शुरुआती लोगों की मुख्य गलतियाँ

तरीके और व्यापार रणनीतियों

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गुजरात: बीजेपी की रैलियों का रेला, लेकिन चुपचाप प्रचार कर रही कांग्रेस, जानें- AAP की भी रणनीति

नई दिल्ली। गुजरात चुनावों में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। बीजेपी-कांग्रेस के बीच दशकों पुराने सियासी संग्राम में इस बार आम आदमी पार्टी भी कूद पड़ी है। तीनों दल इसके लिए एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं। बीजेपी जहां रैलियों का रेला लगा रही है, वहीं कांग्रेस गुपचुप तरीके से चुनाव प्रचार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बीजेपी कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने को कहा है। राज्य में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होने हैं।

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प्रधान मंत्री तरीके और व्यापार रणनीतियों नरेंद्र मोदी ने एक रैली में गुजरात भाजपा कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने की चेतावनी दी और कहा,"भले ही वे (कांग्रेस) रैलियां न करें या जनसभाएं और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित न करें, वे चुपचाप काम कर रहे हैं, इसलिए सतर्क रहें।"

मोदी कांग्रेस की खटला बैठकों या अनौपचारिक बैठकों का जिक्र कर रहे थे। विपक्षी पार्टी, कांग्रेस- जिसने 2017 में भाजपा के खिलाफ एक जोरदार लड़ाई लड़ी थी और 1995 के बाद पहली बार बीजेपी को 99 सीटों पर सिमटने को मजबूर कर दिया था- इसबार चुपचाप काम कर रही है। हालांकि, अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप ने पीएम मोदी के गृहराज्य में एक उत्साही अभियान शुरू किया है।

कांग्रेस पार्टी ने बड़ी रैलियों या रोड शो के बजाय घर-घर प्रचार करने से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी-छोटी सभाओं को संबोधित करने तक अपने अभियान को केंद्रित किया है। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि कांग्रेस की इस रणनीति में बदलाव पैसे की कमी के कारण है या कोर वोटर्स पर ध्यान केंद्रित करने का एक सुविचारित फैसला है। हालांकि, कांग्रेस आश्वस्त दिखती है।

कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल कहते हैं, “हर पार्टी अपनी रणनीति के साथ आती है। हमारे कोर ग्रुप ने काफी होमवर्क के बाद सोचा कि इससे बेहतर नतीजे मिलेंगे। चुपचाप काम करने का मतलब यह नहीं है कि हम निष्क्रिय हैं।” गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी कहते हैं, 2017 में हमने बीजेपी को 99 पर रोका था, इस बार हम 125 पर पहुंचेंगे।

उधर, चुनाव को त्रिकोणीय बनाने वाली आम आदमी पार्टी राज्य में दिल्ली मॉडल लागू करते हुए बड़ी-बड़ी रैलियां और रोड शो करने से लेकर मुफ्त उपहार और गारंटी देने तक, सब कुछ कर रही है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने गुजरातियों को दिल्ली मॉडल की पेशकश करते हुए सौराष्ट्र में कहा, "कोई अन्य पार्टी आपसे स्कूलों, अस्पतालों, बिजली, रोजगार के बारे में बात करने नहीं आती है। हमारी एकमात्र पार्टी है, जो ऐसा कर रही है।" केजरीवाल ने कहा, “पहले, गुजरात के लोगों के पास कोई विकल्प नहीं था। किसी भी सरकार ने बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य के असली मुद्दों पर बात नहीं की। विधानसभा चुनाव के नतीजे सभी को चौंका देंगे।”

आप की गुजरात चुनाव में एंट्री ने न सिर्फ लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है बल्कि बीजेपी को ड्रॉइंग बोर्ड पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया है। बीजेपी अपने घोषणा पत्र पर जनता की राय जानने के लिए अभियान चला रही है। यह आप के "अपना मुख्यमंत्री चुनें" अभियान का ही अनुसरण है।

शनिवार से आम लोगों के लिए खुलेगा अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) यहां प्रगति मैदान में 14 नवंबर से शुरू भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) शनिवार से आम जनता के लिए खुलेगा। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) ने शुक्रवार को बयान में यह कहा।

व्यापार मेला के शुरुआती पांच दिन व्यापारियों के लिए खुले थे।

आईटीपीओ ने बयान में कहा, ''''मेले का समय सुबह 10.00 बजे से लेकर शाम 07.30 बजे तक है और 27 नवंबर को यह सुबह 10.00 बजे से लेकर शाम 04.30 बजे तक रहेगा।''''
संगठन ने कहा कि जनता तरीके और व्यापार रणनीतियों को किसी भी असुविधा से बचने के लिए मेट्रों स्टेशनों और आईटीपीओ की वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन टिकट खरीदने की सलाह दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन को छोड़कर 67 चुनिंदा मेट्रों स्टेशनों पर टिकट की बिक्री की जा रही है।

बयान में कहा गया है कि प्रगति मैदान के प्रवेश द्वार पर मेले के लिये टिकट की बिक्री नहीं हो रही है।

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टेरर फंडिंग के लिए सोशल मीडिया का बढ़ता दुरुपयोग

ऐसे समय में जब सभी प्रकार के आतंकी गतिविधियां बढ़ रहीं हैं, काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग पर ‘ नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन से उपयुक्त कोई मंच नहीं हो सकता है। आतंकी संगठनों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने के लिए वैश्विक रूप से स्वीकृत तंत्र की अनुपस्थिति, क्रिप्टो करेंसी का खतरा, फर्जी खबरों का बढ़ता खतरा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संयुक्त सहयोग की बढ़ती मांग को बयां करता है। इसलिए, जब पीएम मोदी ने आतंकवाद से निपटने में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता से बचने की पुरजोर वकालत की और आतंकवाद को विदेश नीति के एक उपकरण के रूप में उपयोग करने वाले राष्ट्रों के खिलाफ चेतावनी दी, तो उनका व्यापक स्वागत हुआ।

दशकों से आतंकवाद ने अलग-अलग नाम और रूप में भारत को अस्थिर करने की कोशिश की है। हालांकि दुनिया ने जब खुद इसका सामना किया, तब इसे गंभीरता से लिया। लगभग 75 देशों, बहुपक्षीय संगठनों और 450 प्रतिनिधियों से मिलाकर बना यह कार्यक्रम (नो मनी फॉर टेरर) दुनिया के लिए आतंकवादी साधनों पर विचार करने का एक बड़ा अवसर है, क्योंकि ये आतंवादी साधन मानवता के अस्तित्व को ही खतरे में डालते हैं। दुनियाभर में आतंकवाद के प्रभाव से हजारों कीमती जीवन पहले ही नष्ट हो चुके हैं। आतंकवाद का दीर्घकालिक प्रभाव गरीबों और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर विशेष रूप से अधिक होता है। इस व्यापक प्रभाव में पर्यटन, व्यापार या सेवाएं मुख्य रूप से शामिल हैं। इस खतरे ने हजारों लोगों की आजीविका को भी तहस-नहस कर दिया है।

आज दुनिया जिस तरह से आतंक से प्रभावित है, वो टेररिज्म फाइनेंसिंग के नए तरीकों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की मांग करती है, जिसमें आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनल, उभरती हुई प्रौद्योगिकियां, क्राउड-फंडिंग, अप्राप्य वित्तपोषण, बहु-हितधारक दृष्टिकोण और कभी-कभी गैर-सरकारी संगठनों का दुरुपयोग शामिल है। सभी को यह समझना चाहिए कि आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता, यह केवल मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला है। चूंकि आतंकवाद की तरीके और व्यापार रणनीतियों कोई सीमा नहीं होती है, केवल एक समान, एकीकृत और ठोस संकल्प ही इसे हरा सकता है।

एक आतंकवादी को हथियारों और तत्काल सामरिक प्रतिक्रियाओं से निष्प्रभावी किया जा सकता है, लेकिन उनकी जड़ों और फाइनेंस को नष्ट करने का उद्देश्य एक बड़ी रणनीति के बिना नहीं हासिल होने वाला। आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए एक व्यापक, सक्रिय और प्रणालीगत प्रतिक्रिया की आवश्यकता है, लेकिन दु:ख की बात यह है कि इसे लेकर कुछ देश इसे बनने नहीं दे रहे हैं। यहां आतंकवाद राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता के प्रमुख स्रोतों में से एक बन जाता है। कुछ देश अपनी विदेश नीति के हिस्से के रूप में आतंकवादियों का समर्थन करते हैं, लेकिन वे इस बात से अनजान हैं कि वे अंततः उसी आतंकवादी रणनीति के शिकार बनेंगे। दुनिया अब इस तथ्य से अवगत है कि छद्म युद्ध कभी काम नहीं आया।

इस जटिल वातावरण को UNSC, FATF, वित्तीय खुफिया इकाइयों और अन्य के माध्यम से आसान बनाया जा सकता है, जिससे अवैध धन प्रवाह की रोकथाम और पता लगाने में सहयोग बढ़ाया जा सके। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आतंकवादियों को विभिन्न देशों के कानूनी सिद्धांतों, प्रक्रियाओं और प्रक्रियाओं में मतभेदों का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जिसे सरकारों के बीच गहन समन्वय, सहयोग और समझ के माध्यम से रोका जा सकता है। संयुक्त अभियान, खुफिया समन्वय और प्रत्यर्पण आतंक, कट्टरता और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में बहुत मदद कर सकते हैं। हाल ही में, भारत ने नई दिल्ली में इंटरपोल की महासभा, मुंबई में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति के एक विशेष सत्र और ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन का आयोजन करके अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। जिस तरह से भारत इस सम्मेलन के माध्यम से आतंकी फंडिंग के खिलाफ वैश्विक गति बनाने में मदद कर रहा है, अब हम इस विस्फोटक खतरे के कुछ क्रिएटीव समाधान की उम्मीद कर सकते हैं।

ऑस्ट्रेलियाई संसदीय समिति की भारत के साथ व्यापार समझौते को मंजूरी की सिफारिश

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (एआई-ईसीटीए) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की आवश्यकता है। भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी देता है।
ऑस्ट्रेलियाई संसद की तरफ से शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘समझौतों पर संयुक्त स्थायी समिति ने ऑस्ट्रेलिया सरकार को एआई-ईसीटीए की पुष्टि करने की सिफारिश की है।’’
समिति के चेयरमैन जोश विल्सन एमपी ने कहा कि भारत के साथ समझौते को जल्द मंजूरी मिलने से आगे व्यापार, बाजार पहुंच, निवेश और नियमन का मार्ग प्रशस्त होगा जिसके लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है।

समिति ने हालांकि, परामर्श की सीमा और गुणवत्ता, वार्ता की पारदर्शिता और व्यापार समझौतों के स्वतंत्र मॉडलिंग और विश्लेषण की कमी के बारे में चिंता व्यक्त की है।

समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को शून्य सीमा शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई उत्पाद ऐसे हैं जिस पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है।
वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8.3 अरब डॉलर का माल निर्यात तथा 16.75 अरब डॉलर का आयात किया था।

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सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा फिल्म आधारित 'शरारत से सफलता तक' पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित

उद्यमियों को अपनी ताकत की पहचान करनी चाहिए और नैतिक रूप से व्यवसाय करना चाहिएः चिराग देसाई

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने सोमवार को फिल्म-आधारित प्रशिक्षण सत्र के हिस्से के रूप में इसे और अधिक रोचक बनाने के लिए उद्यमियों के लिए एक ज्ञान आधार सत्र का आयोजन किया। 'शरारत से सफल तक' पर एक प्रशिक्षण सत्र 14 नवंबर, 2022को शाम 6:00 बजे समृद्धि, नानपुरा, सूरत में आयोजित किया गया था। जिसमें सूरत के एक प्रशिक्षक और तरीके और व्यापार रणनीतियों प्रबंधन सलाहकार चिराग देसाई ने फिल्म बदमाश कंपनी से आवश्यक सामग्री और प्रस्तुति के माध्यम से व्यवसायियों को उनकी ताकत की पहचान करने और व्यवसाय में नैतिक रूप से अभ्यास करने के लिए निर्देशित किया।

फिल्में मनोरंजन के साथ व्यवसाय में सफलता के लिए प्रोत्साहीत भी करती हैः बोडावाला

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वर्षों से फिल्में बहुत महत्वपूर्ण रही हैं। फिल्में न केवल लोगों को मनोरंजन का मंच प्रदान करती हैं बल्कि उन्हें जीवन और व्यवसाय में सफलता की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करती हैं।

उद्यमियों को अपनी ताकत की पहचान करनी चाहिए

प्रवक्ता चिराग देसाई ने कहा कि फिल्म के अभिनेता शाहिद कपूर को तरीके और व्यापार रणनीतियों अपने पिता अनुपम खेर की तरह इस फिल्म में काम करना पसंद नहीं है लेकिन वह बिजनेस में सफल होना चाहते हैं। इससे पता चलता है कि आज की युवा पीढ़ी विभिन्न व्यवसायों में उद्यम करना चाहती है। वह अपने जुनून में करियर बनाना चाहता है और स्टार्ट-अप करना चाहता है लेकिन उसे घर से आर्थिक मदद नहीं मिलती है। लेकिन एक व्यवसाय केवल पैसे से ही नहीं बल्कि एक अच्छे विचार से भी शुरू किया जा सकता है, इसलिए उद्यमियों को अपनी ताकत की पहचान करनी चाहिए और व्यवसाय में उनका सकारात्मक उपयोग करना चाहिए। उन्हें व्यवसाय की व्यावसायिक संस्कृति में धीरे-धीरे अपना विकास करना चाहिए।

चार दोस्त गलत तरीके से बिजनेस में तरीके और व्यापार रणनीतियों जाते हैं और मुश्किल में पड़ जाते हैं

फिल्म में दिखाया गया है कि जब चार दोस्त एक साथ बिजनेस शुरू करते हैं और तरीके और व्यापार रणनीतियों बिजनेस डील करने के लिए विदेश जाते हैं, तो उन्हें भाषा की बाधा का सामना नहीं करना पड़ता है। इससे हमें पता चलता है कि कोई भी चीज हमें बिजनेस करने से नहीं रोक सकती। फिल्म की शुरुआत में चार दोस्त गलत तरीके से बिजनेस में चले जाते हैं और वे मुश्किल में पड़ जाते हैं। तब वे सफल होते हैं जब वे अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हैं और सिद्धांतों और कानूनों के अनुसार व्यवसाय करते हैं। इसलिए व्यापार हमेशा सरकार की गाइड लाइन और कानूनों का पालन करते तरीके और व्यापार रणनीतियों हुए करना चाहिए। व्यापार नैतिक रूप से करना चाहिए।

व्यवसाय में सफल होने के लिए गणनात्मक जोखिम उठाना पड़ता है

उन्होंने आगे कहा कि व्यापार में सम्मान के साथ सफलता जरूरी है। व्यवसाय में आपके साथ जुड़े भागीदारों या कर्मचारियों को निकाल नहीं दिया जाना चाहिए। क्योंकि उनका सहयोग और सहयोग मिलने से व्यवसाय में सफलता मिल सकती है, इसलिए अतीत में की गई गलतियों को सुधार कर नए विचारों पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यवसाय में उचित प्रस्तुतिकरण भी आवश्यक है। व्यवसाय में सफल होने के लिए गणनात्मक जोखिम उठाना पड़ता है। किसी व्यवसाय को विकसित करने के लिए ब्रांडिंग, मार्केटिंग और रणनीति बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी क्षेत्र का ज्ञान और अनुभव जीवन में हमेशा उपयोगी होता है।

मृणाल शुकल ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर पूरे कार्यक्रम का संचालन किया

चैंबर के ग्रुप चेयरमैन मृणाल शुकल ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर पूरे कार्यक्रम का संचालन किया। चैंबर की सॉफ्ट स्किल्स डेवलपमेंट कमेटी के सदस्य शैलेश खवानी ने स्पीकर का परिचय दिया। चेंबर के मानद कोषाध्यक्ष भावेश गढ़िया ने सर्वेक्षण का धन्यवाद करते हुए सत्र का समापन किया।

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