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व्यापारी की बुरी आदतों से बचें

व्यापारी की बुरी आदतों से बचें
आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से हार्ट अटैक भी एक ऐसी बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है। हृदय रोग को आमतौर पर उम्र बढ़ने की समस्या माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में युवा भी इस गंभीर बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। पिछले साल अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला, लोकप्रिय कन्नड़ फिल्म अभिनेता पुनीत राजकुमार का भी दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।

काम के तनाव से कैसे बचें? तनाव के कुछ कारण और टिप्स उससे बचने के लिए।

क्या है काम का तनाव? आज के समय में हम सभी इस तनाव से गुज़रते हैं। क्या हमें अपने जीवन में कुछ बदलने की ज़रूरत है या परिस्थितियों के साथ समझौता करते रहें?

तनाव क्या है?

जब आप Google करते हैं – काम व्यापारी की बुरी आदतों से बचें के तनाव से बचने के तरीके/ या स्ट्रेस से – तो आपको तकरीबन 7 करोड़ परिणाम मिलते हैं। लेकिन अधिकतर लिंक या लेख लक्षणों का इलाज बताते हैं न कि कारण का।

हम काम से होने वाले तनाव को एक छोटा सा हिस्सा मानकर चलते हैं। लेकिन वास्तव में वह हमारे पूरे जीवन पर असर डालता है। हमारे संसाधनों, भावनाओं, उर्जा और बुद्धि पर लगातार होने वाली माँगों से हमारा पूरा जीवन ही प्रभावित होता है। यह माँगे हमें शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक तौर पर प्रभावित करती हैं।

और इसका इलाज हर रोज़ ध्यान या योग करना नहीं है। काम से होने वाले तनाव को दूर करने के लिए हमें उसके कारणों को समझना होगा।

आइए जानें क्या आपको काम की टेंशन इन में से किन्हीं कारणों से हो रहा है:

1. काम की अवास्तविक माँग: क्या आपके दफ़्तर में पर्याप्त स्टाफ है? क्या आपको अक्सर वो काम करने पड़ते हैं जो आपकी ज़िम्मेदारी का हिस्सा नहीं हैं? आप हर रोज़ कितने घंटे काम करने के आदि हैं? अगर आप पर क्षमता से अधिक काम लादा गया है तो यह आपके तनाव का मुख्य कारण है।

2. काम पर नियंत्रण: या ऑफ़िस में आपका समय किसी तरह से बर्बाद होता है? जैसे सोशल मीडिया पर, या मुलाक़ातों में। क्या आपके पास हर रोज़ काम ख़त्म करने का पर्याप्त समय होता हैं? क्या आपको आपका काम ठीक तरह से समझाया जाता है? इन सवालों से जानने की कोशिश कीजिए की आपका, आपके काम पर कितना नियंत्रण है। क्या आपको काम की टेंशन रहती है?

3. ग़लत आदतें: आप किस तरह से काम करते हैं ? क्या आप हर रोज़ एक सूची बनाते हैं? क्या आपको हर रोज़ मालूम होता है की आपको आज कौन से काम निपटाने है? क्या आपकी प्राथमिकतायें निर्धारित हैं? कौन यह प्राथमिकतायें निर्धारित करता है? क्या आप बहुत अधिक समय ईमेल का जवाब देने, चेटिंग करने या सोशल मीडिया पर बिताते हैं?

4. काम के प्रति समर्थन और समर्पण: क्या आपको अपना काम पसंद है? क्या आपको अपने काम की लगन पर नाज़ है? क्या आपको ऑफ़िस में अपने मैनेजर या सहकर्मियों का समर्थन मिलता है? इन बातों से यह पता चलता है कि तनाव की वजह आपके काम का तरीका है या परिस्थितियाँ।

5. सहकर्मियों से आपके संबंध: आप अकेले काम करना पसंद करते हैं या समूह के साथ? आपके अपने सह-कर्मियों के साथ या मैनेजर के साथ संबंध कैसे हैं? क्या आप दूसरों की मदद करते हैं और क्या आपको मदद मिलती है? अगर आप नौकरी करते हैं तो यह सवाल ज़रूरी हैं क्योंकि ऑफ़िस में आप चाहें या न चाहें, आपको सबके साथ मिलकर ही काम करना होता है।

6. बॉस का व्यवहार: कई बार आप को तनाव सिर्फ़ इसलिए होता है क्योंकि हर रोज़ आपको अपने बॉस के साथ निपटना पड़ता है। हो सकता है आप हर रोज़ एक अहंकारी और कठिन सीनियर या बॉस के साथ काम कर रहे हों और वो आपके तनाव को बढ़ा रहे हों।

अब इन सवालों के जवाब आपकी ज़हन में हैं। अब आपको यह कदम उठाने होंगे:

1. काम के प्रति मकसद पहचानिए: आप यह काम, नौकरी या व्यापार किसी वजह से कर रहें है। वो वजह पहचानिए और उसे याद रखिए। यह वजह हो सकती है पैसा जिस से आप अपने परिवार का पालन पोषण करना चाहते हैं, जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं या कुछ पाना चाहते हैं। अगर यह नौकरी आपको अपने मकसद में मदद करती हैं तो उसके प्रति एक सकारात्मक रवैया चुनिए। हर नौकरी में उतार चढ़ाव आते हैं। अगर इस नौकरी की वजह से आपको अपनी मनपसंद की चीज़ें मिलती हैं व्यापारी की बुरी आदतों से बचें तो आपको अपने काम को खुशी से करना चाहिए। बाइबिल कहती है:

“इस से अधिक कुछ अच्छा नहीं कि मनुष्य अपने कामों में आनंदित रहे क्योंकि उसका भाग यही है।”
– साभोपदेशक 3: 22

2. ना बोलना सीखिए: अगर सीनियर या मैनेजर आपको क्षमता या समय से अधिक काम लगातार दे रहें हैं तो उनसे बात कीजिए। उनको अपने तनाव के बारे में स्पष्ट रूप से कह दीजिए। आप इंसान हैं भगवान नहीं। आपको ना कहने का हक है।

3. ग़लत आदतें छोड़िये: आपको अगर किसी तरह के नशे की आदत है जैसे धूम्रपान, शराब – तो जान लीजिए कि यह तनाव दूर नहीं करते सिर्फ़ उसको कुछ देर के लिए भुला देते हैं। आप तनाव की वजह से अपनी सेहत और शायद करियर को बर्बाद कर रहें हैं। साथ ही दिन में वो सारी चीज़ें जो आपके समय की बर्बादी करती हैं – उनको निकाल बाहर करिए। बाइबिल कहती है:

“कामकाजी लोग प्रभुता करते हैं, परंतु आलसी बेगार में पकड़े जाते हैं।”
– नीतिवचन 12: 24

4. सीमायें और प्राथमिकतायें बनाइए: हर रोज़ अपने समय और काम की सीमा निर्धारित कीजिए। हर रोज़ के काम की सूची बनाने के साथ हर महीने के काम की गिनती कीजिए। जो ज़्यादा ज़रूरी काम हैं उनको पहले करने की योजना बनाइए।

5. काम और जीवन में संतुलन: कभी भी अपनी कंपनी या मैनेजर को यह मत लगने दीजिए कि आप घर पर या अवकाश के दिनों में भी काम हाथ में ले सकते हैं। कभी भी अपने काम को अवकाश या परिवार के समय के बीच ना आने दीजिए। अपने समय का इस्तेमाल कसरत करने में, घूमने में या परिवार के साथ समय बिताने में दीजिए। काम की ज़ादा टेंशन ना लीजिये।

6. ईमानदारी से काम कीजिए: जितना समय आप ऑफ़िस या काम में बिताते हैं उसे पूरे मन से कीजिए। उस में कभी भी बेईमानी करने से बचिए। मैं मानती हूँ की मैं अपना काम लोगों के लिए नहीं करती बल्कि अपने जीवित परमेश्वर के लिए करती हूँ और वो मुझे हर समय देख रहा है। हमें ईमानदारी का फल ज़रूर मिलता है। बाइबिल में लिखा है:

बेईमानी से कमाया माल नहीं टिकता; परंतु जो अपने परिश्रम से बटोरता है, उसकी बढ़ती होती है।”
– नीतिवचन 13: 11

7. खुद की खुशी के लिए काम कीजिए: आप जब ईमानदारी से काम करते हैं तो इस बात से फ़र्क नहीं पड़ना चाहिए की लोग क्या सोचते हैं। अगर आप अपने काम से खुश हैं तो लोगों की वजह से तनाव मत पालिए। बाइबिल में लिखा है:

“जो कुछ भी तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझकर कि मनुष्यों के लिए नहीं परंतु प्रभु के लिए करते हो।”
– कुलूसियों 3:23

8. प्रार्थना कीजिए: अगर आप अपनी आदतों को बदल नहीं पा रहे हैं, या अपनी परिस्थिति या मैनेजर से परेशान हैं तो प्रार्थना कीजिए। इस से आपका ध्यान अपनी समस्या से उठकर परमेश्वर की ओर जाता है। ऐसे में आप अपनी कमज़ोरी को बारीकी से देख पाते हैं। परमेश्वर आपको समझ देता है और आपके तनाव को दूर करता है।

दोस्तों अगर आपको तनाव के बारे में अब भी कोई सवाल है तो हमें लिखिए।आओ एक नयी मंज़िल की ओर चले।

व्यापारी की बुरी आदतों से बचें

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Save Money: इन 5 आदतों से जेब रहती है हमेशा खाली, तुरंत करें बदलाव

Haryana Update. Bad Habits and Losing Money: कई बार ऐसा होता है कि ज्यादा कमाई के बावजूद महीने के अंत तक जेब खाली हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है कि कमाई बढ़ने के साथ ही हम खर्चे भी बढ़ाते जाते हैं और सेविंग पर ध्यान नहीं देते हैं।

लेकिन, क्या आपको पता है कि किन आदतों की वजह से आपके पास पैसा नहीं टिकता है? तो चलिए हम आपको उन बुरी आदतों के बारे में बताते हैं, जिन्हें आपको तुरंत बदल देना चाहिए।

इन 5 आदतों से जेब रहती है हमेशा खाली, तुरंत करें बदलाव

हाथों का मैल होता है पैसा: अक्सर आपने सुना होगा कि पैसा हाथों का मैल होता है और जितना मिलता है खर्च करते रहे। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो अपनी सोच और आदत को तुरंत बदल डालिए, क्योंकि इससे अच्छी कमाई करने वाले लोगों की भी जेब महीने के अंत में खाली हो जाती है।


कमाई से ज्यादा खर्च करना: 'चादर जितनी बड़ी हो, पैर उतने ही फैलाने चाहिए' ये कहावत तो आपने भी सुनी होगी। पैसे के मामले में जो इस मुहावरे को फॉलो नहीं करते हैं, उन्हें पैसों की तंगी से गुजरना पड़ता है। इसलिए, कमाई के हिसाब से पैसे खर्च करने चाहिए और सेविंग पर ध्यान देना चाहिए।

शौकिया शॉपिंग से बचें: कुछ लोगों को शौकिया शॉपिंग करने की आदत होती है और बिना जरूरत की चीज की खरीदते रहते हैं। ऐसे लोगों को अक्सर पैसों की किल्लत आती है। अगर आपकी भी यही आदत है तो इसे तुरंत बदल डालिए और कोशिश करें कि सोच-समझकर सिर्फ वही चीजें खरीदें, जिनकी सचमुच जरूरत है।

शो ऑफ करने से बचें:

आजकल ज्यादातर लोग दिखावे के चक्कर में महंगी-महंगी चीजें खरीदते हैं और फिर महीने के व्यापारी की बुरी आदतों से बचें आखिर तक उनकी जेब खाली हो जाती है। इसलिए, शो ऑफ करने से बचें और सेविंग करने पर ध्यान दें।

रोजाना पार्टी से बचें:

कुछ लोगों की आदत रोजाना पार्टी करने और बाहर खाने की होती है, जिसमें मोटा पैसा खर्च होता है। अगर आपकी भी ऐसी आदत है तो इसे कंट्रोल करने की कोशिश कीजिए और पैसे बचाने की कोशिश करें।

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इन 3 बुरी आदतों से आज ही बचें, नहीं तो आपको हो सकता है दिल का दौरा

महिलाओं में हृदय रोग को बढ़ाने वाले 10 आश्चर्यजनक कारक - Boldsky.com

आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से हार्ट अटैक भी एक ऐसी बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है। हृदय रोग को आमतौर पर उम्र बढ़ने की समस्या माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में युवा भी इस गंभीर बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। पिछले साल अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला, लोकप्रिय कन्नड़ फिल्म अभिनेता पुनीत राजकुमार का भी दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।

क्यों होता है दिल का दौरा?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। इस प्रकार की रुकावट आमतौर पर वाहिकाओं में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के जमा होने के कारण होती है। हम अनजाने में हर दिन कुछ ऐसे काम करते हैं जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है, इसके बारे में जानना और इससे बचना सभी के लिए जरूरी है। अपनी आदतों में सुधार करके हम अपने दिल के दौरे के खतरे को कई गुना कम कर सकते हैं। उनके बारे में नीचे जानिए।

आदतें जो बढ़ाती हैं हार्ट अटैक का खतरा
1. वजन को नियंत्रण में न रखना
इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग मोटापे या अधिक वजन होने की समस्या से परेशान रहते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे दिल के दौरे के जोखिम वाले कारकों में से एक मानते हैं। MyHealth के अनुसार मोटापा उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स, उच्च रक्तचाप और मधुमेह के जोखिम को बढ़ाता है, ये सभी दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ाते हैं। यही कारण है कि अपने दिल के दौरे के जोखिम को कम करने के लिए समय पर वजन कम करें।

हार्ट अटैक पीड़ितों के लिए प्राथमिक उपचार - Boldsky.com

2. धूम्रपान और तनाव
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग धूम्रपान करते हैं और अधिक तनाव में रहते हैं उन्हें दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। वास्तव में, धूम्रपान से धमनियों में समय-समय पर पट्टिका का निर्माण होता है, धमनियों को संकुचित करता है और हृदय में रक्त के प्रवाह को कम करता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह अधिक तनाव लेने से भी रक्तचाप की समस्या बढ़ जाती है, जिसे हृदय रोग के प्रमुख कारक के रूप में देखा जाता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ तनाव न लेने और धूम्रपान से दूर रहने की सलाह देते हैं।

3. शारीरिक निष्क्रियता
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप आरामदेह जीवन पसंद करते हैं तो यह आदत आपके दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकती है। इसमें कोई शक नहीं कि शारीरिक निष्क्रियता से हृदय रोग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब शरीर निष्क्रिय रहता है तो धमनियों में वसायुक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं। यदि आपके हृदय तक रक्त ले जाने वाली धमनियां क्षतिग्रस्त या अवरुद्ध हो जाती हैं, तो इससे दिल का दौरा पड़ सकता है। यही कारण है कि सभी लोगों को प्रतिदिन व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। योगासन और नियमित व्यायाम से दिल के दौरे और हृदय रोग के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

दिल का दौरा पड़ने के लक्षण
– सीने में दर्द बढ़ जाना
– पसीना आना
– साँसों की कमी
– उल्टी, जी मिचलाना
– चक्कर आना
-अचानक थकान
– छाती व्यापारी की बुरी आदतों से बचें के बीचोंबीच कुछ देर के लिए तेज दर्द, भारीपन या संकुचन
– दिल से कंधे, गर्दन, हाथ और जबड़े में दर्द

Chanakya Niti: मनुष्य की इन बुरी आदतों से मां लक्ष्मी हो जाती हैं रुष्ट, घर में सदैव रहता है धन का अभाव

आचार्य चाणक्य के अनुसार चोरी करना सबसे बुरी आदत है। ऐसे लोगों को कभी भी समाज में सम्मान प्राप्त नहीं होता।

Chanakya Niti: मनुष्य की इन बुरी आदतों से मां लक्ष्मी हो जाती हैं रुष्ट, घर में सदैव रहता है धन का अभाव

इन आदतों के कारण रूठ जाती हैं धन की देवी मां लक्ष्मी

महान अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य को लगभग सभी विषयों की गहराई से समझ थी। चाणक्य जी ने अपने नीतियों के बल पर ही एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया था। आचार्य चाणक्य की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक मानी जाती है, सुनने में यह भले ही मुश्किल लगें हालांकि माना जाता है कि अगर व्यापारी की बुरी आदतों से बचें एक बार व्यक्ति चाणक्य जी की नीतियों को अपने जीवन में उतार ले तो वह सुख से अपनी जिंदगी व्यतीत करता है।

चाणक्य जी ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसी आदतों का जिक्र किया है, जिनके कारण धन की देवी मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं। ऐसी आदत वाले लोगों के घरों में कभी भी मां लक्ष्मी का वास नहीं होता।

चोरी: आचार्य चाणक्य के अनुसार चोरी करना सबसे बुरी आदत है। ऐसे व्यक्ति कभी भी समाज में सम्मान नहीं प्राप्त कर पाते। चोरी करते हुए पकड़े जाने पर ना सिर्फ इन्हें दंड मिलता है बल्कि यह अपने कुल का नाम भी मिट्टी भी मिला देते हैं। जिन लोगों में चोरी की आदत होती हैं, उनसे मां लक्ष्मी कभी भी प्रसन्न नहीं रहतीं। ऐसे लोगों को धन कमाने के लिए बड़ी जद्दोजहद व्यापारी की बुरी आदतों से बचें व्यापारी की बुरी आदतों से बचें करनी पड़ती है, साथ ही चोरी किया गया हुआ धन भी मुसीबत पड़ने पर काम नहीं आता।

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झूठ बोलना: चाणक्य जी का मानना है कि व्यक्ति को झूठ बोलने से बचना चाहिए। क्योंकि झूठ बोलने से ना सिर्फ दूसरे का आप पर से विश्वास टूट जाता है बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त नहीं होती। ऐसे में व्यक्ति को अपने झूठ बोलने की आदत तुरंत बदल देनी चाहिए।

लालच: लालची व्यक्ति किसी का सगा नहीं होता। समाज में इन्हें कभी सम्मान प्राप्त नहीं होता और ना ही इनके घर में लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे लोग अपने लालच में इतने अंधे हो जाते हैं तो वह रिश्ते और नाते भूलकर केवल अपने फायदे के बारे में सोचते हैं। हालांकि जब ऐसे लोगों की सच्चाई दूसरों के सामने आती है तो सभी इनसे दूरी बना लेते हैं।

इन 3 बुरी आदतों से आज ही बचें, नहीं तो आपको हो सकता है दिल का दौरा

महिलाओं में हृदय रोग को बढ़ाने वाले 10 आश्चर्यजनक कारक - Boldsky.com

आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से हार्ट अटैक भी एक ऐसी बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है। हृदय रोग को आमतौर पर उम्र बढ़ने की समस्या माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में युवा भी इस गंभीर बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। पिछले साल अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला, लोकप्रिय कन्नड़ फिल्म अभिनेता पुनीत राजकुमार का भी दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।

क्यों होता है दिल का दौरा?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। इस प्रकार की रुकावट आमतौर पर वाहिकाओं में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के जमा होने के कारण होती है। हम अनजाने में हर दिन कुछ ऐसे काम करते हैं जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है, इसके बारे में जानना और इससे बचना सभी के लिए जरूरी है। अपनी आदतों में सुधार करके हम अपने दिल के दौरे के खतरे को कई गुना कम कर सकते हैं। उनके बारे में नीचे जानिए।

आदतें जो बढ़ाती हैं हार्ट अटैक का खतरा
1. वजन को नियंत्रण में न रखना
इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग मोटापे या अधिक वजन होने की समस्या से परेशान रहते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे दिल के दौरे के जोखिम वाले कारकों में से एक मानते हैं। MyHealth के अनुसार मोटापा उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स, उच्च रक्तचाप और मधुमेह के जोखिम को बढ़ाता है, ये सभी दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ाते हैं। यही कारण है कि अपने दिल के दौरे के जोखिम को कम करने के लिए समय पर वजन कम करें।

हार्ट अटैक पीड़ितों के लिए प्राथमिक उपचार - Boldsky.com

2. धूम्रपान और तनाव
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग धूम्रपान करते हैं और अधिक तनाव में रहते हैं उन्हें दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। वास्तव में, धूम्रपान से धमनियों में समय-समय पर पट्टिका का निर्माण होता है, धमनियों को संकुचित करता है और हृदय में रक्त के प्रवाह को कम करता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह अधिक तनाव लेने से भी रक्तचाप की समस्या बढ़ जाती है, जिसे हृदय रोग के प्रमुख कारक के रूप में देखा जाता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ तनाव न लेने और धूम्रपान से दूर रहने की सलाह देते हैं।

3. शारीरिक निष्क्रियता
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप आरामदेह जीवन पसंद करते हैं तो यह आदत आपके दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकती है। इसमें कोई शक नहीं कि शारीरिक निष्क्रियता से हृदय रोग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब शरीर निष्क्रिय रहता है तो धमनियों में वसायुक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं। यदि आपके हृदय तक रक्त ले जाने वाली धमनियां क्षतिग्रस्त या अवरुद्ध हो जाती हैं, तो इससे दिल का दौरा पड़ सकता है। यही कारण है कि सभी लोगों को प्रतिदिन व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। योगासन और नियमित व्यायाम से दिल के दौरे और हृदय रोग के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

दिल का दौरा पड़ने के लक्षण
– सीने में दर्द बढ़ जाना
– पसीना आना
– साँसों की कमी
– उल्टी, जी मिचलाना
– चक्कर आना
-अचानक थकान
– छाती के बीचोंबीच कुछ देर के लिए तेज दर्द, भारीपन या संकुचन
– दिल से कंधे, गर्दन, हाथ और जबड़े में दर्द

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