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क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है

क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है

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शेयर बाजार में स्टॉक कैसे चुनें? (How to pick Stocks in Share Market?)

शेयर मार्किट (Share Market) में आप किन शेयरों का व्यापार करते हैं, यह आपके अनुभव के स्तर, आपके पास कितनी पूंजी उपलब्ध है, और आप किस प्रकार की ट्रेडिंग कर क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है रहे हैं, सहित कई मुद्दों पर निर्भर करते हैं। चाहे आप दिन के कारोबार के लिए सबसे अच्छा स्टॉक खोजने (Pick Stocks) की कोशिश कर रहे हों, या आप स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) , पोजीशन ट्रेडिंग (Position Trading ) या निवेश (Investment) जैसी अन्य शैलियों को पसंद करते हैं ।

स्टॉक चुनने के लिए आपके मानदंड को ट्रेडिंग प्लान (Trading Plan)

के हिस्से के रूप में लिखा जाना चाहिए (अधिक के लिए जोखिम प्रबंधन देखें) एक योजना विकसित करने पर विवरण)। आपकी ट्रेडिंग योजना गतिशील है, और इस प्रकार, जैसे-जैसे आप सीखना, कौशल विकसित करना और अपनी ताकत और कमजोरियों को उजागर करना जारी रखेंगे, यह विकसित होगा।

स्टॉक चुनने से पहले कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए

• अपने जोखिम के स्तर को समझें और तय करें कि क्या उचित है।
• आपके व्यक्तित्व प्रकार से कोई फर्क नहीं पड़ता, निवेश करने के लिए स्टॉक चुनने के लिए एक रणनीति विकसित करें।
• एक स्टॉक चुनकर (Pick Stocks) शुरू करें और फिर परिणामों का विश्लेषण करें।
• स्टॉक की हलचल और संपूर्ण बाजार को समझने के लिए ट्रेडिंग चार्ट का उपयोग करें।
• अंत में, क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है अपनी योजना पर कायम रहें!

अपने व्यक्तित्व के आधार पर स्टॉक चुनो (Pick Stocks Based on Your Personality)

साथ ही, आपका व्यक्तित्व प्रकार आपके द्वारा ट्रेड किए जाने वाले स्टॉक के प्रकारों में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। उदाहरण के लिए, यदि आप २३ वर्ष के हैं, वीडियो गेम में पले-बढ़े हैं, आपका दिमाग तेज़ है और ध्यान केंद्रित रहने के लिए आपको बहुत अधिक कार्रवाई करने की आवश्यकता है, तो आपके लिए अल्पकालिक, स्केलिंग सही हो सकती है। दूसरी ओर, यदि आप 65 वर्ष के हैं, तो निर्णय लेने से पहले चीजों के बारे में सोचना पसंद करते हैं, तो हो सकता है कि स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) कम अस्थिरता वाले स्टॉक अधिक उपयुक्त हों।

आप जो भी निर्णय लें, उस पर विचार अवश्य करें। आपको यह समझने की जरूरत है कि शेयरों में उतार-चढ़ाव के विभिन्न स्तर होते हैं और कीमतों में उतार-चढ़ाव का वेग होता है। अपनी जानकारीके लिए इंडिकेटर जैसे टूल का उपयोग करके, आपको यह देखने में सक्षम होना चाहिए कि कौन शेयर खरगोश है और कौन सा शेयर कछुआ।

स्टॉक चुनते समय जोखिम प्रबंधन को ध्यान में रखें ( Keep Risk Management in Mind When Picking Stocks)

निर्धारित करें कि आप किस हद तक जोखिम के साथ रह सकते हैं और बर्दाश्त कर सकते हैं। स्टॉक चुनने (Pick Stocks) की रणनीति बनाने पर ध्यान दें जो पूंजी को संरक्षित करने और जोखिम को नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन की गई है। सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य पूंजी को संरक्षित करना होना चाहिए। आपको यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि खेल में बने रहने के लिए अपनी पूंजी को संभालना बहोत ही महत्वपूर्ण है ।

व्यापार करने के लिए स्टॉक का एक पूरा स्पेक्ट्रम है, प्रत्येक में विभिन्न स्तरों की अस्थिरता, मूल्य और मात्रा विशेषताओं के साथ। जोखिम कम करके शुरुआत करें। जैसे-जैसे आपके कौशल, अनुभव और आपकी सफलता में वृद्धि होती है, आप उन शेयरों से जुड़े जोखिम को बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं जिन्हें आप क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है व्यापार के लिए चुनते हैं।

नए व्यापारियों द्वारा की जा सकने वाली सबसे खराब गलतियों में से एक है “बस व्यापार शुरू करें” और “देखें कि यह कैसा चल रहा है।” आपको सूचित और शिक्षित व्यापारिक निर्णय लेने, विश्लेषण और गणना करने की आवश्यकता है। जैसे कोई व्यवसाय शुरू करने या बढाने के लिए एक पूर्व योजना आवश्यक है।

जब आप निवेश करने के लिए स्टॉक चुनते हैं तो इसे सरल रखें ( Keep it Simple When You pick Stocks to Invest In)

अपनी स्टॉक चुनने की प्रक्रिया (Picking Stocks Process) को सरल रखें! लंबी अवधि में आप जो भी स्टॉक चुनने की रणनीति तय करते हैं, केवल एक स्टॉक का व्यापार करके शुरू करें, देखें, अध्ययन करें और सीखें । प्रत्येक स्टॉक का अपना व्यक्तित्व और विशेषताएं होती हैं। आदर्श चाल चलने का अनुमान लगाने के लिए आपको इन “आदतों” को समझने की जरूरत है। चार्ट का अध्ययन कई समय सीमा में करें – इंट्राडे, दैनिक और साप्ताहिक। समय के साथ, एक और स्टॉक जोड़ना शुरू करें, और फिर दूसरा, इत्यादि। जब आप एक स्टॉक का व्यापार कर रहे हों, तो कुछ अन्य शेयरों के व्यवहार का अध्ययन करना और उनके व्यवहार को सीखना ठीक है।

एक बार जब आप “लर्निंग कर्व” के साथ आगे बढ़ जाते हैं, तो आप जिन अन्य शेयरों का अध्ययन कर रहे हैं, उनमें से एक का व्यापार करना शुरू करें। जब से आप इसे देख रहे हैं, तब से आपको इसके व्यवहार की समझ पहले से ही होगी। उन शेयरों पर ध्यान दें जो आपकी ट्रेडिंग योजना के साथ संरेखित हों और निरंतरता की अनुमति दें।

ट्रेडिंग दिवस के दौरान अपना मानदंड न बदलें – केवल तभी जब बाजार बंद हो। अपनी योजना के साथ रहो। व्यापार के बीच में एक योजना बदलने से आप अपनी योजना पर मानसिक रूप से “धोखा” धोका देने जैसे होगा । इससे अनुशासन का सामान्य विघटन होता है।

कुछ वास्तविक जीवन के उदाहरण नीचे सूचीबद्ध हैं:

• खुदपे विश्वास होने तक एक बार में केवल 5 स्टॉक चुनने चाहिए और १ ही शेयर में व्यापार करना चाहिए।
• शेयर की कीमत ₹ 150 और ₹ 250 के बिच की होनी चाहिए ।
• शेयर्स की अस्थिरता की मध्यम डिग्री होनी चाहिए ।
• कोई बायोटेक स्टॉक नहीं (उच्च इंट्राडे अस्थिरता) ।
• हर रात अपने ५ शेयरों का कई समय सीमा में अध्ययन करना जरुरी है ।

स्टॉक्स स्विंग ट्रेडिंग चुनने के तरीके (2 दिन से 3 सप्ताह तक)

• व्यापार करने के लिए 50 स्टॉक चुने – १ एक बार में अच्छी समझ के साथ इसमें बहुत शोध हो सकता है।
• शेयर कीमत ₹ २०० से ऊपर के ऊपर हो ।
• एक दिन में ३० शेयर चुने जिनका वॉल्यूम ५,००,००० से ऊपर हो ।

२५ लंबी घड़ी सूची के लिए ( 25 for Long watch क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है list)

  • मौलिक रूप से मजबूत (Strong fundamentally ) – (प्रमुख क्षेत्रों में बढ़ती राजस्व और कमाई, उच्च सापेक्ष ताकत, )
  • 200 मूविंग एवरेज के ऊपर ( Above 200 moving average)
  • जो निफ़्टी ५० (Nifty 50) फ्यूचर्स का अनुसरण कर रहे हो।

25 लघु घड़ी सूची के लिए ( क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है 25 for Short watch list)

  • मौलिक रूप से कमजोर (कमजोर क्षेत्रों में राजस्व और कमाई में गिरावट, कम सापेक्ष ताकत)
  • 200 मूविंग एवरेज से नीचे ( Below 200 moving average)
  • जो निफ़्टी ५० फ्यूचर्स का अनुसरण कर रहे हो।

जरुरी संपर्क (LINKS) इन शेयर मार्किट – NSE & BSE INDIA : IMPORTANT LINKS

Trading Meaning in Hindi | ट्रेडिंग क्या होती है

नमस्कार डियर पाठक आज के इस लेख में हम जानेंगे कि ट्रेडिंग क्या होती है (Trading Meaning in Hindi) क्योंकि स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टर दो प्रकार क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है के होते हैं अब एक होते हैं, ट्रेडिंग करने वाले यानी ट्रेडर और दूसरे होते है इन्वेस्टर जो निवेश करते हैं। अब हमने निवेश के बारे में तो निवेश क्या होता है वाले लेख में बात की थी।

लेकिन अब हम जानेंगे कि ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है और ट्रेडिंग कैसे की जाती है। अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं या ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो आप सबसे पहले यह जान लीजिए कि ट्रेडिंग होती क्या है, तो इन्हीं सवालों के जवाब हम इस आर्टिकल के माध्यम से देने वाले हैं, इसलिए इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें –

ट्रेडिंग क्या है? (Trading in Hindi)

Trading Meaning in Hindi – ट्रेडिंग का मतलब होता है व्यापार या कारोबार अगर इसको सिंपल भाषा में समझने का प्रयास करें तो ट्रेडिंग का मतलब होता है किसी वस्तु या सेवाओं को कम भाव में खरीदना और अधिक भाव में बेचने की उम्मीद रखना इसे ही ट्रेडिंग कहते हैं।

चलिए इसे हम थोड़ा विस्तार से उदाहरण के माध्यम से समझते हैं, ताकि आपको ट्रेडिंग का मतलब अच्छी तरह से समझ में आ जाए।

जैसे कि हमारे आपके घर के पास में फेरीवाले कुछ ना कुछ सामान बेचने आते हैं, उदाहरण के लिए कोई फेरीवाला प्लास्टिक के बर्तन बेचता है, तो उसका मतलब यह है कि वह प्लास्टिक की ट्रेडिंग करने का व्यापार करता है यानी कि वह प्लास्टिक का कारोबार करता है।

वह मार्केट से होलसेल में सामान खरीदना है जो उसे डिस्ट्रीब्यूटर प्राइस पर मिल जाते हैं यानी कि कम दामों में खरीद कर आपके घर तक अधिक दामों में बेचता है।

कहने का मतलब हर वह कार्य जो कम दाम में खरीद कर अधिक दाम में बेचता है उसे ट्रेडिंग यानी कि व्यापार कहते हैं, जैसे कोई कंपनी सामान बनाती है, तो वह अपने डिस्ट्रीब्यूटर को DP प्राइस पर बेचती हैं और फिर डिस्ट्रीब्यूटर दुकानों को होलसेलर रेट में बेचता है और दुकान वाले ग्राहक को MRP पर बेचते हैं। इस प्रकार हर कोई अपना मुनाफा निकाल कर सामान को अधिक रेट में बेच रहा है इसे ही व्यापार कहते हैं।

शेयर ट्रेडिंग के प्रकार (Types of Stock Trading in Hindi)

मुख्यतः ट्रेडिंग के पांच प्रकार होते हैं जो निम्नलिखित हैं।

  1. इंट्राडे ट्रेडिंग
  2. पोजीशनल ट्रेडिंग
  3. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग
  4. क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है
  5. लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग
  6. स्विंग ट्रेडिंग

1⃣ इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है

जब इन्वेस्टर स्टॉक मार्केट में एक दिन के अन्दर ही शेयर को खरीदते और बेचते हैं उसे Intraday Trading कहते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग को निवेशक स्टॉक मार्केट के खुलने से लेकर बंद होने के बीच में कर सकते हैं.

इंट्राडे ट्रेडिंग का टाइम: भारतीय स्टॉक मार्केट मवार से शुक्रवार तक सुबह 9:15 से लेकर दोपहर 3:30 तक खुला रहता है और सभी Holidays में बंद रहता है. अतः आप Intraday Trading सुबह 9:15 से लेकर दोपहर 3:15 बजे तक कर सकते हैं।

2⃣ पोजीशनल ट्रेडिंग किसे कहते हैं?

पोजिशनल ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जहां ट्रेडर, स्टॉक्स को एक लम्बे समय तक होल्ड करके रख सकता है। इस सेगमेंट में आप शेयर को कुछ हफ़्तों, कुछ महीनों और ज्यादा से ज्यादा 1 साल तक अपने डीमैट खाते में होल्ड करके रख सकते हैं और फिर उन्हें बेच कर प्रॉफिट कमा सकते हैं।

3⃣ स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या है

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा उछाल वाले स्टॉक्स को चुना जाता है, इसके बाद पूरी मार्जिन मनी के साथ स्टॉक्स को खरीद लिया जाता है, और फिर जैसे ही उस स्टॉक्स की थोड़ी सी कीमत बढ़ जाती हैं तो उसे सेल कर दिया जाता है। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग आमतौर पर 1 मिनट से 25 मिनट के अंदर अंदर होती है।

4⃣ लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग क्या होती है

जब खरीद और बिक्री के बीच क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है की अवधि कुछ महीनों से कुछ वर्षों तक होती है, तो इसे लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है। कम टेंशन: और लंबे समय के ट्रेडिंग के दौरान मार्केट छोटे-मोटे मूव करने से कोई फर्क नहीं पड़ता है और लगातार मार्केट को देखने की कोई आवश्यकता नहीं है।

5⃣ स्विंग ट्रेडिंग क्या है।

स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेंड ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग के बीच का तरीका है। कभी-कभी मार्केट की स्थिति सही होने से 2-3 हफ़्ते पहले स्विंग ट्रेड जारी रह सकता है। स्विंग ट्रेडर्स स्क्वेयरिंग ऑफ़ करने से पहले कम से कम एक रात पहले अपनी पोज़ीशन होल्ड करेंगे स्विंग ट्रेडर्स लाभ की क्षमता वाले स्टॉक की पहचान करने के लिए मूलभूत और तकनीकी विश्लेषण दोनों को एक साथ मिलाते हैं।

आमतौर पर, मूलभूत ट्रेडर्स स्विंग ट्रेडर्स होते हैं क्योंकि आमतौर पर कॉर्पोरेट न्यूज़ को मार्केट ट्रेंड को प्रभावित करने में कम से कम एक हफ़्ते का समय लगता है

ट्रेडिंग कैसे करें

ट्रेडिंग करना बहुत ही सिंपल कार्य है। ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट यानी डिमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है। क्योंकि इनके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते, अगर आपके पास डीमेट है, तो अब आपको ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से शेयर मार्केट से शेयर को कम दामों में खरीदना है, और उस शेयर की कीमत बढ़ जाने पर उसे ज्यादा दाम में बेच कर मुनाफा कमाना है इसी तरह हम ट्रेडिंग करते हैं।

NOTE :- ट्रेडिंग करने से पहले आपको स्टॉक मार्केट की नॉलेज लेनी है यानी कि मार्केट को सीखना है वरना स्टॉक मार्केट में आप पैसा कमाने की जगह पैसा गवाँ सकते हैं। क्योंकि शेयर मार्केट पूरी तरह से जोखिम भरा है यहां पर अगर आप सीख कर नहीं आओगे तो 100% आप फेल हो जाओगे और फिर मार्केट को गलत ठहरा दोगे इसलिए हमारी सलाह है कि आप मार्केट में बिना सीखें पैसे कमाने की बिल्कुल ना सोचे।

आपको स्टॉक मार्केट के बारे में एक एक चीज अच्छी तरीके से समझ नहीं है जैसे कि टेक्निकल एनालिसिस, फंडामेंटल एनालिसिस, बैलेंस शीट देखना, चार्ट को समझना, कंपनी के स्टेटमेंट को समझना और चार्ट को एक अंदरूनी तरीके से देखना जब तक आपको यह नहीं आएगा आप केवल तुक्के सें पैसे नहीं कमा सकते हैं।

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करते हैं

आपको बता दें कि शेयर मार्केट में इन्वेस्टर Intraday, Scalping और Swing आदि Trading कर सकते है यह सब स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के तरीके है जिनका उपयोग करके स्टॉक मार्केट में शेयर को खरीद व बेच कर प्रॉफिट कमाते है। इसके लिए निवेशको को एक ट्रेडिंग Technique को चुनना होता है जैसे की इंट्राडे, स्काल्पिंग और स्विंग ट्रेडिंग फिर इन ट्रेडिंग के नियमों का पालन करना होता है।

अगर निवेशक सभी नियमों का पालन करता है और Technique को Follow करता है, तो रोज स्टॉक मार्केट से प्रॉफिट ले सकता है, इन ट्रेडिंग की Technique का उपयोग करके। बस निवेशक पास एक Demat Account या Trading Account होना चाहिए जिनकी मदद से वह Stock Exchange में से शेयर को खरीद सके और बेच सके।

डिमैट अकाउंट क्या होता है

डियर पाठक डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है।

अगर आप भी डिमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं। डिमैट अकाउंट कैसे खोलें? How to open demat account

निष्कर्ष: Trading Meaning in Hindi

डियर पाठक ट्रेडिंग का सीधा सीधा मतलब है व्यापार करना कम भाव में खरीदना अधिक भाव में बेचना इसे ही ट्रेडिंग कहते हैं आशा करते हैं, Trading Meaning in Hindi आर्टिकल आपको पसंद आया होगा और अगर आप स्टॉक मार्केट सीखना चाहते हैं तो स्टॉक पत्रिका को सब्सक्राइब करें। और इस लेख को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अवश्य शेयर करें

शेयर बाजार में टाइम फ्रेम कैसे सेलेक्ट करें

टाइमफ्रेम क्या है


आज हम समझेंगे how to select chart time frame for trading के बारे में कि हम ट्रेडिंग के लिए चार्ट की टाइमफ्रेम कैसे सेलेक्ट करें दोस्तों यह सवाल बार-बार पूछा जाता है कि हम इंट्राडे के लिए या स्विंग ट्रेडिंग के लिए टाइम फ्रेम कैसे सेलेक्ट करें यह कौन सा टाइम फ्रेम बेस्ट रहेगा इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए तो आज हम टाइमफ्रेम के विषय में सारी जानकारी को समझेंगे और इस पोस्ट को देखने के बाद टाइम फ्रेम सिलेक्ट करने में आपको कोई परेशानी नहीं होगी

how to select chart time frame for trading

दोस्तों ट्रेडिंग के लिए टाइमफ्रेम सिलेक्ट करने के लिए सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आपका ट्रेडिंग स्टाइल क्या है ट्रेडिंग स्टाइल के विषय में हम पहले ही सब कुछ समझ चुके हैं हमारी वेबसाइट highreturn.in पर यह पोस्ट पहले से ही उपलब्ध है आप उसे पढ़ सकते हैं जब आपको एक बार यह पता चल जाए कि आपका ट्रेडिंग स्टाइल क्या है आप उसी प्रकार से चार्ट में अपना टाइम फ्रेम भी सिलेक्ट कर सकते हैं मतलब कि आपका ट्रेडिंग स्टाइल अगर छोटे समय का है तो आपका टाइम फ्रेम भी कम समय का होगा और अगर आपका ट्रेडिंग स्टाइल लंबे समय का है तो आपका टाइम फ्रेम भी लंबे समय का होगा

तो चलिए शेयर बाजार के पॉपुलर ट्रेडिंग स्टाइल के पॉपुलर ट्रेडिंग टाइम फ्रेम को मैं आपको बता देता हूं जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि भारतीय शेयर बाजार सुबह 9:15 से दोपहर 3:30 तक चलता है मतलब की टोटल 6 घंटे 15 मिनट इस मार्केट टाइम के हिसाब से आप ट्रेडिंग करते हैं

अगर आप स्कल्पिन ट्रेडिंग करते हैं तो आप 1 मिनट या 2 मिनट की टाइम फ्रेम का उपयोग करेंगे तो आपको बाजार से अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं

अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आप 5 मिनट या 15 मिनट की टाइम फ्रेम का उपयोग करेंगे तो बाजार से अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं

अगर आप स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो आप 1 घंटे या 2 घंटे की टाइम फ्रेम का उपयोग करेंगे तो आपको बाजार से अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं

अगर आप पोजीशनल ट्रेडिंग करते हैं तो आप डेली चार्ट टाइम फ्रेम का उपयोग करेंगे तो आपको बाजार से अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं तो दोस्तों यह थे शेयर बाजार के कुछ पॉपुलर ट्रेडिंग स्टाइल के पॉपुलर टाइमफ्रेम इनमें से जो भी आपका ट्रेडिंग स्टाइल हो उस हिसाब से आप अपना टाइम फ्रेम चुन सकते हैं

दोस्तों आप में से कुछ लोगों का यह सवाल होगा कि अगर हम कैंडलेस्टिक पेटर्न का यूज करें तो क्या टाइम फ्रेम सिलेक्ट करना चाहिए अगर हम चार्ट पेटर्न का यूज करें तो क्या टाइम फ्रेम सिलेक्ट करना चाहिए और अगर हम टेक्निकल इंडिकेटर्स का यूज करें तो हम क्या टाइम फ्रेम यूज कर सकते हैं दोस्तों वैसे तो इस सवाल का कोई मतलब ही नहीं बनता है क्योंकि आप इन तीनों का उपयोग अपने ट्रेडिंग स्टाइल में ही करेंगे और आपका जो भी ट्रेडिंग है उसके हिसाब से हम टाइमफ्रेम को सिलेक्ट करना सीख ही चुके हैं

टाइमफ्रेम क्या है
टाइम फ्रेम कैसे सिलेक्ट करें

दोस्तों एक सही टाइम फ्रेम चुनना उतना ही आवश्यक है जितना कि सही ट्रेडिंग सेटअप को चुनना क्योंकि अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं और इसके लिए आप डेली चार्ट की टाइमफ्रेम को देख रहे हैं तो आपको इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है इसी प्रकार अगर आप पोजीशनल ट्रेडिंग करते हैं और आप 5 मिनट या 15 मिनट के टाइम फ्रेम को देख रहे हैं तो भी आपको कोई फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि हमें जिस ट्रेडिंग स्टाइल से ट्रेड करना है उसी ट्रेडिंग स्टाइल के हिसाब से टाइमफ्रेम भी सिलेक्ट करना पड़ेगा दोस्तो टाइमफ्रेम सिलेक्ट करते समय आपको यह पता क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है होना चाहिए कि टाइमफ्रेम आपको ट्रेड लेने से पहले सिलेक्ट करना है अपने ट्रेडिंग स्टाइल के अनुसार कई ट्रेडर्स ऐसे होते हैं जो ट्रेड लेने के बाद टाइम फ्रेम सिलेक्ट करते हैं और अलग-अलग टाइमफ्रेम देखकर अपने ट्रेड को कैलकुलेट करते रहते हैं लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है एक बार टाइम फ्रेम सिलेक्ट करने के बाद आपको उसी टाइम फ्रेम के हिसाब से ट्रेड लेना है उसी टाइम फ्रेम के हिसाब से आसको स्टॉपलॉस लगाना है और उसी टाइम फ्रेम के हिसाब से एग्जिट भी करना है

तो दोस्तों यह थी how to select chart time frame for trading ट्रेडिंग के विषय में संपूर्ण जानकारी उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी

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स्विंग ट्रेडिंग: पेशेवरों के लिए एक ट्रेडिंग शैली

ट्रेडर का वर्गीकरण अधूरा लग सकता है। हालांकि, एक खुली पोजीशन रखने की क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है अवधि के आधार पर उनके बीच एक स्पष्ट विभाजन होता है। यदि आपकी रणनीति में दो दिनों से लेकर कई हफ्तों की अवधि तक ट्रेडों को रखना शामिल है, तो आप खुद को एक स्विंग ट्रेडर कह सकते हैं।

एक नियम के तौर पर, ट्रेडर कुछ अनुभव हासिल करने के बाद स्विंग ट्रेड करना शुरू करते हैं। उनमें से कई के लिए, लंबी अवधि के लिए ट्रेडों को बरकरार रखना, Olymp Trade पर ट्रेडिंग करते समय अपने कार्य असाइनमेंट (योजनाओं) को पूरा करने का एकमात्र तरीका है।

स्मार्ट और सचेत ट्रेडिंग शैली की मांग हमें स्विंग ट्रेडिंग पर ध्यान केंद्रित करवाती है। आइए दिवसीय ट्रेडिंग के ऊपर इसके फायदों को समझने की कोशिश करते हैं और अपनी खुद की ट्रेडिंग रणनीतियों को विकसित करने के लिए कुछ बुनियादी सिफारिशें देते हैं।

दिवसीय और स्विंग ट्रेडिंग के बीच अंतर

अधिकांश नौसिखिए निवेशक दिवसीय ट्रेडिंग से शुरू करते हैं। यह ट्रेडर की स्थिर दैनिक आय की इच्छा के कारण है, जिस तरह से श्रमिकों को उनके नियोक्ताओं द्वारा भुगतान किया जाता है।

यहां दिवसीय ट्रेडिंग की प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • ट्रेडर रात भर या सप्ताहांत तक पोजीशन को धरे नहीं रखते।
  • दिवसीय ट्रेडरों को ट्रेडिंग घंटे (अवधि) की अच्छी समझ होती है (वे जानते हैं कि ट्रेडिंग कब करना चाहिए और ट्रेडिंग से कब बचना चाहिए)। वे Stop Loss को अक्सर कम निर्धारित करते हैं और जब उनका ट्रेड खुला होता है तो वे अपने कार्यस्थल को नहीं छोड़ते हैं।
  • इसके अलावा, वे स्केलपर्स के लिए डिज़ाइन की गई ट्रेडिंग रणनीतियों का उपयोग करते हैं और एक समाचार-प्रेरित अस्थिर बाजार में ट्रेड करते हैं।
  • वे शायद ही कभी 1-4 घंटे से अधिक समय-सीमा का विश्लेषण करते हैं।

दिवसीय ट्रेडर अक्सर गहराई से आधारभूत विश्लेषण करने से बचते हैं और भू-राजनीतिक स्थिति की निगरानी नहीं करते हैं क्योंकि इस तरह के पूर्वानुमान के तरीके अल्पावधि के लिए अप्रभावी होते हैं।

स्विंग ट्रेडर्स के लिए, Stop Loss और Take Profit का उपयोग करने के कारण अपनी पोसिशन्स को निरंतर निगरानी करने की आवश्यकता नहीं होती है।

अनुभवी स्विंग ट्रेडर चतुर शिकारी की तरह हैं जो लंबे समय तक इंतजार कर सकते हैं जब तक वे एक लाभदायक ट्रेड नहीं करते हैं। लेकिन वे कई दिनों के भीतर कुछ सफल ट्रेडों को करके उल्लेखनीय रूप से अपनी पूंजी बढ़ा सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए बुनियादी रणनीतियाँ

यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है, आपको लोकप्रिय ट्रेडिंग रणनीतियों की मूल विशेषताओं के बारे में सीखना चाहिए जो इस शैली से मेल खाती हैं। अब हम तकनीकी विश्लेषण के आधार पर एक प्रणाली का एक उदाहरण देंगे और स्विंग ट्रेडिंग में आधारभूत विश्लेषण का उपयोग करने के लिए बुनियादी सिफारिशों की रूपरेखा तैयार करेंगे।

प्रमुख स्तर

प्रत्येक परिसंपत्ति के अपने प्रमुख मूल्य स्तर होते हैं। सपोर्ट और रेज़िस्टेंस स्तरों, ट्रेंड लाइनों और अन्य की तुलना में प्रमुख (की) स्तर एक व्यापक अवधारणा है।

यहां हम अलग-अलग अवधि के मूविंग एवरेज, सबसे उल्लेखनीय ट्रेड वॉल्यूम स्तर, और ऐतिहासिक उतार और चढ़ाव से व्यवहार करते हैं। कई निवेशक कुछ स्तर के सापेक्ष परिसंपत्ति मूल्य की स्थिति के आधार पर अपने ट्रेडिंग निर्णय लेते हैं।

तात्पर्य, यदि मूल्य प्रतिरोध (रेज़िस्टेंस) स्तर से थोड़ा नीचे हैं, तो ट्रेडर को स्टॉक, मुद्रा और कमोडिटी परिसंपत्ति बेचने की इच्छा होगी। और यदि परिसंपत्ति की कीमत कुछ उल्लेखनीय न्यून (लो) के करीब है, तो ट्रेडर सक्रिय रूप से खरीदना शुरू कर देंगे।

ट्रेंड का अनुसरण करना स्विंग ट्रेडरों का एक और लोकप्रिय पसंद है। जैसे ही उन्हें ट्रेड खोलने के बाद बाजार को बारीकी से फॉलो नहीं करना पड़ता है, इन ट्रेडरों को एक अतिरिक्त सुरक्षा जाल (सेफ्टी नेट) की आवश्यकता होती है। एक ट्रेंड (रुझान) परंपरागत रूप से इस तरह के एक सुरक्षा उपाय के रूप में कार्य करता है।

इसलिए, प्रमुख स्तरों की अवधारणा के आधार पर ट्रेडिंग रणनीतियों के संकेत निम्नानुसार प्रस्तुत किए जा सकते हैं:

  • एक प्रमुख स्तर के नीचे से ऊपर तक ब्रेकआउट (शुरू) का मतलब है कि खरीदने का समय है।
  • एक प्रमुख स्तर के नीचे से ऊपर तक एक असफल ब्रेकआउट या एक गलत ब्रेकआउट एक बिक्री का संकेत है।
  • एक प्रमुख स्तर के ऊपर से नीचे तक का एक ब्रेकआउट बिक्री का संकेत है।
  • समर्थन (सपोर्ट) स्तर (किसी भी दिशा में) का फॉल्स (गलत) ब्रेकआउट या समर्थन स्तर की स्थिरता के कोई भी लक्षण ट्रेडरों को यह संकेत देता है कि परिसंपत्ति खरीदने का समय आ गया है।

एक अद्वितीय ट्रेडिंग पद्धति को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार होने के लिए, आपको एक प्रमुख स्तर के प्रकार को चुनने, जोखिम प्रबंधन पर निर्णय लेने, प्रणाली का परीक्षण करने और बाजार को जीतने की आवश्यकता होगी।

स्विंग ट्रेडर्स के लिए आधारभूत विश्लेषण

आधारभूत विश्लेषण निकट भविष्य में मूल्य गतिविधि की दिशा से गोपनीयता का पर्दा उठा सकता है। इसका पूर्वानुमान करने में सक्षम होने के लिए, नवीनतम मेक्रोइकॉनॉमिक रिपोर्ट की समीक्षा करने की आवश्यकता है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ शुरू करें, एक संकेतक जो देश में मुद्रास्फीति के स्तर को मापता है। इसकी क्रमिक वृद्धि अर्थव्यवस्था की स्थिर अवस्था और इसके विकास को इंगित करती है। आप वैश्विक आंकड़ों के साथ देश-विशिष्ट सूचकांक या पड़ोसी देशों में समान सूचकांक मूल्यों की तुलना कर सकते हैं।

फिर उपभोक्ता विश्वास और खुदरा बिक्री पर आंकड़ों की समीक्षा करें। एक देश की अवस्था और भविष्य प्रति विश्वास के स्तर को लोगों के आचरण से ज़्यादा कुछ और चीज़ द्वारा दर्शाया नहीं जा सकता है।

उदाहरण के लिए, अमेरिकी उपभोक्ता विश्वास सूचकांक वर्ष 2018 की दूसरी छमाही में 6 महीनों में से 5 में लगातार बढ़ रहा था। वर्ष के अंत में, S&P 500 स्टॉक सूचकांक को 2,400 अंकों के आसपास प्रस्तुत किया गया था। एक साल बाद, यह इंस्ट्रूमेंट 30% से अधिक क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है बढ़ा

प्रमुख व्यापारिक संकेतक को भी जानना ज़रूरी है। वे सेवाओं और विनिर्माण क्रय प्रबंधकों (सर्विसेज एंड मैनुफेक्चरिंग पर्चेसिंग मैनेजर्स) के सूचकांक शामिल कर सकते हैं। ये दोनों संकेतक GDP पर काफी मजबूत प्रभाव डालते हैं, जो एक प्रमुख आर्थिक संकेतक है।

उपरोक्त रिपोर्टों में रुझान और चार्ट पैटर्न खोजने की कोशिश करें जो आपको बाजार वक्र (कर्व) से आगे बढ़ने में मदद करेंगे। इस तरह का विश्लेषण ट्रेडरों को एक महत्वपूर्ण समाचार जारी होने से पहले ट्रेड खोलने में और उनके सही पूर्वानुमान से लाभ लेने में सक्षम बनाता है । बेशक, क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है ट्रेडर एक अप्रत्याशित घटना की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं, लेकिन इसी लिए तो उनके पास इसके लिए जोखिम प्रबंधन उपलब्ध है।

हम आपको स्मरण करा रहे हैं कि Olymp Trade प्लेटफार्म के Forex मोड में ट्रेडिंग की स्थिति नकारात्मक शेष सुरक्षा (नेगेटिव बैलेंस प्रोटेक्शन) सुनिश्चित करती है।

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