शेयर बाजार में लाभ के टोटके

बाजार आदेश

बाजार आदेश

सुपर बाजार

i) सुपर बाजार ने अनियमितताओं के कारण भारी नुकसान उठाया और अपने कर्मचारियों को वेतन, पेंशन और अन्य लाभों के बकाया के लिए भुगतान करने में असमर्थ था। सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक द्वारा जारी 5 जुलाई, 2002 के एक आदेश के अनुसार,, सुपर बाजार का परिसमापन किया गया।

(ii) कर्मचारी यूनियनों ने दिल्ली के माननीय उच्च न्यायालय में कई रिट याचिकाएँ दायर कीं, जिसमें सुपर मार्केट के सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ द्वारा जारी दिनांक 05.07.2002 के आदेश को चुनौती दी गई, जिसे 19.12.2003 को दिल्ली के माननीय उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। 19.03.2004 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यूनियनों की समीक्षा याचिका को सुपर मार्केट के कामगारों को कोई राहत दिए बिना खारिज कर दिया गया था। यूनियनों ने माननीय बाजार आदेश उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर की।

(iii) 29.03.2016 को कई बाजार आदेश चर्चाओं और याचिकाओं के बाद, माननीय उच्चतम न्यायालय ने समापन संबंधी आदेश को बरकरार रखा और आधिकारिक परिसमापक को स्पष्ट शीर्षक वाली संपत्ति बाजार आदेश के मूल्य का आकलन करने और लाने के लिए एक चार्टर्ड वैल्यूएटर नियुक्त करने और इन सभी संपत्तियों को 9 महीने के भीतर यानी बाजार आदेश 31.12.2016 से पहले बिक्री करने का निर्देश दिया।

(iv) 17 मई, 2018 के आदेश का पालन न करने के लिए डब्ल्यूपीएल द्वारा अवमानना ​​याचिका दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ब्याज के साथ पूरे निवेश की वापसी नहीं हुई है। डब्ल्यूपीएल ने सुपर बाजार की संपत्ति का निपटान करके 102.82 करोड़ रुपये की बाजार आदेश राशि जारी रिहाई के लिए प्रार्थना की।

(v) याचिका के जवाब में, भारत संघ ने डब्ल्यूपीएल द्वारा शुरू की गई अवमानना ​​कार्यवाही की स्थिरता पर आपत्तियां दर्ज कीं, जिस पर न्यायालय ने 17 मई 2018 को निर्देश जारी किए।

शुरू की गई कार्यवाही को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि CAG की रिपोर्ट को इस अदालत के समक्ष उचित और सही तरीके से नहीं रखी गई और CAG और केंद्र सरकार जैसे आवश्यक पक्षों के असंयोजन से इस न्यायालय के समक्ष सही तथ्य नहीं लाये जा सके, अवमानना याचिका स्वीकार्य नहीं है।

(vi) माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने दिनांक 26.09.2018 आदेश के अनुसार निम्नलिखित बाजार आदेश निर्देश दिए:

"21. इसलिए, हमारा मत है कि इस न्यायालय के 17 मई, 2018 के आदेश को वापस लिया जाना चाहिए। तदनुसार, हम बाजार आदेश आदेश देते हैं।

22. इस तथ्य के मद्देनजर कि दिनांक 17 मई, 2018 के आदेश को वापस ले लिया गया है, उक्त आदेश के गैर-अनुपालन के लिए डब्ल्यूपीएल द्वारा दायर की गई अवमानना ​​याचिकाएं, अमल में नहीं हैं। विशेष याचिका याचिका (सिविल) 8398-8399 में 2018 की अवमानना याचिका (सिविल) संख्या 1207-1208 को खारिज किया जाता है।

(vii) माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 29.03.2016 के निर्देशों के अनुसार, परिसमापक, सुपर बाजार, दिल्ली द्वारा परिसमापन की कार्यवाही की जा रही है।

बाजार आदेश

राजगढ़ (ईन्यूज एमपी)- जिला पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद के निर्देश पर थाना नरसिंहगढ़ द्वारा धारदार हथियारों से हमला करने वाले हत्या के प्रयास के आरोपियों को गिरफ्तार कर पैदल जुलूस निकालते हुए जेल भेजा।

थाना नरसिंहगढ़ दिनांक 5 मार्च 2018 की रात्रि को फरियादी यतेंद्र सिंह पिता गोविंद सिंह निवासी बेरसिया ने आकर रिपोर्ट किया कि नरसिंहगढ़ के बद्रीलाल पहलवान एवं उसका भतीजा तथा परिवार के व्यक्ति राहुल ,रवि ,आकाश, रोहित, निवासी नरसिंहगढ़ ने घोड़ी के ज्यादा पैसे लेने पर से जबरन विवाद करते हुए लाठी डंडा एवम धारदार हथियारों से फरियादी एवं फरियादी के साथ आई बारात के बाजार आदेश साथ मारपीट करने की रिपोर्ट पर थाना नरसिंहगढ़ द्वारा अपराध क्रमांक 161/ 18 धारा 450, 307, 323, 440 ,147 ,149 भा द वि का पंजीबद्ध किया जा कर आरोपी की तलाश की गई जिसमें वक्त घटना के बाद आरोपी बद्रीलाल पिता राधा किशन पहलवान जो बीजेपी के पूर्व पार्षद है को गिरफ्तार पूर्व में कर लिया गया था घटना के बाद से आरोपी रवि ,आकाश, राहुल, रोहित मौके से फरार हो गए थे जिनकी काफी सरगर्मी से तलाश की जा रही थी किंतु दस्तयाब नहीं हो रहे थे ।

इस परृ पुलिस अधीक्षक महोदय राजगढ़ सिमाला प्रसाद के निर्देश पर एसडीओपी नरसिंहगढ़ के मार्गदर्शन में एक टीम का गठन किया गया जिसका नेतृत्व थाना प्रभारी संजय वर्मा द्वारा किया जा कर दिनांक 20 मार्च 2018 को हत्या के प्रयास के आरोपियों रवि, आकाश, राठौर, एवं रोहित को गिरफ्तार किया गया है इन आरोपियों के द्वारा पूर्व में भी नरसिंहगढ़ आने वाली बारातितो में घोड़ी लगाकर अधिक पैसे की मांग करने के कारण कई बार इनके द्वारा बारातियों से लड़ाई-झगड़ा एवं गंभीर मारपीट भी की जा चुकी है इन आरोपियों के रिकॉर्ड को देखते हुए इनके पूर्व के अपराध में जमानत होने के कारण यह लोग बाहर घूम रहे थे इनकी जमानत निरस्त करवाई जाएगी तथा प्रतिबंधात्मक कारवाई के तहत उल्लंघन करने पर धारा 122 सीआरपीसी की कार्यवाही की जावेगी ।प्रकरण का फरियादी बेरसिया के भूतपूर्व बीजेपी विधायक का भांजा है पुलिस द्वारा पुलिस अधीक्षक के निर्देश में कार्रवाई करते हुए उक्त आरोपियों को गिरफ्तार कर नरसिंहगढ़ में पैदल जुलूस निकालते हुए न्यायालय पेश कर जेल दाखिल किया गया है ।

छत्तीसगढ़: फिर से खुलेंगे साप्ताहिक हाट बाजार, यहां प्रशासन ने जारी किए आदेश

कोरिया। कोरिया जिले में व्यापारियों के साथ हुई बैठक के बाद जिला प्रशासन ने जिले में बाजार आदेश फिर से साप्ताहिक हाट बाजार खोलने की अनुमति दे दी है। ये हाट बाजार कोरोना संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से बंद किए गए थे, लेकिन अब इस पर से प्रतिबंध हटा लिया गया है।

इस दौरान प्रशासन से व्यापारियों को यह भी चेताया है कि शहर के मुख्य मार्ग की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए मुख्य मार्ग स्थित समस्त व्यापारी अपनी अपनी दुकानों के सामने जो भी सामान बाहर निकालकर व्यवसाय करते हैं वो बिल्कुल सामान बाहर न निकालें एवं अपनी दुकान के सामने अपने दो पहिया वाहन को न खड़ा करें, इससे यातायात में सुगमता आएगी यदि ऐसा नहीं करते हुए पाए जाने पर प्रशासन की ओर से दण्डात्मक कार्यवाही भी की जाएगी एवं गुमास्ता एक्ट का पालन भी सख्ती से कराया जाएगा।

कोरिया जिले के मुख्यालय बैकुंठपुर के साथ ही मनेंद्रगढ़, सोनहत SDM ने भी अलग अलग आदेश जारी कर हाट बाजार बाजार आदेश खोलने की अनुमति दी है।

Nirav Modi ने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ SC में अपील करने की अनुमति मांगी

लंदन की उच्च न्यायालय ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ऋण घोटाले के मामले में करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों का सामना करने के लिए हाल ही में नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया था।

नीरव (51) अभी लंदन के वैंड्सवर्थ कारागार में बंद है। आम जनता के हित से जुड़े कानून के एक बिंदु के आधार पर उसके पास अपील दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय है।

Saharsa

सहरसा १ अप्रैल १९५४ को बनाया गया था। इससे पहले सहरसा जिला भागलपुर प्रमंडल में था। कोसी प्रमंडल का गठन २ अक्टूबर १९७२ को सहरसा, पूर्णिया और कटिहार जिले को मिलाकर किया गया था, जिसका मुख्यालय सहरसा रखा गया। इसी प्रकार एक नया अनुमंडल बीरपुर ०१.१२.१९७२ को बनाया गया था जो की चौबीस प्रखंडों , जैसे राघोपुर, छातापुर, बसंतपुर और निर्मली, के साथ पहले सुपौल अनुमंडल में था। ३०.०४.१९८१ और १९९१ में सहरसा जिले से दो नए जिलों मधेपुरा और सुपौल का गठन किया गया। सहरसा जिले में अब दो अनुमंडल हैं- सहरसा सदर और सिमरी बख्तियारपुर। जिले में दस प्रखंड और दस अंचल हैं। और पढें…

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