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रणनीति के अनुसार बाजार में कैसे प्रवेश करें?

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उत्पाद जीवन चक्र

उत्पाद जीवन चक्र चरणों का एक क्रम है जिसमें जारी किया गया प्रत्येक उत्पाद बाजार में अपनी उपस्थिति के क्षण से शुरू होकर उसे छोड़ने के क्षण तक गुजरता है (यदि उसकी उत्पादन या अनुभूति समाप्त हो गई है)। सीधे शब्दों में कहें, उत्पाद जीवन चक्र उत्पाद के अस्तित्व और उपलब्धता की अवधि है।

उत्पाद जीवन चक्र का उपयोग विज्ञापन रणनीति बनाने के लिए मार्केट में सक्रिय रूप से किया जाता है, क्योंकि नियंत्रण रेखा के प्रत्येक चरण की अपनी विशिष्ट विशेषताएं हैं जिनका उपयोग प्रचार के लिए किया जा सकता है। प्रत्येक चरण के अपने विशिष्ट लक्ष्य और उद्देश्य भी होते हैं।

एक चक्र की अवधि कुछ दिनों या दशकों जितनी लंबी हो सकती है। आमतौर पर, यह अवधि निम्नलिखित बातों पर निर्भर करती है:

  • जिस उद्योग में उत्पाद जारी किया गया था;
  • देश की अर्थव्यवस्था (रुझान और मुद्रास्फीति के स्तर सहित);
  • बाजार की बारीकियां;
  • उत्पाद की बारीकियां।

उदाहरण के लिए, दवाओं का जीवन चक्र कई वर्षों का होता है, लेकिन एक फोन के निश्चित मॉडल का 2-3 वर्ष का होता है। "संवेदनात्मक" श्रेणी के उत्पाद केवल कुछ हफ़्ते ही रह सकते हैं।

उत्पाद जीवन-चक्र का सिद्धांत

उत्पाद जीवन-चक्र का सिद्धांत पहली बार 1966 में अमेरिकी अर्थशास्त्री रेमंड वर्नोन द्वारा प्रस्तावित किया गया था। शोधकर्ता ने सभी विश्व व्यापार के विकास के लिए एक मॉडल की पहचान करने की कोशिश की। ऐसा करने के लिए, उन्होंने सभी जीवित जीवों के जीवन चक्र को एक पैटर्न के रूप में लिया। वर्नोन के सिद्धांत के अनुसार, किसी उत्पाद के जीवन चक्र के शुरुआती चरणों में, उस उत्पाद के सभी काम उस बाजार खंड में केंद्रित होते हैं जिसमें उसे लॉन्च किया गया था। हालांकि, समय के साथ, उत्पाद उस सेगमेंट से और उससे आगे निकल जाता है। अंत में, उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश करता है और आयात किया जाता है।

उत्पाद जीवन-चक्र की अवधारणा

पारंपरिक दृष्टिकोण में उत्पाद जीवन चक्र की अवधारणा 1965 में अमेरिकी अर्थशास्त्री थियोडोर लेविट द्वारा विकसित की गई थी। उनकी दृष्टि के अनुसार, एक उत्पाद को दूसरे के साथ बदलना, अधिक संशोधित और समाज की नई जरूरतों को पूरा करना हमेशा अनिवार्य है। इसलिए पुराने को नए से बदलना जीवन चक्र की अवधारणा को दर्शाता है। सिद्धांत की मूल थीसिस यह है कि कोई भी उत्पाद, चाहे वह कितना भी लोकप्रिय क्यों न हो, एक दिन बाजार छोड़ देगा।

आधुनिक बाजार को गतिशीलता और उत्पादों की बढ़ती विविधता के साथ-साथ नई सामग्रियों और उत्पादन विधियों की नियमित उपस्थिति की विशेषता है। इन स्थितियों में, उत्पाद जीवन चक्र मॉडल का उपयोग उत्पादन में नई तकनीकों के समय पर परिचय और निम्नलिखित रुझानों के माध्यम से उत्पाद के " उत्पाद की ताज़गी" के लिए किया जाता है। इसलिए, यदि उत्पाद लगातार बदल रहा है, तो जीवन चक्र लंबा हो जाता है।

उत्पाद जीवन चक्र चरण

उत्पाद जीवन चक्र किन चरणों से मिलकर बनता है? पारंपरिक चक्र में चार चरण होते हैं: परिचय, वृद्धि, परिपक्वता और गिरावट। आमतौर पर, प्रत्येक उत्पाद उत्पाद जीवन चक्र के सभी चरणों से गुजरता है। उन्हें ग्राफ पर देखा जा सकता है:

चरण 1 - परिचय

उत्पाद जीवन चक्र के इस चरण में, उत्पाद को बाजार में लाया जाता है। इस चरण के निम्नलिखित लक्षण हैं:

  • अस्थिरता और उत्पाद के भविष्य के विकास की भविष्यवाणी करने में असमर्थता;
  • दर्शकों को सूचित और प्रोत्साहित करने के लिए मार्केटिंग स्ट्रेटेजी की ओर बढ़ना,
  • उसकी परिचितता;
  • उच्च विज्ञापन लागत;
  • छोटे उत्पादन संस्करणों रणनीति के अनुसार बाजार में कैसे प्रवेश करें? के साथ उच्च उत्पादन लागत;
  • न्यूनतम लाभ, कभी-कभी यह लागत से कम होता है;
  • धीमी बिक्री वृद्धि।

चरण 2 - वृद्धि

उत्पाद ने बाजार में पैर जमाना शुरू कर दिया है और आगे की वृद्धि के लिए पहले से ही पर्याप्त दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर चुका है। उत्पाद जीवन चक्र के दूसरे चरण में निम्नलिखित विशेषताएं हैं:

  • बिक्री में तेजी से वृद्धि;
  • बढ़े हुए मुनाफे और कम लागत के साथ-साथ उत्पादन की बढ़ी हुई मात्रा को देखते हुए कम उत्पादन लागत;
  • सामग्री और उत्पाद के लिए स्थिर मूल्य;
  • मार्केटिंग स्ट्रेटेजी दर्शकों को आकर्षित करने से लेकर आकर्षक बनाने की ओर स्विच कर रही है;
  • उच्च मार्केटिंग लागत;
  • अन्य कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा में वृद्धि।

चरण 3 - परिपक्वता

उत्पाद ने बाजार में एक स्थिर स्थिति ले ली है और एक स्थायी दर्शक प्राप्त कर लिया है। यह चरण निम्नलिखित विशेषताएं हैं:

  • मांग अपने चरम पर है, लेकिन बाजार की अधिकता के कारण बिक्री घट रही है;
  • बाजार को वर्गीकृत किया जा रहा है और दर्शकों का विस्तार हो रहा है;
  • बाजार विभाजन होता है और दर्शकों का विस्तार होता है;
  • दर्शकों की नई मांगें, जिन पर पहले ध्यान नहीं दिया गया था, संतुष्ट हैं;
  • उत्पाद की कीमत घट जाती है और लाभ घट जाता है;
  • कंपनी का मुख्य उद्देश्य मौजूदा ग्राहकों को बनाए रखना है;
  • प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त करके बाजार हिस्सेदारी का विस्तार करना;
  • साझेदारी और सहयोग बनाना;

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश करने का अवसर है।

स्टेज 4 - गिरावट

इस स्तर पर, जिन लोगों को उत्पाद की आवश्यकता थी, वे पहले ही उसे खरीद चुके थे। कंपनी उन कंपनियों से पीछे हटना शुरू कर रही है जो परिचय या विकास के चरण में हैं। निम्नलिखित संकेत गिरावट के चरण की शुरुआत का संकेत दे सकते हैं:

  • उत्पाद की मांग में धीमी लेकिन निरंतर गिरावट;
  • कम उत्पादन;
  • धन की वापसी और बजट में कटौती;
  • दर्शकों की कमी;
  • अवशिष्ट बाजार पर एकाग्रता;
  • प्रयुक्त तकनीकों और उत्पाद गुणों की अप्रचलन;
  • मार्केटिंग लागत में वृद्धि ठोस परिणाम नहीं लाती है।

आमतौर पर, मृत्यु मंदी के चरण का अनुसरण करती है: कंपनियां बंद हो जाती हैं और बाजार

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एक परिकल्पना से शुरुआत करने तक 24 चरण : अनुसंधान विधियों, एमवीपी , प्रतिक्रिया प्राप्त करना, और वृद्धि के कारक

स्टॉक मार्केट या शेयर बाज़ार क्या हैं? :-

इक्विटी स्टॉक यानी शेयर का मतलब उस चीज से हैं, जो कंपनी अपने मालिकों को जारी करती हैं और जो कंपनी में उनके मालिकाना हक के प्रतीक होते हैं। इसे IPO (initial public offer) या डायरेक्ट शेयर बाज़ार से खरीदा जा सकता हैं। IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर (initial poblic offer) मतलब जब किसी कंपनी पहली बार आम निवेशकों से पैसा जुटाने केलिए उन्हें शेयर जारी करती हैं तो इसे इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) कहते हैं। डायरेक्ट शेयर बाजार से शेयर खरीदने का अर्थ आप किसी अन्य निवेशक (invester) से शेयर खरीदते हैं।


share market

(i) बाज़ार (Market) :-

बाजार (market) शब्दों का नाम सुनते हीं सबके मन में एक हीं ख्याल आता हैं, जहां अपनी मन चाहें सभी जरूरत मंद समान ख़रीद या बिक्रय किया जाता हों, उस स्थान को बाजार कहा जाता हैं। ख़रीद-परोख की लिक्विडीटी या मोल-भाव की सुविधा अनुसार जिस प्रकार बाजार को अलग अलग श्रेणी व नाम से जाना जाता हैं, जैसे 'सब्जी बाजार, कपड़ों रणनीति के अनुसार बाजार में कैसे प्रवेश करें? का बाजार आदि। ठीक वैसा हीं, इक्विटी स्टॉक यानी शेयर की खरीद एवं विक्रय करने केलिए स्टॉक मार्केट यानी शेयर बाज़ार हैं।

लेकिन यह एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म हैं, जहाँ निवेशक (investers) शेयरों को खरीदने और बेचने केलिए आते हैं। दूसरे बाजारों की तरह यहां शेयर की कीमतें लगातार तय होती रहती हैं, जो मांग और आपूर्ति के साथ-साथ सभी बिकवालों और खरीदारों की धारणा पर निर्भर करती हैं।

भारत में इक्विटी स्टॉक यानी शेयरों को उपलब्धो कराने केलिए दो सबसे बड़े बाजार अथवा स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) हैं.

(ii) शेयर अथवा स्टॉक (SHARE or STOCK's) :-

शेयर मतलब हिस्सा, कोई भी कंपनी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी SEBI (security and exchange bord of India) की गाईड लाईन की अनुपालन के साथ एक बार स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) में लिस्टेड हों जानें पर, जब आप उस लिस्टेड कंपनी का शेयर खरीद लेते हों, तो इसका मतलब आप उस कंपनी में हिस्से ख़रीद लेते हैं। अब जब आप किसी कंपनी के हिस्सेद्वार बन जाते हो तो कंपनी की हर एक गतीविधि आपसे सूचित किया जाता हैं। जैसे, कंपनी की होने वाली AGM (Annual General Meting), लाभांश (Dividend) में हिस्से, कंपनी की वोटिंग पॉवर etc etc.

अर्थव्यवस्था और शेयर बाज़ार (economy and stock market) :-

अर्थों व्यवस्था पर होने वाली बदलाव से शेयर बाजार पर सबसे गेहरा असर डालते हैं, जैसे– विकास दर (GDP Growth), सेंट्रल बैंक द्वारा पेश की जाने वाली मॉनेटरी पॉलिसी में किसी भी प्रकार की बदलाव, Inflation (मुद्रास्फीति) यानी महंगाई रणनीति के अनुसार बाजार में कैसे प्रवेश करें? दर जैसी चीजें इनमें शामिल हैं।

इसके अलावा भी नेशनल एवं वैश्विक स्तरीय समाचार साथ हीं साथ पॉलिटिकल एन्वायरमेंट (political environment - राजनीतिक माहौल) आदि स्टॉक मार्केट को आगे बढ़ाता हैं या आगे बड़ने से रूकावट डालता हैं।

शेयर बाजार में कैसे प्रवेश करें :-

यदि आप किसी लिस्टेड कंपनी की शेयर को डायरेक्ट खरीदना एवं बेचना चाहती हैं तो आपके पास तीन प्रकार की अकाउंट की जरूरत होती हैं.

स्टॉक एक्सचेंज के मध्यस्थता में हो रहें शेयरों की खरीद एवं बिकवाली को "सैकेंडरी मार्केट" कहते हैं। "SEBI" रजिस्टर्ड किसी भी ब्रोकर फार्म के साथ या फिर किसी भी बैंक के मध्यम से आप अकाउंट ओपन कर, शेयर बाजार में डायरेक्ट निवेश कर सकते हैं।

शेयर बाजार से कैसे कमाया जा सकता है पैसा?

निवेश करना सरल है, मगर इसे खेल नहीं समझना चाहिए. बाजार में सफल होने का कोई फॉर्मूला या शॉर्ट-कट नहीं है.

शेयर बाजार से कैसे कमाया जा सकता है पैसा?

निवेश करना सरल है, मगर इसे खेल नहीं समझना चाहिए. इसके लिए बाजार की समझ तो जरूरी है ही. बाजार में सफल होने का कोई फॉर्मूला या शॉर्ट-कट नहीं है. मगर कुछ बातों पर अमल कर मुनाफा बढ़ाया जा सकता है. आइए जानते हैं क्या हैं ये बातें.

अपना होमवर्क पूरा करें
दिग्गज वैश्विक फंड प्रबंधक पीटर लिंच का कहना है, "यदि आप किसी कंपनी के बारे में अध्ययन नहीं करते हैं, तो अच्छे शेयर का चयन करना जुआ ही है. आप पत्ते देखे बिना ही अपनी चाल चल रहे हैं." लिंच ने कहा कि निवेश सिर्फ वहीं करें, जिसके बारे में आपको पता हो.

ऑनलाइन फाइनेंस पोर्टल 5नेंस के संस्थापक और सीईओ दिनेश रोहिरा का मानना है कि बाजार से कमाई करने का कोई शॉर्ट-कट नहीं है. उन्होंने कहा, "धीरज के साथ गहन मंथन करना अनिवार्य है. अच्छे बिजनेस में निवेश करना चाहिए."

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बिजनेस में करें निवेश
निवेशकों को शेयर की कीमत में नहीं, बल्कि कंपनी के बिजनेस में निवेश करना चाहिए. आईआईएफएल सिक्योरिटीज के अभिमन्यु सोफट ने कहा, "किसी भी बिजनेस को समझना कंपनी की समझ को बेहतर करता है. इससे निवेश निर्णय लेना सरल हो जाता है."

उदाहरण के लिए वॉरेन बफे के निवेश का प्राथमिक दर्शन यही है कि वे उन्हीं कंपनियों में निवेश करते हैं, जिनके बिजनेस के बारे में समझ रखते हैं. उन्होंने 1988 में कोका कोला में $1 बिलियन का निवेश किया था. कंपनी ने 30 सालों तक 10 फीसदी की दर से रिटर्न दिया.

भेड़चाल से रहें दूर
किसी परिचित, परिजन या दोस्त की बातों में आकर बेकार कंपनियों में निवेश करना पैसे में आग लगाने जैसा है. लोग निवेश कर रहे हैं, इसलिए आप भी निवेश करेंगे- इस सोच से बचना चाहिए. लोगों ने दूसरों की देखादेखी कई कंपनियों में निवेश किया और उन्हें मुंह की खानी पड़ी.

उदाहरण के लिए रिलायंस पावर रणनीति के अनुसार बाजार में कैसे प्रवेश करें? के आईपीओ को 14.4 गुना तक सब्सक्राइब किया गया था. कंपनी को रिटेले निवेशकों से 19.5 लाख आवेद मिले थे. आईपीओ का इश्यू प्राइस 450 रुपये था. इस शेयर की मौजूदा कीमत महज 30 रुपये ही है. ऐसे कई उदाहरण बाजार में मौजूद हैं.

अनुशासन का रखें ध्यान
निवेश में संयम और अनुशासन की खास जगह है. शेयर बाजार हमेशा ही अस्थिर होते हैं. निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता का आभास होना चाहिए. गैर-जरूरी जोखिम से बचना चाहिए. टॉरस एमएफ के सीईओ वकार नकवी ने कहा कि धीरज और संयम निवेशकों को दीर्घावधि की बेहतर तस्वीर देते हैं.

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विस्तृत हो पोर्टफोलियो
अपने पोर्टफोलियो में तमाम प्रकार के एसेट क्लास को जगह दें. इस तरह कम जोखिम में बेहतर कमाई की जा सकती है. विविधता की परिभाषा हर निवेशक के लिए अलग हो सकती है. हालांकि, इससे बाजार की स्थिति से निपटना सरल हो जाता है. निवेश एसेट क्लास की प्राथमिकता को सावधानी से चुनें.

वास्तविकता में जीना बेहतर
कई निवेशक रातोंरात पैसा बनाने की ख्वाहिश रखते हैं. हालांकि, बाजार धीरे-धीरे रिटर्न देता है. कमाई करना सरल नहीं है. टॉरस एमएफ के नकवी ने कहा, "कोई भी एसेट लंबे समय तक आश्चर्यजनक रिटर्न नहीं दे सकता. अत्यधिक उम्मीदें रखना गलत है."

शेयर बाजार में घुसने और निकलने का भी समय होता है. यह अवसर बाजार की स्थिति के अनुसार बार-बार आते हैं. इसलिए जरूरी है कि अपने हाथ में कुछ पैसा रखें. यदि बाजार अपने आधार को मजबूत कर रहा हो, तो उस गिरावट से नहीं घबराना चाहिए.

अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश
निवेशकों को सिर्फ अतिरिक्त फंड का ही निवेश करना चाहिए. वे उस पैसे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जो उन्हें छोटी अवघि में नहीं चाहिए. अस्थिरता के कारण छोटी अवधि में वैल्यू घट सकती है. बाजार चक्र में चलता है.

वैश्विक बाजार गुरु सर जॉन टेम्पलटन कहते हैं कि बाजार में सबसे खतरनाक वाक्य है: "इस बार यह अलग है." निवेश के लिए सही सोच और मानसिकता की जरूरत होती है.

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लगातार रखें नजर
सिर्फ निवेश कर देना ही पर्याप्त नहीं. नियामक और बाजार की खबरों पर भी नजर रखना चाहिए. इसका असर शेयरों की कीमतों पर पड़ता है. उदाहरण के लिए कमर्शियल वाहनों के लिए एक्सल लोड लिमिट बढ़ने से अशोक लेलैंड के शेयर टूट गए. अच्छी कमाई शेयरों में उछाल ला सकती है.

कैसे होगी कमाई?
बातें सुन कर निवेश करने की प्रबल इच्छा जागृत हो सकती है, मगर बाजार की गति कई बार समझ के परे होती है. इसलिए सही रणनीति का चयन जरूरी है. कई बार अच्छी रणनीति भी फेल हो जाती है. मौजूदा समय में सेंसेक्स रिकॉर्ड स्तर पर है, मगर अधिकांश शेयरों की कीमत इस साल घटी है.

ऐसी स्थितियां निवेशकों को असमंजस में डाल देती हैं, जहां वे कुछ नहीं समझ पाते. निवेश लंबी अवधि के लिए किया जाए तो बेहतर है. बाजार में एक पैसा बचाना भी आपकी कमाई है. यदि आपको किसी बिजनेस पर भरोसा नहीं, तो उसमें निवेश नहीं करें.

इसे बभी पढ़ें: HDFC AMC का आईपीओ खुला, क्या है विश्लेषकों की राय?
पिछले 15 साल में बीएसई सेंसेक्स 16 फीसदी की दर से बढ़ा है, जबकि इस दौरान सिम्फनी, बोरोसिल ग्लास वर्क्स, मयूर युनिकोटर्स, टीटीके प्रेस्टीज और बजाज फाइनेंस ने 50 फीसदी की दर से रिटर्न दिया है. बाजार से निकलने का समय भी अहम है.

मोजर बेयर इंडिया के शेयर की कीमत जुलाई 2018 में 2 रुपये पर आ गई. जुलाई 2003 में इस शेयर की कीमत 110 रुपये से ऊपर थी. इस दौरान एमटीएनएल के शेयरों ने भी 105 रुपये से 15 रुपय तक का गोता लगाया है. शेयरों का चुनाव करने के लिए पेशेवर सलाहकारों की मदद भी ली जा सकती है.

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Share Market Tips: जानिए मार्च महीने में क्या रहेगा बाजार का रुख, यह रणनीति देगी आपको मुनाफा

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Share Market Tips पिछली रिपोर्ट में हमने यह बताया था कि 110 बिलियन डॉलर की पूंजी बाजारों में प्रवेश करने के लिए तैयार है इसलिए यह सोचना कि बाजार अपने शीर्ष पर है मूर्खता है। हां कुछ गिरावट होने की हमेशा संभावना है और ये नियमित रूप से आती रहेंगी।

नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। जैसा कि अपेक्षित था, निफ्टी ने इस सप्ताह बुधवार को 15300 के उच्च स्तर को छुआ और उसके बाद लगातार दो दिन बाजार में गिरावट दर्ज हुई। यद्यपि गिरावट रणनीति के अनुसार बाजार में कैसे प्रवेश करें? का एकमात्र कारण अमेरिका का बॉन्ड यील्ड मार्केट बताया जा रहा है, लेकिन हमारा मानना ​​है कि यह अन्य दूसरे कारणों से है, न कि बॉन्ड यील्ड के कारण। इससे पहले कि हम उन कारणों का विश्लेषण करें, हमें कुछ अन्य पहलुओं पर गौर करने की जरूरत है।

हमारे पिछले लेखों में हम स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख कर रहे थे कि एनएसई निफ्टी पीई जो 40 से अधिक है, एक सही मूल्यांकन तंत्र नहीं है, इसलिए एक वैकल्पिक तंत्र पर भरोसा किया जाता है, जिसका अनुसरण वॉरेन बफे भी करते हैं और वह है बाजार पूंजीकरण-जीडीपी अनुपात। आखिरकार एनएसई ने घोषणा की है कि वह अब से पीई की गणना के लिए समेकित आय को फॉलो करेगा। अब तक वे स्टैंडअलोन आय को फॉलो कर रहे थे, जो उच्च पीई देते थे, क्योंकि स्टैंडअलोन आय हमेशा समेकित आय से कम होती है।

Share Market Wealth by Equity (Jagran File Photo)

इसका तत्काल प्रभाव यह होगा कि एनएसई निफ्टी पीई मौजूदा 40.76 की तुलना में घटकर 32.60 पर आ जाएगा। NSE को इसे सही करने में लंबा समय लग गया, लेकिन यह एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि अब सही तस्वीर दिखाई देगी। अब इसकी तुलना ब्लूमबर्ग डेटा से करें, जहां निफ्टी पीई को 35.54 पर दिखाया गया है। ब्लूमबर्ग पीई किसी को पीछे छोड़ रहा है, इसका मतलब है कि त्रैमासिक आय का समायोजन। लेकिन वे उसके पीछे हैं, जो एनएसई ने जाहिर किया है, इसका मतलब है कि ब्लूमबर्ग भी समेकित आधार पर नहीं है, इसलिए ही यह अंतर है।

हम CNI में दोनों की गणना करते हैं और हमारे अनुसार, निफ्टी पीई 28.43 है, जो कि अतिरिक्त लिक्विडिटी परिदृश्य को देखते हुए अधिक नहीं है। एनएसई द्वारा पीई को 32.60 किये जाने का इंतजार कीजिए, ब्लूमबर्ग पीई भी 28.43 पर आएगा। अगर एनएसई भी अपने पीई को त्रैमासिक आधार पर ट्रेल करता है और अर्निंग सीजन के 15 दिनों के भीतर अपडेट करता है, तो यह निवेशकों के लिए बहुत मददगार होगा। डिजिटलीकरण की दुनिया में यह कहना कि अपडेट समय पर नहीं किया जा सकता है, उचित नहीं है। समेकित आय का मुद्दा केवल हमारे द्वारा उठाया गया था और हमने समय-समय पर अपने पाठकों का मार्गदर्शन किया है।

हमारी पिछली रिपोर्ट में हमने यह बताया था कि 110 बिलियन डॉलर की पूंजी बाजारों में प्रवेश करने के लिए तैयार है, इसलिए यह सोचना कि बाजार अपने शीर्ष पर है, मूर्खता है। हां, कुछ गिरावट होने की हमेशा संभावना है और ये नियमित रूप से आती रहेंगी। अब हम बॉन्ड यील्ड्स पर फिर से चर्चा करते हैं। यह एक ज्ञात तथ्य है कि अमेरिका द्वारा 13 ट्रिलियन डॉलर की Q E लाने की संभावना है। 1.9 ट्रिलियन अब सिनेट के सामने है। तथ्य यह है कि इस QE को या तो सीधे नागरिकों के खातों में जमा किया जाएगा या उन बैंकों के बॉन्ड्स खरीदकर वितरित किया जाएगा, जो यील्ड मार्केट को बर्बाद करते हैं।

जब अधिक पैसा बॉन्ड में प्रवाहित होता है, तो यील्ड में वृद्धि नहीं होती है और इसलिए यील्ड्स में मौजूदा उतार-चढ़ाव इक्विटी बाजारों को विकृत करने के लिए एक क्रिएट किया गया मुद्दा अधिक है। यहां तक ​​कि वॉरेन बफे कहते हैं कि किसी को अभी US बॉन्ड में निवेश नहीं करना चाहिए। जिस दिन पैसे का प्रवाह होगा, यील्ड गिरेगा और इक्विटी और अधिक ऊपर उठ जाएगी।

हमें लगता है कि पूरा यील्ड इश्यू हमारे बाजारों के लिए एक भूत की तरह है और अधिक व तेजी से शॉर्ट में फंसाने के लिए अस्थिरता क्रिएट की गई है। मांग और आपूर्ति का कार्य बाजारों को निर्धारित करता है। अब 13800, 13200 और 12800 की बातें बाजार में आनी शुरू हो गई हैं, जो हमें इस बारे में निश्चिंत करती हैं कि हम वास्तव में मार्च 2021 में 15500, 15700 और 15800 के स्तर को आते हुए देखेंगे।

आक्रामक स्तर पर निजीकरण, सुधार, साहसिक और त्वरित निर्णय, मानसून, बेहतर चौथी तिमाही के नतीजे, ये सभी आगामी तेजी के पक्ष में हैं। आमतौर पर इस तरह की तेजी को राज्यों के चुनाव तत्काल रूप से रोक सकते हैं, लेकिन यहां यह बात मायने नहीं रखती है, क्योंकि सत्ताधारी पार्टी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। केरल और तमिलनाडु में कोई संभावना नहीं हैं, जबकि पुंडुचेरी बहुत छोटी जगह है। असम में वे जीतेंगे। बड़ी लड़ाई पश्चिम बंगाल में है, जहां बीजेपी सबसे पसंदीदा है, लेकिन बाजार को कोई उम्मीद नहीं है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के चुनाव महत्व रखते हैं, ये नहीं। पश्चिम बंगाल में 9.8 करोड़ आबादी है, जिसमें से 6.3 करोड़ मतदाता हैं। वहीं, बीजेपी के कुल 3.5 करोड़ से अधिक सदस्य हैं।

स्वाभाविक रूप से सदस्य अपनी पार्टी को वोट देंगे। दूसरी तरफ ओवैसी TMC मुस्लिम वोट खाने जा रहे हैं। तीसरी बात यह है कि जो पूर्व टीएमसी सदस्य बीजेपी में शामिल हुए हैं, वे एक बड़ा टीएमसी वोटर बैंक बीजीपी को देंगे। अंत में पीएम मोदी की 20 रैलियां निश्चित रूप से मतदाताओं पर भारी प्रभाव डालेंगी। 2019 पहले ही यह साबित कर चुका है कि बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में बड़ी पैठ बना ली है। वे पिछले 3 वर्षों से इस मिशन पर हैं और वे हमेशा कुछ वैज्ञानिक आधार पर काम करते हैं। वास्तव में, ममता की हताशा खुले तौर पर देखी जा रही है, क्योंकि उन्होंने मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या को 56 से घटाकर 42 कर दिया है और अब मंदिर पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन राम मंदिर के कारण यह भी बीजेपी के पक्ष में काम करेगा।

इस प्रकार यह कारक अप्रैल में बाजार में मसाला डालेगा। इस मुद्दे को छोड़कर हम किसी अन्य कारण को नहीं देखते हैं, जिससे बाजार गिर सकता है। इसका मतलब है कि अस्थिरता पैदा की गई है। एफपीआई मार्च, 2021 में सिर्फ 2000 करोड़ रुपए की बिकवाली कर मई 2020 से लेकर फरवरी 2021 के बीच अपनी 3 लाख करोड़ की खरीदारी को जोखिम में क्यों डालेगा? उद्देश्य बाजार को नियंत्रित रणनीति के अनुसार बाजार में कैसे प्रवेश करें? करना है, शॉर्ट्स को फंसाओ और ऑप्शन बाजार में हर महीने 40 से 50000 करोड़ रुपये कमाओ। हमने इस बार फिर से साबित किया है कि बाजार में तेजी आएगी और हम लॉन्ग बुल बाजार में होंगे। इस बार भी हम सही होंगे। बाजार वास्तव में 2 अप्रैल को चुनाव परिणाम आने के बाद एक्सप्लोड होगा। वास्तव में, हमें उम्मीद है कि अप्रैल 2021 से B gr रैली में भाग लेना शुरू कर देगा और यह अगले 12 महीनों तक जारी रहेगी।

अब 500 अंकों की गिरावट क्या ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स को परेशान करती है? उनका मानना ​​है कि यह बड़ी गिरावट है। कृपया ध्यान दें कि हम सेंसेक्स के 50,000 के स्तर पर हैं और 500 अंक की गिरावट का मतलब केवल 1 फीसद होता है। हम अभी भी 2014 के मनोविज्ञान में हैं, जहां सेंसेक्स 21000 पर था और 1 फीसद का मतलब 210 अंक था, जिसे हमने खुशी से स्वीकार करते थे। यहां तक ​​कि 1000 अंक की गिरावट 2 फीसद की होती है, जो अनुमेय सीमा में है और इसलिए प्रतिक्रिया व्यक्त करन के लिए कोई जगह नहीं है। हालांकि, एक तरीका है, जिससे आप ट्रेंड को हरा सकते हैं। आपको कम दरों पर खरीदने का प्रयास करना चाहिए, जो आपको अस्थिरता के कारण मिलेगी, ऐसा ही बिकवाली के समय करें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप 1000 अंक की अस्थिरता को आसानी से हरा देंगे।

आपको यह समझना चाहिए कि उच्च स्तर के बाजार में अस्थिरता भी उच्च स्तर की होगी और जोखिम भी उच्च होगा। यदि आप छोटे स्टॉप लॉस के साथ ट्रेड करते हैं, तो स्टॉप लॉस के कारण 99 फीसद ट्रेड मारे जाएंगे। यहां भी आप केवल पॉजिशनल ट्रेड्स द्वारा स्ट्रीट को हरा सकते हैं।

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