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Top trending stock: शुक्रवार को 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच इस सरकारी कंपनी का स्टॉक

: कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच आज घरेलू शेयर बाजारों में भी सुस्ती देखी गई। दिलचस्प बात यह है कि आज फंडामेंटली स्ट्रांग शेयर मूल्य मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में मजबूत खरीदारी देखी गई। ऐसा ही एक स्टॉक है भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (NSE कोड: BHEL) का। आज इसमें भारी मात्रा में खरीदारी देखी गई। इससे इसका शेयर छह फीसदी से भी ज्यादा उछल गया है।

तकनीकी रूप से, स्टॉक 57-सप्ताह के कप और हैंडल पैटर्न से ऊपर-औसत वॉल्यूम के साथ टूटा है। शुक्रवार के कारोबारी सत्र के दौरान, स्टॉक ने 52-सप्ताह के उच्च स्तर को चिह्नित किया। सभी मूविंग एवरेज एक अपट्रेंड में हैं और सभी शेयर मूल्य टाइमफ्रेम में तेजी दिखाते हैं। 14-दिवसीय आरएसआई स्टॉक में अत्यधिक मजबूती का संकेत देता है, जबकि बढ़ता एमएसीडी हिस्टोग्राम स्टॉक में मजबूत गति का संकेत देता है। मोमेंटम ऑसिलेटर्स भी इसके सकारात्मक पक्ष को ही दर्शाता है।

YTD के आधार पर, स्टॉक ने अपने शेयरधारकों को 50% से अधिक रिटर्न दिया। इसमें भेल के शेयरों ने अपने अधिकांश पीयर्स को भी पीछे छोड़ दिया। वर्तमान में, NSE पर BHEL का शेयर मूल्य 90 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। लंबी अवधि के निवेशकों के साथ-साथ मोमेंटम ट्रेडर्स को भी आगामी कारोबारी सत्रों में इस स्टॉक को ट्रैक करना चाहिए।

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शेयर बाजार में आठ दिन से जारी तेजी पर विराम, सेंसेक्स 416 अंक शेयर मूल्य लुढ़का

मुंबई, दो दिसंबर (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों में पिछले आठ कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर शुक्रवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स करीब 416 अंक टूट गया। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और मुनाफावसूली से बाजार नुकसान में रहा।

तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 415.69 अंक यानी 0.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 62,868.50 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 604.56 अंक तक टूट गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 116.40 अंक यानी 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,696.10 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, हिंदुस्तान युनिलीवर, मारुति, नेस्ले इंडिया, एचडीएफसी, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस और पावरग्रिड प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।

दूसरी तरफ, टाटा स्टील, डॉ. रेड्डीज, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक और एचसीएल टेक्नोलॉजीज लाभ में रहने वाले शेयरों में शामिल हैं।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और बड़ी कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली से बाजार में तेजी पर विराम लगा। बाजार में वाहन शेयरों में अगुवाई में गिरावट आई। निर्यात कम रहने से वाहनों की बिक्री का आंकड़ा उम्मीद से कम रहा है…।’’

पिछले आठ दिनों की तेजी में बीएसई सेंसेक्स 2,139.35 शेयर मूल्य अंक यानी 3.49 प्रतिशत चढ़ा था।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘हाल की तेजी के बाद बाजार में मुनाफावसूली रही और इससे इसमें आधा प्रतिशत की गिरावट आई।’’

हालांकि बीएसई ‘मिडकैप’ और ‘स्मॉलकैप’ दोनों क्रमश: 0.80 प्रतिशत और 0.70 प्रतिशत मजबूत हुए।

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट बृहस्पतिवार को नुकसान में रहा था।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 86.77 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत शेयर मूल्य निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 1,565.93 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Upcoming IPO: पैसों के साथ हो जाएं तैयार, 9 तारीख को आ रहे हैं दो और आईपीओ, जानें- इनके बारे में

Upcoming IPOs: बाजार में दो नए आईपीओ आने वाले हैं। आईपीओ की तलाश में रहने वालों के लिए निवेश करने का यह अच्ची मौका होगा। आने वाले नए आईपीओ में एक तो आर्कियन केमिकल इंडस्ट्रीज (Archean Chemical Industries) और फाइव स्टार बिजनेस फाइनेंस (Five Star business finance) कंपनी के शेयर मूल्य आईपीओ शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यह दोनों ही आईपीओ आने वाली 9 तारीख को खोले जाएंगे।

Archean Chemical Industries: स्पेशलिटी केमिकल कंपनी आर्कियन केमिकल इंडस्ट्रीज ने 3 नवंबर को अपनी आगामी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश के लिए 386-407 रुपये प्रति शेयर का मूल्य बैंड तय किया। ऑफर सब्सक्रिप्शन के लिए 9 नवंबर को खुलने जा रहा है और आखिरी तारीख 11 नवंबर होगी। एंकर बुक 7 नवंबर को एक दिन के लिए लॉन्च की जाएगी।

कंपनी पब्लिक इश्यू के जरिए 1,462.3 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है, जिसमें 805 करोड़ रुपये के शेयरों का ताजा इश्यू और प्रमोटरों और निवेशकों द्वारा 1.61 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश शामिल है।

कंपनी के प्रमोटर केमिकास स्पेशलिटी एलएलपी ओएफएस के माध्यम से 20 लाख शेयर बेचने जा रहे हैं और शेष 1.41 करोड़ शेयर निवेशकों पीरामल नेचुरल रिसोर्सेज और इंडिया रिसर्जेंस फंड स्कीम I और स्कीम II द्वारा बेचे जाएंगे।

Five Star Business Finance: डीलरों ने कहा कि फाइव स्टार बिजनेस फाइनेंस लिमिटेड के निवेशक थोड़े उदास हैं क्योंकि कंपनी ने अपने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की कीमत गैर-सूचीबद्ध बाजार मूल्य से कम रखी है।

असूचीबद्ध बाजार में दक्षिण स्थित ऋणदाता का शेयर मूल्य 525-530 रुपये प्रति शेयर है, जबकि आईपीओ मूल्य बैंड 450-474 रुपये प्रति शेयर पर तय किया गया है, जो मौजूदा गैर-सूचीबद्ध मूल्य से लगभग 10.6 प्रतिशत कम है।

असूचीबद्ध बाजार में स्टॉक अक्टूबर 2021 में 730 रुपये प्रति शेयर के हाल के शिखर से लगभग 35 प्रतिशत नीचे है। आईपीओ, जो बिक्री के लिए एक शुद्ध प्रस्ताव है, सब्सक्रिप्शन के लिए 9 नवंबर को खुलेगा और 11 नवंबर को बंद होने की तारीख है।

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पर्सनल फाइनेंस: आप शेयर बाजार में रिटेल और नए निवेशक हैं तो आपको यस बैंक जैसे स्टॉक को जरूर समझना चाहिए, जानिए आपका पैसा कैसे खत्म हुआ

यस बैंक के हाल में आए एफपीओ में भी निवेशकों की दिलचस्पी नहीं रही। यह एफपीओ महज 95प्रतिशत ही भर पाया था - Dainik Bhaskar

आप अगर बाजार में रिटेल निवेशक हैं। आपने हाल में या पहले से भी निवेश किया है तो आपको यस बैंक जैसे शेयरों को जरूर जानना चाहिए। एक ऐसा बैंक जो देश में निजी क्षेत्र में चौथा बड़ा बैंक था। कभी 400 रुपए इसका शेयर हुआ करता था। लेकिन महज एक दो साल में इस शेयर ने निवेशकों की सारी कमाई गंवा दी। बीच-बीच में मौका मिला तो निवेशकों की लालच बढ़ी और इसी लालच में जो भी मिला वो भी गंवा दिए।

किसी शेयर में कैसे नफा और नुकसान का आंकलन करें?

शेयर बाजार में विश्लेषकों की एक बहुत प्रसिद्ध राय है। राय यह कि आप उन कंपनियों में निवेश करें जिनका मैनेजमेंट, बैलेंसशीट और गवर्नेंस अच्छा हो। साथ ही आप लालच मत करें। यानी आपको एक औसत रिटर्न मिला तो आपको निकल जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आप जितना ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करेंगे, उतना ही उसमें जोखिम भी होगा। लेकिन देखा ऐसा जाता है कि ज्यादातर निवेशक लालच में फंस जाते हैं। आज अगर कोई शेयर 10 रुपए पर है तो वे उसे 12 रुपए पर देखते हैं।

साथ ही वे निवेश तब करते हैं जब शेयर काफी महंगे स्तर पर पहुंच जाते हैं। या फिर रातों रात दोगुना की लालच में सस्ते 5-10 रुपए वाले शेयरों पर दांव लगाते हैं। जैसा कि हाल में देखा गया है। नए और रिटेल निवेशकों ने इन्हीं स्टॉक पर दांव लगाए हैं।

यस बैंक का शेयर कैसा रहा?

यह शेयर एक महीने पहले शेयर मूल्य 28 रुपए पर था और आज 11.10 रुपए पर है। इसने पिछले हफ्ते एफपीओ के जरिए करीबन 13,000 शेयर मूल्य करोड़ रुपए जुटाए। एफपीओ का मूल्य 12 से 13 रुपए था। अब यह शेयर उससे नीचे है। यानी जिन लोगों ने एफपीओ में खरीदा, वो भी नुकसान में हैं। जिन्होंने उससे पहले जब भी खरीदा होगा वो भी नुकसान में हैं। तो फायदा किसे हुआ? यह भी जानिए।

यस बैंक के एफपीओ में फायदा किसने कमाया

सबसे ज्यादा फायदा एसबीआई ने कमाया है। यह इसलिए क्योंकि जब यस बैंक का शेयर मार्च में टूटकर 5.55 रुपए के निचले स्तर पर पहुंचा तो एसबीआई के कंसोर्टियम में कई बैंकों ने इसमें पैसे लगाए। एसबीआई को सबसे ज्यादा 48 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी मिली। साथ में एक्सिस, आईसीआईसीआई और अन्य बैंक भी थे। एफपीओ में एसबीआई ने अपनी होल्डिंग घटाकर 30 प्रतिशत कर दी। इसने मार्च में 10 रुपए प्रति शेयर पर 7,250 करोड़ रुपए लगाया था।

अब चार महीने बाद एसबीआई ने एफपीओ में 18 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी 13 रुपए में बेच दी। यानी उसे चार महीने में 20-25 प्रतिशत का रिटर्न मिल गया। हालांकि इसके साथ ही अन्य बैंकों ने भी हिस्सेदारी बेची है।

यस बैंक में नुकसान किसे हुआ?

यस बैंक में मुख्य रूप से नुकसान रिटेल निवेशकों को हुआ है। बहुत सारे निवेशकों ने उस समय इसमें पैसे लगाए जब यह शेयर 400 रुपए या 300 रुपए तक था। वहां से जब शेयर टूटना शुरू हुआ तो काफी निवेशकों ने यह सोचकर निवेश किया कि अब आधा कीमत पर मिल रहा है और रिटर्न मिलेगा। इस तरह से निवेशक लगातार इसमें निवेश करते गए। यहां तक कि 30 रुपए,50 रुपए, 80 रुपए पर भी खरीदी होती गई। लेकिन बात तब पलटी, जब शेयर मूल्य एसबीआई ने इसमें हिस्सेदारी खरीदी। यहां पर 5 रुपए का शेयर एक बार फिर 89 रुपए तक 10 दिन में पहुंचा। यहीं पर निवेशक फिर फंसे।

निवेशकों को लगा कि अब यह शेयर फिर से 200 जाएगा। लेकिन जिन लोगों ने शेयर को 5 से 89 तक पहुंचाया, वे तुरंत बेचकर निकल गए। शेयर फिर से आज उसी स्तर पर आ गया है।

शेयर में इतना उतार-चढ़ाव क्यों होते गया

यस बैंक को शुरू से ही पैसे की जरूरत थी ताकि वह आरबीआई के नियमों के मुताबिक काम कर सके। जब इसकी पैसे की जरूरत अब एफपीओ के जरिए पूरी हो गई तो फिर शेयर मूल्य शेयर क्यों टूट रहा है? विश्लेषकों के मुताबिक इसमें सेबी को जांच करना चाहिए कि यह 5 रुपए का शेयर किस आधार पर 89 रुपए पर गया और फिर किस आधार पर 11 रुपए पर आ गया है। अगर एसबीआई के नाम पर यह 89 तक गया तो एसबीआई अब भी इसमें है। पर शेयर क्यों टूट रहा है?

सेबी का क्या नजरिया है

वैसे खबर है कि सेबी एफपीओ में कुछ ब्रोकरों की जांच कर रही है। कारण कि एफपीओ खुलने से पहले ही इसमें काफी शेयर बेचे गए थे। एक महीने पहले यह 28 रुपए पर शेयर था। 10 दिन पहले यह 18 रुपए पर था। आखिर क्यों यह शेयर एफपीओ के बाद भी टूटकर 11 रुपए पर आ गया।

सात कारोबारी दिन से लगातार टूट रहा है शेयर

यस बैंक के शेयरों में लगातार सातवें कारोबारी सत्र में गिरावट आई है। यस बैंक का शेयर गिरकर एफपीओ प्राइस से नीचे आ गया है। इसमें हर दिन लोअर सर्किट लग रहा है। इस साल अब तक यस बैंक के शेयर 76 फीसदी गिर चुके हैं। एफपीओ का फ्लोर प्राइस जारी होने के बाद यस बैंक के शेयर 56 फीसदी गिर चुके हैं।

जून तिमाही में महज 45 करोड़ का लाभ हुआ

बैंक को जून तिमाही में महज 45 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है। एक साल पहले समान तिमाही में हुए 114 करोड़ रुपए के लाभ की तुलना में यह 60 प्रतिशत कम है। बैंक का ग्रॉस एनपीए इसी दौरान 16.8 से बढ़कर 17.3 प्रतिशत हो गया है। शुद्ध एनपीए 5.03 से घटकर 4.96 प्रतिशत रहा है। इनमें सॉल्वेंसू, कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो और रेगुलेटरी जरूरतें भी शामिल हैं। इससे पहले गुरुवार को भी यस बैंक के शेयरों में 20 फीसदी का लोअर सर्किट लगा।

यस बैंक के एफपीओ के लिए जिन संस्थागत निवेशकों (क्यूआईबी) ने बोली लगाई थी उनमें एसबीआई, एलआईसी, आईआईएफएल, एचडीएफसी लाइफ, शेयर मूल्य पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, यूनियन बैंक, बजाज होल्डिंग्स, एवेंडस वेल्थ मैनेजमेंट, इफ्फको टोकियो जनरल इंश्योरेंस आदि हैं।

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