बाजार सूत्रों के पदों

अमेरिका ने कहा है कि वह विकसित देशों के समूह जी-7 की घोषणा के अनुरूप रूस के तेल आयात पर एक मूल्य सीमा लागू कराने के लिए संकल्पबद्ध है।
आठ साल की रिया सुनाती हैं शिव तांडव, VIDEO: सामान्य ज्ञान पर शुरू से अच्छी पकड़, माहेश्वर सूत्र से लेकर गीता के श्लोक भी कंठस्थ
बेसिक शिक्षा विभाग के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 8 साल छात्रा में कमाल की मेधा देखने को मिल रही है। मुजेहना के प्राथमिक विद्यालय जोतिया बेलहरी में तीसरी क्लास में पढ़ रही आठ साल के रिया माहेश्वर सूत्र से लेकर शिव तांडव तक सब फर्राटे से सुनाती है। इसके अलावा इतिहास, सामान्य ज्ञान, गणित, विज्ञान व अंग्रेजी जैसे विषयों पर भी रिया की बराबर की पकड़ है। इन विषयों से संबंधित प्रश्नों की उत्तर भी वह बेबाकी से देती है। नन्ही छात्रा की मेधा देख हर कोई दांतों तले उंगली दबा रहा है।
इतिहास की भी है जानकारी
कोतवाली देहात के सालपुर बाजार के रहने वाले रामधन तिवारी की आठ साल की बेटी रिया की जानकारी किसी गूगल से कम नहीं है। रिया को विश्व के महाद्वीप, महासागर के नाम, विश्व के देश, राजधानी और मुद्राएं, भारत के राज्य, राजधानी, भारत के सभी जिले, भारत के सभी बड़े बंदरगाह, प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान भारत में बहने वाली प्रमुख नदियां, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के नाम बचपन से ही कंठस्थ है। रिया भारत के पड़ोसी देश व सीमा रेखाओं की जानकारी भी रखती है। रिया को तुर्क वंश, गुलाम व मुगल वंश के सभी शासकों के नाम भी याद हैं। संस्कृत में सबसे कठिन माने जाने वाले माहेश्वर सूत्र, शिव तांडव व गीता के तमाम श्लोक भी रिया को बाजार सूत्रों के पदों कंठस्थ है।
विदेशी बाजारों में मंदी, स्थानीय आवक बढ़ने से बीते सप्ताह लगभग सभी तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट आई
Reported by: Bhasha
Published on: March 20, 2022 12:38 IST
Image Source : INDIA TV विदेशी बाजारों में मंदी
Highlights
- विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच बीते सप्ताह देशभर के सभी तेल-तिलहनों के भाव हानि दर्शाते बंद हुए ।
- समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल का भाव भी 550 रुपये घटकर 14,600 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ ।
- समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतों में भी गिरावट आई।
विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच बीते सप्ताह देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, सीपीओ सहित लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव हानि दर्शाते बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह विदेशी कारोबार में मंदी का रुख था और आयातित तेलों के दाम आसमान छू रहे हैं। इनके मुकाबले देशी तेल सस्ते हैं। सोयाबीन डीगम और सीपीओ एवं पामोलीन के महंगा होने के साथ इन तेलों के लिवाल कम हैं। आयातित तेल महंगा होने के बाद इनकी जगह उपभोक्ता सरसों, मूंगफली, बिनौला की अधिक खपत कर रहे हैं। नयी फसल की मंडियों में आवक भी बढ़ी है। इन तथ्यों के मद्देनजर विदेशों में गिरावट का असर स्थानीय तेल तिलहन कीमतों पर भी दिखा और समीक्षाधीन सप्ताहांत में तेल-तिलहनों के भाव हानि दर्शाते बंद हुए। सूत्रों ने कहा कि संभवत: होली के कारण पिछले दो-तीन दिन से मंडियों में सरसों की आवक घटकर 6-6.5 लाख बोरी रह गई जो इससे कुछ दिन पहले ही लगभग 15-16 बाजार सूत्रों के पदों लाख बोरी के बीच हो रही थी।
INDORE CORONA NEWS- संक्रमण की दर 1 प्रतिशत से ज्यादा लेकिन बाजार बंद नहीं होगा
इंदौर। इंदौर शहर में कोरोनावायरस के संक्रमण की दर 1% से अधिक हो गई है। कुछ दिनों पहले तक यह दर 0.01 प्रतिशत हुआ करती थी। स्थिति गंभीर होती जा रही है परंतु जनता से कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रशासनिक सक्रियता नजर नहीं आ रही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि अभी बाजार बंद नहीं होंगे। स्थिति गंभीर होने के बाद ही लॉकडाउन के बारे में विचार किया जाएगा।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि कंटेनमेंट जोन तभी बनाए जाएंगे, जब संक्रमण दर 10% से ज्यादा हो या 40% से अधिक मरीज ICU या ऑक्सीजन सपोर्ट पर हों। इंदौर जिला प्रशासन ने होम आइसोलेशन की व्यवस्था लागू कर दी है। 70 से 75% मरीज घर पर ही इलाज करवा रहे हैं यानी 205 संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं और करीब 77 मरीज अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। फिलहाल राधास्वामी कोविड केयर सेंटर शुरू नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री चेता चुके, तीसरी लहर आ गई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मान चुके हैं कि प्रदेश में तीसरी लहर आ चुकी है। उन्होंने कहा- कोरोना की तीसरी लहर आ गई है, जिसका सामना जन सहयोग से करना है। सभी आवश्यक सुविधा बना बाजार सूत्रों के पदों ली है, लेकिन सजग और सतर्क रहना है। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.
दिनांक 01-01-2022 को इंदौर जिले में कोरोना #पॉजिटिव सैंपल की संख्या 80 पाई गई है।कोरोना संक्रमण से खुद को बचाने के लिए सावधानी रखे मास्क पहने व कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करें।#covid19#OmicronVirus #IndoreFightsCorona pic.twitter.com/2RuPxlWjtZ
— Indore Commissioner (@comindore) January 2, 2022
मंडी समीक्षा: विदेशों में बाजार टूटने से बीते सप्ताह खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट
विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव टूटने के बीच देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में बीते सप्ताह सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट दर्ज हुई। वहीं मूंगफली और कच्चे पामतेल (सीपीओ) के भाव में सुधार देखने को मिला। बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे। बाजार सूत्रों ने बताया कि विदेशों में खाद्य तेलों का बाजार काफी टूटा है जो गिरावट का मुख्य कारण है। इस गिरावट की वजह से देश में आयातकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि उन्होंने जिस भाव पर सौदे खरीदे थे अब उसे कम भाव पर बेचना पड़ रहा है। उन्होंने जिस सीपीओ का आयात 2,040 डॉलर प्रति टन के भाव पर किया था उसकी अगस्त खेप का मौजूदा भाव घटकर लगभग 1,000 डॉलर प्रति टन रह गया है। यानी थोक में सीपीओ (सारे खर्च व शुल्क सहित) 86.50 रुपये किलो होगा। उल्लेखनीय है कि लाखों टन सीपीओ तेल आयात होने की प्रक्रिया में हैं। दूसरी ओर सरसों का इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लगभग 5,050 रुपये क्विंटल था, जो अगली बिजाई के समय 200-300 रुपये क्विंटल के बीच बढ़ने का अनुमान है। उस हिसाब से सरसों तेल का थोक भाव आगामी फसल के बाद लगभग 125-130 रुपये किलो रहने का अनुमान है। अब जब बाजार में सीपीओ तेल लगभग 86.50 रुपये किलो होगा तो 125-130 रुपये में सरसों की खपत कहां होगी।
खुशखबरी! औंधे मुंह गिरा सरसो के तेल का दाम, तिलहन की कीमतों में भारी गिरावट
नयी दिल्ली। मांग कमजोर होने के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सभी तेल-तिलहन की कीमतें औंधे मुंह गिर गईं। बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में खाद्यतेलों के भाव टूटने से खाद्यतेल उद्योग, आयातक और किसान काफी परेशान हैं, खासकर आयातकों के सामने बर्बादी का खतरा मंडरा सकता है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में जिस कच्चा पामतेल का आयात भाव लगभग 2,007 डॉलर प्रति टन था, उसका कांडला बंदरगाह पर मौजूदा भाव सिर्फ 990 डॉलर प्रति टन रह गया है। ऐसे में बाकी तेल तिलहन कीमतों पर भी भारी दबाव है।
सूत्रों ने कहा कि थोड़ी-बहुत पूंजी रखने वाले कारोबारियों ने अब तेल कारोबार छोड़ने का मन बना लिया है और बैंकों में अपना साख पत्र (लेटर आफ क्रेडिट) देने वाले कारोबारी ही खाद्यतेल कारोबार में अटके हुए हैं।