Dividend क्या होता है?

मार्केट में 10 से ज्यादा डिविडेंड यील्ड फंड्स हैं. डिविडेंड यील्ड फंड्स बेहतर है या नहीं ये समझने के लिए ऐसे फंड्स की तुलना सेंसेक्स और S&P BSE 500 से की जाती है.Dividend क्या होता है?
Share Market में Dividend और Dividend Yield क्या है?
What is dividend in stock market? What is dividend yield in stock market?
जब कोई व्यक्ति किसी भी तरह का निवेश उससे लाभ कमाने के लिए हीं करता है.
अगर आप भी share मार्केट में निवेश करते है तो dividend के बारे में आपको जानना बहुत जरुरी है.
शेयर खरीदते समय इसका ध्यान देना जरुरी होता है. जिससे अधिक income किया जा सके.
इसमें आप जान पाएंगे की की लाभांश क्या है? लाभांश के फायेदे, लाभांश का भुगतान, लाभांश के प्रकार, लाभांश के फार्मूला, Dividend Yield क्या है? Dividend Yield का फार्मूला.
Dividend क्या है? ( लाभांश क्या होता है? )
What is Dividend meaning in Hindi?
कंपनी द्वारा हुई मुनाफे में से कुछ अपने शेयरधारकों को किये जाने वाले नकद भुगतान को लाभांश (Dividend) कहते है.
कंपनी के स्टॉक में निवेश करते समय आप लाभांश के भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं.
सामान्य शेयरधारकों को दिया जाने वाला Dividend विभिन्न कंपनियों के अलग-अलग होता है.
सामान्य स्टॉक में निवेश करने के बाद शेयरों की कीमत बढ़ने पर कंपनी लाभांश के Dividend क्या होता है? रूप में एक बड़ी राशि का भुगतान करती है.
पसंदीदा स्टॉक में भुगतान एक पूर्व निर्धारित लाभांश का भुगतान किया जाता है.
Dividend का भुगतान
डिविडेंट का निर्धारण प्रति शेयर के मूल्य के आधार पर की जाती Dividend क्या होता है? है.
कंपनी अपने लाभ में से एक विशेष तिथि को शेयर धारकों में वितरित करती है.
कंपनी के निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद भुगतान के लिए शेयर के मूल्य, देय तिथि और रिकॉर्ड तिथि जारी होती है.
डिविडेंट के प्रकार
Types of dividend
डिविडेंट छह प्रकार के होते हैं
अधिकांश कंपनियां डिविडेंट को नकद भुगतान करती हैं.
नकद भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से सीधे कंपनी से शेयरधारक के खाते में भेजा जाता है.
कभी-कभी भुगतान चेक के माध्यम से भी किया जाता है.
स्टॉक डिविडेंड
स्टॉक डिविडेंट में शेयरधारकों के लिए नए शेयर जारी करके स्टॉक लाभांश का भुगतान किया जाता है.
कंपनी स्टॉक डिविडेंट को नकदी में परिवर्तित करने का विकल्प देती है.
संपत्ति डिविडेंड
कंपनियां शेयरधारकों को लाभांश के रूप में संपत्ति डिविडेंट देती है.
स्क्रिप डिविडेंड
कंपनी के पास डिविडेंट जारी करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं होने पर स्क्रिप (Scrip) डिविडेंट जारी करती है.
यानि भविष्य में किसी तिथि को भुगतान करने की वादा करती है.
यह फार्मा कंपनी देगी 1500 फीसदी का लाभांश, जानिए क्या है शेयर का भाव
मुंबई- चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में डिवीज लैबोरेट्रीज का शुद्ध फायदा 26 पर्सेंट बढ़कर 702 करोड़ रुपये रहा है। पिछले साल की समान अवधि में कंपनी को 557 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। जून 2022 तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू Dividend क्या होता है? करीब 15% बढ़कर 2254 करोड़ रुपये हो गया, जो कि एक साल पहले की समान अवधि में 1960 करोड़ रुपये था।
डिवीज लैबोरेट्रीज अपने निवेशकों को वित्तवर्ष 2021-22 के लिए 2 रुपये फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर 1500 पर्सेंट का लाभांश दे रही है। यानी, निवेशकों को हर शेयर पर 30 रुपये डिविडेंड के Dividend क्या होता है? रूप में मिलेंगे। लाभांश की रिकॉर्ड डेट 12 अगस्त 2022 है। इससे पहले, कंपनी ने अगस्त 2021 में 20 रुपये का फाइनल लाभांश दिया था। डिवीज लैब के शेयरों में इस साल अब तक करीब 20 पर्सेंट की गिरावट आई है।
डिवीज लैबोरेट्रीज के शेयरों ने शुरुआत से लेकर अब तक 41140 पर्सेंट का रिटर्न लोगों को दिया है। 13 मार्च 2003 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में कंपनी के शेयर 9.04 रुपये के स्तर पर थे। कंपनी के शेयर 12 अगस्त 2022 को बीएसई में 3728.20 रुपये के स्तर पर बंद हुए हैं।
Dividend kya hota hai?
डिविडेंड का हिंदी मतलब लाभांश होता है | लाभांश दो शब्दों से मिलकर बना है (लाभ + अंश) यानी कि प्रॉफिट का पार्ट | जब कोई कंपनी अपने नेट प्रॉफिट का हिस्सा अपने शेयर होल्डर के साथ शेयर करती है, तो उसे डिविडेंड कहते हैं | डिविडेंड देना या ना देना यह कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर तय करते हैं | डिविडेंड हमेशा फेस वैल्यू पर ही मिलता है, ना कि शेयर के प्राइस पर |
उदाहरण के लिए – मान लीजिए xyz नाम की कोई कंपनी है जिसके एक शेयर की कीमत ₹1,000 है, और कंपनी का फेस वैल्यू ₹10 है, और आपके पास उस कंपनी के 20 शेयर है | तो इस हिसाब से देखें तो 10 * 20 = ₹200 आपको डिविडेंड के रूप में मिलेंगे |
ध्यान दें – ज्यादातर कंपनी अपने फेस वैल्यू को ₹10 ही रखती हैं | इसका सीधा कारण है, कि कैलकुलेशन करने में आसानी रहती है | पर कुछ कंपनी के फेस वैल्यू इससे कम और ज्यादा भी हो सकते हैं |
Dividend के टाइप
Interim Type Dividend | Final Type Dividend |
जब कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स कंपनी का quarter रिजल्ट डिस्कस करते हैं, और अगर कंपनी ने अच्छा परफॉर्म किया है | तब आपको जो डिविडेंड मिलता है, उसे interim डिविडेंड कहते है, यह साल में एक बार भी मिल सकता है या कई बार भी मिल सकता है | | जब कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर कंपनी की एनुअल रिपोर्ट / रिजल्ट AGM(Annual General Meeting) में डिस्कस करते हैं, और अगर कंपनी ने अच्छा परफॉर्मेंस किया है, तब आपको जो डिविडेंड मिलता है, उसे final डिविडेंड कहते है | |
Interim type में डिविडेंड कम मिलता है, Final type डिविडेंड के कंपैरिजन में | | Final type में डिविडेंड ज्यादा मिलता है, Interim type डिविडेंड के कंपैरिजन में | |
ध्यान दें – Interim type डिविडेंड में कंपनी आपसे डिविडेंड वापस भी ले सकती है, अगर कंपनी को फाइनेंसियल ईयर में लॉस होता है | अब आप सोचेंगे डिविडेंड तो हमेशा बैंक अकाउंट में दिया जाता है, तो ऐसे में कंपनी आपसे डिविडेंड वापस कैसे ले सकती है? तो हम आपको बता दें कि अगर आपने कंपनी के शेयर होल्ड करके रखे हैं, तो कंपनी आपके शेयर को कम करके अपना लॉस पूरा करती है | | Final type डिविडेंड में कंपनी आपसे डिविडेंड वापस नहीं ले सकती | |
Dividend का लाभ लेने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
डिविडेंड का लाभ लेने के लिए हमें ex-dividend date से पहले शेयर को खरीद लेना चाहिए |
डिविडेंड पर शेयर के हिसाब से मिलता है, मतलब आपके पास जितने ज्यादा शेयर होंगे, उतना ही ज्यादा आप डिविडेंड का लाभ उठा सकते हैं |
उदाहरण के लिए – मान लीजिए किसी xyz कंपनी के 50 शेयर आपके पास हैं | और कंपनी ने ₹10 के हिसाब से डिविडेंड देने की घोषणा की, तो इस तरह 10 * 50 = ₹500 आपने डिविडेंड से कमाए |
इसके दो कारण है – जब प्रॉफिटेबल कंपनी को लगता है, कि नेट प्रॉफिट को कंपनी की ग्रोथ में लगाया जा सकता है | तो कंपनी डिविडेंड नहीं देती या कम देती है, और जब प्रॉफिटेबल कंपनी को लगता है, कि नेट प्रॉफिट को कंपनी की ग्रोथ में लगाना मुश्किल है | तब वह डिविडेंड देती है |
Dividend Yield क्या होता है?
डिविडेंड यील्ड एक तरह का मेथड है जिससे हम यह जान सकते हैं, की किसी कंपनी ने कितना ज्यादा या कम डिविडेंड दिया है | इसका यूज करके हम बहुत ही आसानी से दो कंपनी का कंपैरिजन कर सकते हैं |
डिविडेंड यील्ड का फार्मूला होता है – Dividend per share/Current market price of one share *100
उदाहरण के लिए मान लीजिए – एक xyz नाम की कंपनी है, और एक abc नाम की कंपनी है | आइए दोनों का कंपैरिजन करते हैं, कि कौन सी कंपनी हमें ज्यादा डिविडेंड कमाने का मौका दे रही है, और कौन सी कम |
xyz Dividend क्या होता है? Dividend क्या होता है? कंपनी | abc कंपनी |
xyz कंपनी का शेयर प्राइस ₹1,000 है, और फेस वैल्यू ₹10 है | इस कंपनी ने 200% डिविडेंड देने की घोषणा की है | | abc कंपनी का शेयर प्राइस ₹3000 है, और फेस वैल्यू ₹10 ही है | इस कंपनी ने भी 200% डिविडेंड देने की घोषणा की है | |
आइए इसे डिविडेंड यील्ड फॉर्मूले से समझते हैं – | |
xyz कंपनी का डिविडेंड यील्ड होगा = 10/1,000*100 = 1% | abc कंपनी का डिविडेंड यील्ड होगा = 10/3,000*100 = 0.66% |
टाटा AMC के फंड मैनेजर क्या कहते हैं
टाटा डिविडेंड यील्ड फंड का संचालन टाटा एसेट मैनेजमेंट के फंड मेनेजर शैलेश जैन के पास है. जैन के मुताबिक, उनका फंड ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करेगा और इस तरह से मार्केट के ग्रोथ एवं वैल्यू सेगमेन्ट्स का अच्छा मिक्स का फायदा उठाएगा. जैन कहते हैं कि, तगड़ा डिविडेंड देने वाली कंपनियां उतार-चढ़ाव भरे बाजार के दौरान ज्यादा सुरक्षा प्रदान करती हैं और जब मार्केट स्थिर होता है तो ब्रॉडर मार्केट से ज्यादा रिटर्न देती हैं.
टाटा एसेट मैनेजमेंट के CEO (इक्विटी) और डिविडेंड यील्ड फंड (Tata Dividend Yield Fund) के सह-फंड मैनेजर राहुल सिंह का कहना है कि, “मीडियम टर्म में कंपनियों के नतीजों में दिखी अच्छी रिकवरी और कम इंटरेस्ट रेट को ध्यान में रखकर हम ये फंड लाए हैं. अर्थव्यवस्था की हालात और मार्केट का मौजूदा वैल्यूएशन देखते हुए शेयर बाजार में बड़े उतार-चढ़ाव की आशंका बनी हुई है.”
क्या होता है डिविडेंड?
डिविडेंड यील्डिंग कंपनियों के पास अच्छा कैश-फ्लो होता है, बिजनेस में स्थिरता होती है. इसलिए शेयर का प्रदर्शन भी स्टेबल रहता है. कंपनी के कुल मुनाफे में से निवेशकों को दिया गया हिस्सा डिविडेंड कहलाता है. डिविडेंड प्रति शेयर के हिसाब से दिया जाता है. यानी जिस निवेशक के पास जितने अधिक शेयर होंगे उसकी डिविडेंड रकम उतनी ही अधिक होगी. लगातार बेहतर डिविडेंड का रिकॉर्ड रखने वाली कंपनी में निवेश सुरक्षित माना जाता है.
डिविडेंड यील्ड से शेयर में सुरक्षित रिटर्न का अंदाजा मिलता है. यानी डिविडेंड यील्ड जितना ज्यादा होगी, निवेश उतना ही सुरक्षित होगा. 4% से ज्यादा डिविडेंड यील्ड वाली कंपनियां ही डिविडेंड के आधार पर बेहतर मानी जाती है. शेयर के भाव के अनुपात में कंपनी निवेशक को कितना डिविडेंड दे रही है यही है डिविडेंड यील्ड.
Share Market: पुराने शेयर और डिविडेंड पाने का सबसे आसान तरीका, जानिए पूरा प्रोसेस
सरकार ने आईईपीएफ की स्थापना 2016 में की थी। (फोटो: रॉयटर्स)
करीब 20 साल पहले शेयर बाजार आज की तरह डिजिटल नहीं था। तब लोगों को शेयर खरीदने पर भौतिक प्रमाण पत्र (Physical certificate) दिए जाते थे। ऐसे में लंबे समय के लिए निवेशकों को कई सालों तक शेयरों के भौतिक प्रमाण पत्र को संभाल कर रखना पड़ता था।
सरकार के सामने कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें निवेशकों ने किसी शेयर में निवेश किया और निवेश सालों पुराना होने के कारण निवेशक भूल गए। इस दौरान उस कंपनी के शेयर ने शेयर बाजार में काफी अच्छा रिटर्न दिया, जिसके बाद निवेशकों को अपने शेयर को डीमेट अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए इधर-उधर चक्कर काटने पड़ते थे। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार ने निवेशक शिक्षा एवं सुरक्षा निधि (आईईपीएफ) की स्थापना की है। आइए जानते हैं आईईपीएफ क्या है? कैसे आप अपने पुराने शेयर और डिविडेंट को क्लेम कर सकते हैं।