए लेन-देन पर लागू होता हैं.
इक्विटी शेयरों से लाभ का टैक्सेशन
आपके टैक्स ब्रैकेट के बावजूद, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15% टैक्स लगता है. शेयर बाजार में लिस्टेड इक्विटी शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 1 लाख रुपये तक के टैक्सेशन से छूट है. इक्विटी शेयरों की बिक्री पर इक्विटी शेयर के प्रकार 1 लाख रुपये से अधिक का लाभ 10% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के अधीन आता है और इस पर इंडेक्सेशन संभव इक्विटी शेयर के प्रकार नहीं होता है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पूर्वगामी टैक्स दरें तभी लागू होती हैं जब लेनदेन पर सिक्योरिटी ट्रांसक्शन टैक्स (STT) का भुगतान किया जाता है.
इक्विटी शेयरों की बिक्री से किसी भी शार्ट टर्म कैपिटल लॉस को किसी भी पूंजीगत संपत्ति की बिक्री से किसी भी अल्पकालिक या दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के खिलाफ ऑफसेट किया जा सकता है. यदि नुकसान को समायोजित नहीं किया जाता है, तो इसे अतिरिक्त आठ वर्षों के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है और उन आठ वर्षों के दौरान किए गए किसी भी शार्ट टर्म या लॉन्ग टर्म पूंजीगत लाभ के खिलाफ ऑफसेट किया जा सकता इक्विटी शेयर के प्रकार है. लंबी अवधि के कैपिटल लॉस को किसी भी अन्य दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के मुकाबले ऑफसेट किया जा सकता है और लंबी अवधि के लाभ के खिलाफ ऑफसेट करने के लिए लंबे समय तक पूंजी हानि को अगले आठ वर्षों तक आगे बढ़ाया जा सकता है.
स्टार्टअप को ऋण को इक्विटी में बदलने के लिए अब 10 साल का समय मिला
नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) सरकार ने स्टार्टअप के लिए कंपनी में किए गए ऋण निवेश को इक्विटी शेयरों में बदलने की समयसीमा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया है। सरकार के इस फैसले से उभरते उद्यमियों को कोविड-19 महामारी के प्रभाव से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के एक नोट से यह जानकारी मिली है।
अभी तक परिर्वतीय नोट्स को इन्हें जारी करने की तारीख से पांच साल तक इक्विटी शेयरों में बदलने की अनुमति थी। अब इस समयसीमा को इक्विटी शेयर के प्रकार बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है।
कोई निवेशक स्टार्टअप में परिवर्तनीय नोट के जरिये निवेश कर सकता है, जो एक प्रकार का बांड/ऋण उत्पाद होता है। इस निवेश में निवेशक को यह विकल्प दिया जाता है कि यदि स्टार्टअप कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहता या भविष्य में वह प्रदर्शन के मोर्चे पर कोई लक्ष्य हासिल करती है, तो निवेशक उससे अपने निवेश के एवज पर कंपनी के इक्विटी शेयर जारी करने को कह सकता है।
Types Of Shares (शेयर्स के प्रकार )
जब कोई Person किसी कंपनी के शेयर Purchase करता है,तो वो उस कंपनी का मालिक (owner) बन जाता है,ये बात सही है लेकिन आपको ये पता होना चाहिए कि शेयर के दो टाइप होते है.
अगर कोई Person किसी कंपनी के Preference Shares खरीद लेता है,तो वो उस Company का बस नाम का Owner है.मतलब बस दिखाने के लिए Ownership उसके पास होती है.उसे किसी तरह के कोई भी अधिकार नहीं दिए जाते कंपनी की तरफ से.
वहीं, कोई दूसरा Person उसी कंपनी के Equity Shares खरीद लेता है ,तो उसे उस कंपनी का Real Owner कहा जायेगा.
Features Of Equity Share In Hindi (इक्विटी शेयर की खासियत)
इक्विटी शेयर की खासियत
1.Permanent Capital
Equity share जो है वो Permanent Capital in Nature है.अगर एक बार आपने कंपनी के Equity share में पैसा लगा दिया तो अपको वो पैसा कंपनी बंद होने के बाद इक्विटी शेयर के प्रकार ही मिल सकत है.
2. Dividend
Equity Share वालों का Dividend Fixed नहीं होता है.क्युकी वो Real Owner है इसलिए उनकी जिम्मेदारी होती है कि वो पहिले Preference Shares वालों को Fixed Dividend दे.और बाद मे कुछ Dividend बच जाता है तो आपस में बाट लेे.
3.Rights Issue
मतलब अगर कंपनी को पैसे की जरूरत होती है,तो कंपनी पहला मौका Equity Shareholders वालों को देती है,की आप मुझ में (Company) पैसे invest करो.बस इसी Process को Rights Issue कहा जाता है.
आखरी शब्द
दोस्तो में उम्मीद करता हु आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (What Is Equity Share In Hindi ) आपको पसंद आई होगी.आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल करके इक्विटी शेयर के प्रकार जरूर बताए.ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे ब्लॉग पर दोबारा जरूर विजिट करे.
दोस्तो एक जरूरी बात,अगर आपको हमारे वेबसाईट पर लिखे आर्टिकल पसंद आते है,और आप अपनी खुशी से हमारी टीम को कुछ Monetary Support करना चाहते हो,तो आप UPI ID के जरिए हमें सपोर्ट कर सकते हो.हमारी UPI ID है, [email protected]