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गोल्ड और ईटीएफ

गोल्ड और ईटीएफ
नवभारत टाइम्स 4 दिन पहले

कोरोना काल में तेजी से बढ़ा सोने में निवेश, गोल्ड ईटीएफ में आया 3500 करोड़ रुपये

लोग गोल्ड और ईटीएफ रिस्क को कम करने के लिए असुरक्षित जगह से रुपये निकाल कर सोने में कर रहे हैं निवेश।

कोरोना काल और लॉकडाउन ने सब कुछ बदलकर रख दिया है। जहां ज्यादातर लोगों के काम धाम बंद होने से लेकर कमाई पर भारी असर पडा है। वहीं लोग निवेश के लिए (Gold Exchange Trend Fund) गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को चुन रहे हैं। यही वजह है कि इस साल 2020 की पहली छमाही में ईटीएफ में शुद्ध रूप से 3,500 करोड़ रुपये का निवेश आया है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

कोरोना काल के बीच लोगों ने जोखिम वाली गोल्ड और ईटीएफ संपत्तियों से अपना रुपया निकालकर (Save Investment) सुरक्षित निवेश विकल्पों में बढाया है। इसी के कारण (GOLD ETF) गोल्ड ईटीएफ का आकर्षण बढ़ा है। इससे पिछले साल की समान छमाही यानी जनवरी-जून, 2018 के दौरान निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 160 करोड़ रुपये की निकासी की थी। पिछले करीब एक साल से यह इस श्रेणी का प्रदर्शन अच्छा रहा है।

आंकड़ों के अनुसार, अगस्त, 2019 गोल्ड और ईटीएफ से गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध रूप से 3,723 करोड़ रुपये का निवेश आया है। इस साल 30 जून को समाप्त छमाही में गोल्ड ईटीएफ को शुद्ध रूप से 3,530 करोड़ रुपये का निवेश मिला। वहीं मासिक आंकडों को देखा जाए, तो जनवरी में इसमें 202 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था। फरवरी में इस श्रेणी में 1,483 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। वहीं मार्च में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 195 करोड़ रुपये की निकासी की। अप्रैल में फिर गोल्ड ईटीएफ में 731 करोड़ रुपये का निवेश आया। उसके बाद मई में 815 करोड़ और जून में 494 करोड़ रुपये का निवेश आया। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक (प्रबंधक शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह गोल्ड और ईटीएफ से अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार की उम्मीदें कमजोर पड़ना हैं। ऐसे में निवेशक जोखिम वाली अपनी संपत्तियों के लिए हेजिंग कर रहे हैं और वे अपनी संपत्तियों के एक हिस्से का निवेश सोने में कर रहे हैं।

गोल्ड इटीएफ (Gold ETF) क्या है | गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में क्या अंतर है

गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में क्या अंतर है?

गोल्ड इटीएफ और गोल्ड बांड की जानकारी- वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन और आर्थिक मंदी के इस दौर में जमा पर ब्याज दरें तेजी से घटी हैं। पिछले महीनों में देश के कई बड़े बैंकों ने जमा पर ब्याज दरों को घटाया है। इसके साथ ही निवेश से मिलनें वाले रिटर्न में भी भारी कमी आई है। इन सभी के बीच एक ऐसा निवेश उत्पाद है, जिसनें इस बीच बेहतर रिटर्न दिया है और यह है सोना जिसे हम गोल्ड (Gold) कहते है| जिन लोगो नें सोनें में निवेश किया था, उन्हें 40 फीसद तक रिटर्न मिला है। इस समय सोनें की कीमतों में उछाल का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जिसके कारण इसके निवेशकों का रिटर्न भी बढ़ता जा रहा है। हालाँकि सोने में निवेश के लिए मार्केट में कई विकल्प उपलब्ध हैं, इन्ही में से एक गोल्ड इटीएफ भी है| तो आईये जानते है, गोल्ड इटीएफ (Gold ETF) क्या है, गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में क्या अंतर है?

गोल्ड ईटीएफ क्या है (What Is Gold ETF)

Gold ETF Kya Hai- गोल्ड ईटीएफ अर्थात गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold Exchange Traded Fund) के माध्यम से सोने में निवेश किया जाता है| वर्तमान समय में गोल्ड ईटीएफ की ट्रेडिंग देश के सभी बड़े एक्सचेंज के ऊपर हो रही है| यहां निवेशक इलेक्ट्रॉनिक रुप में सोने में निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ एक्सचेजों पर लिस्टेड होते हैं। यहां इसे डीमेट अकाउंट के जरिए खरीदा और बेचा जा सकता है।

गोल्ड ईटीएफ्स 99.5 फीसद शुद्धता वाला वास्तविक भौतिक सोना खरीद कर अपने एसेट्स बनाते हैं। यह भौतिक सोना बैंकों के संरक्षण में रहता है और सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार समय-समय पर इसका मूल्य लगता है। गोल्ड ईटीएफ का भौतिक रूप से सोना रखना निवेशकों को एक अलग विश्वास देता है। खास बात यह है कि निवेशक भी सोने की भौतिक डिलीवरी ले सकते हैं।

गोल्ड ईटीएफ में निवेश कैसे करते है (How To Invest In Gold ETF)

Gold ETF Me Nivesh Kaise Kare- गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड अर्थात गोल्ड ईटीएफ में निवेशक को निवेश करनें के लिए सबसे पहले ट्रेंडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाना होता है। अकाउंट खुलवानें के बाद ब्रोकर के ऑनलाइन पोर्टल पर लॉगिन कर ईटीएफ विकल्प को चुनें। आप जितनी यूनिट खरीदना चाहें, उतनी यूनिट के लिए खरीद का ऑर्डर दे सकते हैं। कुछ समय पश्चात यूनिट्स आपके डिमेट अकाउंट में आ जायेंगे और आपके खाते से पैसा कट जाएगा। निवेशक एकमुश्त या एसआईपी द्वारा भी निवेश कर सकते हैं।

गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में अंतर (Difference Of Gold Bond And Gold ETF)

Gold Bond Aur Gold ETF Me Antar- निवेश के दृष्टिकोण से सोने को हमेशा से निवेश का एक अच्छा साधन माना जाता है| लेकिन अधिकांश लोग भौतिक रूप से सोना खरीदना ही पसंद करते हैं, जैसे ज्वैलरी, कॉइन्स, बिस्किट आदि| यदि हम गोल्ड में निवेश को लेकर बात करे तो गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ भी माध्यम हैं| ऐसे में सोने में निवेश के लिए कौन सा जरिया फायदेमंद है, इसके लिए हम आपको गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में अंतर बता रहे है, जो इस प्रकार है-

गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond)

1. कोई भी व्यक्ति गोल्ड बॉन्ड के रूप में 1 ग्राम से लेकर 4 किलो तक ही सोना खरीद सकते है

2. गोल्ड बॉन्ड में पांच वर्षों का लॉक-इन पीरियड है, इसके बाद ही इसे भुनाया जा सकता है

3. गोल्ड बॉन्ड खरीदने के 3 साल बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है| यदि तीन वर्ष से पहले विक्रय करते है, तो एप्लीकेबल स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगेगा

4. गोल्ड बॉन्ड पर कैपिटल गेन और ब्याज दोनों का लाभ लिया जा सकता है, साथ ही इस पर सॉवरेन गारंटी भी रहती है

5. गोल्ड बॉन्ड की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसे सेकंडरी मार्केट में बेचने पर लिक्विडिटी का इश्यू आता है

गोल्ड इटीएफ (Gold ETF)

1. गोल्ड इटीएफ के रूप में कोई भी व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम सोने से लेकर कितना भी निवेश कर सकता है, क्योंकि इसमें कोई अपर लिमिट नहीं है|

2. Gold ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है

3. गोल्ड इटीएफ पर भी 3 साल का होल्डिंग पीरियड पूरा करने के बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है, वहीं 3 साल से पहले बेचने पर एप्लीकेबल स्लैब रेट से टैक्स लगता है

4. Gold ETF में खरीद और बिक्री कभी भी की जा सकती है

5. गोल्ड इटीएफ की सबसे बड़ा माईनस पॉइंट यह है कि डीमैट चार्ज देना अनिवार्य है और कभी-कभी इसका वॉल्यूम बहुत लो रहता है

Gold म्यूचुअल फंड vs Gold ETF vs SGB: कहां निवेश करना है बेहतर?

सोने में कैसे करें निवेशः फिजिकल सोने रखने की बजाय गोल्ड ETF, गोल्ड म्यूचुअल फंड, सॉवरेन गोल्ड बोन्ड निवेश का एक अच्छा तरीका है.

  • Paurav Joshi
  • Publish Date - August 5, 2021 / 05:52 PM IST

Gold म्यूचुअल फंड vs Gold ETF vs SGB: कहां निवेश करना है बेहतर?

image: Unsplash, MCX पर सिल्वर का सितंबर डिलीवरी कॉन्ट्रैक्ट का भाव 359 रुपये या 0.56 फीसदी गिरकर 63,233 रुपये प्रति किलो पर चला गया.

अक्षय तृतीया, धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारो पर या कोइ भी शुभ दिन पर लोग ज्यादातर फिजिकल गोल्ड खरीदना पसंद करते है. लेकिन फिजिकल रुप में सोने को रखने से उसको स्टोर करना पडता है. ज्वेलरी बनाने में मेकिंग चार्जिस लगते हैं. सोने में मिलावट का भी खतरा रहता है तो सोने में निवेश के कइ और तरीके भी है जिसको हम अपना सकते हैं. जैसे गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF), गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold mutual funds) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB).

गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF)

गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) एक पैसिव इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट है जिसका उद्देश्य घरेलू सोने की कीमत को ट्रैक करना है. एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर है और इसकी प्योरिटी 99.5 फीसदी होती है. Gold ETF फिजिकल गोल्ड या गोल्ड माइनिंग/रिफाइनिंग वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. गोल्ड इटीएफ लिक्विडिटी बनाये रखने के लिए अपना कुछ हिस्सा यानी 0-10 प्रतिशत डेट सिक्युरिटीज में इंवेस्ट करते हैं.

गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट खाता (Demat Account) होना चाहिए. अगर आप कीमती धातु में निवेश करने के लिए कॉस्ट इफेक्टिव विकल्प तलाश रहे हैं तो गोल्ड ईटीएफ को सही विकल्प माना जाता है. ईटीएफ को एक्सचेंज पर सक्रिय रूप से खरीदा-बेचा जाता है. कीमतें अक्सर ट्रेडिंग एक्टिविटी पर निर्भर करती हैं. इस तरह गोल्ड ईटीएफ की कीमतें सोने से अलग होती हैं. गोल्ड इटीएफ में एक्सपेंस रेशियो करीब 0.5% से 1% होता है.

गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold mutual fund)

गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold mutual fund) फंड ऑफ फंड स्ट्रक्चर पर काम करता है जो मुख्य रूप से गोल्ड ईटीएफ में अंडरलाइन एसेट के रूप में निवेश करता है. आप सीधे ऑनलाइन मोड या गोल्ड और ईटीएफ डिस्ट्रीब्यूटर्स के माध्यम से गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. गोल्ड म्यूचुअल फंड निवेशकों को एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश करने की अनुमति देते हैं, लेकिन यह सुविधा गोल्ड ईटीएफ के साथ उपलब्ध नहीं है.

गोल्ड म्यूचुअल फंड में आप किस्तों में सोना खरीद सकते और इसका मूल्य NAV में प्रदर्शित होता है. इसमें 500 रुपए से शुरुआत कर सकते हैं. अगर आप कम पैसे में सोने में नियमित निवेश करने की तलाश कर रहे हैं तो एक गोल्ड फंड एक बेहतर और अच्छा विकल्प है, इसके अलावा एक्जिट लोड की बात करें तो एक साल के अंदर पैसा निकालने पर 1% से 2% एक्जिट लोड लग सकता है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)

इन बॉन्ड्स को आरबीआइ इश्यू करता है और ये काफी सिक्योर भी है इतना ही नहीं इस पर वार्षिक 2.5% ब्याज भी मिलता है. इटीएफ की तरह इसमें भी मिनिमम इंवेस्टमेंट 1 ग्राम का करना होगा. यदि बच्चों की उच्च शिक्षा शादी-विवाद के खर्च के लिए निवेश करना चाहते हैं तो गोल्ड बॉन्ड लंबी अवधि गोल्ड और ईटीएफ में बेहतर विकल्प है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमतें 24 कैरेट सोने की मौजूदा बाजार कीमतों से सीधे जुड़ी होती हैं. लेकिन, ज्यादातर एसजीबी अमूमन सोने की असली कीमतों से कम पर ट्रेड करते हैं. लो लिक्विडिटी इसका बड़ा कारण है. वैसे तो एसजीबी भी एक्सचेंजों पर ट्रेड करते हैं. खरीदार 8-12 फीसदी तक के डिस्काउंट पर गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं. गोल्ड बॉन्ड के साथ एक और फायदा यह है कि बॉन्ड पर कैपिटल गेंस पर पूरी तरह से टैक्स छूट है. शर्त यह है कि इन्हें आठ साल के लिए रखा जाए. इसको कोलेटरल रख कर आप लोन भी ले सकते हैं.

Mutual Fund: कम जोखिम के सा​थ बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपके लिए है एक अवसर

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नवभारत टाइम्स 4 दिन पहले

मुंबई

: अगर आप निवेश (Investment) के लिए किसी नए और बेहतर विकल्प की तलाश में हैं तो आपके पास अच्छा मौका है। बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड (

Baroda BNP Paribas Mutual Fund

) ने एक मल्टी एसेट फंड (Multi Asset Fund) लॉन्च किया है। इसमें इक्विटी, डेट और गोल्ड ईटीएफ में निवेश किया जाएगा। यह एक ओपन-एंडेड स्कीम है। इस फंड का प्रबंधन जितेंद्र श्रीराम और विक्रम पमनानी करेंगे। जितेंद्र श्रीराम के पस इस क्षेत्र में 25 साल से अधिक का अनुभव है जबकि विक्रम पमनानी के पास 12 साल से अधिक का अनुभव है।

क्या है स्कीम का उद्देश्य

इस स्कीम का उद्देश्य लंबी अवधि में निवेशकों को ग्रोथ देना है। इसलिए फंड का 65 से 80 फीसदी हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाएगा। इसके जरिए फिक्‍स्‍ड इनकम और गोल्‍ड ईटीएफ दोनों एसेट क्लास में 10-25 फीसदी, जबकि REITs और INVITs यूनिट्स 10 फीसदी आवंटन किया जाएगा। यह फंड का उद्देश्य इक्विटी, फिक्स्ड इनकम और गोल्ड ईटीएफ की पावर को संयोजित कर बेहतर रिटर्न हासिल करना है ही। साथ में इसके जरिए एक अलग एसेट एलोकेशन-आधारित पोर्टफोलियो स्‍ट्रेटेजी प्रदान करता है। जिसका उद्देश्य बाजार में तेजी के दौरान ग्रोथ ऑफर करना और गिरावट के दौरान सुरक्षा प्रदान करना है।

डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने का अवसर

बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के सीईओ सुरेश सोनी कहना है कि उनका फंड निवेशकों को अलग-अलग एसेट क्लास में अच्छी तरह से डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने का अवसर दे रहा है। यह पहली बार निवेश करने वालों और अनुभवी निवेशकों दोनों के लिए एक अच्छा निवेश विकल्प है। क्योंकि, यह कई स्‍ट्रैटेजी में निवेश, ट्रैकिंग और निवेश को बनाए रखने की परेशानी से बचाता है। यह उन निवेशकों के लिए भी बेहतर विकल्प है, जो सोने में आवंटन के साथ एसेट क्लास डायवर्सिफिकेशन और पोर्टफोलियो की तलाश कर रहे हैं।

कम जोखिम और बेहतर रिटर्न

फंड हाउस का कहना है कि जब फिक्स्ड गोल्ड और ईटीएफ इनकम की बात आती है, तो फंड अपेक्षाकृत कम क्रेडिट जोखिमों के साथ बेहतर रिटर्न देने के लिए डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स के हाई क्वालिटी वाले पोर्टफोलियो में निवेश करना चाहता है। फंड गोल्ड ईटीएफ में निवेश के जरिए निवेशकों के पोर्टफोलियो में गोल्ड को भी शामिल करता है। यह NFO निवेश के लिए खुल चुका है और 12 दिसंबर, 2022 को बंद हो जाएगा।

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