लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है?

Money Guru: तेजी के बाजार में किन Funds में रखें फोकस? निवेश में जोखिम को कम कैसे करें?
निवेशक पहले अपनी जोखिम क्षमता पहचानें. जोखिम क्षमता के अनुसार एसेट क्लास चुनें. निवेश में नॉमिनल नहीं रियल रिटर्न जरूर देखें. निवेश में इन्फ्लेशन रिस्क को हमेशा आंके. निवेश वहीं जहां बेहतर पोस्ट इन्फ्लेशन रिटर्न मिले: फिरोज अजीज, लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है? डिप्टी CEO, आनंदराठी वेल्थ लिमिटेड.
फिक्स्ड डिपॉजिट में भी होते हैं कई तरह के जोखिम, निवेश से पहले समझें इन्हें और लें सही फैसला
आम तौर पर एफडी को सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है. लेकिन एफडी के भी अपने जोखिम होते हैं. जिसकी वजह से रिटर्न पर तो असर पड़ सकता है
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Mar 13, 2022 | 7:57 AM
ऐसे लोग जो अपने पैसों को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं, अपने पैसों का बड़ा हिस्सा फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में लगाना पसंद करते हैं. इन लोगों का मानना होता है कि बैंक एफडी (Bank FD) में कोई जोखिम नहीं होता. हालांकि ऐसा नहीं है. वास्तविकता में कोई भी निवेश (Investment) जोखिम मुक्त नहीं होता. हालांकि उसमें जोखिम के अपने-अपने स्तर होते हैं. एफडी सबसे कम जोखिम वाला निवेश विकल्प माना जाता है. लेकिन इसकी अपनी सीमाएं भी होती हैं. अगर आप भी आंखे बंद कर एफडी में निवेश करते हैं तो पहले पढ़ें एफडी से जुड़े जोखिम और उसके बाद अपने निवेश को लेकर फैसला लें. जिससे आपकी गाढ़ी कमाई पर रिटर्न बेहतर मिले
महंगाई दर का जोखिम
फिक्स्ड लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है? डिपॉजिट पर सबसे बड़ा जोखिम महंगाई दर का होता है. महंगाई दर का सीधा मतलब आपके पैसे की घटती खरीद क्षमता है. दूसरी तरफ एफडी एक निश्चित दर से आपकी क्रय शक्ति बढ़ाता है. यानि हर साल वो एक खास दर से ही आपके पैसों में इजाफा करता है. हालांकि समस्या तब होती है जब महंगाई की वजह से आपके पैसे की खरीद क्षमता कहीं तेजी से घटती है.ऐसे में एफडी की मैच्योरिटी के बाद मिले पैसे भले ही संख्या में बढ़कर मिले हों लेकिन उनकी खरीद क्षमता घट जाती है. उदाहरण के लिये अगर आप अपने बच्चे की पढ़ाई के लिये एक लाख रुपये की एफडी करते हैं जिसपर 6 प्रतिशत ब्याज मिलता है. लेकिन एक साल में फीस 10 प्रतिशत बढ़ती है तो एफडी कराने के बाद भी मिले पैसे फीस से कम ही रहेंगे. . ऐसें में निवेश का फैसला लेते वक्त पैसों के कुछ हिस्से को जोखिम क्षमता के आधार पर ज्यादा ग्रोथ देने वाले विकल्पों में निवेश करने की सलाह दी जाती है.
ब्याज दरों से जुड़े जोखिम
एफडी का पूरा फायदा तब ही देखने को मिलता है जब इनमें लंबी अवधि के लिये निवेश किया जाए. हालांकि लंबी अवधि के दौरान दरों में बदलाव का जोखिम बना रहता है. पिछले कुछ सालों में एफडी की दरों में कटौती का दौर चला था. जिसमें अब एक बार फिर बढ़त की उम्मीदें बनी हैं. अगर आपके निवेश की अवधि में दरों में कटौती देखने को मिलती है तो आपका रिटर्न अनुमान से कहीं कम रह सकता है. वहीं एफडी में रिटर्न की दर अन्य विकल्प के मुकाबले काफी कम होती है. इससे ब्याज दरों में किसी भी कटौती की स्थिति में बढ़ती महंगाई के बीच आपके रिटर्न के निगेटिव होने का जोखिम बढ़ जाता है.
लिक्विडिटी से जुड़े जोखिम
एफडी को कभी भी खत्म करा कर पैसे निकाले जा सकते हैं. लेकिन इसके लिये आपको एफडी के फायदे छोड़ने होंगे. एफडी का पूरा लाभ तभी मिलता है जब आप एफडी को मैच्योर होने दें. कुछ मामलों में अगर आप समय से पहले एफडी खत्म करते हैं तो आपको पेनल्टी भी चुकानी पड़ सकती है. दूसरे शब्दों में अगर आप अपनी पूरी रकम एफडी में लगाते हैं तो आप लिक्विडिटी से जुड़े जोखिम में आ सकते हैं. इसलिये सलाह दी जाती है कि निवेश का कुछ हिस्सा ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में लगायें जहां से आप जरूरत पड़ने रकम निकाल सकें.
डिफॉल्ट के जोखिम
बैंक के द्वारा जारी एफडी पर सबसे बड़ा खतरा बैंक लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है? के डिफॉल्ट का होता है.हालांकि भारत जैसी अर्थव्यवस्था में इस जोखिम की संभावना काफी कम है, लेकिन कुछ स्थितियों में इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता. डिफॉल्ट वह स्थिति होती है जब निश्चित रिटर्न के वादे पर पैसे उठाने वाला बैंक और यहां तक कि सरकारें अपने वादे को पूरा करने में असफल हो जाती हैं. और लोगों का पैसा डूब जाता है. जोखिम का स्तर बैंकों की अपनी आर्थिक स्थिति या भुगतान करने की क्षमता के आधार पर तय होता है. यही वजह है कि बैंकों के द्वारा एफडी पर ऑफर की गई दरें अलग-अलग होती हैं. निजी लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है? बैंक लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है? जिन पर जोखिम सरकारी बैंकों से ज्यादा होता है वो निवेशकों को ज्यादा ब्याज ऑफर करते हैं. हालांकि सरकारी बैंक जहां जमा रकम सरकार के द्वारा कवर होती है कम ब्याज दर ऑफर करते हैं. हालांकि सबसे बुरी स्थितियों में खुद सरकार के डिफॉल्ट होने की स्थितियों में ब्याज की रकम और कभी कभी मूलधन डूबने की भी स्थिति आ जाती है. आम तौर पर सरकारी बैंक सबसे सुरक्षित और छोटे निजी बैंक सबसे जोखिम वाले स्तर में आते हैं. भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और रिजर्व बैंक के कड़े नियमों से बड़े बैंकों के डिफॉल्ट की संभावना फिलहाल न के बराबर हैं, लेकिन डिफॉल्ट का असर गंभीर होने की वजह से रिजर्व बैंक छोटे-बड़े बैंकों के कामकाज पर पूरी सख्ती के साथ नजर रखता है जिससे ये स्थिति कभी न आए
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड : स्थिर रिटर्न और जोखिम भी नहीं
नई दिल्ली । कॉरपोरेट बॉन्ड को नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) भी कहा जाता है। कंपनियां बैंक लोन के विकल्प के रूप में कॉरपोरेट बॉन्ड जारी कर पैसे जुटाती हैं। यह एक तरह का कर्ज है जिसके बदले कंपनियां ब्याज चुकाती हैं। किसी कंपनी का कॉरपोरेट बॉन्ड कितना सुरक्षित है, इसके लिए क्रेडिट रेटिंग ऐजेंसियां रेटिंग जारी करती हैं। शॉर्ट और लॉन्ग टर्म के लिए अलग-अलग रेटिंग जारी होती है।
ऐसे काम करते हैं कॉरपोरेट बॉन्ड फंड-
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड डेट म्यूचुअल फंड स्कीम हैं, जो कंपनियों के बॉन्ड या एनसीडी में निवेश करती हैं। सेबी के नियमों के मुताबिक, कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स को कुल राशि (एयूएम) का कम से कम 80 फीसदी हिस्सा सर्वोच्च रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड में लगाना होता है।
इन वजहों से इस फंड में करें निवेश -
ज्यादा सुरक्षा: कॉरपोरेट बॉन्ड फंड का ज्यादातर हिस्सा टॉप रेटिंग वाले डेट साधनों में लगाया जाता है, इसलिए ये ज्यादातर फंड श्रेणियों के मुकाबले अधिक सुरक्षित होते हैं।
लिक्विडिटी: टॉप रेटिंग वाले साधनों में निवेश की वजह से इन फंड्स में तरलता अधिक होती है। यानी इनमें खरीद-बिक्री आसान होती है। निवेशक जब चाहें इन्हें बेच सकते हैं।
स्थिर प्रदर्शन: वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच कॉरपोरेट बॉन्ड फंड ने लगातार अन्य डेट श्रेणियों के मुकाबले बेहतर रिटर्न दिया है।
पिछले एक साल का औसत रिटर्न-
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड - 10.1%
लो ड्यूरेशन फंड - 6.33%
शॉर्ट ड्यूरेशन फंड - 8.91%
मिडियम ड्यूरेशन फंड - 7.35%
डायनमिक ड्यूरेशन फंड - 9.66%
बैंकिंग एंड पीएसयू फंड - 9.75%
किन निवेशकों के लिए उपयुक्त-
जो निवेशक कम से कम 3 साल की अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं। साथ ही जो निवेशक कम जोखिम में स्थिर और एफडी या अन्य छोटी बचत योजनाओं से अधिक रिटर्न पाना चाहते हैं, उनके लिए उपयुक्त।
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जोखिम चेतावनी: क्रिप्टो ट्रेडिंग उच्च बाजार जोखिम के अधीन है। कृपया सुनिश्चित करें कि नए लिस्टेड टोकन की ट्रेडिंग करते समय आप पर्याप्त जोखिम का मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। WazirX उच्च-गुणवत्ता वाले क्वाइन के चयन के लिए सर्वोत्तम प्रयास करेगा, लेकिन आपके ट्रेडिंग में हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।
अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।