पोजिशन जीरो

कई लोग फिटनेस के लिए रनिंग, जॉगिंग, योग, जिम आदि का सहारा लेते थे। लेकिन घर में सिर्फ योग और होम वर्कआउट (Home Workout) ही पॉसिबल हो पा रहा है।
पोजिशन जीरो
Hit enter to search or ESC to close
चैन की नींद सोना है तो तुरंत ले आओ ये बेड, खर्राटे भी कम करेगा और एक क्लिक में बदलेगा पोजिशन
टेक न्यूज़ डेस्क- क्या आपने कभी स्मार्ट बेड के बारे में सुना है? अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं। ज़रा सोचिए कि अगली पीढ़ी के बिस्तर कैसे होंगे। आजकल बहुत से लोग स्मार्ट बेड का इस्तेमाल करते हैं। पिछले कुछ समय से इस तरह के बेड बाजार में उतारे गए हैं। वे बाजार में लंबे समय से नहीं हैं लेकिन कम समय में बहुत लोकप्रिय हो गए हैं। अब कई लोगों ने इसे अपनी जीवनशैली में शामिल करना शुरू कर दिया है। यह स्मार्ट बेड आपको सही समय पर जगाने के अलावा और भी बहुत कुछ कर सकता है। आइए जानते हैं क्या है स्मार्ट बेड और बाजार में क्या हैं इसके विकल्प।स्मार्ट बेड में क्या होता है खासियत: इसमें स्मार्ट एडजस्टेबल रिक्लाइनर हैं। यह फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी पर उपलब्ध है। आप बैठकर या लेटकर अपने पसंदीदा शो का आनंद ले सकते हैं। वे बहुत सहज हैं। इसमें जीरो ग्रेविटी मोड समेत कई मोड हैं। इस फीचर से आप बिना किसी परेशानी के सो सकेंगे। आपको कोई भारीपन महसूस नहीं होगा।
1. स्ट्रेट लेग डेडलिफ्ट (Straight Leg Deadlifts)
रनिंग, फॉरवर्ड प्रोपलसन (Forward Propulsion) का काम होता है। इसमें ऐसा लगता है कि हम जमीन को अपने पैरों से पीछे की ओर धकेल रहे हैं। इसमें हैमस्ट्रिंग मसल्स (Hamstring Muscles) और ग्लूट्स मसल्स (Glutes Muscles) का अधिक काम होता है।
इसलिए इन्हें मजबूत बनाने की जरूरत होती है। स्ट्रेट लेग डेडलिफ्ट एक्सरसाइज इन दोनों मसल्स पर ही काम करती है। यह एक्सरसाइज करते समय घुटने नहीं मोड़ने और झुकते समय लोअर बैक से ही हेल्प लेनी है।
2. बल्गेरियाई / बल्गेरियन स्प्लिट स्क्वाट्स (Bulgarian Split Squats)
यह एक तरीके का सिंगल लेग स्क्वॉट है, जिसे बल्गेरियाई स्प्लिट स्क्वॉट कहा जाता पोजिशन जीरो है। यह लोअर बॉडी के क्वाड्स मसल्स पर टेंशन क्रिएट करती है।
दौड़ते समय एक पैर हवा में और दूसरा जमीन पर होता है। इसलिए आपके पैर इतने मजबूत होने चाहिए कि आपका एक पैर बॉडीवेट को संभाल सके। बल्गेरियाई स्प्लिट स्क्वॉट को आप बार्बेल, डम्बल या कैटलबेल से कर सकते हैं।
इसे करने के लिए ऊपर दिए गए वीडियो की पोजिशन में आएं। पहले बिना वेट के प्रैक्टिस करें, बाद में धीरे-धीरे वेट बढ़ाएं।
3. साइड प्लैंक लेग रेज (Side Plank Leg Raises)
साइड प्लैंक लेग रेज कोर के साथ इनर थाइज पर भी टेंशन क्रिएट करती है। साथ ही यह ग्लूट मसल्स को भी एक्टिवेट करती है। आपके द्वारा उठाए जाने वाले हर स्टेप में नाइटिक चैन (Kinetic Chain ) (कूल्हों / घुटने / टखने) को सपोर्ट करती है।
घुटनों को मजबूत करने वाली इस एक्सरसाइज को आप ऊपर दिए गए वीडियो में देखकर कर सकते हैं। साइड प्लैंक के बाद पैरों को ऊपर लिफ्ट करने की कोशिश करें। पैरों को पोजिशन जीरो ऊपर उठाने के बाद कुछ सेकेंड होल्ड करना याद रखें।
2. बल्गेरियाई / बल्गेरियन स्प्लिट स्क्वाट्स (Bulgarian Split Squats)
यह एक तरीके का सिंगल लेग स्क्वॉट है, जिसे बल्गेरियाई स्प्लिट स्क्वॉट कहा जाता है। यह लोअर बॉडी के क्वाड्स मसल्स पर टेंशन क्रिएट करती है।
दौड़ते समय एक पैर हवा में और दूसरा जमीन पर होता है। इसलिए आपके पैर इतने मजबूत होने चाहिए कि आपका एक पैर बॉडीवेट को संभाल सके। बल्गेरियाई स्प्लिट स्क्वॉट को आप बार्बेल, डम्बल या कैटलबेल से कर सकते हैं।
इसे करने के लिए ऊपर दिए गए वीडियो की पोजिशन में आएं। पहले बिना वेट के प्रैक्टिस करें, बाद में धीरे-धीरे वेट बढ़ाएं।
3. साइड प्लैंक लेग रेज (Side Plank Leg Raises)
साइड प्लैंक लेग रेज कोर के साथ इनर थाइज पर भी टेंशन क्रिएट करती है। साथ ही यह ग्लूट मसल्स को भी एक्टिवेट करती है। आपके द्वारा उठाए जाने वाले हर स्टेप में नाइटिक चैन (Kinetic Chain ) (कूल्हों / घुटने / टखने) को सपोर्ट करती है।
घुटनों को मजबूत करने वाली इस एक्सरसाइज को आप ऊपर दिए गए वीडियो में देखकर कर सकते हैं। साइड प्लैंक के बाद पैरों को ऊपर लिफ्ट करने की कोशिश करें। पैरों को ऊपर उठाने के बाद कुछ सेकेंड होल्ड करना याद रखें।
4. फायर हाइड्रेंट्स (Fire Hydrants)
मोबिलिटी रनिंग को इम्प्रूव करने के लिए फायर हाइड्रेंट्स जरूरी है। खासकर तब जब आप अपनी रफ्तार को सुधारना चाहते हैं और खुद को लंबे समय तक फील्ड में देखना चाहते हैं।
इसे करने के लिए वीडियो में दिखाई पोजिशन के पोजिशन जीरो अनुसार कोर को टाइट रखकर पैर को साइड में घुटने पर लोड डालते हुए 90 डिग्री तक उठाना है। 2 सेकेंड होल्ड करने के बाद वापस प्रारंभिक स्थिति में आएं। यह एक्सरसाइज कूल्हे के मसल्स को मजबूत करेगी।
5. बॉक्स जंप (Box Jumps)
प्लायोमेट्रिक्स, जिसे कभी-कभी ‘जंप ट्रेनिंग’ कहा जाता है, में एक्सप्लोसिव मूवमेंट को शामिल किया जाता है। इसमें आपकी मांसपेशियों को कम समय के लिए अधिक फोर्स मिलता है। लेग डेज पर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए बॉक्स जंप बेहतरीन वार्म-अप है।
इसके अलावा यह लोअर बॉडी को अच्छे से ट्रेन कर सकती है। इसे किसी बॉक्स पर पोजिशन जीरो या बेंच पर कर सकते हैं। जब यह एक्सरसाइज करनी हो तो आपको बॉक्स से 1 इंच दूर खड़ा होना है और सामने के बॉक्स पर कूदकर हॉफ स्क्वॉट करना है।
निष्कर्ष (Conclusion): रोजाना की प्रैक्टिस और सही डाइट से आप कुछ ही समय में इन एक्सरसाइज से अपनी रनिंग को इम्प्रूव कर सकते हैं। किसी भी तरह का कन्फ्यूजन होने पर कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।
कोहली ने सहवाग का ये रिकार्ड तोड़ किया अपने नाम किया
विराट कोहली की खराब बल्लेबाजी का नजारा वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में भी देखने को मिला और इस बार तो उन्होंने हद ही कर दी। पिछले दो मैचों में अपनी खराब बल्लेबाजी के बाद आलोचना झेल रहे कोहली के पास इस मैच में रन बनाने का मौका था, लेकिन उन्होंने इसे गंवा दिया। कोहली ने इस मैच में दो गेंद का सामना किया और जीरो पर आउट हो पवेलियन लौट गए। कोहली ने अलजारी जोसफ की गेंद पर शाई होप को अपना कैच थमा दिया।
विराट कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जीरो पर आउट होकर वीरेंद्र सहवाग का रिकार्ड तोड़ दिया। इंटरनेशनल क्रिकेट में ये 32वां मौका था जब विराट कोहली शून्य पर आउट हुए। भारत की तरफ से इंटरनेशनल क्रिकेट में अब सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने के मामले में (बैटिंग पोजिशन 1-7 तक) अब कोहली दूसरे नंबर पर आ गए हैं।
पोजिशन जीरो
इंसास राइफल एक जवान का जातीय हथियार है इसलिए उसके फायरिंग पोजीशन और मज़बूत पकड़ के बारे में हर एक जवान को मालूम होंना चाहिए ! इस पोस्ट में हम इंसास राइफल के फायरिंग पोजीशन जैसे स्टैंडिंग(INSAS Rifle standing position), के बारे में जनेगे और इन पोजीशन में देखने वाली कौन कौन सी बातें है तथा इन पोजीशन में मजबूत पकड़ कैसे हासिल करे !
ऐसे तो राइफल से भिन्न भिन्न पोजीशन जैसे स्टैंडिंग (INSAS Rifle Standing position), नीलिंग( INSAS RifleKneeling position) और लाइंग पोजीशन( INSAS Rifle Lying position) से फायर किया जा ता है लेकिंग पोजीशन ऐसी होनी चाहिए की आसानी से हासिल किया जा सके और मजबूत पकड़ बनी रहे ! ऐसे तो ऑपरेशन के दौरान कौन सी पोजीशन हासिल किया जा ए तो जमीन की बनावट , उपलब्ध आड़ और कुदरती सिधाई पर निर्भर करता है ! इसीलिए हर एक जवान को कुदरती सिधाई हासिल करने का तरीका पता होना चाहिए !