स्मार्ट निवेश

शीर्ष 5 स्मार्ट शहरों में निवेश करने के लिए
2014 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्र सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी 'स्मार्ट सिटीज मिशन' के तहत 100 शहरों की सूची तैयार की। जनवरी 2016 में, 20 स्मार्ट शहरों की पहली सूची जारी की गई। मिशन की सफलता देश के शहरी विकास में एक आदर्श बदलाव को चिन्हित करने की संभावना है। आधुनिक सुविधाओं के साथ बड़े शहरों के सैटेलाइट कस्बों का निर्माण करने के उद्देश्य से, स्मार्ट शहरों इन शहरों पर बोझ को कम स्मार्ट निवेश करने में मदद करेंगे। इसके अलावा, प्रमुख मेट्रो शहरों में अचल संपत्ति की मांग में बढ़ोतरी की वजह से संपत्ति की कीमतें कम करने में मदद मिलेगी। मकायन IQ आपको शीर्ष पांच स्मार्ट शहरों को सूचीबद्ध करता है जिन्हें आपको निवेश करना चाहिए और उन्हें शीर्ष दांव क्या बनाता है भुवनेश्वर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर ने हाल ही में जारी 20 स्मार्ट शहरों की सूची में सबसे ऊपर है शहर भारत के पूर्व में सबसे तेजी से बढ़ते आईटी और शैक्षणिक केंद्रों में से एक है। शहर में दो आईटी पार्कों में इंफोसिटी -1 और इन्फोसिटी -2 ने कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास किया है जबकि डीएलएफ साइबरसीटी और यूनिटेक वन सहित निर्माण वाणिज्यिक परियोजनाएं, पारादीप एसईजेड और प्रस्तावित फार्मा एसईजेड के साथ, दी है। शहर में अचल संपत्ति बाजार को बढ़ावा। इसके अलावा, विज़न 2030 और भुवनेश्वर-कॉटैक शहरी कॉम्प्लेक्स के लिए व्यापक विकास योजना का लक्ष्य घरेलू और विदेशी दोनों निवेशों को आकर्षित करने के लिए शहर को विश्व स्तर के शहरी केंद्र में बदलने के लिए करना है। मध्य सेगमेंट में निवेश के कुछ क्षेत्रों में रसूलगढ़, चंद्रशेखरपुर और खंडागिरी शामिल हैं, जबकि प्रीमियम सेगमेंट में नियापल्ली और खरावेल नगर (विकिमीडिया) पुणे पुणे, महाराष्ट्र के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक, एक आईटी, शिक्षा और ऑटोमोबाइल हब है। पिछले कुछ सालों में शहर में रियल एस्टेट निवेश में उछाल देखा गया है, मुख्य रूप से विभिन्न मूल्य बिंदुओं में पलायन की आबादी और रियल एस्टेट परियोजनाओं में वृद्धि के कारण। बढ़ते बुनियादी ढांचे और बेहतर कनेक्टिविटी पुणे में सबसे अधिक मांग वाले शहरों में से एक में निवेश करने की संभावना है। जबकि विकसित बस ट्रांजिट सिस्टम में पिंपरी चिंचवाड़, वाकड, नगर रोड और अधिक प्रस्तावित पुणे मेट्रो जैसे क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है। शहर के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों को जोड़ देगा, और राजगुरुनगर में आने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, शहर में कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगा इसके अतिरिक्त, पुणे, अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और उच्च नेटवर्थ व्यक्तियों (एचएनआई) के बीच लोकप्रिय, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में बहुत से विदेशी निवेश प्राप्त करने की उम्मीद है। रियल्टी स्नैपशॉट के अनुसार, पुणे: टॉप माइक्रो मार्केट्स 2015, प्रोपटीगर डॉट कॉम के डाटालाब्स डिवीजन द्वारा जारी एक रिपोर्ट, पुणे के शीर्ष पांच इलाकों में वाघोली, कोंढवा, बनेर, वाकड और हिंजवडी हैं। (विकिमीडिया) कोच्चि केरल के एक वाणिज्यिक केंद्र होने के अलावा, कोच्चि, इसके बुनियादी ढांचे के विकास के साथ, अब भी आवासीय रियल एस्टेट केंद्र के रूप में उभरने की क्षमता है। कोच्चि मेट्रो के आने के साथ, आईटी केंद्रों का विस्तार और आईटी सेज, स्मार्टसीटी कोच्चि के निर्माण और अम्बलूर गांव में इलेक्ट्रॉनिक पार्क, शहर में अचल संपत्ति बाजार में वृद्धि देखी जा रही है अलुवा, कक्कड़, मरादुल और त्रिपुन्थुरा कुछ ऐसे इलाके हैं जहां कोई किफायती खंड में संपत्ति खरीद सकता है, जबकि कलूर, मरीन ड्राइव और पाणपाली नगर ऐसे इलाके हैं जहां आप लक्जरी प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। (विकीमीडिया) अहमदाबाद गुजरात का अहमदाबाद एक व्यापार और व्यवसाय केंद्र है, बुनियादी ढांचागत विकास, जैसे बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) और आउटर रिंग रोड, स्मार्ट निवेश द्वारा संचालित है। गुजरात इंटरनेशनल फाईनेंस टेक-सिटी, या एक अंडर-क्वाइंटिंग सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट, गिफ्ट, भारत का पहला मॉडल स्मार्ट सिटी और अहमदाबाद मेट्रो के रूप में भी देखा जाता है, ताकि शहर में अचल संपत्ति की मांग को और बढ़ावा मिले। वसीहत, नरोडा, नारोल और वतवा में कुछ ऐसे इलाके हैं जहां स्मार्ट निवेश आवासीय संपत्ति सस्ती क्षेत्रों में खरीदी जा सकती है, जबकि पालड़ी और वासना शहर के प्रीमियम रियल एस्टेट क्षेत्र हैं। (विकिपीडिया) इंदौर मध्य भारत में स्थित, इंदौर एक शहर फार्मा और औद्योगिक क्षेत्रों द्वारा संचालित है। दो प्रीमियम शैक्षिक संस्थानों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) और आईटी दिग्गज जैसे टीसीएस और इंफोसिस अब शहर में अपने परिसरों की स्थापना कर रहे हैं, इंदौर पूरे देश के लोगों को आकर्षित करती है। जनसंख्या में यह वृद्धि अचल संपत्ति बाजार को बढ़ावा देगा। मध्य प्रदेश के माध्यम से चलने वाली दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर इंदौर में आवासीय बाजार को बढ़ावा देगा पलसिया और रेस कोर्स रोड शहर के प्रीमियम आवासीय इलाके हैं जबकि धर रोड, खंडवा रोड और रौ रोड सस्ती खंड में आवासीय विकल्प प्रदान करते हैं। (विकिपीडिया)
टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश से मिलती है भारी छूट, जानिए टैक्स बेनिफिट्स पाने के 5 स्मार्ट तरीके
आम तौर पर यह देखा जाता है कि बहुत से लोग टैक्स बचाने के लिए मौजूदा वित्त वर्ष के अंत में टैक्स सेविंग योजनाओं में निवेश करने से घबराते हैं.
फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट का प्लान बनाने और निवेश का सबसे अच्छा समय होता है.
हमारे देश में हर साल करोड़ों की संख्या में टैक्सपेयर्स अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते हैं. अपना आयकर रिटर्न भरते समय टैक्सपेयर को अपनी कुल सालाना कमाई की जानकारी सरकार को देनी होती है. इस कमाई पर भारत सरकार द्वारा इनकम टैक्स एक्ट 1961 की अलग-अलग धाराओं के तहत टैक्सपेयर्स को टैक्स में कुछ छूट और रियायत दी जाती है.
इन छूट और रियायत के जरिए सरकार का मकसद लोगों को बड़े पैमाने पर निवेश के लिए प्रेरित करना है. मौजूदा समय में देश में टैक्स आउटगो को कम करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाये जा सकते हैं.
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टैक्स सेविंग की कुछ तरीकें
a) टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश (Investing in tax-saving instruments)
आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत भारत सरकार कुछ उपकरणों (instruments) में निवेश की गई राशि पर टैक्स में कुछ छूट देती है. इन इंस्ट्रूमेंट्स में किए गए निवेश के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स सैविंग का दावा किया जा सकता है. जैसे
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- सार्वजनिक भविष्य निधि (Public Provident Fund)
- कर्मचारी भविष्य निधि (Employees’ Provident Fund)
- इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (Equity Linked Savings Scheme)
- नैशनल पेंशन स्कीम (National Pension System)
- सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana)
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Savings Scheme)
- 5 वर्ष या उससे अधिक की फिक्स डिपॉजिट (Fixed Deposit)
इन 7 स्कीम्स में इन्वेस्टमेंट करके निवेशक न सिर्फ टैक्स सेविंग कर सकता है, बल्कि लॉन्ग टर्म के लिए अपनी संपत्ति का निर्माण भी कर सकते हैं.
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b) विशिष्ट टैक्स रिजीम (specific tax regime)
मौजूदा वक्त में भारतीय नागरिकों के लिए दो तरह के टैक्स रिजीम उपलब्ध हैं. आईटीआर(ITR) फाइलिंग के दौरान आप इनमें से किसी एक को चुन सकते हैं. लेकिन अधिकतम टैक्स सेविंग के लिए सुटेबल टैक्स रिजीम को चुनना बहुत अहम होता है.
नई टैक्स रिजीम में कम टैक्स रेट्स का प्रस्ताव है. हालांकि इस रिजीम में टैक्स सेविंग करने की चाह वालों के लिए कुछ भी नहीं है. ऐसे में यदि आप टैक्स सेविंग करना चाहते हैं तो आप को पुरानी टैक्स रिजीम को ही अपनाना चाहिए.
यदि आप नई टैक्स रिजीम और पुरानी टैक्स रिजीम को लेकर किसी भी तरह की कन्फ्यूजन में हैं, तो आप ऑनलाइन इनकम टैक्स कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं.
c) अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लें
यदि आप अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं तो यह भी आपको टैक्स सेविंग में मदद करता है. आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत, टैक्सपेयर्स द्वारा अपना और अपने परिवार, जिसमें पत्नी व डेपेंडिंग बच्चे शामिल हैं का हेल्थ इंश्योरेंस कराता है तो वह 25,000 रुपये तक की टैक्स सेविंग का फायदा ले सकता है.
इस सेक्शन में सीनियर सिटीजन के हेल्थ इंश्योरेंस पर 50,000 रुपये तक टैक्स सेविंग की जा सकती है. साथ ही यदि निवेशक द्वारा अपने बुजूर्ग माता-पिता जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है का हेल्थ इंश्योरेंस कराया जाता है तो उसे 50,000 रुपये तक की टैक्स छूट मिलेगी.
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d) होम लोन पर भी मिलेंगे टैक्स बेनिफिट्स
यदि आप ने किसी बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान से होम लोन लिया हुआ है तो आप टैक्सेबल इनकम पर लोन के ब्याज और लोन की रकम के संबंध में छूट पाने का दावा कर सकते हैं. आयकर अधिनयम की धारा 24 के तहत यह छूट अधिकतम 2 लाख रुपये और 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त की जा सकती है.
e)समय से आईटीआर फाइल करना चाहिए
आयकर विभाग द्वारा तय की गई आईटीआर भरतने की अंतिम तारीख से पहले ही आयकर रिटर्न दाखिल कर देना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर आयकर विभाग द्वारा जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
निर्ष्कष (Conclusion)
आम तौर पर कई बार बहुत से लोग टैक्स सेविंग के लिए मौजूदा वित्त वर्ष के आखिर में टैक्स सेविंग प्लान्स में इन्वेस्ट करने से घबराते हैं. ऐसे में वो लोग सरकार द्वारा दी जा रही टैक्स सेविंग छूट या रियायत का फायदा नहीं उठा पाते हैं. वित्त वर्ष की शुरुआत ही टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश करने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है. ऐसे करने से न सिर्फ निवेशक को टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं, बल्कि वह वेल्थ जेनरेट करने में भी कामयाब रहते हैं.
रांची स्मार्ट सिटी में निवेश के लिए भुवनेश्वर में इंवेस्टर्स मीट का आयोजन, निवेशकों को दिया गया ऑफर
रांची स्मार्ट स्मार्ट निवेश सिटी में निवेश के लिए भुवनेश्वर में इंवेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया. इस मौके पर रांची के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि झारखंड भविष्य और अपार संभावनाओं वाला राज्य है. इसलिए निवेशकों को रांची स्मार्ट सिटी में निवेश जरूर करना चाहिए. कार्यक्रम के दौरान निवेशकों को कई ऑफर भी दिए गए हैं.
रांची: झारखंड में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन दिनों इंवेस्टर्स मीट किया जा रहा है. इसके तहत रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन की ओर से ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में इंवेस्टर्स मीट 2021 का आयोजन सोमवार को किया गया. इस अवसर पर रांची के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में झारखंड भविष्य और अपार संभावनाओं वाला राज्य है. इसलिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के इच्छुक निवेशकों को रांची स्मार्ट सिटी में निवेश जरूर करना चाहिए.
मुकेश कुमार ने कहा कि देश के तमाम प्रतिष्ठित उद्योगपतियों, केंद्र सरकार के पीएसयू और देश के बड़े संस्थानों का संबंध झारखंड से जरूर रहा है, क्योंकि यहां पर खनिज संपदा के साथ-साथ मौसम और राज्य सरकार की ओर से बिजनेस व्यापार के लिए बनी नीतियां बेहद आकर्षित है. उन्होंने कहा कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस में पिछले 5 वर्षों में लगातार झारखंड प्रथम पांच राज्यों की पंक्ति में खड़ा है.
निवेशकों से रांची स्मार्ट सिटी में निवेश करने का आग्रह
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रांची स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के सीईओ अमित कुमार ने भुवनेश्वर के निवेशकों से रांची स्मार्ट सिटी में निवेश करने का आग्रह किया और कहा कि भुवनेश्वर में उच्च शिक्षा के लिए काफी संख्या में शैक्षणिक संस्थान हैं. जब स्मार्ट निवेश हम रांची को एजुकेशन हब के रूप में विकसित कर रहे हैं तो आपका सहयोग जरूरी है. इस शहर को एजुकेशन हब बनाने में आपके अनुभव का महत्वपूर्ण योगदान मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन निवेशकों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं. निवेशकों को कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए आकर्षक नीतियां बनाई गई हैं.
रांची को एजुकेशन हब के रूप में किया जाएगा विकसित
अमित कुमार ने कहा कि रांची स्मार्ट सिटी में ई ऑक्शन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और कॉन्टैक्टलेस है. देश के किसी भी कोने में बैठा निवेशक अपने पसंद के प्लॉट के लिए ऑक्शन में भाग ले सकते हैं. राज्य सरकार का उद्देश्य है कि झारखंड की राजधानी को एजुकेशन हब के रूप में विकसित किया जाए. ईज ऑफ लिविंग के लिहाज से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है. जो अंतिम दौर में हैं. स्मार्ट सिटी क्षेत्र में पारदर्शिता का ख्याल रखते हुए आवासीय, शैक्षणिक, स्वास्थ्य, व्यावसायिक, मिक्स यूज इत्यादि क्षेत्र के लिए चिन्हित प्लॉट्स के ई ऑक्शन को कॉन्टैक्टलेस बनाया गया है. इस पूरे क्षेत्र में प्रदूषणयुक्त इंडस्ट्री लगाने का कोई प्रावधान नहीं है.
इन्वेस्टर्स मीट 2021 में निवेशकों को ये दिया गया ऑफर
- रांची को एजुकेशन हब बनाने के लिए निवेशकों को सरकार देगी पूरी सहायता
- विश्व के टॉप 5 हंड्रेड यूनिवर्सिटी का कोई भी एक विश्वविद्यालय अगर दिलचस्पी दिखाता है तो उसे ₹1 में 25 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाएगी
- शैक्षणिक क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां शैक्षणिक क्षेत्र के लिए चिन्हित प्लॉट्स पर ऑक्शन करेंगे तो उनका कीमत आवासीय की तुलना में एक तिहाई रखा गया है
- रांची स्मार्ट सिटी का मास्टर प्लान ट्रांसिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर आधारित है
- किसी भी प्लॉट से 400 मीटर की दूरी के अंदर ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध होगा
- निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जीआईएस सब स्टेशन का निर्माण
- कोई भी बिजली और टेलीफोन का तार स्मार्ट सिटी क्षेत्र के अंदर ओवरहेड वायर के रूप में नहीं दिखाई देगा
- सभी यूटिलिटी सर्विसेज यूटिलिटी डक्ट के अंदर से होकर हर प्लॉट तक पहुंचेगा
- रांची स्मार्ट सिटी हर निवेशक को तकनीकी सहयोग के लिए तत्पर है
- शहर के विकास में ग्रीन तकनीकी पर विशेष बल दिया गया है
- ईज ऑफ लिविंग को प्रोत्साहित करने को ध्यान में रखते हुए विश्व स्तरीय योजनाएं बनाई गई है
- नए शहर में रिन्यूएबल एनर्जी, सोलर सिस्टम, सीएनजी जल संरक्षण और पर विशेष जोर दिया गया है
निवेशकों के सामने रखा गया स्मार्ट सिटी का रूप रेखा
भुवनेश्वर में आयोजित इंवेस्टर्स मीट 2021 कार्यक्रम में रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक राकेश कुमार नंदकुलयार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए स्मार्ट सिटी का रूप रेखा और विभिन्न क्षेत्र में कार्य कर रहे संभावित निवेशकों के सामने रखा. इस दौरान रांची स्मार्ट सिटी में क्या कुछ खास है उन हर पहलुओं से निवेशकों को अवगत कराया गया. स्मार्ट सिटी में निवेश के इच्छुक निवेशकों ने भी कई सवाल रखे जिसका जवाब नगर आयुक्त स्मार्ट सिटी, सीईओ और जीएम की ओर से दिया गया. कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के पीआरओ अमित कुमार भी मौजूद रहे.
स्मार्ट निवेश
2022 चीनी अंतर्राष्ट्रीय स्मार्ट उद्योग एक्सपो में 70 बड़े कार्यक्रमों पर हस्ताक्षर किये गये
हाल ही में वर्ष 2022 चीनी अंतर्राष्ट्रीय स्मार्ट उद्योग एक्सपो में प्रमुख निवेश परियोजनाओं का ऑनलाइन हस्ताक्षर समारोह छोंगछिंग शहर में आयोजित हुआ। इसके दौरान कुल 70 बड़े व महत्वपूर्ण निवेश कार्यक्रमों पर हस्ताक्षर किये गये हैं। उनमें जोलुंगपो क्षेत्र से जुड़े दो कार्यक्रम शामिल हैं, जिनका कुल नियोजित निवेश 7.5 अरब युआन होगा।
जानकारी के अनुसार, ये दो प्रमुख परियोजनाएं एयरोस्पेस ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा उपकरण औद्योगीकरण परियोजनाएं हैं। एयरोस्पेस ड्रोन परियोजना का नया निर्माण क्षेत्रफल लगभग 50 हजार वर्ग मीटर पहुंचेगा। योजनानुसार इसमें उच्च स्मार्ट असेंबली, विनिर्माण स्मार्ट निवेश और परीक्षण उपकरण पेश करने के साथ-साथ पीएलएम, ईआरपी, एमईएस समेत सूचना प्रणाली बनायी जाएगी।
इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा उपकरण औद्योगीकरण परियोजना का नया निर्माण क्षेत्रफल लगभग 20 हजार स्मार्ट निवेश वर्ग मीटर होगा। इसमें नए इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा उपकरण निर्माण, ऑनलाइन परीक्षण और पैकेजिंग प्रक्रिया उपकरण तैयार होंगे। 4 डिजिटल घटक असेंबली उत्पादन लाइनें और 4 डिजिटल पैकेजिंग उत्पादन लाइनें स्थापित की जाएंगी, और एक इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा उपकरण उत्पाद अनुसंधान और विकास केंद्र और एक इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा उपकरण रसद केंद्र का निर्माण भी किया जाएगा।