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ट्रेंड मूवमेंट क्या है

ट्रेंड मूवमेंट क्या है

Swing trading क्या है? स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक सिलेक्शन कैसे करें?

आप चाहें तो mutual funds मे भी निवेश कर सकते हैं परंतु यह सिर्फ एक पुराना तरीका है जिसमें सिर्फ लॉन्ग टर्म में ही लाभ प्राप्त किया जा सकता है। परंतु स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसा कारगर विकल्प है जिससे मदद से आप अपने पैसे पर कम समय में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं ।

स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग तथा scalping समान ही है परंतु जो इसे अन्य प्रकारों से भिन्न बनाती है वह यह है कि इसमें आपके पास अपने निवेश संबंधी निर्णय को लेने के लिए पर्याप्त समय होता है जिसमें आप अपने तार्किक विश्लेषण के आधार पर निर्णय लेते हैं

आज के इस आर्टिकल में हम स्विंग ट्रेडिंग क्या है तथा उससे संबंधित विषयों के बारे में अध्ययन करेंगे ।

Table of Contents

Swing trading क्या है?

Swing trading, trading एक ऐसा प्रकार है जिसमें किसी कंपनी के शेयर को 1 दिन से अधिक समय के लिए खरीदा जाता है शेयर को खरीदने से लेकर बेचने की अवधि 1 दिन से लेकर कुछ हफ्तों तक के लिए हो सकती है।

यह ट्रेडिंग मार्केट में short term gain तथा medium term gains के लिए की जाती है यह ट्रेडिंग का एक ऐसा रूप होता है जिसमें ट्रेडिंग एक तय समय के लिए की जाती है स्विंग ट्रेडिंग मे इस तय समय में हुए मार्केट में शेयर के प्राइस मूवमेंट से लाभ प्राप्त किया जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग कम समय में ज्यादा प्रभावी होती है क्योंकि जहां एक तरफ निवेशकों को अपने निवेश पर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न अर्जित करने के लिए 1 साल या उससे अधिक का समय देना होता है वही एक स्विंग ट्रेडर का उद्देश्य कम समय में अच्छे लाभ कमा कर अपने लक्ष्यों की पूर्ति करना होता है क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की मदद से आप हफ्ते मैं अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।

इस ट्रेडिंग का उपयोग कोई भी आम व्यक्ति लॉयर डॉक्टर, बिजनेसमैन ,आर्किटेक्ट या कोई भी व्यक्ति जो किसी भी प्रकार की जॉब करता है वह कर सकता है।

इस ट्रेडिंग की मदद से आप शॉर्ट टर्म में शेयर के प्राइस मूवमेंट से पैसे कमा सकते हैं जिसमें टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करके आप शेयर के प्राइस मूवमेंट का पता लगाकर यह अनुमान लगा सकते हैं कि आने वाले समय में किसी शेयर में कितनी वृद्धि हो सकती है।

Swing trading में stock selection कैसे करें?

स्विंग ट्रेडिंग अन्य ट्रेडिंग के सिद्धांतों पर ही कार्य करती है ।परंतु इसमें व्यक्ति के पास अपने निर्णय लेने हेतु समय होता है। जिससे वह अपने नुकसान को सीमित कर सकता है। जिस प्रकार अन्य ट्रेडिंग प्रकारों में लाभ तथा हानि दोनों हो सकती हैं उसी प्रकार इसमें भी जोखिम रहता है। इसलिए यदि आप अच्छी तरह से स्टॉक का चयन करें तो आप अपने नुकसान को कम तो कर ही सकते हैं ।साथ ही साथ अपने लाभ की संभावना को बढ़ा सकते हैं।

स्टॉक चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

मौलिक विश्लेषण

सर्वप्रथम किसी कंपनी के स्टॉक के चयन हेतु आपके पास उस कंपनी के विषय में कुछ मौलिक विश्लेषण होने चाहिए जैसे कि उस कंपनी का वैल्यूएशन कितना है वह कंपनी किस क्षेत्र में कार्यरत है तथा इससे पहले उसने कैसा कार्य किया है।

लिक्विडिटी

स्विंगट्रेडिंग करने से पहले आपको उसकी तरलता यह लिक्विडिटी के बारे में जान लेना चाहिए यदि उस शेयर की लिक्विडिटी अच्छी है तो आप कम समय में उससे अच्छा रिटर्न कमा पाएंगे।

ट्रेंड व मार्केट चाल

स्विंग ट्रेड करते समय आपको टेक्निकल एनालिसिस की आवश्यकता होती है जिसकी मदद से आप उस कंपनी के पुराने डाटा के आधार पर आने वाले समय ट्रेंड मूवमेंट क्या है में उस शेयर में होने वाले बदलाव का अनुमान लगा सकते हैं इसके आधार पर आपको उसके ट्रेंड शेयर की औसत चाल तथा उसके प्राइस मूवमेंट की जानकारी मिल जाएगी।

अन्य स्टॉक के साथ तुलना

किसी कंपनी को चयन करने से पहले आपको उस कंपनी के सेक्टर की अन्य कंपनियों के साथ उसकी तुलना करनी चाहिए जिससे आपको शेयर की जानकारी अच्छी तरीके से हो सके।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस ट्रेंड मूवमेंट क्या है टाइम फ्रेम का उपयोग करें?

मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग करने से पहले आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इसका समय काल 1 दिन से कुछ हफ्ते तक का होता है अतः आपको इसके विश्लेषण हेतु टाइम फ्रेम की आवश्यकता होती है। जिससे आप उसका सटीक आंकलन करके लाभ प्राप्त कर सकें।

चार्ट का अध्य्यन मे आपको मार्केट का विस्तृत आंकलन करने की आवश्यकता होती है इसके लिए ट्रेंड मूवमेंट क्या है आप चार्ट के weekly टाइम फ्रेम या day time frame का उपयोग कर सकते हैं साथ ही ट्रेडिंग की प्लानिंग हेतु 1घंटे या 4घंटे के टाइम फ्रेम का उपयोग कर सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग करते समय एंट्री और एग्जिट कहां करें?

यदि आपको स्विंग ट्रेडिंग से लाभ प्राप्त करना है तो आपको सही समय पर शेयर में एंट्री करने की आवश्यकता होती है।यह तय करने हेतु आपको मार्केट में विभिन्न रणनीतियां का उपयोग करना है। तथा किसी की सहायता से आप अपना लाभ भी तय कर सकते हैं।

Support and resistance

शेयर बाजार में सपोर्ट और रेजिस्टेंस बहुत महत्वपूर्ण होते हैं ।क्योंकि सपोर्ट मार्केट में खरीदारी को प्रदर्शित करता है ।अर्थात यहां खरीदारी का ज्यादा दबाव होता है ।तथा रेजिस्टेंस सप्लाई को अर्थात् बिकवाली को प्रदर्शित करता है तो यदि आप किसी शेयर मे एंट्री लेते हैं तो आप यह ट्रेंड मूवमेंट क्या है सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस की सहायता से कर सकते हैं।यदि मार्केट कहीं स्ट्रांग सपोर्ट बना रहा है तो आप वहां छोटे स्टॉपलॉस के साथ एंट्री लेने की योजना बना सकते हैं तथा रेजिस्टेंस पर उसको बेच सकते हैं।

मूविंग एवरेज

मूविंग एवरेज मार्केट की औसत चाल को बताने का कार्य करता है चार्ट के तकनीकी विश्लेषण में 21,33,50 ,100,एवं 200 मूविंग एवरेज का उपयोग किया जाता है। यह मार्केट के पिछले कुछ दिनों की औसत चाल के अनुसार आपको भविष्य में आने वाले उतार चढ़ाव का डाटा बताता है।इसकी सहायता से आप अपनी एंट्री की योजना बना सकते हैं।

इंडिकेटर का उपयोग

मार्केट में कई तरह के इंडिकेटर उपलब्ध हैं जो आपको मार्केट की भिन्न-भिन्न दशाओं से अवगत कराते हैं आप इन इंडिकेटर्स का उपयोग करके प्रवेश करने तथा बाहर निकलने की रणनीति को बना सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग मार्केट में कम समय में निवेश करके मुनाफा कमाने हेतु कारगर है। परंतु यदि आपस में सफल होना चाहते हैं तो आपको इसे सावधानी के साथ रिस्क मैनेजमेंट की सहायता से करना चाहिए। क्योंकि यदि आपको अपने लाभ के साथ-साथ अपने नुकसान के बारे में भी पता रहेगा तो आप मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकेंगे।

कश्मीर मूवमेंट का इस्लामीकरण

कश्मीर के अलगाववादियों के अल कायदा से जुड़ने की खबर है. तो क्या कश्मीर मुद्दे को इस्लामिक चरमपंथियों से हाइजैक कर लिया है. दक्षिण एशिया विशेषज्ञ अग्नियेश्का कुशेवस्का इसके लिए भारत की नीतियों को भी जिम्मेदार ठहराती हैं.

डीडब्ल्यू: हाल ही में एक प्रभावशाली कश्मीरी नेता जाकिर मूसा ने अलगाववादी मूवमेंट से दूरी बना ली और अल कायदा में शामिल हो गया. कुछ विशेषज्ञों को लगता है कि दशकों पुराना भारत विरोधी अभियान तेजी से इस्लामीकरण की तरफ बढ़ रहा है. क्या आप इस समीक्षा से सहमत हैं?

अग्नियेस्का कुसजेवस्का: जाकिर मूसा अब हिज्बुल मुजाहिद्दीन अलगाववादी गुट से नहीं जुड़ा है. संगठन ने माना है कि "हुर्रियत के नेताओं का सर कलम करने" वाला मूसा का बयान अस्वीकार्य है और यह उसकी निजी राय है.

मूसा ने कहा कि वह "कश्मीर में शरिया" लागू करना चाहता है और यह ताकत के जरिये होना चाहिए न कि जनमत के जरिये. चरमपंथ के विस्तार और तथाकथित "कश्मीरी तालिबान" के उदय की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है. हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी की कश्मीर के प्रति कड़ी नीति हालात को भड़का रही है. अगर भारत ने घाटी में कड़ी नीति जारी रखी तो कश्मीरी मूवमेंट के कुछ धड़े ज्यादा कट्टर हो सकते हैं.

विशेषज्ञ कहते हैं कि कश्मीर के विवाद में पाकिस्तान 1980 के दशक के आखिर में सीधे शामिल हुआ, इसके बाद ही कश्मीर का नरमपंथी आंदोलन ज्यादा धार्मिक रंग लेने लगा. क्या आपको लगता है कि यह और ज्यादा कट्टर होता जा रहा है, शायद वैश्विक आतंकी संगठनों के संभावित तालमेल के चलते?

इलाके में इस्लामी चरमपंथ का उभार 1980 के दशक में अफगान युद्ध के दौरान आया. इसका सीधा असर कश्मीर विवाद पर भी पड़ा. 1990 में पाकिस्तान ट्रेंड मूवमेंट क्या है में ट्रेनिंग लेने वाले उग्रवादियों की घुसपैठ से भारत विरोधी आंदोलन ज्यादा इस्लामिक हो गया. मौजूद डाटा और तथ्यों की समीक्षा के आधार पर मुझे लगता है कि कश्मीर के लोग इस्लाम का विस्तारवाद नहीं चाहते, वे चरमपंथी संगठनों को भी पंसद नहीं करते और ज्यादातर शरिया लागू करने के भी खिलाफ हैं. कई देशों में फैले आंतकी गुटों के पास कश्मीर में बड़ा समर्थन नहीं है.

श्रीनगर में जब मैं "वेलकम तालिबान" की ग्रैफिटी देखती हूं तो मेरे दिमाग में दो बातें आती हैं. पहली, कुछ युवा कश्मीरी और उग्रवादी संगठन इन संगठनों के प्रति अपना हल्का सा समर्थन जताते हैं क्योंकि वे घाटी में मानवाधिकारों के हालात के खिलाफ विरोध करना चाहते हैं. दूसरी बात है, यह सुरक्षा तंत्र द्वारा भी किया जा सकता है, वे इनकाउंटरों और मानवाधिकार के हनन के अन्य मामलों के लिए बदनाम हैं.

नये कश्मीरी आंदोलन को ज्यादातर नाराज युवा चला रहे हैं, वे भारत और पाकिस्तान दोनों के खिलाफ नजर आते हैं. लेकिन यह 1990 से पहले के उस आंदोलन से कैसे अलग है, जब पाकिस्तान से उम्मीदें नहीं थीं?

यह अलग है क्योंकि बीते तीन दशकों में भूरणनैतिक आयाम बदल चुके हैं. यह इसलिए भी अलग है कि युवा पीढ़ी कई साल की हिंसा देख चुकी है और उनकी ट्रेंड मूवमेंट क्या है स्मृतियां और सदमे पुरानी पीढ़ी के मुकाबले अलग हैं. कश्मीर के युवा थके हैं, गुस्से में है और समाधान की सख्त जरूरत महसूस कर रहे हैं. सुरक्षा बलों के दुर्व्यवहार की वजह से प्रतिरोध ज्यादा लोगों को आकर्षित कर रहा है. युवा अपनी जान दांव पर लगाने को तैयार हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी अब खुद को छुपा नहीं रहे हैं. वे सारे दुर्व्यवहार को रिकॉर्ड कर रहे हैं और फिर सोशल मीडिया के जरिये दुनिया से साझा कर रहे हैं. बीते साल जुलाई में सुरक्षा बलों के हाथों मरने वाला बुहरान वानी इस नए ट्रेंड में काफी कुशल था.

इंटरव्यू: शामिल शम्स

अग्निएश्का कुशेव्स्का वारसा यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइसेंस में प्रोफेसर हैं और थिंक टैंक पोलैंड एशिया रिसर्च सेंटर से जुड़ी हैं.​​​​​​​

Bigg Boss 16 से साजिद खान को बाहर करने की उठी मांग, ये है बड़ी वजह

Bigg Boss 16: फिल्म निर्माता साजिद खान एक बार फिर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। ट्विटर पर तेजी से 'रिमूव साजिद खान' ट्रेंड कर रहा है। लोगों को कहना है कि जिस शख्स पर यौन शोषण का आरोप लगा है उसे बिग बॉस के घर में नहीं रहना चाहिए।

Bigg Boss 16 से साजिद खान को बाहर करने की उठी मांग, ये है बड़ी वजह - India TV Hindi News

Highlights

  • साजिद पर साल 2018 में मीटू मूवमेंट के दौरान यौन शोषण का आरोप लगा था।
  • सोशल मीडिया पर 'रिमूव साजिद खान' तेजी से ट्रेंड कर रहा है।
  • शहनाज गिल भी साजिद खान की वजह से भयंकर ट्रोलिंग की शिकार हुई थी।

Bigg Boss 16: 'बिग बॉस 16' को शुरू हुए अभी चंद दिन ही हुए हैं और इसके मेकर्स को ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, सोशल मीडिया पर साजिद खान को शो से बाहर निकालने की मांग उठाई जा रही है। साजिद पर साल 2018 में मीटू मूवमेंट (MeToo Movement) के दौरान यौन शोषण का आरोप लगा था। कई अभिनेत्रियों ने सामने आ कर उनपर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इन्हीं आरोपों की वजह से सोशल मीडिया यूजर्स ने बिग बॉस 16 से साजिद को बाहर करने की मांग करते हुए एक याचिक शुरू की है। सोशल मीडिया पर 'रिमूव साजिद खान' (#RemoveSajidKhan) तेजी से ट्रेंड कर रहा है।

यहां देखें सोशल मीडिया यूजर्स के ट्वीट

अभिनेत्री ने बॉलीवुड छोड़ने का किया फैसला

वहीं मिड डे के हवाले से अभिनेत्री मंदना करीमी ने साजिद खान को बिग बॉस 16 (Bigg Boss 16) में लेने के फैसले पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने सोशल पर लिखा, 'बॉलीवुड छोड़ रही हूं। मैं बस फिलहाल बॉलीवुड में काम नहीं कर रही। मैं ऐसी जगह नहीं रह सकती जहां पर महिलाओं को रिस्पेक्ट न मिले।' मंदना ने अपना इंस्टाग्राम ट्रेंड मूवमेंट क्या है अकाउंट भी प्राइवेट कर लिया है।

शहनाज गिल भी हो चुकी हैं ट्रोल

इससे पहले अभिनेत्री शहनाज गिल भी साजिद खान की वजह से भयंकर ट्रोलिंग की शिकार हुई थी। उन्होंने साजिद के सपोर्ट में एक वीडियो मैसेज भेजा था जो उनके प्रशंसकों को नागवार गुजरा। शहनाज ने वीडियो मैसेज में कहा था कि उन्हें खूब मस्ती करनी चाहिए न कि लड़ाई। इस वीडियो को देखने के बाद साजिद ने कहा कि शहनाज उनके लिए छोटी बहन जैसी हैं।

शहनाज का साजिद को सपोर्ट करना लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया। ट्विटर पर लोग शहनाज गिल के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकालने लगे। लोगों का कहना ट्रेंड मूवमेंट क्या है था कि बिग बॉस 16 प्रीमियर का सबसे बेकार पॉइंट यही हिस्सा था।

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फिल्म डायरेक्ट करने पर लगा दी गई थी रोक

आपको बता दें कि मी टू मूवमेंट के दौरान साजिद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली इंडस्ट्री के ये नाम शामिल थे- सलोनी चोपड़ा, अहना कुम्रा, बिपाशा बसु और प्रियंका बोस। इन आरोपों के बाद इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (IFTDA) ने उनके फिल्म डायरेक्ट करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। साजिद ने बिग बॉस के होस्ट सलमान खान के आगे कहा था कि उन्हें 4 सालों से कोई काम नहीं दे रहा है।

साजिद के अलावा ये लोग बिग बॉस 16 में आ रहे हैं नजर

बिग बॉस 16 में साजिद खान के अलावा 'इमली' फेम सुंबुल तौकीर, टीना दत्ता, अब्दु रोजिक, अंकित गुप्ता , प्रियंका चौधरी, निमृत कौर आहलूवालिया, शालीन भनोट, मान्या सिंह और 'बिग बॉस मराठी 2' के विनर रह चुके शिव ठाकरे भी नजर आ रहे हैं।

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VVIP security: अब यूपी में वीवीआइपी मूवमेंट पर सुरक्षा में तैनात होंगे काउंटर स्नाइपर

VVIP security: अब यूपी में वीवीआइपी मूवमेंट पर सुरक्षा में तैनात होंगे काउंटर स्नाइपर

जेएनएन, बरेली : जम्मू कश्मीर में लगातार स्नाइपर हमले के बाद चुनाव प्रचार के लिए आने वाले वीवीआइपी की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैैं। यही वजह है, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वीवीआइपी मूवमेंट में स्थानीय प्रशासन की डिमांड पर काउंटर स्नाइपर उपलब्ध कराए जाएंगे। डीजीपी ने इसके लिए सभी जिलों को पत्र भेजकर जरूरत पूछी है।

क्या है स्नाइपर

स्नाइपर रायफल ऐसा हथियार है, जो दो किमी दूरी से सटीक निशाना लगा सकती है। मूल रूप से यह एक लांग बैरल रायफल होती है। जिसमें टेलीस्कोप साइट्स लगाई जाती है। इसमें ऐसे स्कोप भी आते हैं, जिनके जरिये रात में भी टारगेट हिट किया जा सकता है।

वातावरण से प्रभावित होती है स्नाइपर

स्नाइपर रायफल की प्रभावशीलता का अंदाजा आप इससे भी लगा सकते हैं कि इसके इस्तेमाल के दौरान हवा के बहाव, वातावरण की नमी, रोशनी व बारिश आदि का भी अहम प्रभाव होता है।

स्नाइपर से बचने का उपाय

स्नाइपर यानी खास निशाने वाली रायफल चलाने वाला जवान बेहद ट्रेंड होता है। वह वहीं से हमला कर सकता है जहां से उसे टारगेट दिखाई दे। इसीलिए अक्सर स्नाइपर छिपे रहते हैैं।

ऊंचाई का करते इस्तेमाल

स्नाइपर हमलावर हमेशा ऊंचे स्थान को टारगेट के लिए चुनते हैं। इसलिए सुरक्षा के लिए पानी की टंकी, टॉवर, ऊंची बिल्डिंग को खाली कराकर उनपर पुलिस तैनात की जाती है ताकि वहां कोई पहुंच न सके।

प्रदेश पुलिस के पास नहीं हाईटेक सिस्टम

पत्र में यह भी बताया गया है कि स्नाइपर से निपटने के लिए लेजर के साथ कई अपडेट प्रणालियां हैं, जिससे स्नाइपर को डिटेक्ट कर सकते हैं लेकिन यूपी पुलिस के पास यह सिस्टम उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए केवल डिमांड पर उपलब्ध कराए जाएंगे। किसी बड़े इलाके में स्नाइपर से खतरा है, वहां काउंटर स्नाइपर का प्रयोग किया जाएगा।

तीन दिन पहले करनी होगी डिमांड

अधिकारियों से कहा गया है कि काउंटर स्नाइपर्स की संख्या सीमित है। इसलिए विशिष्ट महानुभावों की सुरक्षा व्यवस्था में जरूरत पर ही डिमांड की जाए।

क्या वाकई वेटलॉस में मदद करता है Chlorophyll Water? जानें क्या है ये नई हेल्थ ड्रिंक और इसके फायदे

इस ट्रेंड को फॉलो करने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर हाथ में गहरे हरे रंग के जूस वाला ग्लास पकड़कर फोटो डाली हुई है। फोटो देखकर तो पहली बार किसी को भी यही लगेगा कि यह वेट लॉस में मदद करने वाला कोई लौक

क्या वाकई वेटलॉस में मदद करता है Chlorophyll Water? जानें क्या है ये नई हेल्थ ड्रिंक और इसके फायदे

वेट लॉस जर्नी में हिस्सा लेने वाले लोगों के बीच आजकल एक नए हेल्थ ड्रिंक का ट्रेंड चल रहा है। इस ट्रेंड को फॉलो करने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर हाथ में गहरे हरे रंग के जूस वाला ट्रेंड मूवमेंट क्या है ग्लास पकड़कर फोटो डाली हुई है। फोटो देखकर तो पहली बार किसी को भी यही लगेगा कि यह वेट लॉस में मदद करने वाला कोई लौकी या करेले का जूस होगा, लेकिन हकीकत में ट्रेंड मूवमेंट क्या है ये कोई जूस नहीं बल्कि पौधों में पाया जाने वाला हरा पिगमेंट, क्लोरोफिल वॉटर है। जो पौधों को वाइब्रेंट कलर देने और ज़िंदा रहने के लिए जरूरी पोषक तत्त्व देता है।

क्या है क्लोरोफिल वॉटर-
ये तो हम सभी जानते हैं कि हरी पत्तियों को उनका हरा रंग क्लोरोफिल से मिलता है। जब ये क्लोरोफिल सूरज की रोशनी पाता है तो फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया होती है जिससे पेड़ को एनर्जी या कहें खाना मिलता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब यही क्लोरोफिल (इन हरी पत्तियों के माध्यम से ) आपके शरीर में जाता है तो शरीर को बहुत से फायदे पहुंचाता है।

क्लोरोफिल वॉटर के फायदे - Benefits of Chlorophyll Water-
क्लोरोफिल वॉटर को जिन लोगों ने आज़माया, उनका दावा है कि लिक्विड क्लोरोफिल स्किन और शरीर पर काफी अच्छी तरह से काम करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स होते हैं जो आपकी स्किन साफ करने, रंगत सुधारने और आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। ये एक नैचुरल डियोड्रेंट के रूप में भी काम करता है और शरीर की बदबू को खत्म करता है। कई लोग ये भी कहते हैं कि ये वजन घटाने, खून साफ करने और कैंसर की रोकथाम में भी मदद करता है।

-भोजन के साथ क्लोरोफिल वाटर का सेवन करने से आपको भूख कम लगती है। इससे आप अधिक खाने से बचते हैं और वजन कम करने में मदद मिलती है।

-तनाव, खराब आहार, और दवाओं का सेवन आपकी इम्यूनिटी को कमजोर बना सकता है। क्लोरोफिल वाटर का सेवन आपको फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाता है। इससे आपका इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है।

-ऐसा कहा जाता है कि क्लोरोफिल वाटर का सेवन करने से ​​सांसों की बदबू को भी कम किया जा सकता है। हालांकि इस दावे का समर्थन करने वाले शोध कम हैं।

-हालिया शोध में पाया गया कि ट्राइमेथिलैमिन्यूरिया से पीड़ित लोगों (जिनके पसीने से मछ्ली जैसी गंध आती है) को क्लोरोफिल वाटर से काफी मदद मिली है। हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि क्लोरोफिल वाटर का सेवन करने से ​​सांसों की बदबू को भी कम किया जा सकता है। लेकिन इस दावे का समर्थन करने वाले शोध कम हैं।

-क्लोरोफिल लंबे समय से स्किन वाउंड्स को भरने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह त्वचा पर होने पर घावों को साफ करके और बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करके इंफेक्शन से बचाता है।

नेचुरल फॉर्म में भी ले सकते हैं –
अगर आप क्लोरोफिल को नेचुरल फॉर्म में लेना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ हरी पत्तियां जैसे पालक, मेथी, धनिया लेकर उन्हें अच्छी तरह साफ करने के बाद मिक्सर में डालकर पीस लें। इसके बाद दिन में इस पानी को दो बार पिएं। आप चाहे तो इसमें अपनी पसंद का कोई फल जैसे सेब या अमरूद भी मिला सकते हैं। इसमें ऊपर से नींबू का रस भी डाल सकते हैं। ट्रेंड मूवमेंट क्या है ये वेट लॉस से लेकर एसिडिटी तक, हीमोग्लोबिन बढ़ाने से लेकर शुगर और कोलेस्ट्रोल कम करने तक कई हेल्थ बेनिफिट्स आपको दे सकता है।

कैसा है स्वाद - How Does It Taste?
बात अगर इस हेल्थ ड्रिंक के स्वाद की करें तो इसका टेस्ट कड़वा बिल्कुल नहीं है। दरअसल, क्लोरोफिल वॉटर का असल में अपना कोई सवाद नहीं होता है। आप इसे अपने किसी भी पसंदीदा ड्रिंक में मिला सकते हैं।

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