शुरुआती लोगों की मुख्य गलतियाँ

ब्रोकरेज चार्ज क्या है

ब्रोकरेज चार्ज क्या है
4 ANGEL BROKING

स्टॉक ब्रोकर कंपनियों में क्यों निवेश करें

Best Share Broker In India In Hindi | Top 6 Share Brokerage

नमस्कार दोस्तों आज हम Best Share Broker In India in hindi लेख पर हम आपको बताएंगे कि बेस्ट शेयर ब्रोकर्स कौन-2 है और अगर आपने शेयर बाजार में अपने Asset का निवेश करने का मन बना लिया है या निवेश करना चाहते हैं तो आपको एक डिमैट अकाउंट खोलना होगा जिसके जरिए आप शेयर की खरीद या बिक्री कर सकेंगे और उसके लिए आपको एक ब्रोकर की जरूरत होगी जो आपकी डिमैट अकाउंट ओपनिंग व शेयर की खरीदने व बेचने में मदद कर सकेंगे

दोस्तों अब आपको देखना होगा कि कौन सी कंपनी या ब्रोकर आपके लिए सबसे ज्यादा किफायती आप बेस्ट होगा तो दोस्तों आइए समझते हैं कि क्या पैमाना होना चाहिए

  1. सही मूल्य का ब्रोकरेज शुल्क
  2. सबसे बढ़िया प्लेटफार्म जो आप खरीद व बिक्री कर सकेंगे
  3. मेंटेन चार्ज भी कम होना चाहिए वार्षिक पर
  4. शेयरो की प्रोडक्ट की सारणी हो
  5. ग्राहकों की सेवा बढ़िया होनी चाहिए
  6. ऑनलाइन के अलावा ऑफलाइन उपस्थिति भी होनी चाहिए
  7. एकदम सटीक जानकारी व सुझाव कस्टमर को उपलब्ध करवाना चाहिए
  8. बैंक खाते व र्ट्रेडिंग खाते को आपस में लिंक होना चाहिए
  9. तीसरी पार्टी नहीं होनी चाहिए बिना कोई परेशानी के फंड ट्रांसफर होने चाहिए

Top 6 Share Broker In India in Hindi

दोस्तों हम यहां पर ब्रोकरेज चार्ज क्या है भारत के कुछ बेस्ट ब्रोकरेज के बारे में आपको बताने जा रहे हैं

1. ICICI डायरेक्ट

यह अपनी बैंकिंग सेवाओं के माध्यम से अच्छी मात्रा में ब्रांड इक्विटी प्राप्त करता है यह कंपनी कम लागत पर उच्च स्तर के ग्राहकों को लाने में सहायता करती है इनकी ब्रांड वैल्यू काफी बड़ी है इसी कारण का शुल्क भी ज्यादा है

  • इनके ग्राहकों की संख्या 870070 है व इनकी शिकायतें 0.025% है यह नि:शुल्क सुझाव भी देते हैं
  • इनका ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म भी बढ़िया है और यह आपका डीमैट खाता 975 खोलते हैं और AMC के रूप में ₹500 का शुल्क लेते हैं
  • यह थ्री इन 1 क्लासरूम आदि प्रोग्राम आदि प्रोवाइड कराते हैं
  • दोस्तों यह है आपके 87 शहरों में दोस्तों शाखाओं के साथ कुल ग्राहक 2.6 लाख साथ उपलब्ध है
  • यह आपको ट्रेड-रेसर नाम नामक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ उपलब्ध है और तेजी से खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करता है करते हैं
  • यह भारत में टॉप ब्रोकर में एक है आप इनका लाभ ले सकते हैं

HDFC सिक्योरिटीज

दोस्तों यह एक फुल सर्विस ट्रेडिंग कंपनी है जिसके पास भी बैंकिंग सेवाओं के जरिए प्राप्त ब्रांड इक्विटी है और ग्राहक अपनी बचत और डीमैट खाता के अंदर बड़ी आसानी से फंड ट्रांसफर कर सकते हैं

  • यह अपनी तरह का 4 इन 1 ट्रेडिंग अकाउंट की सुविधा देते हैं
  • इनके ग्राहकों की संख्या 658668 जो एक्टिव हैं
  • इनके शिकायतों की संख्या 0 . 001 % सबसे कम है
  • यह भी निशुल्क सुझाव प्रदान करते हैं इनके प्लेटफार्म का प्रदर्शन भी ठीक-ठाक है
  • इनका ब्रोकरेज फीस 0. 5 पर्सेंट है
  • यह डीमैट अकाउंट खोलने का फीस ₹999 है आईएमसी साडे ₹500 चार्ज
  • दोस्तों एचडीएफसी सिक्योरिटीज 15 वर्षों से मार्केट में अपनी सेवाएं दे रहा है और 200 से अधिक शाखाओं के साथ उपलब्ध है
  • जिनका अपना ऑनलाइन एप्लीकेशन उपलब्ध है जो गूगल प्लेस्टोर पर भी है यह अपनी सटीकता व गतिशीलता के कारण मार्केट में टॉप में से एक है

TRADING ACCOUNT

Zerodha

ट्रेडिंग अकाउंट हमारे DEMAT ACCOUNT के साथ LINK कर दिया जाता है, और जब TRADING ACCOUNT की हेल्प से जब हम शेयर खरीदने का आर्डर स्टॉक मार्केट को देते है, और हमारा आर्डर कम्पलीट हो जाता है तो ख़रीदे गए शेयर हमारे DEMAT अकाउंट में जमा हो जाते है, और जितने मूल्य का शेयर खरीदते है, उस मूल्य के साथ और टैक्स तथा ब्रोकरेज चार्ज के साथ हमारे ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे कट जाते है ,

और इसी तरह जब हम शेयर बेचते है तो बेचे गए शेयर को DEMAT से कम कर दिए जाते है, और बेचे गए शेयर का अमाउंट हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ब्रोकरेज तथा टैक्स काटने के बाद जमा हो जाता है,

“इस तरह ट्रेडिंग अकाउंट, सिर्फ ट्रेडिंग करने के लिए होता है, जहा पर हमारे शेयर्स खरीदने और बेचने के ऑर्डर्स और पैसो के डेबिट और क्रेडिट का रिकॉर्ड रहता है,”

स्टॉक ब्रोकर और ट्रेडिंग अकाउंट

हम डायरेक्टली स्टॉक मार्केट को कोई भी शेयर खरीदने और बेचने का आर्डर नहीं दे सकते है, हमारा स्टॉक ब्रोकर हमारे शेयर्स खरीदने और बेचने के आर्डर को स्टॉक मार्केट तक पहुचाता है,

और इसलिए स्टॉक ब्रोकर हमारे सभी BUY और SELL के ORDERS को स्टॉक मार्केट तक पहुचाने के लिए एक जो अकाउंट खोलता है, वो ट्रेडिंग अकाउंट कहलाता है,

आज सभी स्टॉक ब्रोकर कंपनी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ हमें एक TRADING PORTAL/MOBILE APP या TRADING TERMINAL SOFTWARE अपनी WEBSTIE पर LOG IN करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड देती है,

और अपने यूजर आईडी जिसका इस्तेमाल करके हम स्टॉक ब्रोकर के पास LOG IN करके अगर स्टॉक ब्रोकर कोई बैंक नहीं है तो पहले हमें अपने ट्रेडिंग ACCOUNT में पैसे जमा करने पड़ते है,

और फिर ब्रोकरेज चार्ज क्या है हम जो भी शेयर खरीदना या बेचना चाहते है, उस शेयर को SELECT करके अपनी इक्क्षानुसार QUANTITY और PRICE डालने के साथ आर्डर कर सकते है,

TRADING ACCOUNT के फायदे

शेयर्स को TRADING ACCOUNT में रखना बहुत ही फायदेमंद है , TRADING के कुछ सबसे विशेष फायदे है

  • शेयर खरीदना और बेचना बिलकुल आसन हो जाना,
  • शेयर खरीदने के लिए पैसो का डेबिट और क्रेडिट की सुविधा,
  • मार्जिन मनी की सुविधा
  • शेयर बेचने पर एकदम आसान और सुरक्षित, विस्वसनीय और सुविधाजनक
  • जीरो पेपर वर्क – लिखित आर्डर की कोई जरूरत नहीं ,
  • ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट हो जाने से ब्रोकरेज चार्ज पहले के मुकाबले बहुत ही कम हो जाना ,
  • शेयर का AUTOMATICALLY क्रेडिट और डेबिट,
  • आप दुनिया में कही रहते हुए शेयर्स खरीद और बेच सकते है

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Stock broker कंपनियों के शेयरों में क्यों बढ़ गई खरीदारी

पिछले 1 वर्ष से शेयर मार्केट में निवेशकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है लाखों की तादात में डीमेट अकाउंट प्रतिदिन खोले जा रहे हैं जिससे ब्रोकर कंपनियों की आमदनी बढ़ती जा रही है मौजूदा समय में कुछ रिसर्च तो nifty50 बैंक निफ़्टी बैंकिंग और फार्मा सेक्टर को छोड़कर ब्रोकर कंपनियों के शेयरों में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं जो कि सही भी है क्योंकि ब्रोकर कंपनियों के ग्राहकों की संख्या डीमेट अकाउंट बढ़ने से मिलने वाली ब्रोकरेज से आय कई गुना तक बढ़ गई है इसीलिए stock broker कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है

और यह बढ़त आगे भी बनी रह सकती है क्योंकि मार्केट नीचे जाए या ऊपर जाए निवेशकों को ब्रोकरेज शुल्क तो देना ही पड़ेगा जिससे कंपनियों की आमदनी बढ़ती रहेगी फिर चाहे मार्केट लाल निशान में ही क्यों ना हो इससे ब्रोकरेज कंपनियों को कोई फर्क नहीं पड़ता हैं

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में 4 बड़े अंतर

डीमैट और ट्रेडिंग

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अन्तर होता है? इस को ठीक से समझने के लिए पहले दोनों को समझना होगा की आखिर ये दोनों अकाउंट क्या होते है. दोनों ही अकाउंट या खाते शेयर मार्केट में यूज़ किये जाते है.

अंतर समझने के लिए पहले समझते हैं, की शेयर मार्केट में शेयर की खरीद और बेचाली कैसे होती है?

आजकल के समय, जब भी कोई व्यक्ति शेयर को खरीदना चाहता है, तो पास डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना जरुरी होता है. कुछ समय पहले ये अलग अलग होते थे. लेकिन अब अधिकतर स्टॉक ब्रोकर इन्हे एक साथ लिंक करके देते हैं.

शेयर मार्केट में जब कोई ट्रांसेक्शन होता है, मतलब यदि आप ने शेयर को खरीदने के लिए आर्डर किया है, तो वह शेयर किसी दूसरे निवेशक के डीमैट खाते से निकाल कर आपके डीमैट खाते में डिपाजिट कर दिया जायेगा। इस प्रक्रिया में, स्टॉक ब्रोकरेज चार्ज क्या है आपके डीमैट खाते में आने में T+2 दिन का समय लगेगा। शेयर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में तुरंत क्रेडिट हो जाता है. जबकि डीमैट अकाउंट में आने में दो दिन का समय लगता है।

शेयर क्रेडिट होने का समय

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों में शेयर के क्रेडिट होने का समय एक मुख्य अंतर होता है. ट्रेडिंग अकाउंट में शेयर को आर्डर के तुरंत बाद क्रेडिट कर दिया जाता है, जबकि डीमैट अकाउंट में आने में लगभग दो दिन का समय लगता है। किसी विशेष स्थिति में, डीमैट अकॉउंट में शेयर क्रेडिट होने में अधिक समय भी लग सकता है.

स्टॉक मार्केट में, ट्रेडिंग अकाउंट के सारे ट्रांसेक्शन स्टॉक ब्रोकर ( जैसे Zerodha या Upstox) के अधीन होते हैं, जबकि डीमैट अकाउंट के ट्रांसेक्शन डिपॉज़िटरी (NSDL या CDSL) के अधीन होते हैं.

डीमैट ब्रोकरेज चार्ज क्या है और ट्रेडिंग अकाउंट के काम

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों के काम अलग अलग होते है. टेक्नोलॉजी की वजह से आज यह संभव है. आपको शेयर खरीदने बेचने के लिए किसी खास जगह जैसे शेयर बाजार में जाने की जरुरत नहीं होती है. यह काम डिजिटल रूप में मोबाइल या लैपटॉप से ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से कर सकते हैं.

जबकि शेयर को रखने के लिए लम्बे चौड़े कागजों की जरुरत नहीं होती है, बल्कि ये डीमैट अकाउंट में डिजिटल रूप में रख सकते है.

डीमैट अकाउंट शेयर को होल्ड करने का स्पेस होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट शेयर खरीदने बेचने का माध्यम होता है.

डीमैट और ट्रेडिंग ब्रोकरेज चार्ज क्या है अकाउंट के चार्ज

डीमैट और रीमैट चार्ज

शेयर को फिजिकल फॉर्म मतलब कागजी फॉर्म से डिजिटल फॉर्म में कन्वर्ट करने के लिए चार्ज को डीमैट चार्ज लगता है, जबकि इसके विपरीत शेयर को डिजिटल फॉर्म से फिजिकल फॉर्म में चेंज करने के लिए रीमैट चार्ज लगता है.

इसके दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट में स्टॉक ब्रोकर कुछ अन्य प्रकार के चार्ज लगाता है, जैसे ब्रोकरेज चार्ज, डीपी चार्ज आदि कहते है।

Q.क्या केवल डीमैट अकाउंट को रख सकते हैं?

A. जी हाँ, यदि कोई व्यक्ति शेयर को लम्बे समय के लिए रखना चाहता है, तो वह केवल डीमैट अकाउंट खुलवा सकता है. जबकभी कोई निवेशक आईपीओ में निवेश करना चाहता है तो उसे केवल डीमैट अकाउंट की ही जरुरत होती है.

Q.क्या केवल ट्रेडिंग अकाउंट ही रख सकते हैं?

A. जी हाँ, यह भी संभव है लेकिन वह व्यक्ति केवल फ्यूचर और ऑप्शन जैसी चीजों में ही ट्रेड कर सकता है. क्योकि इनमे शेयर की डिलीवरी नहीं दी जाती।

व्हाइट लेबलिंग के फायदे और नुकसान

Pros and cons of white label brokerage

निम्नलिखित कुछ फायदे हैं जो एक नए ब्रोकर को WL समाधान का उपयोग करने से मिल सकते हैं:

पहली बार व्यवसाय के मालिक व्हाइट लेबल फॉरेक्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करके पैसे बचा सकते हैं क्योंकि उन्हें आइटम खरीदने की ज़रूरत नहीं है।

व्यापारियों के लिए एक उत्कृष्ट मंच के साथ-साथ अपने लिए एक ब्रांड बनाने का अवसर नए खिलाड़ियों के लिए मुख्य लाभ हैं।

एक ब्रोकरेज फर्म अपने ग्राहकों की समस्याओं को हल करने में उनका समर्थन करती है और हर स्तर पर सबसे फायदेमंद विकल्प की खोज करती है।

वाइट लेबलिंग की कमियों पर विचार करना महत्वपूर्ण है:

नए ग्राहकों के लिए, नौसिखिए ब्रोकर शुल्क लगाते हैं (या तो एक निश्चित मूल्य या व्यापार की मात्रा पर निर्भर शुल्क)।

आंशिक या पूर्ण WL समाधान - क्या चुनें?

White Label vs Main Label - What to choose?

यदि आप एक वाइट लेबल फ़ोरेक्ष ब्रोकर बनने में रुचि रखते हैं, तो आपके पास दो विकल्प हैं: आंशिक वाइट लेबल साझेदारी या पूर्ण वाइट लेबल संबंध।

इसे सीधे शब्दों में कहें तो, एक पूर्ण व्हाइट लेबल फॉरेक्स सॉल्यूशन पार्टनरशिप के साथ, आपको ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और अपने ट्रेडर क्लाइंट्स से सीधे डिपॉजिट स्वीकार करने की क्षमता दोनों प्राप्त होते हैं, जबकि आंशिक सॉल्यूशन के साथ, आप अपने ट्रेडर से सीधे डिपॉजिट स्वीकार करने की क्षमता को छोड़ देते हैं। क्लाइंट, जिन्हें तब प्राथमिक ब्रोकर, यानी लाइसेंस प्राप्त समाधान प्रदाता द्वारा नियंत्रित किया जाता है। संक्षेप में, आंशिक समाधान आपके अंत में चलाना आसान है, लेकिन ग्राहकों से सीधे निपटने की आपकी क्षमता को प्रतिबंधित करता है, क्योंकि खाता प्रबंधन सेवाएं जैसे जमा और निकासी प्रदाता द्वारा नियंत्रित किया जाता है, आप नहीं। इसके अतिरिक्त, आप अपने ग्राहकों की गोपनीयता बनाए रखना भूल जाते हैं, क्योंकि उनकी जमा और निकासी को तीसरे पक्ष द्वारा नियंत्रित किया जाएगा, न कि आप। यदि आप पूरी तरह से व्हाइट लेबल फॉरेक्स ब्रोकरेज समाधान चुनते हैं, तो आपकी गुमनामी सुरक्षित है , और चूंकि आपकी फ़ोरेक्ष वेबसाइट आपके व्यवसाय के नाम और लोगो के साथ पूरी तरह से ब्रांडेड होगी, इसलिए व्यापारी यह कभी नहीं जान सकते कि प्लेटफॉर्म का असली मालिक कौन है।

व्हाइट लेबल फॉरेक्स ब्रोकरेज चलाने की लागत

What is the cost for WL Brokerage

एक सम्मानित फर्म के साथ साझेदारी करना जो आवश्यक उपकरण और सॉफ्टवेयर प्रदान करता है, ऐसा लगता है कि एक फ़ोरेक्ष वाइट लेबल ब्रोकरेज बनाना अक्सर पूर्ण स्वामित्व वाली ब्रोकरेज स्थापित करने से कम खर्चीला होता है।

मुख्य लागत वे हैं जो आपके ब्रांड नाम और लोगो के तहत फ़ोरेक्ष मंच बनाने के साथ-साथ मंच के रीब्रांडिंग और मार्केटिंग से जुड़े हैं, साथ ही साथ प्रशासन से जुड़े हैं।

इसके अतिरिक्त, यदि आप अपने ग्राहकों को व्यक्तिगत रूप से ब्रोकरेज सेवाएं देना चाहते हैं, तो आप एक भौतिक साइट में निवेश कर सकते हैं। यदि आप अभी शुरुआत कर रहे हैं, तो वास्तविक स्थान पर एक स्थान किराए पर लेना एक बढ़िया विकल्प है। इसके अतिरिक्त, उद्यमी व्यापारियों की मदद कर सकते हैं। नए ग्राहकों और व्यावसायिक भागीदारों के साथ प्रशिक्षण सत्र या नेटवर्क के साथ। बढ़ी हुई ब्रांड जागरूकता आपके लिए वित्तीय लागत पर आएगी।

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