वैकल्पिक निवेश

मिलेट्स का उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन मोड में काम : श्री तोमर
25 नवम्बर 2022, नई दिल्ली: मिलेट्स का उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन मोड में काम : श्री तोमर – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर की अध्यक्षता में दिल्ली में उच्चायुक्तों और राजदूतों के बीच, अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष का प्री-लांचिंग उत्सव हुआ। इस अवसर पर श्री तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष (आईवाईओएम) घोषित किया है। इसके माध्यम से मिलेट की घरेलू व वैश्विक खपत बढ़ाना हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि यह वर्ष वैश्विक उत्पादन बढ़ाने, कुशल प्रसंस्करण तथा फसल रोटेशन के बेहतर उपयोग एवं फूड बास्केट के प्रमुख घटक के रूप में मिलेट को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय अन्य केंद्रीय मंत्रालयों, सभी राज्य सरकारों एवं अन्य हितधारक संस्थानों के साथ मिलकर मिलेट्स का उत्पादन तथा खपत बढ़ाने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है।
श्री तोमर ने कहा कि मिलेट्स सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन व खनिजों का भंडार है। आईवाईओएम, खाद्य सुरक्षा व पोषण के लिए मिलेट्स के योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा व सतत उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करेगा एवं अनुसंधान तथा विकास सेवाओं में निवेश बढ़ाने के लिए ध्यान आकर्षित करेगा। शाकाहारी खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के दौर में मिलेट वैकल्पिक खाद्य प्रणाली प्रदान करता है। मिलेट संतुलित आहार के साथ-साथ सुरक्षित वातावरण में भी योगदान देता है। ये मानव जाति के लिए प्रकृति के उपहार हैं। कम पानी की खपत, कम कार्बन उत्सर्जन व सूखे में भी जलवायु अनुकूल मिलेट को उगाया जा सकता है। भारत के अधिकांश राज्य एक या अधिक मिलेट फसल प्रजातियों को उगाते हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा स्थायी उत्पादन का समर्थन करने, उच्च खपत के लिए जागरूकता पैदा करने, मंडी व मूल्य श्रृंखला विकसित करने तथा अनुसंधान-विकास गतिविधियों के लिए वित्तपोषण भी किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत, मिलेट के लिए पोषक अनाज घटक 14 राज्यों के 212 जिलों में क्रियान्वित किया जा रहा।
विदेश मंत्री डा. जयशंकर ने कहा कि मिलेट्स आत्मनिर्भरता में सुधार करेगा, विकेंद्रीकृत उत्पादन को बढ़ावा देगा और किसानों की आय में वृद्धि करेगा। इस प्रकार वे वैश्विक खाद्य सुरक्षा के जोखिम को कम करेंगे। भारत की कल्पना के अनुरूप यह वर्ष जागरूकता और उपयोग के मायने में वास्तव में वैश्विक साझेदारी है। उन्होंने कहा कि कोविड, जलवायु परिवर्तन और संघर्षों की पृष्ठभूमि में आज दुनिया में मिलेट्स की प्रासंगिकता बढ़ रही है। श्री जयशंकर ने जोर देकर कहा कि पोषक-अनाज खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी व कृषि राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे भी विशेष रूप से उपस्थित थीं। कृषि सचिव श्री मनोज अहूजा ने स्वागत भाषण दिया व संयुक्त सचिव श्रीमती शुभा ठाकुर ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से आईवाईओएम के संबंध में जानकारी दी। अपर सचिव श्री अभिलक्ष लिखी ने आभार माना। विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) श्री डी. रवि, सचिव (पश्चिम) श्री संजय वर्मा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
महत्वपूर्ण खबर: सरसों मंडी रेट (24 नवम्बर 2022 के अनुसार)
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हल्द्वानी: जनता दरबार नहीं आए 'सरकार', जनता लौटी बिना गुहार
हल्द्वानी, अमृत विचार। सप्ताह के हर बुधवार को लगने वाला जिलाधिकारी का जनता दरबार इस बार नहीं लगा। डीएम के कैंप कार्यालय पर सुबह से ही फरियादी पहुंचने लगे, लेकिन न जिलाधिकारी पहुंचे और न ही अन्य विभागों के अधिकारी। जिले के दूर-दराज इलाकों से आए फरियादी घंटों इंतजार के बाद बैरंग लौट गए।
ऐसे ही एक फरियादी 18 किमी का सफर तय कर जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय पहुंचे थे। फरियादी हरीश शर्मा ने बताया कि नैनीताल रोड से 10 किमी की दूरी पर भद्यूनी गांव है और उससे भी तीन किमी ऊपर उनका गांव है। यह पूरा रास्ता कच्चा है। उनके गांव में गुलदार का आतंक है और एक महिला की मौत भी हो चुकी है। उनके क्षेत्र के एसडीएम नैनीताल में बैठते हैं। शिकायत के लिए हल्द्वानी में जिला अधिकारी का कैंप कार्यालय नजदीक है। ऐसे में वह पूरे गांव वालों का हस्ताक्षर किया शिकायती पत्र लेकर जनता दरबार में आए थे और यहां आकर पता चला कि आज तो जिला अधिकारी नहीं हैं। हरीश शर्मा की ही तरह अन्य कई लोग दरबार में अपनी फरियादें लेकर पहुंचे, लेकिन बैरंग लौटना पड़ा।
12 बजे पहुंची सिटी मजिस्ट्रेट, खड़े-खड़े सुनी शिकायत
जिलाधिकारी के इंतजार में हरीश शर्मा को 12 बज चुके थे। वह वापस लौट रहे थे कि तभी सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह का वाहन वहां पहुंचा। जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने न सिर्फ हरीश शर्मा का शिकायत पत्र लिया, बल्कि पूरी समस्या सुनकर समाधान का भरोसा भी दिया। हालांकि 12 बजे तक जनता दरबार में आए लगभग सभी फरियादी लौट चुके थे।
शहर से बाहर हैं जिलाधिकारी, स्टाफ मौजूद है
जनता दरबार में जिला अधिकारी के न आने के सवाल पर सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि जिला अधिकारी आवश्यक कार्य की वजह से जिले से बाहर गए हैं। इसी वजह से वह जनता दरबार में उपस्थित नहीं हो सके। उनसे जब अन्य अधिकारियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, जनता की शिकायत के लिए यहां स्टाफ मौजूद है।
न पूर्व सूचना दी, न की वैकल्पिक व्यवस्था की
जनता दरबार में पहुंचे फरियादियों का कहना है कि किसी को कभी भी आवश्यक कार्य हो सकता है, लेकिन जब एक व्यवस्था बनी है तो स्वयं की गैरमौजूदगी में अधिकारियों को एक वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर रखनी चाहिए। अगर फिर भी जनता दरबार जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम स्थगित करने पड़े तो इसकी पूर्व में सूचना जनता को दी जानी चाहिए।
टाटा: नमक वैकल्पिक निवेश से लेकर सैन्य विमान तक, हर किसी के घर में एक टाटा उत्पाद
कितना बड़ा है टाटा ग्रुप: आज हर किसी के घर में टाटा ग्रुप का कुछ न कुछ मिल सकता है। आप चाहे घर से बाहर हों, रेगिस्तान में हों या पहाड़ों में, आपको अपने आसपास कुछ न कुछ टाटा जरूर नजर आता है। टाटा नमक हो, टाटा कार हो, चाय हो या ट्रक यहां तक कि आपके घर तक बिजली… टाटा समूह देश भर में और वैश्विक स्तर पर 10 क्लस्टर में 30 कंपनियों के साथ काम करता है। इसका कारोबार 100 से ज्यादा देशों में फैला है। अब सबसे बड़े बोतलबंद पानी ब्रांड बिसलेरी का अधिग्रहण टाटा ग्रुप करने जा रहा है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है कि टाटा ग्रुप कैसे काम करता है.
उपभोक्ता और खुदरा
टाटा टी, टाटा साल्ट से लेकर टाटा केमिकल्स, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, वोल्टास, टाइटन, इन्फिनिटी रिटेल का क्रोमा ब्रांड, ट्रेंट का स्टार बाजार कुछ प्रमुख ब्रांड हैं। कई स्टारबक्स जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं, टाटा स्टारबक्स भी है।
इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (Information Technology)
टीसीएस के नेतृत्व में समूह की आईटी कंपनियां दुनिया भर में फैली हुई हैं।
मोटर वाहन
ऑटोमोटिव क्षेत्र में वैकल्पिक निवेश भी टाटा का उल्लेखनीय कार्य है। टाटा मोटर्स यात्री वाहनों से लेकर कमर्शियल वाहनों और रक्षा वाहनों का निर्माण करती है।
स्टील और इंफ्रास्ट्रक्चर
टाटा स्टील भी प्रसिद्ध ब्रांडों में से एक है। वे ऑटोमोटिव स्टील, हैंड टूल्स, स्टील पाइप आदि के क्षेत्र में काम करते हैं। टाटा पावर, टाटा प्रोजेक्ट्स, टाटा हाउसिंग, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, टाटा रियल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी समूह कंपनियां इस क्षेत्र में काम कर रही हैं।
आर्थिक सेवा (Financial Services)
टाटा समूह ने 1919 में न्यू इंडिया एश्योरेंस के माध्यम से वित्तीय सेवाओं में प्रवेश किया। वे टाटा एआईए लाइफ और टाटा एआईजी, टाटा एसेट मैनेजमेंट कंपनी म्युचुअल फंड, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं, वैकल्पिक निवेश फंड और ऑफशोर फंड की पेशकश करते हैं।
पर्यटन और यात्रा
टाटा समूह 1903 से पर्यटन और यात्रा के क्षेत्र में भी काम कर रहा है। वह इंडियन होटल्स कंपनी के जरिए काम करती हैं। एयर इंडिया टाटा एयरलाइंस बन गई। 1956 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया और सरकार के हाथों में आ गई। अब एयर इंडिया एक बार फिर निजी हाथों में चली जाएगी और टाटा ग्रुप भी इस रेस में है। एयर इंडिया फिर से टाटा हो सकती है।
दूरसंचार और मीडिया
टाटा समूह इस क्षेत्र में टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा स्काई और टाटा टेलीसर्विसेज के माध्यम से काम करता है।
व्यापार और निवेश
इस क्षेत्र में ये टाटा इंटरनेशनल, टाटा इंडस्ट्रीज और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन हैं।
एयरोस्पेस और रक्षा
टाटा समूह भारतीय सेना के लिए मेड इन इंडिया उत्पादों का निर्माण कर रहा है। यह एयरोस्पेस, यूएवी, मिसाइल, रडार, कमांड और कंट्रोल और मातृभूमि सुरक्षा के क्षेत्र में काम करता है।
Assets Under Management (AUM) क्या है?
एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) क्या है? [What is Assets Under Management (AUM)? In Hindi]
Assets Under Management एक म्यूचुअल फंड की संपत्ति/पूंजी का समग्र बाजार मूल्य है। फंड मैनेजर इन संपत्तियों का प्रबंधन करता है और निवेशकों की ओर से निवेश संबंधी सभी निर्णय लेता है। एयूएम किसी दिए गए फंड हाउस के आकार और सफलता का सूचक है। आप विभिन्न समयसीमाओं और अन्य समान योजनाओं के साथ प्रदर्शन के तहत प्रबंधन के तहत एक फंड की संपत्ति की आसानी से तुलना कर सकते हैं।
एयूएम-वैल्यू में वह रिटर्न भी शामिल होता है जो एक म्यूचुअल फंड कमाता है। एसेट मैनेजर इसे प्रतिभूतियों (Securities ) में निवेश कर सकता है, निवेशकों को लाभांश के रूप में वितरित कर सकता है, या निवेश शासनादेश के अनुसार रख सकता है।
प्रबंधन के तहत संपत्ति की गणना क्यों की जाती है ? [Why are assets under management counted?]
एयूएम का कुल मूल्य एक वित्तीय संस्थान के आकार का एक माप है और सफलता का एक प्रमुख प्रदर्शन संकेतक है, क्योंकि एक बड़ा एयूएम आम तौर पर प्रबंधन शुल्क के रूप में बड़े राजस्व में परिवर्तित होता है। यही कारण है कि वित्तीय वैकल्पिक निवेश संस्थान एयूएम के मूल्य को देखते हैं और व्यापार प्रवृत्तियों का आकलन करने के लिए इसकी प्रतिस्पर्धियों और अपने स्वयं के इतिहास से तुलना करते हैं।
इसके अलावा, कुछ न्यायालयों में, प्रबंधन के तहत संपत्ति का मूल्य यह निर्धारित कर सकता है कि किसी संस्था को विशिष्ट नियमों का पालन करना चाहिए या नहीं।
जिस तरह से संस्थान या निवेशक प्रबंधन के तहत संपत्ति की गणना करते हैं, वह थोड़ा भिन्न हो सकता है। कुछ बैंकों में जमा और नकद, म्युचुअल फंड और उनकी गणना वैकल्पिक निवेश शामिल हो सकती है। अन्य संस्थान विवेकाधीन प्रबंधन के तहत केवल उन निधियों पर विचार करते हैं, जिनका उपयोग संस्था ग्राहकों की ओर से व्यापार करने के लिए कर सकती है। Asset Valuation क्या है?
एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) क्यों मायने रखता है? हिंदी में [Why AUM (Assets Under Management) Matters? In Hindi]
फर्म प्रबंधन एयूएम वैकल्पिक निवेश की निगरानी करेगा क्योंकि यह कंपनी की ताकत का निर्धारण करने में निवेश रणनीति और निवेशक उत्पाद प्रवाह से संबंधित है। निवेश कंपनियां नए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक विपणन उपकरण (Marketing tool ) के रूप में प्रबंधन के तहत संपत्ति का भी उपयोग करती हैं। एयूएम निवेशकों को अपने प्रतिस्पर्धियों के सापेक्ष कंपनी के संचालन के आकार का संकेत प्राप्त करने में सहायता कर सकता है।
फीस की गणना के लिए एयूएम भी एक महत्वपूर्ण विचार हो सकता है। कई निवेश उत्पाद प्रबंधन शुल्क लेते हैं जो प्रबंधन के तहत संपत्ति का एक निश्चित प्रतिशत है। साथ ही, कई वित्तीय सलाहकार और व्यक्तिगत धन प्रबंधक ग्राहकों से प्रबंधन के तहत उनकी कुल संपत्ति का एक प्रतिशत वसूलते हैं। आम तौर पर, एयूएम बढ़ने पर यह प्रतिशत घटता है; इस तरह, ये वित्तीय पेशेवर उच्च धन वाले निवेशकों को आकर्षित कर सकते हैं।
New Delhi उच्चायुक्तों एवं राजदूतों के बीच अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष का प्री-लांचिंग उत्सव
New Delhi: पोषक-अनाज खाद्य सुरक्षा के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए भी महत्वपूर्ण- विदेश मंत्री श्री जयशंकर
by Mahesh Kumar Shiva
New Delhi /एस एन वर्मा; केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर की अध्यक्षता में आज दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में उच्चायुक्तों और राजदूतों के बीच, अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष का प्री-लांचिंग उत्सव हुआ। इस अवसर पर श्री तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष (आईवाईओएम) घोषित किया है। इसके माध्यम से मिलेट की घरेलू व वैश्विक खपत बढ़ाना हमारा उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि यह वर्ष वैश्विक उत्पादन बढ़ाने, कुशल प्रसंस्करण तथा फसल रोटेशन के बेहतर उपयोग एवं फूड बास्केट के प्रमुख घटक के रूप में मिलेट को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय अन्य केंद्रीय मंत्रालयों, सभी राज्य सरकारों एवं अन्य हितधारक संस्थानों के साथ मिलकर मिलेट्स का उत्पादन तथा खपत बढ़ाने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है।
New Delhi News
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि मिलेट्स सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन व खनिजों का भंडार है। आईवाईओएम, खाद्य सुरक्षा व पोषण के लिए मिलेट्स के योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा व सतत उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करेगा एवं अनुसंधान तथा विकास सेवाओं में निवेश बढ़ाने के लिए ध्यान आकर्षित करेगा। शाकाहारी खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के दौर में मिलेट वैकल्पिक खाद्य प्रणाली प्रदान करता है। मिलेट संतुलित आहार के साथ-साथ सुरक्षित वातावरण में भी योगदान देता है। ये मानव जाति के लिए प्रकृति के उपहार हैं। कम पानी की खपत, कम कार्बन उत्सीर्जन व सूखे में भी जलवायु अनुकूल मिलेट को उगाया जा सकता है।
भारत के अधिकांश राज्य एक या वैकल्पिक निवेश अधिक मिलेट फसल प्रजातियों को उगाते हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा स्थायी उत्पादन का समर्थन करने, उच्च खपत के लिए जागरूकता पैदा करने, मंडी व मूल्य श्रृंखला विकसित करने तथा अनुसंधान-विकास गतिविधियों के लिए वित्तपोषण भी किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत, मिलेट के लिए पोषक अनाज घटक 14 राज्यों के 212 जिलों में क्रियान्विदत किया जा रहा। साथ ही, राज्यों के जरिये किसानों को अनेक सहायता दी जाती है। मिलेट के पोषण महत्व के मद्देनजर सरकार ने अप्रैल-2018 में इसे पोषक-अनाज के रूप में अधिसूचित किया था और मिलेट को पोषण मिशन अभियान के तहत भी शामिल किया गया है।
श्री तोमर ने बताया कि भारत में मिलेट मूल्यवर्धित श्रृंखला में 500 से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं, भारतीय मिलेट अनुसंधान संस्थान ने आरकेवीवाई-रफ्तार में 250 स्टार्टअप को इनक्यूबेट किया वैकल्पिक निवेश है। 66 से अधिक स्टार्टअप्स को सवा छह करोड़ रु. से ज्यादा दिए गए हैं, वहीं 25 स्टार्टअप्स को भी राशि की की मंजूरी दी है। मिलेट की खपत बढ़ाने वाले व्यंजनों व मूल्यवर्धित उत्पादों के लिए स्टार्ट-अप-उद्यमियों को भी सहायता दी जा रही है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अब खाद्य वितरण कार्यक्रमों का ध्यान आधारभूत कैलोरी से हटाकर अधिक विविध फूड बास्केपट प्रदान करने में होना चाहिए, जिसमें प्री-स्कूकल के बच्चों व प्रजनन आयु की महिलाओं की पोषण स्थिति में सुधार करने के लिए मिलेट्स शामिल हैं। नीति आयोग व विश्व खाद्य कार्यक्रम का इरादा चुनौतियों को व्यवस्थित- प्रभावी तरीके से पहचानकर समाधान करने का है। यह साझेदारी मिलेट को मुख्यधारा में लाने पर ध्यान केंद्रित करेगी व वर्ष के रूप में मिलेट के लिए अवसरों का उपयोग कर ज्ञान के आदान-प्रदान में विश्व स्तर पर नेतृत्व करने में भारत का समर्थन करेगी।
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विदेश मंत्री डा. जयशंकर ने कहा कि मिलेट्स आत्मनिर्भरता में सुधार करेगा, विकेंद्रीकृत उत्पादन को बढ़ावा देगा और किसानों की आय में वृद्धि करेगा। इस प्रकार वे वैश्विक खाद्य सुरक्षा के जोखिम को कम करेंगे। भारत की कल्पना के अनुरूप यह वर्ष जागरूकता और उपयोग के मायने में वास्तव में वैश्विक साझेदारी है। उन्होंने कहा कि कोविड, जलवायु परिवर्तन और संघर्षों की पृष्ठभूमि में आज दुनिया में मिलेट्स की प्रासंगिकता बढ़ रही है। श्री जयशंकर ने जोर देकर कहा कि पोषक-अनाज खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोविड एक ऐसा दौर था, जिसने दुनिया को याद दिलाया कि एक महामारी खाद्य सुरक्षा के लिए क्या कर सकती है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से उत्पादन कम हो सकता है और व्यापार बाधित हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में खाद्य सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी व कृषि राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे भी विशेष रूप से उपस्थित थीं। कृषि सचिव मनोज अहूजा ने स्वागत भाषण दिया व संयुक्त सचिव श्रीमती शुभा ठाकुर ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से आईवाईओएम के संबंध में जानकारी दी। अपर सचिव श्री अभिलक्ष लिखी ने आभार माना। यहां विदेश वैकल्पिक निवेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) श्री डी. रवि, सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर लंच में भारतीय मिलेट्स की विविधता व व्यंजनों को प्रदर्शित करने के लिए विस्तृत क्यूरेटेड मिलेट्स बुफे शामिल किया गया। मिलेट्स पाक अनुभव व औपचारिक चर्चा के साथ, मिलेट्स आधारित 30 भारतीय स्टार्टअप्स ने रेडी-टू-ईट व रेडी-टू-कुक मिलेट्स आइटम सहित विभिन्न खाद्य उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शनी में भाग लिया।
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