रुझान आईडी

5 सट्टा-बाजार का रुझान, यूपी में फिर भाजपा सरकार: 210-230 सीटें भाजपा को दे रहे सटोरिए, हार-जीत पर 300 करोड़ से ज्यादा का सट्टा लगा
यूपी में विधानसभा चुनाव की वोटिंग पूरी हो चुकी है। अब 10 मार्च को आपके यानी जनता के रुझान आईडी फैसले का इंतजार है। अबकी बार किसकी सरकार? इसका काउंटडाउन शुरू हो चुका है। फिलहाल, एग्जिट पोल के बीच यूपी, एमपी समेत 5 राज्यों के सट्टा बाजार में भाजपा का भाव हाई है। सट्टा बाजार के ट्रेंड के मुताबिक सपा यूपी की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। सिर्फ यही नहीं, पांचों सट्टा बाजार में सबसे कम सीटें कांग्रेस को दी जा रही हैं। सटोरियों के मुताबिक यूपी की सत्ता के सिरमौर पर 300 करोड़ से ज्यादा का सट्टा लग चुका है।
सट्टा बाजार में राजनीतिक पार्टियों पर चल रहे भाव को समझने के लिए हमने राजस्थान का फलौदी सट्टा बाजार, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और मुंबई के सट्टा बाजार के सटोरियों से बात की। सभी बाजार भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें मिलने की बात कह रहे हैं।
भाजपा को 220 से 226 सीटें दे रहा सट्टा बाजार
अगर थोड़ा डिटेल में जाएं तो फलौदी सट्टा बाजार में भाजपा को 223 से 230 सीटें दी गई हैं। सपा के खाते में 135 से 145 सीटें दी गई हैं। वहीं, गुजरात का सट्टा बाजार का अनुमान है कि यूपी में भाजपा 220 से 226 सीटें लेकर आ रही है। जबकि सपा को 135 से 140 सीटें मिल पा रही हैं। इसी तरह बाकी राज्यों के सट्टा बाजार में कमल ही खिला हुआ नजर आ रहा है। सपा को दूसरी बड़ी पार्टी के तौर पर बताया जा रहा है। सभी सट्टा बाजार में सबसे कम सीटें कांग्रेस के खाते में डाली गई हैं।
ऑनलाइन चाहे ऑफलाइन कैसे भी पैसे लगा लो
चुनाव चाहे विधानसभा का हो या लोकसभा का। घोषणा, मतदान से लेकर नतीजों पर सटोरिए अलग-अलग भाव तय करते हैं। पार्टी और प्रत्याशियों की हार-जीत पर सट्टा लगता है। सीटों के गणित पर सट्टा लगता है। सट्टा इस बार भी लगा है, वह भी करोड़ों में। सट्टा ऑफ लाइन और ऑन लाइन दोनों तरह से लगवाया जाता है।
सट्टा लगाने के लिए कई वेबसाइट हैं। इनके एजेंट को मास्टर लॉगिन आईडी और पासवर्ड 5 से 25 लाख में लेना होता है। फिर एजेंट सट्टा लगाने वालों से पैसे लेकर उनकी सब आईडी बनाकर दे रहे हैं। इससे लॉगिन करते ही स्क्रीन पर पार्टियों के हार-जीत का अनुमान सामने आ जाता है। जो अनुमान सटीक लगता है, लोग अपने हिसाब से उस पर सट्टा लगा सकते हैं।
भाव खोलने से पहले सटोरिए भी करवाते हैं सर्वे
बता दें कि इन सटोरियों के तार पूरे देश से जुडे़ हुए हैं। जहां चुनाव होता है, वहां के भाव खोलने से पहले सटोरिए पहले अपने स्तर पर उस राज्य का सर्वे करवाते हैं। इनके आदमी उन राज्यों व प्रमुख क्षेत्रों में होने वाली राजनीतिक गतिविधियों का हर दिन अपडेट देते हैं। इसी के आधार पर ही यहां भाव खुलते हैं।
जनवरी में यूपी विधानसभा चुनावों की घोषणा के तत्काल बाद सट्टा बाजार ने किसी भी पार्टी का स्पष्ट आकलन नहीं दिया था। जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ता गया, सट्टा बजार से सीटों के अनुमान और जीत-हार पर दांव लगाने के दाम बाहर आने लगे। अब सातों चरण का मतदान निपटने के बाद सट्टा बाजार ने जीत-हार का गणित बताना शुरू कर दिया है।
सटोरियों की भाषा में इसे सेशन कहा जाता है। सेशन यानी किसी पार्टी की जीत-हार के साथ सीटों की संख्या भी बताना। इन्हीं सीटों पर यस या नो करने पर दांव लगाते हैं। यस मतलब बताई गई सीटें आ रही हैं और नो मतलब उतनी सीटें नहीं आ रहीं।
उदाहरण के तौर पर फलौदी के सट्टा बाजार में भाजपा की 223 से 230 सीटों के साथ जीतने का दांव लगता है। इन दोनों में से किसी एक फिगर पर यस या नो करना होता है। जैसे अगर आप एक हजार रुपए का दांव लगाकर 223 पर यस करते हैं और भाव 1.20 का चल रहा है तो इतनी या इससे ज्यादा सीटें आने पर आपको 200 रुपए का मुनाफा होगा। वहीं, इससे कम सीटें आने पर पूरे एक हजार रुपए चले जाएंगे। इसी तरह अगर आप 223 पर नो करते हैं और 223 से ज्यादा सीटें आ जाती हैं तो आपके 200 रुपए डूब जाएंगे, लेकिन 223 से कम सीटें आती हैं तो आपको बदले में एक हजार रुपए मिल जाएंगे।
Link Voter ID with Aadhaar: घर बैठे वोटर आई़़डी को आधार से करें लिंक, ये रहा स्टेपवाइज प्रोसेस
Link Voter ID with Aadhaar: चुनाव आयोग ने वोटर आईटी कार्ड को आधार से लिंक करने की मुहिम शुरू की है.
वोटर आईडी या इलेक्शन फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) को आधार कार्ड के साथ लिंक करना अनिवार्य नहीं है. चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई मतदाता अपना आधार नहीं दे रहा है तो उसका नाम मतदाता सूची से हटाया नहीं जाएगा.
Link Voter ID with Aadhaar: चुनाव आयोग ने वोटर आईटी कार्ड को आधार से लिंक करने की मुहिम शुरू की है. चुनाव आयोग के मुताबिक इस मुहिम का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता सूची में जो नाम हैं, वह सही है. इसके अलावा इससे पता चल सकेगा कि कोई शख्स एक से अधिक क्षेत्रों में मतदाता या एक ही क्षेत्र से एक से अधिक बार रजिस्टर्ड तो नहीं हैं.
EPIC को रुझान आईडी आधार से ऑनलाइन मोबाइल के जरिए ऐसे करें लिंक
- सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर (एंड्रॉयड यूजर्स) या ऐप स्टोर (आईफोन यूजर्स) से Voter Helpline App डाउनलोड करके इंस्टॉल करना होगा.
- इंस्टॉल करने के बाद इस ऐप को खोलें और “I agree” और फिर “Next” पर क्लिक करें.
- कई ऑप्शंस दिखेंगे जिसमें से पहले विकल्प “Voter Registration” पर क्लिक करें.
- “Electoral Authentication Form (Form6B)” और फिर “Lets Start” को चुनें.
- अपना मोबाइल नंबर भरें और “Send OTP” पर क्लिक करें.
- ओटीपी भरें और फिर इसके बाद “Verify” पर क्लिक करें.
- इसके बाद पहला विकल्प “Yes I have voter ID” और फिर “Next” पर क्लिक करें.
- अब अपना वोटर आईडी नंबर भरें और राज्य चुनें.
- इसके बाद “Fetch Details” और “Proceed” पर क्लिक करें.
- स्क्रीन पर जो डिटेल्स मांगी जा रही है, उसे भरें और “Next” पर क्लिक करें.
- इसके बाद आधार नंबर, मोबाइल नंबर, अपने स्थान की डिटेल्स दें और फिर “Done” पर क्लिक करें.
- फॉर्म 6बी का प्रिव्यू पेज दिखेगा.
- सभी डिटेल्स चेक करें और फॉर्म को सबमिट करने के लिए “Confirm” पर क्लिक करें.
- कंफर्म होने के बाद फॉर्म 6बी का रिफरेंस नंबर प्राप्त होगा.
- फॉर्म-6बी चुनाव आयोग के साथ अपना आधार नंबर साझा करने का फॉर्म है और यह nvsp.in पर भी उपलब्ध है.
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आधार से वोटर आईडी से लिंक करना जरूरी नहीं
वोटर आईडी या इलेक्शन फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) को आधार कार्ड के साथ लिंक करना अनिवार्य नहीं है.चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई मतदाता अपना आधार नहीं दे रहा है तो उसका नाम मतदाता सूची से हटाया नहीं जाएगा. बता दें कि पिछले साल दिसंबर 2021 में संसद में चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 को मंजूरी मिली थी जिसके तहत आधार को वोटर आईडी से लिंक किया जा रहा है. इसके तहत मतदारात सूची में मतदाताओं की पहचान के लिए स्वेच्छा से आधार को वोटर आईडी से लिंक करने का प्रावधान किया गया है.
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भिलाई दुर्ग मे पत्रकारिता के तरफ बढ़ रहा अवैध कारोबारियों का रुझान,लकड़ी तस्कर से लेकर कबाड़ीयों तक के पास मौजूद प्रेस आईडी कार्ड
दुर्ग/भिलाई: जिले मे अवैध कारोबारियों मे पत्रकारिता मे आने की होड़ मची है।इसका प्रमुख कारण ये है की इन अवैध करोबारियों को लगता है की अगर इनके पास प्रेस आईडी कार्ड मौजूद हो तो इनका ये अवैध कारोबार अच्छे से संचालित हो सकेगा इसी की आड़ मे आराम से इन अवैध कार्यों को अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है। इसी रुझान की वहज से अब 8वी फेल अवैध कारोबारी भी प्रेस कार्ड बनवाने को ललाहित है इनकी पत्रकार बनने की इक्षा को देखते हुए कुछ मीडिया कारोबारियों द्वारा मुँह मांगी क़ीमत पर इन अवैध कारोबारियों को प्रेस कार्ड तथा माइक आईडी जारी भी कर दिया गया है।जिसका ये अवैध कारोबारी जमकर दोहन कर रहे है।कार्ड बनते ही अब ये 8वी फेल अवैध लकड़ी से लेकर कबाड़ी कारोबारी खुद को पत्रकार बता अधिकारीयों को अपनी पत्रकारिता की धौंस देते हुए डरा धमका रहे है। जो पत्रकारिता के लिए ये खतरे की घंटी है। पैसा लेकर इन अवैध कारोबारियों को प्रेस आईडी देने का ये खेल बढ़ता ही जा रहा है। इस खेल पर तत्काल लगाम लगाने की जरूरत है। नहीं तो वो दिन दूर नहीं ज़ब शहर मे हर अपराधी के गले मे प्रेस कार्ड लटकता मिलेगा। बिना जनसंपर्क विभाग की जानकारी के बहुत सारे लोग अपने आप को पत्रकार बता कर दुर्ग भिलाई में घूम रहे हैं तथा अवैध वसूली एवं अवैध कारोबार कर रहे हैं
Aazad Bharat News Follow on Twitter Send an email August 27, 2022 Last Updated: August 27, 2022
Gold Outlook: इस बार धनतेरस से बड़ी उम्मीद, जानें क्या हैं गोल्ड के दाम और कैसा रह सकता है कारोबार
Gold Outlook this Diwali: आभूषण उद्योग को इस साल धनतेरस पर बढ़िया कारोबार की उम्मीद है, हालांकि वे सतर्क रुख के साथ चल रहे हैं, लेकिन कारोबार को लेकर उनका पॉजिटिव अप्रोच बना हुआ है.
आभूषण उद्योग को इस साल धनतेरस पर बढ़िया कारोबार की उम्मीद है, हालांकि वे सतर्क रुख के साथ चल रहे हैं, लेकिन कारोबार को लेकर उनका पॉजिटिव अप्रोच बना हुआ है. सतर्कता इसलिए है क्योंकि पिछले साल भी बिक्री अच्छी रही थी, इस साल महंगाई और रहन-सहन की लागत में बढ़ोतरी को लेकर चिंता है. इन चिंताओं के बावजूद उद्योग जगत के दिग्गजों का मानना है कि कारोबार पिछले साल के बराबर रह सकता है. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के चेयरमैन आशीष पेठे ने बताया कि सोने की कीमतों में नरमी के बावजूद उद्योग जगत सतर्क है. इस समय सोने की कीमत 47,000 - 49,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास है और आमतौर पर उपभोक्ताओं का रुख सकारात्मक है.
पेठे ने कहा कि कोविड-19 महामारी की पहली लहर के चलते रुकी हुई शादियां पिछले साल हुईं, जिस वजह से मांग में इजाफा हुआ. ऐसे में 2021 में धनतेरस पर अच्छी बिक्री हुई और यह महामारी से पहले के स्तर को पार कर गई. उन्होंने बताया, ''इस साल धनतेरस पर आभूषणों की मांग, पिछले साल के समान रहने की उम्मीद है. 2021 उद्योग के लिए एक असाधारण साल था, क्योंकि देश धीरे-धीरे महामारी के बाद सामान्य स्थिति रुझान आईडी की ओर बढ़ रहा था.''
सोने में गिरावट पहुंचा सकती है फायदा
पेठे ने कहा कि इस साल तेज महंगाई, बढ़ती लागत और बेमौसम बारिश से कृषि गतिविधियां प्रभावित होने से उपभोक्ताओं की धारणा कमजोर हुई है. उन्होंने कहा, ''आमतौर पर दशहरे के दौरान शुरू होने वाली गहनों की प्री बुकिंग इस साल बहुत धीमी रही. हालांकि, सोने की कमजोर कीमत से इस क्षेत्र को फायदा होने की संभावना है.''
विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने कहा, ''एक प्रतीक के रूप में सोने की खरीद से इन त्योहारों के आसपास सकारात्मकता बढ़ती है. इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर सोने की कीमतों में हुई कमी से उपभोक्ताओं की भावना सकारात्मक लग रही है.'' उन्होंने हालांकि आशंका जताई कि महंगाई से सोने के आभूषणों की मांग पर तत्काल प्रभाव पड़ सकता है.
सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुवनकर सेन ने कहा कि कमजोर कीमतों से मांग पर बहुत अधिक असर नहीं होगा, क्योंकि कमजोर रुपये ने सोने की कीमतों में और गिरावट को रोक दिया है. कल्याण ज्वैलर्स इंडिया के कार्यकारी निदेशक रमेश कल्याणरमन ने कहा कि ग्राहक असंगठित क्षेत्र के मुकाबले संगठित क्षेत्र को अधिक तरजीह दे रहे हैं और ऐसे में इस धनतेरस के दौरान संगठित कंपनियों को फायदा होगा.
पीएनजी ज्वैलर्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगिल ने कहा कि त्योहारी मौसम की शुरुआत से ही यह साल काफी अच्छा रहा है. इसकी मुख्य वजह सोने के कीमतों में कमजोरी है. उन्होंने कहा, ''हमें उम्मीद है कि यह रुझान धनतेरस और दिवाली के दौरान भी जारी रहेगा, क्योंकि आभूषणों की मांग मजबूत बनी हुई है. हम इस साल बिक्री में लगभग 20 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं."
अपनी ईकामर्स वेबसाइट पर फेक ऑर्डर से कैसे बचें
ताजा आदेश हर की खुशी है विक्रेता। वे वही हैं जो आप व्यावहारिक रूप से काम करते हैं और एक नया आदेश निश्चित रूप से आपके स्टोर को वह उम्मीद देता है जिसकी उसे आवश्यकता है। लेकिन क्या होगा अगर आप फर्जी आदेशों का सामना करते हैं? आपके स्टोर के लिए उनके बहुत सारे निहितार्थ हो सकते हैं। आइए जानें कि आप उनका मुकाबला कैसे कर सकते हैं।
ईकामर्स पोर्टल पर एक नकली आदेश एक ऐसा आदेश है जो विक्रेता को धोखा देने के इरादे से रखा गया है। इन नकली आदेशों का एक बहुत सरासर शरारत या एक कंपनी शरारत करने के इरादे से किया जाता है।
आप सोच रहे होंगे, कि दुनिया में कोई नकली आदेश क्यों देगा? खैर, दुर्भाग्य से ईकामर्स मालिकों के लिए, ऑनलाइन बहुत सारे नकली खरीदार हैं। वे ऐसा क्यों करते हैं यह हमारे लिए एक रहस्य है, लेकिन हमें इसके बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। रुझान आईडी हमारा प्राथमिक ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि हम खुद को ऐसी आपराधिक गतिविधियों से कैसे बचा सकते हैं और नकली आदेशों से बच सकते हैं।
भारत में ज्यादातर ग्राहक पसंद करते हैं डिलवरी पर नकदी भुगतान मोड के रूप में। वे इसे ऑनलाइन भुगतान की तुलना में बहुत अधिक भरोसेमंद पाते हैं। यही कारण है कि कई कुख्यात अपराधी नकली आदेश देते हैं। यहां तक कि अगर आपका ग्राहक आपको वैध बिलिंग पता दे रहा है, तो भी धोखाधड़ी के आदेशों की अधिक संभावना है। यही कारण है कि आपको किसी भी आदेश को स्वीकार करने से पहले कुछ सावधानियों के शीर्ष पर रहने की आवश्यकता है। यहां उनमें से कुछ हैं:
ईमेल के माध्यम से संपर्क करें
अपने ग्राहक की ईमेल आईडी सत्यापित करें। ज्यादातर धोखाधड़ी करने वाले ग्राहक ऑर्डर देने के लिए फर्जी ई-मेल आईडी का इस्तेमाल करते हैं। यदि आप उन्हें मेल करते हैं और वे जवाब नहीं देते हैं, तो इसका मतलब है कि यह एक नकली आदेश है। ऑनलाइन कई उपकरण उपलब्ध हैं जो ईमेल आईडी को सत्यापित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। पूरी तरह से सुरक्षित रहने के लिए, आप ऐसे सॉफ़्टवेयर डाउनलोड कर सकते हैं जो स्वचालित रूप से सभी आदेशों की ई-मेल आईडी का निरीक्षण और सत्यापन करता है। आप उनकी आईडी पर सत्यापन लिंक भी भेज सकते हैं।
उन्हें सुरक्षा प्रयोजन के लिए बुलाओ
आप अपने ग्राहक को अपने बारे में दी गई जानकारी की दोबारा जाँच करने के लिए कॉल कर सकते हैं। यदि संख्या अनुपलब्ध है या ग्राहक आपके साथ अनुपालन करने में संकोच करता है, तो इसका मतलब है कि कुछ गड़बड़ है। यह आप पर बैकफायर भी कर सकता है, इसलिए बात करते समय बहुत सावधान और विनम्र रहें आपके ग्राहक। विनम्र रहें और यदि वे नकारात्मक रूप से प्रतिक्रिया करते हैं, रुझान आईडी तो थैंक यू कहें और अधिक जानकारी के लिए उन्हें रोकने के बजाय लटका दें।
ऑर्डर देने से पहले एक बार पुष्टि करें
अपने संपर्क में रहना हमेशा बेहतर होता है रुझान आईडी ग्राहक फोन या ईमेल के माध्यम से और एक बार पुष्टि करें कि वे ऑर्डर देना चाहते हैं। इस तरह से आप सुनिश्चित हैं कि ऑर्डर भेजना है या नहीं। यदि वे जवाब नहीं देते हैं तो आपको तुरंत आदेश रद्द कर देना चाहिए।
एक सुरक्षा सॉफ्टवेयर स्थापित करें
एक सॉफ्टवेयर आपके व्यवसाय के लिए एक अच्छे स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह आपको सुरक्षा की कई परतें लगाने में सक्षम बनाता है और यह सुनिश्चित करता है कि आपका ग्राहक प्रामाणिक हो और उसकी सही मंशा हो। एक बार जब आपके ग्राहक सभी सुरक्षा चरणों को साफ़ कर देते हैं, तो आपके लिए उनके साथ बातचीत करना और उनके आदेश को शिप करना सुरक्षित होता है। आप बहुत सारे सॉफ्टवेयर ऑनलाइन पा सकते हैं या आप एक डिजिटल स्टोर से खरीद सकते हैं।
केवल आदेशों की वजह से होक्स का मुद्दा नहीं है डिलवरी पर नकदी आदेश लेकिन प्रीपेड रुझान आईडी आदेश पर भी। ऑनलाइन क्रेडिट या डेबिट कार्ड का उपयोग करके नकली आदेशों का सामना करने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं:
सीवीवी कोड सत्यापित करें
डेबिट कार्ड के पीछे 3 अंक कोड होता है और यह इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट कार्ड चोरी के मामलों को रोकने के लिए एक सुरक्षा उपाय है। यदि संख्याएं मेल नहीं खाती हैं, तो यह सबसे अधिक धोखाधड़ी का मामला है, इसलिए eCommerce पोर्टल को ऐसे आदेश को स्वीकार नहीं करना चाहिए।
AVS सिस्टम के माध्यम से पता सत्यापित करें
बहुत से लोग उत्पाद को उनके कार्यालय या उनके निजी घर जैसे पते की एक निर्धारित संख्या तक भेजते हैं और उन पते को आपके खाते में दर्ज किया जाता है जिन्हें आपने पोर्टल के साथ स्थापित किया है। इस प्रणाली को कड़ाई से नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि यह परिणाम गलत सकारात्मक भी हो सकता है। इसलिए, इस प्रणाली का उपयोग एक दिशानिर्देश के रूप में किया जाना चाहिए।
भारत में अधिकतम ग्राहक पसंद करते हैं डिलवरी पर नकदी जो विक्रेताओं के लिए नकली और वास्तविक आदेशों के बीच अंतर करना बहुत कठिन बनाता है। रुझान आईडी यद्यपि उपरोक्त चरण नकली आदेशों से बचने में सहायक हैं, फिर भी आपको आदेशों को लेते समय विशेष ध्यान देना होगा। यह स्पष्ट रूप से मजबूत सुरक्षा उपाय करने से होगा।