कॉमर्स टाइम्स

गौरतलब है कि हाल में चीनी सीमा पर हिंसक झड़प के बाद देश में चीनी सामान के बायकॉट का अभियान कॉमर्स टाइम्स चल पड़ा है. ऐसे में तमाम लोग यह जानना चाहते हैं कि जो सामान वे इस्तेमाल कर रहे हैं, वह किस देश में बना है. ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा ऐसे बहुत से सामान बेचे जाते हैं जिन पर यह उल्लेख नहीं होता कि वे कहां कॉमर्स टाइम्स से आए हैं.
E-tailers ने नहीं बताया किस देश का है माल तो 1 लाख कॉमर्स टाइम्स तक का जुर्माना, हो सकती है जेल
- नई दिल्ली,
- 10 जुलाई 2020,
- (अपडेटेड 10 जुलाई 2020, 2:00 PM IST)
- ई-कॉमर्स साइट पर देनी होगी सामान के मूल देश की जानकारी
- जानकारी नहीं देने पर 1 लाख तक फाइन और जेल की सजा भी
ई-कॉमर्स कंपनियों ने अगर किसी सामान के बारे में अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी नहीं दी कि वह किस देश से आया है (country of origin) तो उन पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति को जेल की सजा भी हो सकती है. यही नहीं, सामान के निर्माता, कॉमर्स टाइम्स मार्केटिंग कंपनी से जुड़े लोग भी इसी तरह के सजा के भागीदार होंगे.
राष्ट्रीय मानक ब्यूरो को लेकर सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला, जानिए क्या होगा असर
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 27, कॉमर्स टाइम्स 2020 22:50 IST
Photo:GOOGLE
राष्ट्रीय मानक ब्यूरो को लेकर सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला
नई दिल्ली। सरकार ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैण्डर्ड यानी भारत का राष्ट्रीय मानक ब्यूरो को कॉमर्स मिनिस्ट्री के कॉमर्स टाइम्स अंतर्गत लाने पर विचार कर रही है, फिलहाल ये उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के पास है। देश में सोने के हॉलमार्क जैसे नियमों को BIS ही तय कॉमर्स टाइम्स करती है. हॉलमार्क सरकारी गारंटी है। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों की खबर के हवाले से जानकारी दी है कि BIS एजेंसी को वाणिज्य मंत्रालय के तहत लाने का काम पूरा करने के लिए दो सप्ताह की समय सीमा तय की गई है. रामविलास पासवान के निधन के बाद केंद्रीय रेलमंत्री और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी मिलने के बाद से इस संबध में कई बैठक हो चुकी है।
ई-कॉमर्स क्षेत्र में RIL की स्थिति मजबूत करने के लिए इन कंपनियों को खरीद सकते हैं मुकेश अंबानी
ई-कॉमर्स क्षेत्र में अपनी कॉमर्स टाइम्स स्थिति मजबूत करने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी जल्द ही बड़ा कदम उठा सकते हैं। अंबानी ऑनलाइन फर्नीचर बेचने वाली कंपनी अर्बन लैडर और मिल्क डिलीवरी प्लेटफॉर्म मिल्कबास्केट को खरीद सकते हैं।
पिछले कई महीनों से रिलायंस और अर्बन लैडर की बातचीत चल रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, अब यह बातचीत एडवांस स्टेज में पहुंच गई है। इस संदर्भ में सूत्रों ने कहा कि यह सौदा 300 लाख डॉलर के करीब हो सकता है।
मालूम हो कि मिल्कबास्केट में हाल ही में 50 लाख डॉलर का निवेश किया गया, जिससे कंपनी की वैल्यू बढ़ गई और अब वैल्युएशन के लिए कंपनी को मोलभाव करने का भी मौका मिलेगा। मौजूदा समय में मिल्कबास्केट 1.30 लाख घरों में सुविधाएं प्रदान करती है। यह सब्जी, डेरी, बेकरी और अन्य एफएमसीजी से जुड़े नौ हजार उत्पादों की डिलीवरी करती है। इस समय कंपनी कॉमर्स टाइम्स गुरुग्राम, नोएडा, द्वारका, गाजियाबाद, हैदराबाद और बंगलूरू में सेवाएं दे रही है।