अपसारी त्रिभुज

UPPSC Lecturer Screening Exam 2018 (Answer Key)
20. 7 नवम्बर 2017 को सफल उड़ान-परीक्षण किये गये ‘निर्भय’ प्रक्षेपास्त्र के बारे में निम्नलिखित में से कौन से कथन सत्य है ?
1. यह 1000 किमी की मारक सीमा तक नाभिकीय मुखास्त्र को पहुंचा सकता है।
2. यह जमीनी आक्रमण वाला क्रूज प्रक्षेपास्त्र है।
3. यह पाकिस्तान के बाबर वाला क्रूज प्रक्षेपास्त्र का प्रभावी प्रत्युत्तर है।
4. यह एक पराध्वनिक प्रक्षेपास्त्र है।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए :
कूट:
A. केवल 1 व 2
B. केवल 1, 2 व 3
C. केवल 2, 3 व 4
D. सभी 1, 2, 3 व 4
21. हाल में समाचारों में चर्चित ‘ओखी’ क्या है ?
A. चक्रवाती तूफान जो नवम्बर 2017 में भारत के तट से टकराया।
B. एक फिल्म जिसे नवम्बर 2017 में, गोवा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में ‘स्वर्ण मयूर’ पुरस्कार प्रदान किया गया।
C. वह स्थान जहाँ नवम्बर 2017 में बांग्लादेश में एशियाई तीरन्दाजी चैम्पियनशिप आयोजित की गयी।
D. डोकलाम क्षेत्र का वह निकटतम स्थान जहाँ चीनी सेना तैनात है।
22. उत्तर प्रदेश के कुल शहरी स्थानीय निकायों की संख्या, जिनके लिए उ.प्र. में नवम्बर 2017 में चुनाव संपन्न हुये थे, है:
A. 653
B. 652
C. 651
D. 650
23. भारत के प्रथम अंतरिक्ष उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ को डिजाइन करने वाले वैज्ञानिक जिनका हाल ही में निधन हो गया, का नाम है:
A. प्रो. यू. आर. राव
B. प्रो. यशपाल
C. प्रो. सी. एन. आर. राव
D. डा. ए. एस. किरण कुमार
24. भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ किया गया मिशन ‘इंद्रधनुष’ कार्यक्रम सम्बंधित है:
A. बच्चों की शिक्षा से
B. बच्चों के टीकाकरण से
C. सामाजिक उत्थान से
D. None of the above
25. समान फोकस दूरी वाले काँच के दो लेंस, जिनमें एक उत्तल तथा दूसरा अवतल लेंस है, एक दूसरे से सटाकर रखे गए है। इस युग्म का व्यवहार होगा :
A. अभिसारी लेंस की भाँति
B. अपसारी लेंस की भाँति
C. काँच की समतल चादर की भाँति
D. दर्पण की भाँति
26. निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है ?
. यौगिक – वर्गीकरण
A. सैक्रीन – कार्बोहाइड्रेड
B. एड्रेलेनिन – हॉर्मोन
C. थायमिन – विटामिन
D. कैरेटिन – प्रोटीन
27. 13 क्रमागत विषम संख्याओं का औसत 51 है। इनमें सबसे बड़ी विषम संख्या है:
A. 61
B. 63
C. 67
D. 59
28. 1.8 मी. लम्बी एक ऊर्ध्वाधर छड़ जमीन पर 45 सेमी. की परछाई निरूपित करती है। उसी समय 6 मी. ऊँचे एक स्तम्भ की परछाई की लम्बाई होगी :
A. 13.5 मी
B. 2.4 मी
C. 1.5 मी
D. 1.35 मी
29. एक समबाहु त्रिभुज की प्रत्येक भुजा 8 सेमी. है। इसका क्षेत्रफल बराबर होगा : अपसारी त्रिभुज
A. 64 सेमी 2
B. 32 सेमी 2
C. 16√2 सेमी 2
D. 16√3 सेमी 2
30. जब संख्या n को 6 से विभाजित किया जाता है तो शेषफल 4 प्राप्त होता है। 3n को 6 से विभाजित करने पर शेषफल प्राप्त होता है :
A. 3
B. 2
C. 1
D. 0
SCIENCE VVI OBJECTIVE QUESTION
ashfaque sir Istekhar sir
Bharti Bhawan Physics Class-10:Chapter-1:Very Short Type Question Answer:Short Type Question Answer:Long Answer Type Question Answer:भौतिकी:कक्षा-10:अध्याय-1:अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर:लघु उत्तरीय प्रश्न:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
एक गोलीय दर्पण, जिसका वक्रता केन्द्र C है पर एक किरण ACB आपतित होती है तब वह उसी दिशा में लौट जाती है क्योंकि वक्रता त्रिज्या दर्पण पर स्थित किसी बिंदु पर अभिलंब होती है, इसलिए जो किरण दर्पण के वक्रता केन्द्रC पर पड़़़ है तो वह दर्पण ती लंबवत होती है| अतः परावर्तन के अपसारी त्रिभुज बाद वह उसी पथ पर लौट जाती है|
ऐसे किरणपुंज में प्रकाश की किरणें एक दूसरे के समांतर होती है बहुत अधिक दूरी पर स्थित प्रकाश स्रोत (जैसे- सूर्य) से आते किरणपुंज को समांतर किरणपुंज माना जाता है|
इस प्रकाश के किरणपुंज में प्रकाश की किरणें एक बिंदु पर आकर मिलती है या मिलती हुई प्रतीत होती है| अतः ऐसे किरणपुंज में किरणों के बीच की दूरी घटती जाती है|
वे पदार्थ जिनसे होकर प्रकाश आसानी से पार कर जाता है, पारदर्शी पदार्थ कहलाते हैं| जैसे-कांच, पानी, हवा इत्यादि
वे पदार्थ जो उन पर पड़ने वाले प्रकाश के एक छोटे से भाग को ही अपने में होकर जाने देते हैं वे पारभासी पदार्थ कहलाते हैं| जैसे--घीसा हुआ कांच, तेल लगा हुआ कागज, बैलून का रबर, दूध इत्यादि|
वे पदार्थ जो प्रकाश को अपने से होकर नहीं जाने देते हैं, अपारदर्शी पदार्थ कहलाते हैं| जैसे लकड़ी, लोहा, पत्थर, अलकतरा, पेंट, धातु इत्यादि
किसी बिंदु स्रोत से निकली हुई किरणपुंज परावर्तन या अपवर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती है उसे वास्तविक प्रतिबिंब कहते हैं|
किसी बिंदु स्रोत से निकली हुई किरणपुंज परावर्तन या अपवर्तन के बाद जिस बिंदु से अपसृत होती हुई प्रतीत होती है उसे आभासी प्रतिबिंब कहते हैं|
उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनों के साइड मिरर या पीछे अपसारी त्रिभुज देखने के आइने के रूप में इसिलिए किया जाता है क्योंकि उत्तल दर्पण में बना प्रतिबिंब छोटा, सीधा एवं ध्रुव फोकस के बीच होता है| इस दर्पण का दृष्टि क्षेत्र अधिक होता है| इन्हीं कारणों से इसका उपयोग साइड मिरर के रूप में किया जाता है|
13. स्पष्ट किरण आरेख द्वारा अवतल दर्पण में आभासी (काल्पनिक) एवं आवर्धित प्रतिबिंब का बनना दिखाए| इस प्रकार प्रयुक्त अवतल दर्पण का एक व्यावहारिक उपयोग भी बताएं|
14. इसी 25 सेमी फोकस दूरी के अवतल दर्पण की सहायता से सीधा प्रतिबिंब बनाना हो, तो दर्पण से वस्तु की दूरी का परास क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति क्या होगी?प्रतिबिंब वस्तु से बड़ा होगा कि छोटा, इस परिस्थिति में प्रतिबिंब के बनने की क्रिया को दर्शाने के लिए एक किरण आरेख खींचे|
जब वस्तु अवतल दर्पण के सामने उसके ध्रुव और फोकस के बीच में हो तो उस वस्तु का सीधा और आवर्धित प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है| अतः उपर्युक्त परिस्थिति में वस्तु की दूरी दर्पण से 0 से 25 सेमी के बीच होनी चाहिए| प्रतिबिंब आभासी (काल्पनिक) होगा और वह वस्तु से बड़ा होगा|
16. कल्पना कीजिए कि आप एक चमकीले कागज से ढंके बेलनाकार खम्भे के सामने खड़े हैं| इस प्रकार से बने बेलनाकार दर्पण में आप किस प्रकार का प्रतिबिंब देखेंगे?
प्रश्न के अनुसार बेलनाकार दर्पण एक तरह से समतल दर्पण और उत्तल दर्पण का संयोजन है| उर्ध्वाधरत: यह एक समतल दर्पण और क्षैतिजत: एक उत्तल दर्पण की तरह कार्य करेगा| अतः ऐसे दर्पण में व्यक्ति के प्रतिबिंब की लंबाई व्यक्ति के लंबाई के बराबर होगी| इसलिए ऐसे दर्पण में व्यक्ति को अपना चेहरा और शरीर पतला दिखाई देगा|
CTET 31 Jan 2021 Paper 2nd ( Mathematics And Science ) Answer Key
52 यदि 15x 2 -26r+8 = (Ax + B) (Cx + D) है, जहाँ, A अपसारी त्रिभुज और C धनात्मक पूर्णांक हैं, तो (2A + B-C-2D) का मान क्या है ?
Click to show/hide
53. ABC और DEF में यदि AB = EF , BC = DE तथा CA = FD हैं, तो
Click to show/hide
54. निम्न में से कौन सी एक समकोण त्रिभुज की भुजाएं हो सकती हैं ?
(1) 15 cm, 32 cm और 57 cm
(2) 65 cm, 72 cm और 97 cm
(3) 20 cm, 21 cm और 31 cm
(4) 35 cm, 77 cm और 88 cm
Click to show/hide
55. किसी बहुफलक के 7 फलक और 10 शीर्ष हैं । इस बहुफलक के किनारों की संख्या है
(1) 15
(2) 17
(3) 13
(4) 14
Click to show/hide
56. ABC में, भुजा AB को E तक और भुजा CA को D तक बढ़ाया जाता है। यदि BAD = 125° और EBC = 100° हैं, तो निम्न में से कौन सा सत्य है ?
(1) ABC और ACB का अंतर 35° है ।
(2) BAC और ACB का अंतर 20° है ।
(3) ABC समद्विबाहु त्रिभुज है।
(4) AB> BC हैं।
Click to show/hide
57. समलंब PQRs में, PQ || SR है और PQ तथा SR का अनुपात 3:2 है । यदि समलंब का क्षेत्रफल 480 cm2 है और PQ तथा SR के बीच की दूरी 12 cm है, तो SR की लंबाई है
(1) 36 cm
(2) 48 cm
(3) 24 cm
(4) 32 cm
Click to show/hide
58. 88 cm x 10 cm माप वाले एक आयताकार कागज़ के टुकड़े को बिना अतिव्यापन किए, मोड़कर एक 10 cm ऊंचाई का बेलन बनाया जाता है । बेलन की धारिता (लीटर में) क्या है ? (Pai – 22/7 लीजिए)
(1) 7.392
(2) 8.624
(3) 5.54
(4) 6.16
Click to show/hide
59. किसी घन का आयतन 2197 cm3 है । इसका . पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल (cm2 में) क्या है ?
(1) 845
(2) 1014
(3) 676
(4) 576
Click to show/hide
60. निम्न आंकड़ों के लिए, परिसर, बहुलक तथा माध्यक का माध्य क्या है ?
5, 10, 3, 6, 4,8,9,3, 15, 2,9,4, 19, 11, 4
(1) 10
(2) 12
(3) 8
(4) 9
Click to show/hide
निर्देश : निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के सही/सबसे उपयुक्त विकल्प चुनिए :
61. निम्नलिखित कथन में से कौन सा विज्ञान की प्रकृति का सबसे अच्छा वर्णन करता है ?
(1) वैज्ञानिक अपने कार्य में पूर्ण रूप से निष्पक्ष होते हैं।
(2) वैज्ञानिक विधि अनुसंधान के संचालन के लिए एकमात्र मार्गदर्शिका है।
(3) विज्ञान विश्वासों की एक प्रणाली है।
(4) विज्ञान प्रकृति में सामाजिक है।
Click to show/hide
62. विज्ञान की पाठ्यचर्या में संज्ञानात्मक वैधता का अर्थ है-
(1) पाठ्य-वस्तु का तुच्छीकरण
(2) विज्ञान के उचित मजेदार तत्त्वों को शामिल करना।
(3) विज्ञान की अवधारणाएं समय के साथ कैसे विकसित होती हैं का समावेश ।
(4) शिक्षार्थियों के संज्ञानात्मक स्तर के अनुसार सामग्री का समायोजन
Click to show/hide
63. एन.सी.एफ. 2005 के अनुसार, उच्च प्राथमिक स्तर के विज्ञान की पाठ्यचर्या में निम्नलिखित में से कौन सा अनुशंसित है?
a. अवधारणाओं को रोजमर्रा के अनुभव की समझ बनाने से जोड़ा जाना चाहिए।
b. अवधारणाओं तक गतिविधियों/प्रयोगों द्वारा पहुंचा जाना चाहिए।
c. अवधारणाओं का विषयक उपागम द्वारा शिक्षण होना चाहिए।
d. अवधारणाओं के साथ नियम और सिद्धांतों को पेश करने की आवश्यकता है।
(1) a,b और d
(2) a और d
(3) a, b और c
(4) a और b
Click to show/hide
64. निम्नलिखित कथनों से पहचाने जो कि विज्ञान के बारे में सत्य है :
(1) जब एक सिद्धांत को वैज्ञानिक सबूतों के द्वारा बहुत अधिक समर्थन मिलता है तो वह नियम बन जाता है।
(2) आने वाले समय में, विज्ञान समाज की अधिकांश समस्याओं को हल करने में सक्षम होगा।
(3) वैज्ञानिक अपने काम को पूरा करने के लिए कल्पना अपसारी त्रिभुज पर बहुत विश्वास करते हैं।
(4) सभी वैज्ञानिक विचारों को नियंत्रित प्रयोगों द्वारा खोजा और परखा जाता है ।
Click to show/hide
65. ईशु को एक सप्ताह के लिए मौसम की रिपोर्ट एकत्र करने का एक व्यक्तिगत कार्य दिया गया । नीचे दिए गए आकलन संकेतकों से पहचानें कि ईशु कहाँ गलत हो गई:
(1) वह निष्कर्ष निकालती है कि आर्द्रता में कमी से वर्षा की संभावना बढ़ जाती है।
(2) वह समझती है कि अधिकतम और न्यूनतम तापमान की सीमा प्रतिदिन भिन्न है।
(3) वह हर दिन एक वेबसाइट से आँकड़े सारणीबद्ध करती है।
(4) वह इस परिणाम पर पहुँचती है कि आने वाले सप्ताह में बारिश हो सकती है या नहीं।
Click to show/hide
66. निम्नलिखित में से क्या शिक्षार्थियों में संकल्पनात्मक कमी को समझने के लिए एक उपयोगी रणनीति है?
(1) अवधारणा मानचित्रण का उपयोग करना ।
(2) नियमित गहकार्य देना ।
(3) प्रश्नोत्तरी सत्रों का आयोजन करना ।
(4) प्रयोगात्मक कौशलों का अवलोकन करना।
Click to show/hide
67.. विज्ञान को पढ़ने के लिए और अधिक लड़कियों प्रोत्साहित करने के लिए, आप निम्न सभी प्रकार को अपना सकते हैं, सिर्फ एक को छोड़कर :
(1) कक्षा में महिला वैज्ञानिकों को आमंत्रित
(2) विज्ञान के बारे में मिथकों और रूढ़ियों की जाँच में शिक्षार्थियों को जोड़ें।
(3). लैंगिक रूप से संवेदनशील भाषा का उपयोग करें और अपने शिक्षार्थियों को ऐसा करने के लिए अपसारी त्रिभुज प्रोत्साहित करें।
(4) ध्यान रखें कि विज्ञान की कक्षा में लड़कियाँ हमेशा हावी रहें।
Click to show/hide
68. विज्ञान शिक्षक को और अधिक अपसारी प्रस्त पूछने चाहिए क्योंकि-
a. यह गहन सोच को प्रोत्साहित और विकसित करता है।
b. यह शिक्षार्थियों को उत्तर सही करने में दिशा प्रदान करता है।
c. यह सोचने की युक्तियों को विकसित करता है।
d. यह शिक्षार्थियों में सृजनात्मक व्यवहार के आकलन में सहायता करता है।
(1) केवल b
(2) केवल a
(3) a, b,c
(4) a, c,d
Click to show/hide
69. कक्षा में प्रदर्शनों का उपयोग मुख्य रूप से शिक्षार्थियों को शामिल करता है
(1) दृश्य, श्रवण और गतिबोधक सीखना ।
(2) श्रवण और गतिबोधक सीखना ।
(3) दृश्य और श्रवण सीखना ।
(4) केवल दृश्य सीखना।
Click to show/hide
70. घनत्व की अवधारणा के शिक्षण के लिए जाँच उपागम का उपयोग करके अपनी विज्ञान कक्षा के लिए नियोजन का क्रम दें: –
a. शिक्षार्थियों को तैरने और डूबने वाली वस्तुओं के बीच संबंध निर्धारित करने का अवसर दें।
b. शिक्षार्थियों को विभिन्न वस्तुओं के साथ टब में पानी के साथ खेलने का अवसर दें।
c. शिक्षार्थियों को एक छोटी नाव डिजाइन का के लिए कहे जो 1 किलोग्राम वजन ल सके।
(1) b→c→a
(2) b→a→c
(3) a→b→c
(4) c→b→a
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 4 महासागरों और महाद्वीपों का वितरण
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 4 महासागरों और महाद्वीपों का वितरण के अभ्यास के प्रश्न उत्तर हिंदी और अंग्रेजी में सीबीएसई सत्र 2022-2023 के लिए यहाँ से मुफ्त डाउनलोड किए जा सकते हैं। कक्षा 11 भूगोल पाठ 4 पुस्तक भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत के इकाई II पृथ्वी के सवाल जवाब सरल भाषा में उचित व्याख्या के साथ यहाँ से प्राप्त करें।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 भूगोल अध्याय 4
कक्षा 11 भूगोल अध्याय 4 महासागरों और महाद्वीपों का वितरण के प्रश्न उत्तर
महाद्वीपों के प्रवाह के लिए वेगनर ने किन बलो का उल्लेख किया?
महाद्वीपीय प्रवाह के लिए वेगनर ने दो बलों का उपयोग किया। पोलर या ध्रुवीय फ्लीइंग बल तथा ज्वारीय बल। ध्रुवीय फ्लीइंग बल पृथ्वी के घूर्णन से संबधित है। पृथ्वी की आकृति एक संपूर्ण गोले जैसी नहीं है वरन यह भूमध्य रेखा पर उभरी हुई है। यह उभार पृथ्वी के घूर्णन के कारण है। दूसरे बल से वेगनर ने सुझाया कि वह ज्वारीय बल है जो सूर्य व चंद्रमा के आकर्षण से संबद्ध है तथा जिससे महासागरों में ज्वार पैदा होते हैं। वेगनर का मानना था कि करोड़ों वर्षो के दौरान ये बल प्रभावशाली होकर विस्थापन के लिए सक्षम हो गए। वेगनर के तर्क के अनुसार लगभग 20 करोड़ वर्ष पहले इस ब़ड़े महाद्वीप पैंजिया का विभाजन आरंभ हुआ था।
कक्षा 11 भूगोल अध्याय 4 बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्न में से किसने सर्वप्रथम यूरोप, अफ्रीका व अमेरिका के साथ स्थित होने की संभावना व्यक्त की?
पोलर फ्लीइंग बल निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?
सागरीय अधस्तल विस्तार सिद्धांत की व्याख्या करते हुए हेस ने निम्न में से किस अवधारणा पर विचार नहीं किया?
विभिन्न महाद्वीपों में जीवाश्म का वितरण।
हिमालय पर्वतों के साथ भारतीय प्लेट की सीमा किस तरह की प्लेट सीमा है?
महाद्वीपीय- महाद्वीपीय अभिसरण
मैंटल में संवहन धाराओं के आरंभ होने और बने रहने के क्या कारण हैं?
संवहन धाराऍं रेडियो एक्टिव तत्वों, ताप भिन्नता के कारण मैंटल भाग में उत्पन्न होती हैं। होम्स ने तर्क दिया कि पूरे मैंटल भाग में इस प्रकार की धाराओं की तंत्र विद्यमान हैं। यह उन प्रवाह बलों की व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयास था, जिसके आधार पर समकालीन वैज्ञानिकों ने महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत को नकार दिया था।
प्लेट की रूपांतर सीमा, अभिसरण सीमा और अपसारी सीमा में मुख्य अंतर क्या है?
प्लेट की रूपांतर सीमा, अभिसरण सीमा और अपसारी सीमा में निम्न अंतर हैं:
- प्लेट की रूपांतर सीमा: जहाँ न तो नई पर्पटी का निर्माण होता है और न ही पर्पटी का विनाश होता है, उन्हें रूपांतर सीमा कहते हैं।
- अभिसरण सीमा: जब एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे धंसती है और भूपर्पटी नष्ट होती है, वह अभिसरण सीमा है।
- अपसारी सीमा: वह स्थान जहाँ से प्लेट एक-दूसरे से हटती है, अपसारी सीमा कहलाती है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण मध्य अंटलाटिक कटक है। यहाँ से अमेरिकी प्लेटें तथा यूरेशियन व अफ्रीकी प्लेटें अलग हो रही हैं। इन्हें प्रसारी स्थान भी कहा जाता है।
दक्कन ट्रेप के निर्माण के दौरान भारतीय स्थलखंड की स्थिति क्या थी?
आज से लगभग 14 करोड़ वर्ष पहले, यह उपमहाद्वीप सुदूर दक्षिण में 500 दक्षिणी अक्षांश पर स्थित था। इन दो प्रमुख प्लेटों को टेथिस सागर अलग करता था और तिब्बतीय खंड, एशियाई स्थलखंड के करीब था। भारतीय प्लेट के यूरेशियन प्लेट की तरफ प्रवाह के दौरान एक प्रमुख घटना घटी – वह थी लावा प्रवाह से दक्कन ट्रेप का निर्माण होना। ऐसा लगभग 6 करोड़ वर्ष पहले आंरभ हुआ और एक लंबे समय तक यह जारी रहा। यह उपमहाद्वीप तब भी भूमध्यरेखा के निकट था। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह प्रक्रिया अभी भी जारी है और हिमालय की ऊँचाई अब भी बढ़ रही अपसारी त्रिभुज है।
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत व प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत में मूलभूत अंतर बताइए।
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत की आधारभूत संरचना यह थी कि सभी महाद्वीप पहले एक ही भूखंड के भागे थे, जिसे अपसारी त्रिभुज पैंजिया नाम दिया गया था। ये भूखंड एक बड़े महासागर से घिरा हुआ था। वेगनर के अनुसार लगभग 20 करोड़ वर्ष पहले पैंजिया का विभाजन आरंभ हुआ। पैंजिया पहले दो बड़े भूखंड लारेशिया और गौडवानालैंड के रूप में विभक्त हुआ। इसके बाद लारेशिया व गोंडवानालैंड धीरे-धीरे अनेक छोटे-छोटे हिस्सों में बंट गए जो आज के वर्तमान महाद्वीप के रूप में है।
प्लेट विवर्तनिकी सिंद्धात के अनुसार पृथ्वी के स्थलमंडल को सात मुख्य प्लेटों व कुछ छोटी प्लेटों में विभक्त किया जाता है। नवीन वलित पर्वत श्रेणियाँ, खाइयॉं और भ्रंश इन मुख्य प्लेटों को सीमांकित करते हैं। महाद्वीप एक प्लेट का हिस्सा हैं और प्लेट गतिमान हैं। वेगनर की संकल्पना कि केवल महाद्वीप ही गतिमान है, सही नहीं है।