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क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है

क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है

Yuan Pay

Yuan Pay एक अभिनव चीनी राष्ट्रीय क्रिप्टोक्यूरेंसी जो भविष्य में चीन से सरकारी समर्थन प्राप्त करने और यहां तक ​​कि बिटकॉइन को पार करने के लिए घोषित सुरक्षित भुगतान विधि बन जाएगी। यह परियोजना ब्लॉकचेन पर बनाई गई और यह सबसे उपयोगकर्ता के अनुकूल व्यापार मंच और आने वाले वर्ष के लिए कृत्रिम बुद्धि का उपयोग करने के लिए सर्वोत्तम भुगतान विधि । युआनपे समूह की वेबसाइट निश्चित रूप से वादा किए गए ई-आरएमबी में एक सुरक्षित, कानूनी और सबसे अधिक कुशल तरीके से निवेश करने, मौजूदा डिजिटल प्लेटफॉर्म का क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है उपयोग करके उत्पाद बेचने और फोन ऐप के साथ वास्तविक पैसा कमाने का अवसर प्रदान करती ।

यह घोटाला है या वैध?

युआन पे एक घोटाला, नकली या पिरामिड योजना नहीं , फोर्ब्स पहले से ही उत्पाद में पूरी तरह से रुचि रखता , युआन पे पर लेख वर्तमान में पत्रिका में सबसे अधिक पढ़े जाते ं। यह ध्यान देने योग्य कि इस परियोजना का दुनिया भर में बहुत बड़ा प्रशंसक और यह चीन को छोड़कर कई पश्चिमी देशों में Google पर सबसे लोकप्रिय खोज इंजनों में से एक ।

जानकारी - Yuan Pay
सेवा का नाम Yuan Pay
आधिकारिक साइट www.Yuan Pay.in
डेमो अकाउंट नि: शुल्क
खाता मुद्राएं रुपया, डॉलर
तक लाभप्रदता 85%
अंतरफलक भाषा हिंदी, अंग्रेजी
देशों में उपलब्ध भारत

निर्देश हिंदी में: कैसे उपयोग करें?

ई-युआन में निवेश करना बहुत आसान और सरल । ऐसा करने के लिए, आपको युआनपे समूह की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा, अपने फोन पर एप्लिकेशन डाउनलोड करना होगा और $250 का निवेश करना होगा। जमा डेबिट और क्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट और खातों और बैंक हस्तांतरण के माध्यम से स्वीकार किए जाते ं।

यह वास्तव में कैसे काम करता है?

आरएमबी उत्पाद की कीमत हर मिनट बढ़ती जा रही और वर्तमान में 5,000 डॉलर प्रति सिक्का तक जा सकती । मीडिया और परियोजना के रचनाकारों के अनुसार, 2021 के अंत तक, ई-युआन की कीमत लगभग 100,000 डॉलर प्रति यूनिट होगी, जिससे इसके मालिकों को अविश्वसनीय रूप से भारी मुनाफा होगा। इसके अलावा, आरएमबी इनाम का लाभ यह कि वास्तविक धन के लिए आरएमबी का आदान-प्रदान करते समय निवेशक को कमीशन का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती ।
युआन पे निवेश करने और उत्कृष्ट निष्क्रिय आय प्राप्त करने का एक अच्छा अवसर । इसके अलावा, यह परियोजना बहुत ही कम समय में मीडिया में बहुत लोकप्रिय हो गई और इसलिए निकट भविष्य में बड़ी सफलता की संभावना । दुनिया धीरे-धीरे क्रिप्टोकरेंसी की ओर बढ़ रही और इस समय एक आधुनिक प्रगतिशील समाज का काम एक आशाजनक और सस्ती मुद्रा चुनना ।

क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है

Teacher

Vaishali Basu Sharma

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केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है . इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है , ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा .

भारत में क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के कर निहितार्थ के बारे में काफी अनिश्चितता के बाद केंद्र सरकार ने अंततः 2022-23 के केंद्रीय बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स ( वीडीए ) से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत के समग्र कर की घोषणा की .

क्रिप्टो रिसर्च एजेंसी क्रेबैको (CREBACO) ने बताया है कि 30% टैक्स लागू होने के बाद पहले दो दिनों में भारतीय एक्सचेंज में इसके वॉल्यूम में लगभग 55% की और डोमेन ट्रैफिक में 40% से अधिक की गिरावट देखी है . यह कई मायनों में इस बात का संकेत है कि भारतीय क्रिप्टो स्पेस नए कर दिशानिर्देशों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है .

दूसरी ओर , भारत सरकार ने ग्यारह क्रिप्टो एक्सचेंज से चुकाई नहीं गई जीएसटी के 95.86 करोड़ रुपये (958 मिलियन डॉलर ) की वसूली की है . केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ( सीबीआईसी ) ने कई क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे कॉइन डीसीएक्सम बाई यूकॉइन , कॉइन स्विच कुबेर , अनकॉइन और फ्लिटपे (Coin DCX, Buy Ucoin, Coin Switch Kuber, Unocoin , Flitpay) द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का पता लगाया था . हालांकि , ज़ानमाई लैब्स बड़ी चोरी का पता लगा था , जहां वज़ीरएक्स नाम का एक क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित होता था .

जीएसटी की वसूली और क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30% कर ने भारत में क्रिप्टो टैक्स पर चल रही बहस को बढ़ाया ही है .

30 प्रतिशत कर का नियम 1 अप्रैल , 2022 से प्रभावी हुआ है , लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष (2021-22 की अवधि ) के लिए क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर भी कर लगाया जाएगा . इसके लिए आयकर अधिनियम , 1961 में एक नई धारा 115 BBH जोड़ी गई है .

वीडीए पर लगे अन्य करों में ट्रांसफर पर एक प्रतिशत टीडीएस , कोई बुनियादी छूट नहीं , किसी नुकसान पर कोई सेट - ऑफ नहीं , होल्डिंग अवधि के बावजूद कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं है और उपहार का लगने वाला टैक्स भी शामिल हैं .

भारत में स्टॉक और इक्विटी फंड से होने वाले लाभ पर 10-15 प्रतिशत और गैर - इक्विटी विकल्प , संपत्ति और सोने पर 20 प्रतिशत या मामूली दर से कर लगाया जाता है . वर्चुअल संपत्तियों पर इतनी ऊंची दर पर टैक्स लगाने को उद्योग के हितधारकों ने आक्रामक कदम माना है .

वीडीए पर लगे नए कर में क्रिप्टो संपत्तियां जैसे बिटकॉइन , डॉगकोइन आदि , नॉन - फंजीबाल टोकन ( एनएफटी ) और ऐसी कोई भी संपत्ति जो भविष्य में विकसित हो सकती है , शामिल हैं . गौर करने वाली बात यह है कि महज क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों पर टैक्स लगाने से वे भारत में वैध नहीं हो जाते हैं . यहां परिभाषा , कराधान और गणना (computation) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्पष्टता का व्यापक अभाव है .

यहां तक कि कुछ समय पहले भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी केंद्र से यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार या वर्चुअल डिजिटल मुद्रा वैध है या नहीं .

सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत में वीडीए को विनियमित करने वाला एक कानून पेश किया जाएगा – लेकिन तब जब उनके विनियमन पर वैश्विक सहमति बन जाएगी . सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में कानून पर काम कर रही है , लेकिन इसे तैयार होने में समय लग सकता है .

क्रेबैको के अनुसार , 105 मिलियन से अधिक लोग , जो भारत की कुल आबादी का 7.90 प्रतिशत है , वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के मालिक हैं , जिनकी कुल संपत्ति 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है . उच्च कर दर बड़े निवेशकों को प्रभावित नहीं करेगी , जो थे पहले से ही 30 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में थे लेकिन छोटे निवेशक और छात्र , जो अब तक क्रिप्टो निवेश पर टैक्स फ्री रिटर्न का लाभ ले रहे थे , अब प्रभावित होंगे .

देश के प्रमुख डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ का मानना ​​ है कि ‘ अन्य टोकन या कटौती के खिलाफ नुकसान को सेट - ऑफ करने के विकल्प के बिना 30% टैक्स टर्नओवर में गिरावट का कारण बन सकता है .’

1 जुलाई 2022 से नफे या नुकसान की स्थिति में किसी रेजिडेंट सेलर द्वारा वीडीए के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत कर कटौती ( टीडीएस ) लागू होगा . हालांकि यह कटौती कुल देयता (liability) के साथ एडजस्ट हो जाती है और टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय बाद में रिफंड का दावा किया जा सकता है . लेकिन हितधारकों की शिकायत है कि प्रावधान लिक्विडिटी को प्रभावित कर रहा है और ऐसे व्यापारी , जो ऐसी संपत्ति की लगातार खरीद - बिक्री में शामिल होते हैं , बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे . उदाहरण के लिए , यदि कोई व्यापारी एक वर्ष में 300 बार ट्रेड कर रहा है , तो उसकी पूरी पूंजी टीडीएस में लॉक हो सकती है .

इस प्रावधान को विभिन्न कारणों से सबसे अधिक समस्याग्रस्त माना जा रहा है . पूंजी का ऐसे लॉक हो जाना और अनावश्यक अनुपालन आवश्यकताओं को बढ़ाने के अलावा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ‘ ट्रांसफर ’ के दायरे में क्या - क्या आता है .

उल्लेखनीय है कि क्रिप्टो को न केवल खरीदा और बेचा जाता है , बल्कि एयरड्रॉप , फोर्किंग , स्टेकिंग , पी 2 पी लेंडिंग और वॉलेट ट्रांसफर के माध्यम से भी लेन - देन होता है . इसे वस्तुओं और सेवाओं के बदले भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है . ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि क्या ट्रांसफर के ये सभी तरीके उन ट्रांसफर जिन पर टीडीएस कटौती लागू होगी , के दायरे में आएंगे .

2022-23 के केंद्रीय बजट में कहा गया है कि टीडीएस काटने और जमा करने की जिम्मेदारी खरीदार पर होगी . हालांकि , खरीदार के पास विक्रेता डेटा जैसे पैन आदि की अनुपलब्धता सरीखी लॉजिस्टिक कठिनाइयों के कारण यह जिम्मेदारी एक्सचेंज पर आ सकती है .

भारत में वीडीए पर टैक्स देते समय अधिग्रहण की लागत को छोड़कर किसी भी व्यय के लिए कोई कटौती की अनुमति नहीं होगी . इसी तरह , ऐसी संपत्ति के ट्रांसफर से लाभ कमाने वाले व्यक्ति

UPSC IAS Essay 2022 probable topic Cryptocurrency is our editorial and essay today.

UPSC MAINS Essay Topic 2022 Cryptocurrency

उत्तर: क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा है, जिसको एक आम भारतीय नागरिक भौतिक रूप में देख नहीं सकता है, छू नहीं सकता है। लेकिन इन मुद्राओं का किसी कंप्युटर या मोबाइल एप के माध्यम से प्रबंध किया जा सकता है। जिसको साधारणत: “वालेट” Wallet कहते हैं।

क्रिप्टो करेंसी का विचार सतोषी नाकामोटो द्वारा सन 2008 में एक रिसर्च पेपर (white paper) में दिया गया था।

क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टो मुद्रा का नियंत्रण किसी भी देश के केन्द्रीय बैंक के हाथों में नहीं होता है। इस मुद्रा को किस व्यक्ति (इंटरनेट पर एक उपभोक्ता) से खरीदा (या बेचा) जाता है का नियंत्रण इन उपभोक्ताओं के हाथों में ही होता है।

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भारत की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मार्च 2020 में क्रिप्टो करेंसी पर लगे बैन को पूरी तरह से हटा दिया गया है। जिसके अनुसार कोई भी भारतीय इस क्रिप्टो मुद्रा में निवेश करने के लिए मान्य है लेकिन इसके द्वारा विनिमय वैध नहीं है।

इस मुद्रा को बनाने के लिए साधारण कंप्यूटर से कई गुना शक्तिशाली कंप्यूटरों का समूह, संबंधित सॉफ़्टवेयर, और इंटरनेट की आवश्यकता होती है।

इस मुद्रा को बनाने के लिए कंप्यूटर पियर टू पियर (peer to peer) नेटवर्क से जुड़े होते हैं। ये सभी कंप्यूटर एक खास ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर को चलाते हैं जिस पर मुद्रा को बनाया जाता है और इस सॉफ़्टवेयर की सहायता से ही स्वायतरूप से मुद्रा का प्रबंध किया जाता है। इसी प्रक्रिया को संक्षेप में mining कहा जाता है। और इस प्रक्रिया को चलाने वाले कंप्युटर उपभोक्ता को minor कहा जाता है।

उदाहरण: बिटकॉइन, इथेरियम, लाइटकॉइन, डॉगकॉइन, इत्यादि।

Q.2 ब्लॉकचेन या ब्लॉकचेन तकनीक (blockchain technology) क्या होती है? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिये? UPSC IAS Essay 2022

उत्तर: ब्लॉकचेन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से हम डाटा का विकेंद्रीकरण (decentralized) तरीके से भंडारण (store) करते हैं।

यहाँ विकेंद्रीकरण का अर्थ है कि कोई भी एक संस्था क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है किसी भी तरह के डाटा या सूचना के आदान प्रदान को नियंत्रित नहीं कर रही है।

उदाहरण: किसी स्कूल की एक ऐसी कक्षा, जहाँ पर विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए अध्यापक की देखरेख की आवश्यकता नहीं होती है, और वहाँ के विद्यार्थी स्वयं ही किताबों से पढ़ाई कर सकते हैं और साथ-साथ वो स्वयं ही एक-दूसरे का किया गया काम भी जाँच सकते हैं।

ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर एक प्रकार से डिजिटल बही खाता (Ledger) है। जिसको प्रत्येक कंप्यूटर द्वारा ही नियंत्रित किया जाता है।

इस ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर की सहायता से ही कोई कंप्यूटर जान पाता है क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है कि किसी उपभोक्ता के पास कितनी क्रिप्टो मुद्राएँ उपलब्ध हैं, कितनी मुद्राएँ किसी दूसरे उपभोक्ता को भेजी जा रही हैं, या किसी से प्राप्त हो रही हैं।

MINING: Mining की प्रक्रिया क्या होती है?

इस प्रक्रिया के दो प्रमुख लक्ष्य हैं –

  • बिट कॉइन या कोई दूसरा क्रिप्टो कॉइन का उत्पादन करना: इसके उपभोक्ता शक्तिशाली कम्पुटरों की सहायता से कुछ गणितीय पहेलियों या सवालों को हल करते हैं, और ब्लॉक में छिपे हुए “कॉइन्स” को खोदते हैं या खोजते हैं। ये कॉइन किसी उपभोक्ता को पहेलियों को हल करने के लिए पुरुस्कार स्वरूप दिए जाते हैं।
  • लेन देन की प्रक्रिया को त्रुटि-रहित रखना, या डिजिटल बही खाता बनाना (ledger) :
    • जिसमें कई सारे computers सम्मिलित होते हैं, और जिनका काम होता किसी नए जुड़ने वाले computer या node की जानकारी की जाँच करना।
    • किसी transaction की जाँच करना कि यदि ये transaction किसी अन्य node द्वारा tamper या खराब तो नहीं की गई है,
    • किसी क्रिप्टो कॉइन की नकल तो नहीं बनाई गई है, इत्यादि।
    • इस network से जुड़ा हुआ कोई भी कंप्यूटर ये देख सकता है या इस बात की पुष्टि कर सकता है कि कौन-कौन से कंप्यूटर या node इस ब्लॉक में जुड़े हुए हैं।

    Q.3 बिटकॉइन (bitcoin) क्या होते हैं? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिये? UPSC IAS Essay 2022

    उत्तर: बिट कॉइन वर्तमान में उपलब्ध कई तरह की क्रिप्टो मुद्राओं में से एक मुद्रा है।

    • यह मुद्रा सर्वप्रथम सं 2009 में अवतरित हुई थी।
    • इसके निर्माता “सातोशी नाकामोतो” हैं।
    • ये विश्व भर में उपलब्ध सभी क्रिप्टो मुद्राओं में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध क्रिप्टो मुद्रा है।
    • इस को किसी भी केन्द्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।
    • मार्च 2020 के सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार वर्तमान में बिट कॉइन या अन्य किसी क्रिप्टो मुद्रा का प्रयोग किसी वस्तु या सेवा के विनिमय के लिए मान्य नहीं है, हालाँकि कोई भी भारतीय नागरिक अपनी सुविधा और जोखिम क्षमता-अनुसार निवेश कर सकता है।

    Q.4 क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) या क्रिप्टोकॉइन के संभावित लाभ व हानि के बारे में चर्चा कीजिये? UPSC IAS Essay 2022

    उत्तर: बिट कॉइन के लाभ:

    ये प्रक्रिया लेन देन की अन्य प्रक्रियाओं से

    • ज्यादा तेज है: नैनो सेकण्ड्स में धन का हस्तांतरण संभव है
    • सुरक्षित है: जाली बिट कॉइन बनाना असंभव है।
    • किसी भी तरह की कागज़ी और कानूनी प्रक्रिया से मुक्त है।
    • प्रबंधन आसान है: वॉलेट की सहायता से बिट कॉइन खरीदना, भेजना, प्राप्त करना सुगम है।
    • निवेश: छोटी छोटी धनराशि जैसे ₹100 से निवेश करना संभव है।
    • साइबर अपराधों, टैक्स चोरी, गैर कानूनी तौर तरीकों से धन का हस्तांतरण करना (money laundering), इत्यादि गंभीर अपराधों का होना आसान बनाता है।
    • गैरकानूनी ड्रग, हथियार, इत्यादि का विनिमय आसान करता है।
    • नियमों में पारदर्शिता न होना: किसी भी तरह का भौतिक रिकॉर्ड न होना, अपराधी को ट्रेस करने में बाधा उत्पन्न करता है।
    • पर्यावरण सम्बन्धी: शक्तिशाली कंप्यूटर ज्यादा ऊर्जा का क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है उपभोग करते हैं और CO2 का भी उत्सर्जन होता है। जिस भी स्थान पर कोई कंप्यूटर काम कर रहा है, उस कमरे में वातानुकूलन (air conditioning) की जरूरत होती है। इस क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है तरह से माइनिंग प्रक्रिया वाला कंप्यूटर और A.C. सामान्य से कई गुना ज्यादा विधुत उपभोग करते हैं।जो कि पर्यावरणीय दृष्टि से बहुत ही ज्यादा हानिकारक है।

    Q.5 किस देश ने क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) या क्रिप्टोकॉइन को लीगल टेंडर का दर्जा दिया है? UPSC IAS Essay 2022

    उत्तर: दक्षिण अमेरिका का अल साल्वाडोर ऐसा पहला देश है, जिसने क्रिप्टो मुद्रा को legal tender का रूप (2021) दिया है। हालाँकि US डॉलर अभी भी वहाँ की आधिकारिक मुद्रा है।

    भारत में बिटकॉइन का भविष्य क्या है? [2021] | Future of Bitcoin in India Hindi

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 31 मई को बैंकों से कहा कि वे अपने 2018 के आदेश का हवाला न दें, जो क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाले ग्राहकों को बैंकिंग सेवाओं से इनकार करने का कारण है. RBI ने कहा कि उसके 2018 के आदेश को मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था और बैंकों के लिए अब इस आदेश का हवाला देना अनुचित होगा – Future of Bitcoin in India Hindi.

    हालांकि, केंद्रीय बैंक ने बैंकों से कहा कि वे एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की रोकथाम से जुड़े नियमों के तहत क्रिप्टोकुरेंसी व्यापारियों पर अन्य उचित परिश्रम प्रक्रियाओं को जारी रखें.

    Table of Contents

    भारत में बिटकॉइन का भविष्य क्या है? – Future of Bitcoin in India Hindi

    मुझे लगता है की अगर दुनिया के बड़े बड़े देश इसे अपनाएंगे तो अंततः भारत को भी बिटकॉइन को अपनाना होगा क्यूंकि भारत भी दुनिया के साथ नयी टेक्नोलॉजी को अपनाना चाहेगा लेकिन भारत सरकार इसपर नए कानून जरूर लागू करेगा – Future of Bitcoin in India Hindi.

    RBI के 2018 के सर्कुलर में क्या कहा गया है?

    अप्रैल 2018 में, RBI ने एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाले ग्राहकों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच की अनुमति नहीं है. निजी पार्टियों द्वारा जारी आभासी मुद्राओं की वैधता के बारे में आरबीआई के अधिकारियों के बीच संदेह के वर्षों के बाद सर्कुलर आया.

    केंद्रीय बैंक ने बार-बार उन जोखिमों के बारे में चेतावनी दी है जो इन अनियमित निजी मुद्राओं से निवेशकों और वित्तीय प्रणाली (financial system) को प्रभावित करते हैं. बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेनदेन की सुविधा से रोककर, आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी में किसी भी महत्वपूर्ण रुपये के निवेश पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगा दिया.

    SC ने RBI के 2018 के आदेश को बैंकों को क्यों उलट दिया?

    सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया बनाम आरबीआई पर अपने फैसले में आरबीआई के 2018 के सर्कुलर को पलट दिया. SC ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की खरीद या बिक्री पर RBI इन मुद्राओं के व्यापार पर अधिक प्रतिबंध नहीं लगा सकता है. अदालत ने महसूस किया कि इस तरह के प्रतिबंध नागरिकों के किसी भी व्यापार को करने के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप करेंगे जिसे कानून के तहत वैध माना जाता है.

    क्या यह RBI और सुप्रीम कोर्ट से क्रिप्टोकरेंसी के लिए मंजूरी की मुहर है?

    नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने RBI के आदेश को पलटते हुए बस इतना कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर भारी प्रतिबंध लगाने के लिए फिलहाल कोई कानूनी आधार नहीं है. एक बार संसद में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पारित होने के बाद, अदालत भविष्य में इस विचार को नहीं रख सकती है. दूसरी ओर, आरबीआई को मौजूदा स्पष्टीकरण जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है क्योंकि कुछ बैंकों ने हाल ही में ग्राहकों को क्रिप्टोकुरेंसी में काम करने से रोकने के लिए 2018 के परिपत्र (जो अब शून्य है) का हवाला दिया है.

    वैधता को लेकर अनिश्चितता के कारण बैंक अपने ग्राहकों को क्रिप्टोकरेंसी में सौदा करने देने से हिचक रहे हैं. इस बीच, केंद्र क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है.

    भारत में बिटकॉइन का भविष्य क्या है?

    क्रिप्टोक्यूरेंसी संशयवादियों का कहना है कि दुनिया भर की सरकारें अंततः सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा देंगी. उनका तर्क है कि सरकारें और उनके केंद्रीय बैंक पैसे पर अपनी एकाधिकार शक्ति को कमजोर नहीं होने देंगे.

    भारत सरकार इस मामले पर परस्पर विरोधी संकेत देती रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मार्च में कहा था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं होगा. लेकिन केंद्र जल्द ही आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन (Law) को पेश करने की योजना बना रहा है, जिसमें कहा गया है कि सभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने वाले प्रावधान हैं. इस प्रकार, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य अभी भी अधर में है – Future of Bitcoin in India Hindi.

    विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.

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